UP: उत्तर प्रदेश (UP) की इटावा (Etawah) में पुलिस ने शादीशुदा महिला को ब्लैकमेल (Blackmail) कर उससे दो लाख रूपयों की मांग करने वाले शोहदे को धर दबोचा है. कोतवाली पुलिस के मुताबिक आरोपी पीड़ित महिला का फोटो और वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट करने की धमकी देकर दो लाख रूपये की मांग कर रहा था. पुलिस अधीक्षक (SP) सिटी प्रशांत कुमार ने बुधवार को बताया कि महिला को उसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने को लेकर ब्लैकमेल करने और दो लाख रूपये की मांग करने वाले मनचले युवक को गिरफ्तार किया गया है.
पीड़िता द्वारा कोतवाली पुलिस से की गई शिकायत के मुताबिक कुछ समय पूर्व वो ऑनलाइन मोबाइल गेम खेलती थी. इस दौरान गेम के माध्यम से उसका शिवम कनौजिया उर्फ शिवम कुमार से संपर्क हुआ, और उसके बाद फोन पर उनके बीच बातचीत होने लगी. कुछ समय बाद उसके प्रभाव में आकर महिला की वीडियो काॅल आदि के माध्यम से बात होने लगी और शिवम के पास पीड़िता की पर्सनल फोटो पहुंच गई थी. इसके बाद शिवम कन्नौजिया लगातार महिला और उसके पति को फोन कर धमकी देने लेने लगा ब्लैकमेल (Blackmail) करने लगा और कहने लगा कि तुम और तुम्हारा पति मुझे दो लाख रूपये दो, वरना वो उसके सारी तस्वीरों को उसके परिचित लोगों को भेज देगा जिससे वो सभी जगह बदनाम हो जाएगी.
शिवम कन्नौजिया ने महिला पर दबाव बनाने के लिए उसकी सहेली और उसके कुछ परिचित लोगों को उसकी निजी तस्वीरें भेज दी जिसके चलते वो काफी परेशान थी. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 384 और 66 ई, 67 ए आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) आकाश तोमर ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मनचले युवक शिवम कन्नौजिया की गिरफ्तारी करने और घटना के अनुसंधान के लिए कोतवाली थाने से टीम गठित किया. टीम द्वारा काम पर लगते हुए सभी इलेक्ट्राॅनिक और मैनुअल साक्ष्यों को एकत्रित किया गया जिसके आधार पर बुधवार को बद्वेश्वर आदर्श बिहार थाना ताल कटोरा राजाजीपुरम जनपद लखनऊ से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से मोबाइल फोन और सिम कार्ड को भी बरामद किया गया है जिससे महिला को ब्लैकमेल (Blackmail) किया जा रहा था.
Mumbai: देश की सबसे बड़ी नगरपालिका बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने साल 2021-22 के लिए 39038.83 करोड़ का बजट (Budget) पेश किया है. खास बात है कि पिछले साल की तुलना में 16.74 फीसदी ज्यादा इस बजट में BMC ने आम जनता पर सीधे कोई टैक्स नहीं लगाने का दावा किया है. लेकिन पैसे कहां से आएंगे इसका भी साफ-साफ उल्लेख नहीं होने से विपक्ष ने इसे मुंगेरीलाल के हसीन सपनों वाला बजट बताया है.
बीएमसी (BMC) के आयुक्त आईएस चहल ने साल 2021-22 के बजट में मुंबईकरों के लिए राहत की सौगात देने का दावा किया है. साल 2021-22 के लिए आयुक्त ने 39038.33 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. यह साल 2019-20 की तुलना में 16.74 फीसदी ज्यादा है. जबकि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से पिछले साल राजस्व वसूली में 5876 का घाटा हुआ था. सवाल है कि इस बार पैसे कहां से आएंगे?
मुंबईकरों को राहत देते हुए बीएमसी (BMC) ने बजट में 500 स्क्वेयर फीट तक के घरों को प्रॉपर्टी टैक्स में छूट देने की बात दोहराई है. कोविड संकट के दौरान मदद के लिए आगे आए होटल मालिकों को प्रॉपर्टी टैक्स में छूट दी गई है तो विज्ञापन होर्डिंग वालों को भी राहत दी गई है. हर साल 10 फीसदी बढ़ने वाले शुल्क को सिर्फ 5 फीसदी बढ़ाया गया है.
बजट में कोरोना काल (Corona Pandemic) में काम करते समय जिन बीएमसी (BMC) और बेस्ट (BEST) कर्मचारियों की मौत हुई उनके परिवारों को 50-50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की गई है. कोरोना संकट में यातायात का मुख्य साधन बनी बेस्ट बस उपक्रम के लिए 750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. महत्वकांक्षी कोस्टल परियोजना के लिए इस साल 2000.07 करोड़ रुपये और गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड के लिए 1300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बीएमसी (BMC) में सत्ताधारी दल शिवसेना ने बजट का स्वागत करते हुए इसे संतुलित बजट बताया है. कोरोना महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य सेवा में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही थी और ज्यादा पैसों के प्रावधान की उम्मीद थी, लेकिन सिर्फ 4728.53 करोड़ का प्रावधान किया गया है. जबकि पिछले साल संशोधित अनुमान 5226.17 करोड़ था. शायद यही वजह है कि राज्य सरकार में शिवसेना के साथ सत्ता में शामिल कांग्रेस और एसपी (Congress & NCP) ने बजट को निराशाजनक बताया है. जबकि बीजेपी (BJP) का आरोप है कि पैसे कहां से आएंगे, ये बताया ही नहीं गया है, इसलिए ये बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल है.
कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था पर पहले से संकट है. ऐसे में आम जनता पर बोझ डाले बिना विकास, स्वास्थ्य और दूसरी सभी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए जरूरी पैसों को लाना एक बड़ी चुनौती है.
New Delhi: कृषि कानूनों (Farm Laws) पर किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर दो खेमे बनते नजर आ रहे हैं. जहां कुछ विदेशी सेलेब्रिटी सहित कई लोग किसानों के पक्ष में खुलकर खड़े हैं वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है तो आंदोलनकारी किसानों के प्रदर्शन (Farmers protest) को प्रोपेगैंडा बताते हुए इसका मकसद देश में अस्थिरता पैदा करना मान रहे हैं.
गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) में हुई हिंसा को वे इसी कैटेगरी में रखते हैं. विदेशों से आंदोलनकारियों (Farmers Protest) को मिल रहे सपोर्ट के खिलाफ यह दूसरा खेमा बेहद मुखर है और इसे भारत के अंदरूनी मसले में अनावश्यक दखल मान रहा है. हाल ही में हॉलीवुड की पॉप सिंगर रिहाना (Rihanna) और कुछ अन्य सेलेब्रिटी ने किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर समर्थन बतया तो सरकार के शीर्ष मंत्री और अक्षय कुमार (Akshay Kumar), अजय देवगन (Ajay Devgn), सुनील शेट्टी सहित कई बॉलीवुड सेलिब्रिटी सरकार के पक्ष में खड़े नजर आए. उन्होंने #IndiaAgainstPropaganda और #IndiaTogether के हैशटेग के साथ ट्वीट किए.
दरअसल, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने किसान आंदोलन को लेकर अपना बयान जारी किया है. जिसकी फोटो अक्षय कुमार (Akshay Kumar Twitter) ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की. एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने लिखा, “किसान देश का बहुत ही अहम हिस्सा हैं. उनके मसलों का समाधान करने की हरेक कोशिश की जा रही है, और वह नजर भी आ रही है. आइए सौहार्द्रपूर्ण समाधान का समर्थन करें, न कि बांटने वाली बातों पर ध्यान दें. #IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda…”
Farmers constitute an extremely important part of our country. And the efforts being undertaken to resolve their issues are evident. Let’s support an amicable resolution, rather than paying attention to anyone creating differences. 🙏🏻#IndiaTogether#IndiaAgainstPropagandahttps://t.co/LgAn6tIwWp
Don’t fall for any false propaganda against India or Indian policies. Its important to stand united at this hour w/o any infighting 🙏🏼#IndiaTogether#IndiaAgainstPropaganda
अक्षय और अजय देवगन के अलावा कई मंत्रियों ने भी #IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda के हैशटैग के साथ सरकार का बयान रीट्वीट किया है, इसमें निर्मला सीतारमण, हरदीप सिंह पुरी, विजय कुमार सिंह, जी किशन रेड्डी आदि शामिल हैं.
The reformist legislation relating to agricultural sector were passed by India's parliament after full debate & discussion. The govt has already held 11 rounds of talks with some farmers who expressed their reservations about the laws.#IndiaTogether#IndiaAgainstPropagandapic.twitter.com/RRdjyQUfLz
It is unfortunate to see vested interest groups trying to derail the process & protests by enforcing their agenda. We saw this on Republic Day & are seeing it again when some public figures are making statements without ascertaining facts & proper understanding of issues.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ऐसे अहम मुद्दों पर कोई टिप्पणी करने से पहले हम आग्रह करना चाहेंगे कि तथ्यों के बारे में ठीक से पता लगाया जाए और मामले पर उचित समझ रखते हुए कुछ कहा जाए.’ नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट में लिखा, ‘कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून देश की संसद द्वारा पूरी बहस के बाद पास किए गए हैं. सरकार उन किसानों के साथ 11 दौर की चर्चा कर चुकी है जिन्होंने इन कानूनों को लेकर अपनी शंकाएं जाहिर की हैं.’
New Delhi: अमेरिकी एक्ट्रेस और वीलॉगर अमांडा सर्नी (Amanda Cerny) ने भी अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये किसानों का समर्थन (Farmers Protest) किया है. अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना, सोशल एक्टिविस्ट ग्रेटा थर्नबर्ग और एक्ट्रेस मिया खलीफा की तरह अमांडा सर्नी (Amanda Cerny) ने भी इंस्टाग्राम पर खुलकर अपनी राय रखी है और एक यूजर के सवाल का बहुत ही शिद्दत के साथ जवाब भी दिया है. अमांडा सर्नी (Amanda Cerny) की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर पढ़ी जा रही है और इस पर खूब कमेंट्स भी आ रहे हैं.
