गाजर सर्दी के मौसम में आसानी से मिलनेवाली सब्जी है. गाजर खाना खास तौर पर आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जाना जाता है. सब्जी को कई तरीकों से अपनी डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है. सलाद से लेकर सालन तक, उसे विभिन्न पकवान में शामिल किया जा सकता है. सर्दी के मौसम में अन्य ड्रिंक्स की जगह पर गाजर के जूस (Carrot Juice) को अपनी डाइट का हिस्सा बनाकर अनगिनत फायदे हासिल करें.
आंखों की सेहत को बेहतर बनाता है
गाजर का जूस (Carrot Juice) विटामिन से भरपूर होता है. ये आंखों की सेहत के लिए जरूरी है. गाजर में मौजूद पौष्टिक तत्व आंखों की सेहत को बरकरार रखने में स्पष्ट भूमिका अदा करते हैं. इसलिए आप सर्दी के मौसम में गाजर का जूस (Carrot Juice) अपनी डाइट में जोड़ सकते हैं. हालांकि, विशेषज्ञ ज्यादा इस्तेमाल से मना भी करते हैं.
ब्लड शुगर लेवल को ठीक करता है
गाजर में कम जीआई स्कोर है. ये ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में मददगार साबित होता है. डायबिटीज (Diabetes) के मरीज ब्लड शुगर (Blood Sugar) के लेवल को कंट्रोल करने के लिए गाजर का जूस (Carrot Juice) पी सकते हैं. गाजर का जूस पीने से खून में शुगर (Sugar) का लेवल निंयत्रित करने में मदद मिल सकती है.
दिल के स्वास्थ्य को भी बढ़ा सकता है
गाजर का जूस (Carrot Juice) पीना दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद है. सब्जी में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को काबू करने और दिल के संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ाने में मददगार साबित होता है. गाजर के जूस में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करता है.
वजन कम करने में मदद मिल सकती है
गाजर में फाइबर की काफी मात्रा पाई जाती है और आपको ज्यादा देर तक भरा रख सकता है. गाजर का जस कम कैलोरी वाला ड्रिंक भी है. इसके पीने से वजन कम करने में सहायता मिलती है.
जीवन में धन की क्या अहमियत है, इसे बताने की जरूरत नहीं है. इसीलिए हर व्यक्ति मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) का आर्शीवाद पाना चाहता है. क्योंकि धन ही एक मात्र ऐसा साधन है जिसके दम पर सुख सुविधाओं की इमारत खड़ी होती है. हर व्यक्ति चाहता है कि वह धनवान बनें. लेकिन यह इच्छा हर किसी की पूर्ण नहीं होती है. करोड़पति बनने की इच्छा उन्ही लोगों की पूर्ण होती है जिन पर लक्ष्मी जी (Maa Laxmi) की विशेष कृपा होती है.
गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि कलयुग में जिस व्यक्ति के पास जितना धन होगा, वह उतना गुणी कहलाएगा. इसलिए आज के युग में धन का विशेष महत्व है. लेकिन इतना ध्यान रखना होगा कि लक्ष्मी जी (Maa Laxmi) उसी पर शोभा देती हैं जिसे मां सरस्वती (Maa Saraswati) का भी आर्शीवाद प्राप्त हो. इसलिए लक्ष्मी जी (Maa Laxmi) के साथ साथ मां सरस्वती (Maa Saraswati) का भी आर्शीवाद लेना चाहिए
घर में सुख-शांति और समृधि बनाए रखने के लिए शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि घर में मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) प्रसन्न होती है और जातक के घरों में धन की वर्षा करती है. इससे घर में धन की कभी कमी नहीं होती है. हालांकि कभी –कभी घर में बहुत पूजा-अर्चना करने के बाद भी घर में बरकत नहीं होती है. अगर आप भी चाहते हैं कि मां लक्ष्मी की कृपा से आपके घर में आर्थिक परेशानी कभी न हो तो शुक्रवार को इस विधि से मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) की पूजा करें.
इस पूजन विधि से करें मां लक्ष्मी की पूजा तो होगी घर में बरकत
अगर आपके हाथों में पैसा नहीं रुकता है बहुत अधिक खर्च होता है तो आप पूजा स्थल पर मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) की ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें मां लक्ष्मी खड़ी हों और उनके हाथों से धन गिर रहा हो. मां की तस्वीर के सामने घी का दीपक जरूर जलाएं. मां लक्ष्मी को इत्र चढ़ाएं. उसी इत्र का नियमित उपयोग करें.
अगर आपके हाथों से बेवजह धन खर्च हो रहा है. तो मां के चरणों में प्रतिदिन 1 रूपये का सिक्का अर्पित करें और महीने के अंत में इसे इकट्ठा करके किसी सौभाग्यशाली स्त्री को दान करें.
