spot_img
होम ब्लॉग पेज 1749

Farmers Protest: हरियाणा के रेवाड़ी में पुलिस ने किसानों पर छोड़े आंसू गैस के गोले

Rewari-Haryana: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ शुरू हुआ किसान आंदोलन (Farmers Protest) धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा है है. रविवार को किसानों का जत्था पुलिस बैरिकेटिंग तोड़कर आगे बढ़ गया. जिसके बाद दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित मसानी गांव के पास पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो गया.

Police released tear gas shells on Farmers Protest in Rewari Haryana

किसान आगे बढ़ने की मांग पर अड़े रहे. वहीं पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग करके आंसू गैस के गोले छोड़े. दिल्ली-जयपुर हाइवे का एक छोटा हिस्सा बंद था, जबकि हाइवे पर यातायात चालू था. लेकिन जब किसान जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर से आगे बढ़कर मसानी गांव के पास पहुंचे तो हाइवे पर लम्बा जाम लग गया.

Police released tear gas shells on Farmers Protest in Rewari Haryana

13 दिसंबर से दिल्ल्ली जयपुर हाइवे स्थित हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर किसान आन्दोलन (Farmers Protest) कर रहे है. दो दिन पहले श्रीगंगा नगर के एक किसानों के जत्थे ने पुलिस की बैरिकेटिंग तोड़ दी थी और किसान ट्रेक्टर लेकर संगवाड़ी गांव के पास पहुंच गए थे, जहां किसानों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था.

Police released tear gas shells on Farmers Protest in Rewari Haryana

रविवार को हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर बैठे किसानों ने भी पुलिस बैरिकेटिंग तोड़ दी और आगे बढ़ गए. इस दौरान किसानों के जत्थे और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली.

Corona Virus के बढ़ते मामलों के कारण बिहार में बंद रहे स्कूल-कॉलेज आज से खुले

0

New Delhi: बिहार में स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थान सोमवार यानी आज से खुलेंगे. कोविड-19 (Corona Virus) महामारी फैलने के बाद राज्य में शैक्षणिक संस्थान करीब नौ महीने पहले बंद किये गए थे. ऐसा लगता है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए मामलों की संख्या में कमी और ठीक होने की दर 97.61 प्रतिशत होने से राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई फिर से भौतिक रूप से शुरू करने को लेकर विश्वास बढ़ा है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने रविवार को बताया कि हालांकि कक्षाएं कुल छात्रों के आधे हिस्से के साथ संचालित होंगी और कोरोना वायरस (Corona Virus) के अन्य दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा.

स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, राज्य में शनिवार तक कोविड-19 के कुल 2,53,651 मामले सामने आये हैं, जिनमें 2,47,579 लोग इससे उबर चुके हैं. इससे राज्य में ठीक होने की दर 97.61 प्रतिशत हो गई है. बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में कोविड -19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4669 है, जबकि मृतकों की संख्या 1403 है. राज्य सरकार ने सोमवार से खुल रहे शिक्षण संस्थानों में छात्रों और कर्मचारियों द्वारा पालन किए जाने के लिए कोविड-19 सुरक्षा दिशानिर्देशों की एक सूची जारी की है.

कक्षा नौ से बारहवीं कक्षा के लिए सरकारी और निजी दोनों स्कूलों सहित शैक्षणिक संस्थानों को 4 जनवरी, 2021 से फिर से खोलने का निर्णय 18 दिसंबर, 2020 को संकट प्रबंधन समूह (सीएमजी) की बैठक में लिया गया था. कक्षा नौ से 12वीं के लिए खुलने वाले स्कूलों में कक्षाएं सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियम के पालन की खातिर 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ चलेंगी. इसके साथ ही परिसर में सबके लिए मास्क अनिवार्य होगा.