अमांडा सर्नी (Amanda Cerny) ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है, ‘दुनिया देख रही है. आपको मुद्दे को समझने के लिए भारतीय या पंजाबी या दक्षिण एशियाई होना जरूरी नहीं है. आप सिर्फ मानवता के हिमायती होने चाहिए. हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी, प्रेस की आजादी, मूल नागरिक अधिकारों जैसे श्रमिकों के लिए समानता और सम्मान की मांग करनी चाहिए. #FarmersProtest #internetshutdown’
अमांडा सर्नी (Amanda Cerny) की इस पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट किया था, ‘हमारे भारतीय आर्टिस्ट इस मसले पर पोस्ट डालने को लेकर भारत सरकार से खूब डरे हुए हैं, आपको सलाम है अमांडा सर्नी.’ इस पर अमांडा ने रिप्लाई किया था, ‘मैं जानती हूं. मैंने कई लोगों से बात भी की है और समझा कि वह अपने मन की बात कहकर अपने कारोबार पर असर नहीं डालना चाहते. ‘राजनैतिक’ होने का असर कैरियर भी पड़ सकता है. मेरे लिए अपनी अंतरात्मा की आवाज की खातिर कुर्बानी देना खामोश रहने से ज्यादा कारगर लगता है. यह शुरू में तंग कर सकता है लेकिन आखिर में आप एक असली उद्देश्य के साथ जीते हैं अगर आपका लक्ष्य बिना किसी स्वार्थ के सही का साथ देने का है.’
Haryana-Jind: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों के आंदोलन के 70वें दिन हरियाणा के जींद जिले में महापंचायत हो रही है। महापंचायत के लिए कंडेला गांव पहुंचे राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का जोरदार स्वागत हुआ। मंच पर तय सीमा से कहीं अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई और वह टूट गया। अचानक मंच टूटने से राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत अन्य नेता नीचे आकर गिर पड़े। मौके पर हड़कंप मच गया।
जींद में महापंचायत में शामिल होने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पहुंचे। कंडेला गांव में 50 खापों के प्रमुख भी इस महापंचायत में शामिल होने अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। मंच पर राकेश टिकैत का स्वागत करने और उन्हें माला पहनाने की होड़ मच गई।
#WATCH | The stage on which Bharatiya Kisan Union (Arajnaitik) leader Rakesh Tikait & other farmer leaders were standing, collapses in Jind, Haryana.
दर्जनों लोग एक साथ मंच पर आ गए और राकेश टिकैत का सम्मान करने लगे। इसी दौरान अचानक मंच टूट गया और राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत अन्य नेता नीचे आ गिरे। मौके पर हड़कंप मच गया। आनन-फानन में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को उठाया गया। कुछ देर बाद कार्यक्रम शुरू किया गया।
New Delhi: राजधानी दिल्ली वालों के लिए एक खुशखबरी ये है कि यहां कोरोना वायरस (Corona Virus) लगातार कम होता जा रहा है। दिल्ली में 56 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है। मतलब ये वे लोग हैं, जिन्हें कोरोना हुआ और उन्हें पता भी नहीं चला और वे ठीक हो गए। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सीरो सर्वे (Delhi Sero Survey) से पता चलता है कि 56 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी विकसित हुई हैं।
दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendra Jain) ने कहा, ‘दिल्ली के लोग कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ जंग में जीत की ओर बढ़ रहे हैं। दिल्ली में 56 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है। मतलब ये वे लोग हैं, जिन्हें कोरोना हुआ और उन्हें पता भी नहीं चला और वे ठीक हो गए। अब उनके शरीर में इस वायरस के खिलाफ प्राकृतिक रूप से एंटीबॉडी है। ‘
पांचवें सीरो सर्वे में सामने आई बात
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) द्वारा किए गए दिल्ली के पांचवें सीरो सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। इससे पहले चौथे सीरो सर्वे की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी मिली है। इस सीरो सर्विलांस के आधार पर कहा जा सकता है कि दिल्ली हर्ड इम्युनिटी के करीब पहुंच गई है और कहीं न कहीं यही वजह है कि दिल्ली में अब कोविड के मामले भी कम आ रहे हैं।
एमएमएसी द्वारा किए गए इस पांचवें सीरो सर्वे में अब तक सबसे ज्यादा 28 हजार सैंपल की जांच की गई है। सभी 280 वॉर्ड से सौ-सौ सैंपल लिए गए थे। इसकी जांच इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज में की गई। सीरो सर्विलेंस में 56.13% सैंपल में एंटीबॉडी पॉजिटिव पाई गई। यह अब तक की सबसे बड़ी रिपोर्ट है। इसमें न केवल सैंपल साइज बहुत बड़ा है, बल्कि रिपोर्ट बहुत ही पॉजिटिव संकेत वाली है, क्योंकि जिस प्रकार दिल्ली में पिछले दो सीरो सर्वे की रिपोर्ट आई थी, वह संतोषजनक नहीं थी। इस बार उम्मीद से बेहतर रिपोर्ट है।
अब तक हुए सीरो सर्वे
पहले सीरो सर्वे: पहले सीरो सर्वे में 23.48% लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी। उस समय यह सैंपल 27 जून से लेकर 5 जुलाई के बीच लिया गया था। इस सर्वे में कुल 21,387 सैंपल लिए गए थे।
दूसरे सीरो सर्वे: इस सर्वे में 1 से 7 अगस्त के बीच कुल 15,239 सैंपल लिए गए थे। इसमें से 29.1% सैंपल में एंटीबॉडी पाई गई थी।
तीसरा सीरो सर्वे: तीसरा सीरो सर्वे चौंकाने वाला रहा। इसमें 25.1% लोगों में ही एंटीबॉडी पाई गई। यानी दूसरे सर्वे से 4 फीसदी कम। तीसरे सर्वे में 1 से 7 सितंबर के बीच सैंपल लिए गए थे।
चौथा सीरो सर्वे: यह 15 से 21 अक्टूबर के बीच दिल्ली के सभी वॉर्डों में किया गया था। कुल 15,162 सैंपल लिए गए। इनमें से 15015 सैंपल की जांच की गई और 25.53% सैंपल में एंटीबॉडी पाई गई।
New Delhi: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि सरकार ने पिछले कई वर्षों से कृषि सुधारों के संबंध में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता की है तथा नए कृषि कानूनों (Farm laws) से जुड़े मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता (11 round talk) में कानूनों में संशोधन को लेकर सरकार ने एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं.