अगर आपको अक्सर धन की परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो आप निम्नलिखित गलतियों में सुधार करें.
1. जिन घरों में पूजा का दीपक फूंक मारकर बुझाया जाता है उस घरों में मां लक्ष्मी नहीं रूकती हैं.
2. टूटी हुई कंघी से बाल संवारना घर में धन के लिए अपशगुन माना जाता है.
3. यदि आप रात में बिना पैर धोये या गीले पैर ही सो जाते हैं तो यह धन के लिए अपशगुन है. ऐसा कतई न करे.
4. अगर आपके घर में रात के जूठे बर्तनों का ढेर लगा रहता है और उसे सुबह साफ़ किया जाता है तो ऐसे घर में लक्ष्मी नहीं ठहरती है. इस आदत में सुधर करें.
5. अगर आपको नाखून चबाने या दांतों से काटने की आदत है तो यह भी धन के लिए अच्छा नहीं है. ऐसी आदत को बदलें.
6. जिन घरों में सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाया जाता है वहां लक्ष्मी नहीं ठहरती है.
7. जिन घरों में नियमित शंखनाद नहीं होता है और देवी देवताओं को गाली दी जाती है. वहां भी लक्ष्मी का वास नहीं होता है.
8. जिन घरों में पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध नहीं किया जाता है वहां लक्ष्मी नहीं रुकती.
इन बातों को विशेष रूप से याद रखना चाहिए
धन का प्रयोग अच्छे कार्यों के लिए करें
धन की देवी लक्ष्मी (Maa Laxmi) उसी को अपना आर्शीवाद प्रदान करती हैं जो धन का प्रयोग मानव कल्याण के लिए करता है. लक्ष्मी जी उस व्यक्ति का साथ बहुत जल्दी छोड़ देती हैं जो धन का प्रयोग दूसरों को नुकसान पहुचाने के लिए करते हैं.
अहंकारी मनुष्य को लक्ष्मी जी पसंद नहीं करती हैं
लक्ष्मी जी अहंकारी व्यक्ति को पसंद नहीं करती हैं. रावण ज्ञानी और शक्तिशाली था, लेकिन अहंकारी था. इसलिए रावण की सोने की लंका भी नष्ट हो गई. समझदार व्यक्ति को अहंकार से दूर रहना चाहिए.
नकारात्मक विचारों से दूर रहें
लक्ष्मी जी (Maa Laxmi) का आर्शीवाद उस व्यक्ति को अवश्य मिलता है जिसके विचार शुद्ध और सकारात्मक होते हैं. उस व्यक्ति से लक्ष्मी जी दूरी बना लेती हैं जिसके विचार नकारात्मक होते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मध्य प्रदेश के किसानों के साथ संवाद करते हुए फिर कहा कि एमएसपी (MSP) कभी खत्म नहीं होगी। अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने किया। प्रधानमंत्री ने नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म होने का दावा करने वालों को भी घेरा. उन्होंने बताया कि कृषि कानून रातोंरात नहीं लाए गए. कृषि कानूनों की आशंकाओं को खारिज करते हुए उसके फायदों और बारीकियों को उन्होंने एक-एक कर गिनाया.
पीएम ने विपक्ष पर जमकर साधा निशाना
मध्य प्रदेश के रायसेन में किसानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म होने की बात करना अब तक का सबसे बड़ा झूठ है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों (Farm Laws) को किसी भी जल्दबाजी में नहीं लाया गया. कृषि समूहों, विशेषज्ञों, सरकारी प्रतिनिधियों के बीच पिछले 20-22 साल से इस मुद्दे पर चर्चा और बहस होती रही है. अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसानों ने ऐसे सुधारों का समर्थन किया है.