कुमार ने कहा, ‘‘सभी छात्रों के लिए परिसर में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है, जिसके बिना उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा, नौ से 12 तक की कक्षाएं 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ संचालित होंगी, ताकि कक्षाओं में सामाजिक दूरी के नियम का पालन सुनिश्चित किया जा सके.” 

उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के बीच दो-दो मास्क वितरित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को कक्षा में पालन किए जाने वाले कोविड-19 दिशानिर्देशों के बारे में जागरूक किया जाएगा. कुमार ने कहा कि संस्थान प्रबंधन अपने परिसरों का सैनेटाइजेशन सुनिश्चित करेगा.

कुमार ने कहा, ‘‘स्कूल के अधिकारी इस बात पर ध्यान देंगे कि कोई छात्र कहीं बुखार से पीड़ित तो नहीं है या उसमें वायरस के कोई लक्षण तो नहीं हैं.” प्रधान सचिव ने कहा कि छात्रों की चिकित्सीय जांच सरकारी स्कूलों में ‘बिना क्रम के’ (रैंडम) आधार पर की जाएगी.

सूत्रों ने कहा कि कोचिंग सेंटरों को कक्षाओं के अंदर सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए कक्षाएं छात्रों की भौतिक मौजूदगी के साथ शुरू करने की योजना तैयार करनी होगी और क्षेत्रीय अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेनी होगी. बिहार सरकार ने कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के खिलाफ एहतियात के तौर पर 13 मार्च, 2020 को सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थानों, चिड़ियाघरों और सार्वजनिक पार्कों को 31 मार्च तक बंद करने की घोषणा की थी.

राज्य सरकार द्वारा 22 मार्च, 2020 को राज्यव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) लागू होने के बाद से शिक्षण संस्थान बंद रहे, इसके बाद 25 मार्च, 2020 को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई. इससे पहले, राज्य सरकार ने 28 सितंबर, 2020 से नौवीं से बारहवीं कक्षा के स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा की थी, लेकिन कोविड-19 (Corona Virus) के बढ़ते मामलों के कारण स्कूल बंद रहे. प्रधान सचिव ने कहा कि 15 दिनों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद 18 जनवरी को आगे निर्णय लेगी.

वेस्ट यूपी में बारिश के साथ ओलावृष्टि (Hailstone), किसानों की चिंता बढ़ी।

0

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि (Hailstone) ने ठंडक बढ़ा दी है। प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, अलीगढ़ और बुलंदशहर के कई इलाकों में बरसात के साथ ओलावृष्टि (Hailstone) हुई। इसके चलते इलाके में तापमान अचानक गिर गया। ओले के साथ तेज बारिश से फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है। बता दें कि मौसम विभाग ने बारिश और ओलावृष्टि (Hailstone) की भविष्यवाणी तीन दिन पहले ही कर दी थी।

मेरठ जिले के मवाना इलाके में रविवार का दिन बारिश लेकर आया। इसके साथ ही इलाके में जमकर ओलावृष्टि (Hailstone) हुई। इससे पारा काफी गिर गया और इलाके में ठंड बढ़ गई। किसान अपनी फसल को लेकर काफी चिंतित हैं। मुजफ्फरनगर में भी ओले और बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है।

नए साल में बारिश के साथ गिर सकते हैं ओले, पंजाब-हरियाणा और यूपी भी शीतलहर की चपेट में।

ओलावृष्टि से किसान को भारी नुकसान 

अलीगढ़ में बारिश और ओलाबारी (Hailstone) ने किसानों की फसलों को बुरी तरह से तबाह कर दिया है। काफी मात्रा में ओले पड़ने के कारण पूरी फसल जमीन पर बिछ गई है। इसकी वजह से कई जगहों पर प्रशासन को निराश किसानों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा। बताया गया कि थाना नगला जंगली इलाके में ओलावृष्टि (Hailstone) से आलू की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। संबंधित अधिकारी को मौके पर जांच के लिए भेजा गया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार प्रशासन इस पर ऐक्शन लेगा। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।