Farm Laws से MSP पर कोई असर नहीं
कृषि मंत्री ने यह भी दोहराया कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
लोकसभा में ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, के. सुरेश, नुसरत जहां रूही, बदरूद्दीन अजमल, उत्तम कुमार रेड्डी, कनिमोई करुणानिधि और माला राय सहित कई सदस्यों के प्रश्नों के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जवाब दिया.
कृषि मंत्री से पूछा गया था कि ‘‘क्या सरकार संसद द्वारा तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों को पारित करने और कानून बनने से पहले किसानों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करने में असफल रही.”
उनसे यह भी पूछा गया था कि ‘‘क्या सरकार को नये कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में हजारों किसानों के पिछले दो महीने से प्रदर्शन करने की जानकारी है और उनके साथ वार्ता के बाद सरकार क्या उनकी जायज मांगों पर विचार करने के बारे में सोच रही है.”तोमर ने कहा, ‘‘मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई है और सरकार ने कृषि कानूनों (Farm Laws) में संशोधन के बारे में एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में कृषि सुधार कानूनों (Farm Laws) के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कई वर्षों से कृषि सुधारों के संबंध में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता की गई.”
कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार कृषि विपणन क्षेत्र में सुधारों के लिये लगभग 2 दशकों से राज्यों के साथ सक्रिय रूप से गहनता से कार्य कर रही है. इसका उद्देश्य किसी भी समय और किसी भी जगह बेहतर मूल्य पर अपनी उपज की बिक्री करने के लिये पहुंच वाली मंडियों एवं बाधा मुक्त व्यापार की सुविधा प्रदान करना है.
कृषि मंत्री तोमर ने स्पष्ट किया कि कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020 किसानों एवं प्रायोजकों के बीच किसानों की उपज के कृषि समझौते के लिये है, न कि किसानों की भूमि की संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के बारे में. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अध्याय 3 के खंड 15 में यह बताया गया है कि किसानों की कृषि भूमि के विरूद्ध किसी भी राशि की वसूली के लिये कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
रूस की Sputnik V (स्पूतनिक 5) वैक्सीन (Corona Vaccine) को Symptomatic (लक्षण वाले) कोविड-19 के खिलाफ 91.6 फीसदी तक प्रभावी पाया गया है. लेंसेट में मंगलवार को प्रकाशित रिजल्ट के अनुसार स्वतंत्र विशेषज्ञों ने इस टीके (Sputnik V) को भरोसेमंद बताया है. गौरतलब है कि रूस ने दुनिया में सबसे पहले 11 अगस्त को ही कोरोना का टीका स्पूतनिक 5 (Sputnik V) तैयार कर लेने का ऐलान किया था. रूस ने इस वैक्सीन (Corona Vaccine) का नाम स्पूतनिक-5 रखा था कि जो उसके एक उपग्रह का भी नाम है. दावा किया गया था कि इस टीके से Covid-19 के खिलाफ स्थाय़ी इम्यूनिटी विकसित की जा सकती है.
इस वैक्सीन (Sputnik V) को रूस में अंतिम चरण के ट्रायल्स के परिणाम आने के पहले ही मंजूरी दे दी थी, इस कदम के कारण उसे विशेषज्ञों की आलोचना का सामना करना पड़ा है. अब 20 हजार लोगों पर किए गए इस वैक्सीन के फेज-3 के ट्रायल के विश्लेषण के अनुसार, टीके के दो डोज सिम्पटमेटिक कोविड-19 के खिलाफ 90 फीसदी से अधिक असरकारी पाए गए हैं.
यह परिणाम Sputnik V को फाइजर/बायोनटेक और माडर्ना के टीकों के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले उन टीकों में शामिल करते हैं, जिन्होंने 90 फीसदी से अधिक प्रभावशीलता दिखाई है.
लेसेंट के अनुसार, स्पूतनिक V वैक्सीन के विकास की प्रक्रिया की अनजाने में, जल्दबाजी में और पारदर्शिता के अभाव में आलोचना की गई थी. लेकिन यहां जो इसके परिणाम आए हैं, वे स्पष्ट हैं, इसके मायने हैं कि कोविड-19 के खिलाफ ‘जंग’ के लिए एक और वैक्सीन (Sputnik V) का विकल्प दुनिया के सामने है.
भारत में भी रूसी टीके स्पूतनिक वी के परीक्षण हुए थे. गौरतलब है कि रूस के कोरोना वायरस (Corona Virus) वैक्सीन (Sputnik V) का भारत में तीसरे चरण का ट्रायल रेड्डी लैबोरेटरी (Reddy’s Lab) कर रही है. रसियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) और रेड्डीज लैबोरेट्रीज (DRL) के बीच इसका समझौता हुआ था.