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वो किसानों के मुद्दे पर झूठे आंसू बहा रहे हैं। अचानक भ्रम और झूठ का जाल बिछाकर अपनी राजनीतिक जमीन जोतने के खेल खेले जा रहे हैं। किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं।
पीएम बोले- किसानों को भ्रमित करना छोड़ दीजिए
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि मुझे लगता है कि उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ। उनको तकलीफ इस बात से है कि जो काम हम कहते थे लेकिन कर नहीं पाते थे, वो मोदी ने कैसे किया, मोदी ने क्यों किया। मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं कि आप अपना क्रेडिट अपने पास रखिए। मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए। मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए, समृद्धि चाहिए, किसानी में आधुनिकता चाहिए। कृपा करके किसानों को बरगलाना, उन्हें भ्रमित करना छोड़ दीजिए। सचमुच में तो देश के किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए जो पहले अपने घोषणापत्रों में इन सुधारों की बात लिखते रहे, किसानों के वोट बटोरते रहे, लेकिन किया कुछ नहीं। सिर्फ इन मांगों को टालते रहे और देश का किसान, इंतजार ही करता रहा।
हमारी सरकार ने पीएम-किसान योजना शुरू की
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जो पीएम-किसान योजना शुरू की है, उसमें हर साल किसानों को लगभग 75 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। यानि 10 साल में लगभग साढ़े 7 लाख करोड़ रुपये। किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर। कोई लीकेज नहीं, किसी को कोई कमीशन नहीं। अगर पुरानी सरकारों को चिंता होती तो देश में 100 के करीब बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट दशकों तक नहीं लटकते। सोचिए, बांध बनना शुरू हुआ तो पच्चीसों साल तक बन ही रहा है। बांध बन गया तो नहरें नहीं बनी, नहरें बन गई तो नहरों को आपस में जोड़ा नहीं गया।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अब हमारी सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च करके इन सिंचाई परियोजनाओं को मिशन मोड में पूरा करने में जुटी है। हम हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। किसानों की लागत कम हो, इसके लिए भी सरकार ने निरंतर प्रयास किए हैं। किसानों को सोलर पंप बहुत ही कम कीमत पर देने के लिए देशभर में बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। हम अपने अन्नदाताओं को ऊर्जादाता बनाने पर भी काम कर रहे हैं।
सरकार का जोर कि अनाज की खरीदारी MSP पर की जाए
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकार के में धान पर MSP थी 1310 रुपये प्रति क्विंटल। हमारी सरकार प्रति क्विंटल धान पर करीब 1,870 रुपये MSP दे रही है। पिछली सरकार में ज्वार पर MSP थी 1,520 रुपये प्रति क्विंटल। हमारी सरकार ज्वार पर प्रति क्विंटल 2,640 रुपये MSP दे रही है। पिछली सरकार के समय मसूर की दाल पर MSP थी 2,950 रुपये प्रति क्विंटल। हमारी सरकार प्रति क्विंटल मसूर दाल पर 5,100 रुपये MSP दे रही है। ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार MSP समय-समय पर बढ़ाने को कितनी तवज्जो देती है, कितनी गंभीरता से लेती है। MSP बढ़ाने के साथ ही सरकार का जोर इस बात पर भी रहा है कि ज्यादा से ज्यादा अनाज की खरीदारी MSP पर की जाए।
Bihar: पटना (Patna) में 32 साल के एक शख्स की बुधवार को पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. राजधानी पटना के पास हुई इस घटना में मृतक पर भैंस चुराने की कोशिश करने का शक था. पुलिस ने बताया है कि इस घटना में लिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने कहा कि शिकायत में दिए गए सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
घटना बिहार (Bihar) के पटना (Patna) के फुलवारीशरीफ के पास बुधवार सुबह की है. पीड़ित मुहम्मद आलमगीर को तड़के सुबह 3 बजे एक गौशाला से एक भैंस को खोलते हुए देखा गया था, जिसके बाद उसकी पिटाई कर दी गई थी. आलमगीर के साथ मौके पर एक अन्य शख्स भी था, जो मौके से भागने में कामयाब हो गया.
आलमगीर को पकड़ने के बाद उसकी घंटों तक पिटाई हुई थी, जिसके बाद बुधवार दोपहर में उसकी मौत हो गई.
2017 में, गौरक्षा समूहों की ओर से बढ़े हमलों के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं का जिक्र किया था और कहा था कि गायों के प्रति समर्पण के लिए दूसरों की हत्या मंजूर नहीं है.
हिंदू धर्म में गायों को पवित्र माना गया है और उनकी बलि या भक्षण भारत के अधिकतर हिस्सों में गैरकानूनी है. कई गौरक्षक समूह खुद कानूनों को लागू करने के लिए सक्रियता दिखाते हैं, अकसर बहुत ही हिंसात्मक तरीके से. गौरक्षा को लेकर भीड़ की पिटाई या फिर मॉब लिंचिंग की घटनाओं में पीड़ित मुस्लिम रहे हैं.
सर्दियों में अक्सर आपने घरों में गोंद के लड्डू (Gond ke Laddoo) तैयार होते देखे होंगे. ये लड्डू बच्चों और बड़ों दोनों को खूब पसंद आते हैं और इसके कई फायदे भी हैं. ठंड के मौसम (Winter Season) में गोंद के लड्डू (Gond ke Laddoo) का सेवन करने से शरीर को गर्माहट मिलती है. इसमें प्राकृतिक गोंद यानी खाद्य गोंद होती है, जिसे पेड़ों की छाल से निकाला जाता है. आमतौर पर गोंद के लड्डू (Gond ke Laddoo) को देसी घी, गोंद, नारियल का बूरा, बहुत सारे नट्स और ड्राई फ्रूट्स से तैयार किया जाता है.