अलीगढ़ में ओलावृष्टि से आलू की फसल बर्बाद

Hailstone with rain in West UP concern of farmers increased they are worried

अलीगढ़ में बारिश से आलू के किसान परेशान हैं। बरसात और ओलाबारी (Hailstone) के कारण खेतों में आलू की बिछी फसल को देखकर किसानों के होश उड़ गए। किसान कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर पहले ही आक्रोशित हैं। वहीं अब प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को नुकसान पहुंचने पर उन्होंने अलीगढ़ के मथुरा इगलास रोड पर जाम लगाकर गुस्सा निकाला। फसल बर्बादी के कारण किसान मुआवज़े की मांग कर रहे हैं।

कृषि विज्ञान विभाग की चेतावनी

बागपत जिले के खेकड़ा तहसील रविवार को ओलाबारी (Hailstone) का गवाह बनी। यहां न्यूनतम 14 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान यहां 17 डिग्री था। कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर संदीप चौधरी ने बताया कि मौसम विभाग ने 3 दिन की चेतावनी जारी की है। इसमें ओलावृष्टि (Hailstone) के साथ बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सरसो की फसल को ओलावृष्टि से नुकसान होने की संभावना है जबकि बदले मौसम से गेहूं की फसल को फायदा मिलेगा।

नोएडा में भी रविवार को बारिश हुई। इस दौरान चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी रहा। बारिश किसानों के हौसलों को डिगाने में कामयाब नहीं हो पाई। इस दौरान किसानों ने तंबू लगाकर बारिश से खुद का बचाव किया। बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ महीने भर से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।

तीन साल की बच्ची के साथ गैंगरेप (Gangrape), तीनों आरोपी नाबालिग, गिरफ्तार

Bihar: पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. यहां तीन वर्षीय बच्ची के साथ तीन नाबलिगों द्वारा गैंगरेप (Gangrape) का आरोप लगा है. घटना बंजरिया थाना क्षेत्र और आदापुर थाना क्षेत्र के बॉर्डर की है. बताया जा रहा है कि पीड़ित बच्ची को बेर (फल) खिलाने के बहाने तीनों आरोपी आदापुर और बंजरिया थाना के सीमा पर ले गए और वहां उसके साथ गलत काम (Gangrape) किया. बच्ची बेहोश हो गई तो आरोपी उसे उसी हालत में छोड़कर फरार हो गए.

झारखंड के दुमका (Dumka) में पति के साथ मेला देखकर लौट रही महिला से 17 लोगों ने गैंगरेप किया।

पुलिस अधीक्षक (SP) नवीन चंद्र झा के निर्देश के बाद दोनों थानों की पुलिस हरकत में आई है. पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़ लिया है. इनकी उम्र आठ, नौ और 11 वर्ष बताई जा रही है. वहीं बंजरिया थाने की पुलिस ने पीड़ित बच्ची को गंभीर हालत में सदर अस्पताल में भर्ती करवाया है.

एसपी नवीन झा ने बताया कि शानिवार की शाम बच्ची खेल रही थी. इस दौरान तीनों नाबलिग लड़के उसे बेर दिलवाने का लालच देकर अपने साथ ले गए और उसके साथ दुष्कर्म (Gangrape) किया. उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा आवश्यक कार्रवाई कर आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है.

WhatsApp के Advance Search फीचर से आसानी से सर्च कर सकते हैं फोटो, वीडियो, लिंक और डॉक्यूमेंट

New Delhi: पॉपुलर मैसेजिंग एप व्हाट्सएप (WhatsApp) हर साल अपने यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए कई फीचर्स लॉन्च करता है. इन फीचर्स का उपयोग करके यूज़र्स न केवल अपना समय बचा सकते हैं, बल्कि काफी महत्वपूर्ण काम आसानी से कर सकते हैं. साल 2020 में व्हाट्सएप (WhatsApp) ने तमाम ऐसे फीचर्स लॉन्च किए, जो काफी एडवांस हैं. अगर आप अब व्हाट्सएप (WhatsApp) में कोई फाइल, फोटो या वीडियो सर्च करना चाहते हैं, तो Advance Search फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आप कुछ सेकंड्स में ही सटीक फाइल सर्च कर सकते हैं.