New Delhi: गृह मंत्रालय ने किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) स्थल सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि मंगलवार रात तक के लिए बढ़ा दी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इन तीन बॉर्डर पर किसान केंद्र के नए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ नंवबर से प्रदर्शन कर रहे हैं. इन स्थानों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. यह व्यवस्था 31 जनवरी को रात 11 बजे से आरंभ हुई और दो फरवरी को रात 11 बजे तक जारी रहेगी.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि टेलीकॉम सेवाओं के अस्थायी निलंबन (जन आपातकाल या जन सुरक्षा) नियम 2017 के तहत यह फैसला ‘‘सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने तथा जन आपातकाल से बचने” की खातिर लिया गया है. पहले, इन तीन सीमाओं तथा आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को 29 जनवरी रात 11 बजे से लेकर 31 जनवरी रात 11 बजे तक के लिए निलंबित किया गया था.
इससे पहले, किसानों की ट्रैक्टर परेड (tractor Rally) के दौरान हिंसा के मद्देनजर दिल्ली के कुछ इलाकों में 26 जनवरी को इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया था.
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने रविवार को 14 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने की अवधि बढ़ाकर एक फरवरी शाम पांच बजे तक कर दी थी ताकि तीनों कृषि कानूनों (farm Laws) के विरोध में किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को देखते हुए ‘किसी भी तरह से शांति एवं कानून-व्यवस्था बाधित” न हो सके.
सरकार ने यहां एक बयान जारी कर अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, सोनीपत और झज्जर जिलों में एक फरवरी शाम पांच बजे तक मोबाइल इंटरनेट बंद रखने के निर्देश दिए.
New Delhi: Budget 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की ओर से पेश किए गए Budget 2021 में डीजल और पेट्रोल (Petrol-Diesel) पर कृषि सेस लगाने का फैसला किया है. पेट्रोल पर ढाई रुपये प्रति लीटर और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर कृषि सेस लगाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि इस सेस का उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि सेस (Imposition of Agriculture Infrastructure and Development Cess) को बढ़ाने के साथ ही बेसिक एक्साइज ड्यूटी और एडीशन एक्साइज ड्यूटी के रेट को कम कर दिया गया है. इसके कारण उपभोक्ता पर समग्र रूप से कृषि सेस का कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा.
इसके साथ ही अनब्रांडेड पेट्रोल (1.4 रुपये प्रति लीटर) और डीजल (1.8 रुपये प्रति लीटर) बेसिक एक्साइज ड्यूटी को आकर्षित करेगा. स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) के रेट पेट्रोल (Petrol) के लिए 11 रुपये प्रति लीटर और डीजल (Diesel) के लिए आठ रुपये प्रति लीटर है. वित्त मंत्री ने बताया कि यह रेट ब्रांडेड पेट्रोल पर भी लागू हैं.
UP: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में शनिवार को 12 साल की एक किशोरी के साथ एक व्यक्ति ने कथित तौर पर बलात्कार (Rape) किया. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस के अनुसार यह घटना तब हुई जब लड़की को उसकी मामी आरोपी के पास ले गई थी. पुलिस उपायुक्त (महिला एवं बाल सुरक्षा) वृंदा शुक्ला ने कहा कि महिला और पुरुष दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उनको गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
वृंदा शुक्ला ने बताया, “लड़की अपने ननिहाल गई हुई थी. उसकी मामी उसे गलत इरादे से एक स्थान पर ले गई और लड़की को उस व्यक्ति को सौंप दिया जो उसका परिचित था. इसके बाद वह मौके से भाग गई.”
उन्होंने बताया, ‘‘उस व्यक्ति ने लड़की के साथ मारपीट की और उससे बलात्कार (Rape) किया. बाद में, उसने नाबालिग को किसी से घटना के बारे में जिक्र करने पर मारने की धमकी दी.” शुक्ला ने बताया कि इस मामले में दनकौर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
New Delhi: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) के 67वें दिन भी दिल्ली और यूपी के सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर किसानों का हुजूम लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था 2-3 दिन में बेहद कड़ी की गई है. गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद आंदोलन की आंच औऱ तेज हुई है. रोजाना सैकड़ों लोग खासकर युवा सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर (Singhu, Ghazipur, and Tikri border) की ओर बढ़ रहे हैं. आंदोलनकारियों के बीच किसान एकता जिंदाबाद और जय जवान-जय किसान के नारे लगा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से आए दो लोगों का कहना है कि वे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के रोने का वीडियो देखने के बाद किसान आंदोलन (Farmers Protest) के प्रदर्शनस्थल पर वापस लौटे हैं. टिकैत इस वीडियो में रोते हुए धरनास्थल से हटने से इनकार कर रहे हैं. गाजियाबाद प्रशासन ने उन्हें वहां से हटने को कहा था.
वहीं दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में इंटरनेट सेवा (Internet services) रोक दी गई है. सुरक्षा कारणों को देखते हुए ऐसा किया गया है. हरियाणा सरकार ने भी 17 जिलों में इंटरनेट सेवा 31 जनवरी शाम पांच बजे तक बंद कर दी है.
वहीं विपक्षी दलों द्वारा बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक के जरिये विरोधी नेताओं से संवाद किया.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार अभी भी किसानों से बातचीत को तैयार है. सरकार की ओर से किसानों को 18 माह तक कृषि कानूनों (Farm Laws) को स्थगित कर चर्चा करने का प्रस्ताव भी अभी तक बरकरार है.
Bagpat: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बागपत (Bagpat) के बड़ौत (Baraut) तहसील में चल रही खाप पंचायत और किसानों के धरना (Farmers Protest) को यूपी पुलिस ने जबरन खत्म करा दिया है. तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसान वहां महापंचायत कर रहे थे. किसानों का यह धरना (Farmers Protest) दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर महीने भर से चल रहा था. लेकिन बीती रात पुलिस आई और वहां, लाठियां बरसाने लगी. इसके बाद वहां लगे टेंट और तम्बू उखाड़ कर ले गई. इसके खिलाफ खाप में बहुत गुस्सा है.