गोंद के लड्डू (Gond ke Laddoo) को तीन महीने तक रखकर खाया जा सकता है. रोजाना सुबह नाश्ते में एक या दो लड्डू खा सकते हैं और सर्दी (Winter Season) में खुद को स्वस्थ रख सकते हैं. इससे मिलने वाले फायदे को देखते हुए गर्भवती महिलाओं से लेकर स्तनपान कराने वाली माताओं तक को गोंद से बने लड्डू खाने की सलाह दी जाती है. सर्दियों में इसे अपने आहार में शामिल करने से ढेरों फायदें होते हैं.
ये हैं गोंद के फायदे
• यह गिरते तापमान में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है.
• यह शरीर को ठंड, मौसमी वायरस के संक्रमण से बचाता है और सर्दी की बीमारियों से सुरक्षित रखता है.
• यह उन लोगों के लिए पौष्टिक विकल्प है जो कि सर्दियों के मौसम में थके हुए और ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं.
• यह आंखों की रोशनी में सुधार करता है.
• यह प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और अगर गोंद के लड्डू को गुड़ के साथ तैयार किया जाता है तो यह स्टेमिना में भी सुधार करता है.
• यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों और ऊतकों को मजबूत बनाता है.
• गोंद के लड्डू गठिया में भी फायदेमंद होते हैं क्योंकि यह जोड़ों को चिकनाई देता है. यह पीठ और जोड़ों के दर्द से राहत देता है.
• हाई फाइबर के कारण यह कब्ज के इलाज में प्रभावी है.
• यह पुरुषों में यौन कमजोरी में भी सुधार करता है.
• यह गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक भोजन है क्योंकि यह हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और बच्चे के जन्म के बाद पीठ दर्द से बचाता है.
• स्तनपान कराने वाली माताओं को अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है, ऐसे में गोंद का लड्डू कारगर है और यह तेजी से रिकवरी करने से मदद करता है. यह दूध के उत्पादन को भी बढ़ाता है.
• कब्ज से परेशान लोगों के लिए इसका सेवन फायदेमंद साबित होता है. रोजाना एक लड्डू खाने से इस परेशानी को दूर किया जा सकता है.
• शरीर में खून की कमी को पूरा करने के लिए भी गोंद के लड्डू का सेवन किया जा सकता है.
आपको बता दें गोंद और गोंद कतीरा दोनों अलग होते हैं
कई लोग गोंद कतीरा और गोंद को एक समझ लेते हैं. वास्तव में दोनों अलग-अलग हैं. दोनों के विपरीत प्रभाव होते हैं. गोंद जहां शरीर को गर्मी देता है, वहीं गोंद कतीरा शरीर को ठंडा करता है. गोंद कतीरा गर्मी के मौसम में शरीर का तापमान कम करता है.
नई दिल्ली. देश के उत्तरी क्षेत्र में गुरुवार को प्रचंड शीत लहर (Cold Waves) जारी रही जहां ठंड लगातार बढ़ रही है. दिल्ली में इस मौसम का सबसे कम अधिकतम तापमान दर्ज किया गया. जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में बीते 24 घंटे में 18 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली जिसके चलते तापमान में और गिरावट दर्ज की गई. माना जा रहा है कि शुक्रवार को भी स्थितियां ऐसी ही रहेंगी. हालांकि शनिवार को हवा की रफ्तार कम होने के आसार हैं लेकिन ठंड इसी तरह जारी रह सकती है.
राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार ‘ठंडा दिन’ रहा जहां अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री नीचे 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और यह इस मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान है. ‘ठंडा दिन’ उसे कहते हैं जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस कम होता है. गिरते तापमान के साथ दिल्ली ने गुरुवार को ठंड के 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. बता दें साल 2011 में 17 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस था.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक शहर के आंकड़े मुहैया कराने वाली सफदरजंग वेधशाला ने न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. वहीं पालम स्टेशन ने न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. क्योंकि पश्चिमी हिमालय से उठीं बर्फीली हवाएं (Cold Waves) लगातार दिल्ली में चल रही हैं. आयानगर और रिज मौसम स्टेशनों में न्यूनतम तापमान क्रमश: 3.8 डिग्री सेल्सियस और 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक़ पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालय में भारी बर्फबारी हुई और अब शीत लहर (Cold Waves) के मैदानी इलाकों की ओर बढ़ने की वजह से तापमान में गिरावट आ रही है.
IMD मैदानी इलाकों के लिए शीत लहर (Cold Waves) की घोषणा तब करता है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे हो और लगातार दो दिन तक सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो. उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे छोटे इलाके के लिए शीतलहर की घोषण तब भी की जा सकती है जब उक्त स्थितियां एक दिन के लिए भी बन जाएं. शहर की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।