WhatsApp का नया Carts फीचर लॉन्च, जानें कैसे करें इस्‍तेमाल।

जानें कैसे काम करता है फीचर

सबसे पहले आपको व्हाट्सएप (WhatsApp) ओपन करना होगा. इसमें सबसे ऊपर आपको सर्च का ऑप्शन दिखाई देगा. जब आप सर्च के ऑप्शन पर क्लिक करेंगे, तो आपके सामने फोटोज, वीडियोज, लिंक्स, जिफ, ऑडियो और डाक्यूमेंट्स के 6 ऑप्शन आ जाएंगे. इनमें से जिस फाइल को आप सर्च करना चाहते हैं उस पर क्लिक करें. उदाहरण के लिए अगर आपको कोई फोटो सर्च करना है तो फोटो वाले ऑप्शन पर क्लिक करें.

नाम से कर सकते हैं सर्च

अब आपके सामने वे सभी फोटो आ जाएंगे जो आपने व्हाट्सएप (WhatsApp) के जरिए भेजे हैं या रिसीव किए हैं. सबसे ऊपर फोटो दिखाई देंगे जो आपने हाल में ही भेजे या रिसीव किए हों. साथ ही फोटो के ऊपर एक और सर्च ऑप्शन आएगा. अगर आपको फोटो का नाम याद है, तो सर्च ऑप्शन में डालते ही आपको वह फोटो तुरंत मिल जाएगा. यहां याद रखें कि आपको इनमें वही फोटो मिलेंगे जो आपने डिलीट ना किए हों. एक बार अगर आप व्हाट्सएप (WhatsApp) से फोटो डिलीट कर देंगे, तो फोटो सर्च ऑप्शन में नहीं दिखाई देगा.

किसने क्या भेजा करें चेक

इसके अलावा इस फीचर में आप यह भी देख सकते हैं कि कौन सा फोटो किसने भेजा है. जब आप फोटो सर्च करेंगे, तो आपके सामने एक ऑप्शन आएगा. उस ऑप्शन पर क्लिक करते ही आपके सामने फोटो और उसे भेजने वाले कॉन्टैक्ट का नाम आ जाएगा. इससे आप क्या पता लगा सकते हैं कि कौन सा फोटो किसने भेजा है. व्हाट्सएप (WhatsApp) का यह फीचर काफी काम का है. पहले किसी भी फोटो को सर्च करने के लिए आपको उस कॉन्टैक्ट को सर्च करना पड़ता था, उसके बाद उसमें फोटो देखने पड़ते थे. अब यह काम सेकेड्स में हो जाता है.

कोरोना वैक्सीन के लिए Co-WIN ऐप पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन, जानिए प्रोसेस।

0

New Delhi:  एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सीन (Covaxin) को भारत में आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। डीजीसीआई की मंजूरी का विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी स्वागत किया है। साथ ही जायडस कैडिला की वैक्सीन ‘जाइकोव-डी’ को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए वैक्सीन निर्माण में जुटे वैज्ञानिकों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि अब कोविड मुक्त भारत की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। 

देश में कोरोना टीकाकरण प्रक्रिया के लिए केंद्र की तरफ से एक ऐप लॉन्च किया गया है, जिसका नाम Co-WIN (Covid Vaccine Intelligence Network) रखा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पहले कहा है कि लोग इस Co-WIN ऐप के माध्यम से वैक्सीन के लिए स्वयं को पंजीकृत करने में सक्षम होंगे। Co-WIN ऐप को डाउनलोड करने के बाद पंजीकरण मॉड्यूल के जरिए लोग कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। हालांकि, सरकार की तरफ से टीकाकरण अभियान की घोषणा होना अभी बाकी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक दोनों कंपनियां पहले चरण के लिए आवश्यक खुराक की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं। आप भी जानिए Co-WIN ऐप से जड़ी सारी जानकारी। 