पुलिस कार्रवाई के विरोध में बड़ौत में काफी संख्या में आसपास के गांव वाले आज मौजूद हैं. राठी खाप, धनकड़ खाप, धामा खाप, तोमर खाप ऐसी तमाम खाप के मुखिया यहां जुटे हैं और महापंचायत कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार को कृषि कानून (Farm Laws) वापस लेने होंगे. ये लोग किसानों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं. आज सुबह से ही किसान पंचायत स्थल पर बड़ौत में जमा होने लगे थे.
मुजफ्फरनगर में महापंचायत के बाद अब किसान बड़ौत में एकजुट हैं. किसानों का हुजूम यहां से ये भी संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर जारी धरने को और मजबूती कैसे दी जाए? बड़ौत में खाप महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने वहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की है. इस बीच पुलिस के अधिकारी किसान नेताओं को समझाने की भी कोशिश कर रहे हैं. किसानों ने अब इसे सम्मान की लड़ाई बना लिया है.
Paush Purnima 2021 Date: पंचांग के अनुसार 28 जनवरी 2021 को पौष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Purnima) तिथि है. पूर्णिमा की इस तिथि को पौष पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक दृष्टि से इस पूर्णिमा (Purnima) को विशेष फलदायी माना गया है. पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. इसके साथ ही दान और पूजा को श्रेष्ठ फलदायी माना गया है. खगोलशास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा की तिथि पर चंद्रमा पूर्ण आकार में दिखाई देता है.
पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर विशेष योग का भी निर्माण हो रहा है. इस दिन गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त से ही स्नान और दान का कार्य आरंभ कर सकते हैं. पंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा पर गुरु पुण्य का योग बन रहा है. इसके साथ ही प्रीति योग, शुभ योग और स्वार्थसिद्धि अमृत योग भी बन रहा है.
शुक्र का राशि परिवर्तन
28 जनवरी को शुक्र का राशि परिवर्तन भी हो रहा है. शुक्र ग्रह इस दिन प्रात: 03 बजकर 18 मिनट पर धनु राशि से निकल कर मकर राशि में आ जाएंगे. जहां पर गुरु, शनि और सूर्य ग्रह के साथ युति बनाएंगे.
28 जनवरी 2021: पूर्णिमा तिथि 01 बजकर 18 मिनट से आरंभ.
29 जनवरी 2021: रात्रि 12 बजकर 47 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन.
इन बातों का ध्यान रखें
पौष पूर्णिमा (Purnima) के व्रत और पूजा के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस दिन विधि पूर्वक पूजा आदि करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन की पूजा से चंद्रमा की अशुभता दूर होती है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. पूर्णिमा के दिन सफेद रंग की चीजों का दान करना चाहिए. पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) के व्रत में सत्यनारायण की कथा कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है. इस दिन पीपल की पूजा से मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) का आर्शीवाद मिलता है.
Health: भारतीय खानपान में अचार (Pickle) का विशेष महत्व है। घर में बनने वालों अचारों के साथ ही बाजार में बिक रहे अचारों का भी टेस्ट बेहद लजीज होता है। आम, नींबू, मिर्च, लहसुन के अलावा कुछ सब्जियों के भी अचार (Pickle) बनाए जाते हैं। अचार की खुशबू और स्वाद लंबे समय तक जीभ पर बनी रहती है। हालांकि कई बार आपको अचार खाते हुए मां या कोई बड़ा ये कह देता है ज्यादा अचार खाना ठीक नहीं या रोज-रोज अचार खाने से नुकसान होता है। आइये जानते हैं अचार हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर डालता है और यह सेहत के लिए कितना नुकसानदेह है।
अचार में काफी मात्रा में सोडियम होता है जो हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है। बाजार में मिलने वाले अचार में तेल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उसमें प्रयोग किए जाने वाले मसाले भी अक्सर पके हुए नहीं होते, जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल और अन्य समस्याएं हो सकती है। अचार बनाने और उसे सुरक्षित रखने के लिए जिन प्रिजेरवेटिव्स का प्रयोग होता है, वे शरीर के लिए हानिकरक होते हैं और एसिडिटी या शरीर में सूजन आदि के लिए जिम्मेदार होते हैं। अचार में बहुत ज्यादा तेल, नमक और सिरके का इस्तेमाल होता है. यह सेहत के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है।
जहां एक तरफ अचार (Pickle) खाने के नुकसान हैं तो वहीं दूसरी तरफ अचार खाने के फायदे भी हैं.
अचार पाचन को आसान करता है लेकिन यह अच्छा तभी साबित होगा जब यह घर पर बना हुआ हो। अचार में विटामिन और मिनरल होते हैं। इसकी वजह अचार के डिब्बों को धूप में रखा जाना है। अचार में प्रयोग किए गए सिरके में उच्च मात्रा में एसिटिक एसिड होता है जो हीमोग्लोबिन लेवल को बढ़ाता है, डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक है। लगातार अचार खाने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। यही नहीं अचार में विटामिन K भरपूर होता है। जो ब्लड क्लॉटिंग में मददगार है। यह चोट लगने पर उस घाव को भरने और खून के बहाव को रोकने में मददगार है।
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद, केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन (Farmers Protest) से दो किसान संगठन बुधवार को अलग हो गए. भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान जो कुछ भी हुआ उससे वह काफी दुखी हैं और उनकी यूनियन ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है.
भाकियू (भानु) से जुड़े किसान नोएडा-दिल्ली मार्ग की चिल्ला सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे. ‘ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी’ के वी एम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है.
किसानों की मांगों को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को निकाली गयी ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए. बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है. ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली का आईटीओ (ITO) एक संघर्ष क्षेत्र की तरह दिख रहा था जहां गुस्साये प्रदर्शनकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हुए नजर आए.
New Delhi: दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में जिस लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) का नाम आ रहा है, वह पंजाब का रहने वाला है। सिधाना कभी अपराध की दुनिया में बड़ा नाम हुआ करता था। बाद में वह राजनीति में आया और फिर समाजसेवा के कामों में लग गया। पंजाब के बठिंडा का रहने वाला लक्खा (Lakha Sidhana) कबड्डी का खिलाड़ी भी रह चुका है। खेल से अपराध और फिर राजनीति में आने वाले लक्खा ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। अब दिल्ली हिंसा में भी सिधाना का नाम आ रहा है।
लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) का असली नाम लखबीर सिंह है। पंजाब के बठिंडा का रहने वाला लक्खा सिधाना डबल एमए है और कभी कबड्डी का भी एक अच्छा खिलाड़ी हुआ करता था। लक्खा पर हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कई आरोप लगे हैं।
पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने पहले अपनी पार्टी पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बनाई थी। इसी पार्टी की तरफ से सिधाना ने रामपुरा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि इसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी। इस चुनाव के दौरान उस पर गांव भगता भाई में फायरिंग भी हुई थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद सिधाना ने तत्कालीन अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका पर गंभीर आरोप लगाए थे।
सिधाना (Lakha Sidhana) पिछले कुछ साल से पंजाबी सत्कार कमेटी के साथ जुड़कर पंजाबी भाषा को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था। इसके अलावा उक्त गैंगस्टर पंजाब के यूथ को बड़े स्तर पर अपने साथ जोड़ रहा था।
कुछ समय पहले लक्खा (Lakha Sidhana) ने नेशनल हाईवे के साइन बोर्ड पर पंजाबी भाषा को तीसरे नंबर पर होने की वजह से उस पर कालिख पोत दी थी। सिधाना के पास दो महंगी लग्जरी गाड़ियां हैं। 25 जनवरी को सिधाना ने सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) में स्टेज पर चढ़कर युवाओं को कहा था कि जैसे युवा चाहते है, वैसी ही परेड होगी।
Deep Sidhu: गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली ने मंगलवार को अचानक झड़प का रूप ले लिया था. इसमें 86 पुलिसकर्मी घायल हुए. करीब दो महीने से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन के अचानक यूं बेकाबू होने की वजह खोजी गई तो कुछ किसान नेताओं ने दीप सिद्धू (Deep Sidhu) का नाम लिया. किसान नेताओं ने कहा कि दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया. अभिनेत्री गुल पनाग (Gul Panag) ने भी ट्वीट करके दीप सिद्धू पर आरोप लगाए. सोशल मीडिया पर दीप सिद्धू की पीएम मोदी (PM Modi) और अभिनेता से नेता बने सनी देओल (Sunny Deol) के साथ तस्वीरें भी जमकर शेयर हुईं.
सामग्री की तालिका
सोशल मीडिया पर दीप सिद्धू की पीएम मोदी (PM Modi) और अभिनेता से नेता बने सनी देओल (Sunny Deol) के साथ तस्वीरें भी जमकर शेयर हुईं.
जानें Deep Sidhu कौन हैं और वे इस आंदोलन से कैसे जुड़ गए.
दीप सिद्धू (Deep Sidhu) का जन्म पंजाब के मुक्तसर में हुआ है. वह मॉडल और अभिनेता है. किंगफिशर मॉडल हंट समेत उन्होंने मॉडलिंग की कई प्रतियोगिताएं जीती हैं. एक्टिंग की दुनिया में उन्होंने फिल्म ‘रमता जोगी’ से कदम रखा. इस फिल्म को मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बैनर विजेता फिल्म्स में बनाया गया था. इसके साथ ही वह लीगल एडवाइजर भी हैं.
उन्होंने राजनीति में 2019 से कदम रखा और गुरदासपुर से बीजेपी के नेता सनी देओल के लिए प्रचार किया था. जब किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) शुरू हुआ और सिद्धू इस आंदोलन में हिस्सा लेते दिखाई दिए तो कई किसान संगठनों के नेताओं ने उन पर बीजेपी (BJP) का एजेंट होने का आरोप भी लगाया, जिसे सिद्धू ने सिरे से नकार दिया.
जैसे ही किसान आंदोलन (Farmers Protest) शुरू हुआ Deep Sidhu सक्रिय हो गए. रास्तों को टोल फ्री करवाने और गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन के लिए तैयार करने में सिद्धू (Deep Sidhu) ने भी अहम भूमिका निभाई. कई बार उन्होंने कई ऐसे अलगाववादी बयान दिए थे, जिसे किसान संगठन बिल्कुल पसंद नहीं करते थे.
वह किसान संगठन के नेताओं के खिलाफ भी बोलते थे कई बार तो आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने उन्हें स्टेज पर भी नहीं चढ़ने दिया. इस सबके बावजूद युवा किसानों में इनकी लोकप्रियता काफी अधिक है. किसानों से जुड़े रहने के लिए वह खुद जमीन पर तो सक्रिय रहते ही हैं, साथ ही डिजिटल का भी पूरा सहयोग लेते हैं. वह अक्सर फेसबुक लाइव के जरिए भी किसानों को संबोधित करते हैं.