जानिए Co-WIN ऐप के बारे में 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 वैक्सीन वितरण की निगरानी, डाटा रखने और लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए पंजीकृत करवाने के लिए प्लेटफॉर्म कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (Co-WIN App) नाम से एक ऐप बनाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संयुक्त रूप से Co-WIN ऐप को डेवलप किया है।देश के नागरिक जो हेल्थ वर्कर्स नहीं हैं उन्हें कोवैक्सीन के लिए CoWIN ऐप को गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से डाउनलोड करना होगा। हालांकि, अब तक ऐप को लोगों द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकता है और न ही कोई सेल्फ-रजिस्ट्रेशन चल रहा है। यह केवल अधिकारियों द्वारा ही एक्सेस किया जा रहा है क्योंकि वैक्सीन ड्राई रन के दौरान भी ऐप का परीक्षण किया गया था। गौरतलब है कि, CoWIN ऐप अभी तक लॉन्च नहीं हुआ है। यह वर्तमान में प्ले स्टोर में उपलब्ध नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर दी जानकारी

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘को विन के जरिए निम्न सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी: 1- लाभार्थियों का पंजीकरण और सत्यापन, 2- टीकाकरण निर्धारण, 3-टीकाकरण की खुराक के लिए एसएमएस के जरिए पहुंच, 4- टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना की रिपोर्टिंग और 5- टीकाकरण के बाद प्रमाण पत्र।’ बता दें कि, कोविन ऐप अभी लॉन्च नहीं हुआ है लेकिन जैसे ही इसे लॉन्च किया जाएगा तो आपको कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ सकती है।

Co-WIN ऐप में दिए गए हैं 5 मॉड्यूल

कोविन ऐप (Co-WIN App) से टीकाकरण की प्रक्रिया, प्रशासनिक क्रियाकलापों, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करेगा, जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी है। कोविन ऐप में 5 मॉड्यूल हैं। पहला प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवां रिपोर्ट मॉड्यूल।

प्रशासनिक मॉड्यूल उन लोगों के लिए है जो टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन करेंगे। इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिल जाएगी।

रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे।

वैक्सीनेशन मॉड्यूल उन लोगों की जानकारियां को वेरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेशन करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा।

लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे। साथ ही इससे क्यूआर कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-प्रमाणपत्र मिल जाएगा।

रिपोर्ट मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी, जैसे टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा। कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया।

3 करोड़ हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगेगी फ्री वैक्सीन

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने अब सिर्फ देश के 3 करोड़ हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को फ्री वैक्सीन दिए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा, “फ्री वैक्सीन सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाएगी जो हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर हैं, ऐसे लोगों की संख्या करीब तीन करोड़ है, बाकी लोगों को वैक्सीन कैसे लगेगी इस पर जुलाई तक फैसला होगा।” कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर डॉ हर्षवर्धन ने कहा, ‘देश के लोगों को मेरी अपील है कि वो किसी भी अफवाह में न जाएं। भारत की सरकार देश के लोगों को कोविड-19 से सुरक्षित रखना चाहती है, वैक्सीन का विकास उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।’

वैक्सीनेशन के लिए भारत के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन 2 जनवरी से शुरू हो चुका है। साथ ही 6 जनवरी से देश में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) शुरू हो जाएगा। वैक्सीन की मंजूरी मिलने के बाद लोगों को अब टीकाकरण का इंतजार है। सरकार ने साफ कर दिया है कि पहले चरण में फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को टीका लगेगा। इसके बाद सरकार ने चरण वार टीका लगवाने की बात कही है।