किसान संगठनों की पुलिस से बातचीत चल रही थी और वह तय रूट से ही ट्रैक्टर परेड (Tractor Rally) निकालने वाले थे, लेकिन आरोप लगाया गया है कि एक रात पहले ही दीप सिद्धू (Deep Sidhu) और गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) कुछ किसानों से मिले और उन्हें भड़काया कि किसान संगठन सरकार से बातचीत कर रहे हैं, देखो कुछ नहीं निकला, दो महीने हो गए हैं. ये सरकार की बात मान लेते हैं. बातचीत से कुछ नहीं निकलने वाला, हम दिल्ली में घुसेंगे और लालकिले पर जाएंगे.
जब किसान बेरिकेट्स तोड़कर दिल्ली में घुसे ये भी मौजूद थे. लालकिले की प्राचीर से जब तिरंगे के बगल में ‘निशान साहिब’ का झंडा लगाया गया, तब सिद्धू (Deep Sidhu) उसी समूह में शामिल थे. पताका के साथ फेसबुक लाइव भी किया. उन्होंने फेसबुक लाइव में ये भी कहा कि हमने विरोध जताने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सांकेतिक तौर पर निशान साहिब का झंडा फहराया है.
किसान संगठनों ने दीप सिद्धू को ठहराया जिम्मेदार
किसान संगठनों ने दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को हिंसा और झड़प के लिए जिम्मेदार ठहाराया है. उनका कहना है कि दीप ने किसानों के कुछ समूहों को भड़काया और किसान आंदोलन (Farmers Protest) को धार्मिक आंदोलन बना दिया है. बता दें कि दिल्ली में हुई झड़प में 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और 22 केस दर्ज हुए हैं साथ ही सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है.
किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हमने पहले ही ऐलान किया था कि हम आउटर रिंग रोड पर जाएंगे . संयुक्त किसान मोर्चे ने भी पहले यही ऐलान किया था . बाद में संयुक्त किसान मोर्चा पीछे हटा .हमने पुलिस के रोकने के बाद बैरीकेड तोड़े . हम तो पुलिस से कह रहे थे कि हम शांतिपूर्ण तरीक़े से आउटर रिंग रोड जाएंगे . लाल क़िले पर जाने के हम ज़िम्मेदार नहीं . लाल क़िले पर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) गया . लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार दीप सिद्धू है.
दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को पुलिस ने क्यों नहीं रोका लाल किले पर . दीप सिद्धू सरकार का आदमी है . हम आउटर रिंग रोड से वापस आ गए थे . पुलिस का जांच में सहयोग करेंगे .मैं संयुक्त किसान मोर्चे से बात भी करूंगा . लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार मैं नहीं हूं
New Delhi: गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत छह किसान नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. नांगलोई थाने में जो FIR दर्ज है उसमें न सिर्फ डकैती की धारा लगाई गई है बल्कि उन 40 किसान नेताओं के नाम भी FIR में शामिल हैं जो सरकार के साथ वार्ता के लिए विज्ञान भवन जाते थे. इसी FIR में योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) का भी नाम है.
जानकारी के अनुसार, पुलिस (Delhi Police) ने 50 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी कर लिया है. नांगलोई पुलिस ने FIR में डकैती की धारा इसलिए जोड़ी है क्योंकि कुछ उपद्रवी नांगलोई में पुलिस से आंसू गैस के करीब 150 गोले भी छीन ले गए थे. इसके अलावा भी अलग अलग FIR में कई किसान नेताओं के नाम हैं.
गौरतलब है कि किसान संगठनों की ओर से गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान लाल किला, नांगलोई सहित कई इलाकों में किसानों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई थी. किसानों ने बसों और पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की. सरकारी वाहनों में भी उन्होंने तोड़फोड़ की, लाठियां चलाईं और पुलिस बल पर पथराव किया. हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा था. हिंसा में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
Chandigarh: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने नये कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा को मंगलवार को अस्वीकार्य बताया और किसानों से राष्ट्रीय राजधानी को खाली करने का आग्रह किया. सिंह ने कहा कि किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन से जो साख बनी थी उसे इस हिंसा से नुकसान होगा.
Shocking scenes in Delhi. The violence by some elements is unacceptable. It'll negate goodwill generated by peacefully protesting farmers. Kisan leaders have disassociated themselves & suspended #TractorRally. I urge all genuine farmers to vacate Delhi & return to borders.
सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘दिल्ली में चौंकाने वाली घटनाएं. कुछ तत्वों द्वारा की जा रही हिंसा अस्वीकार्य है. किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से जो साख बनी थी इससे उसे नुकसान पहुंचेगा. किसान नेताओं ने इन घटनाओं से खुद को अलग कर लिया है और ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) को निलंबित कर दिया है. मैं सभी वास्तविक किसानों से दिल्ली खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह करता हूं.”
लाठी-डंडे, राष्ट्रीय ध्वज एवं किसान यूनियनों के झंडे लिये हजारों किसान मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टरों पर सवार हो बैरियरों को तोड़ते व पुलिस से भिड़ते हुए लालकिले की घेराबंदी के लिए विभिन्न सीमा बिंदुओें से राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हुए. पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोमवार को किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की थी कि ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) शांतिपूर्ण रहे.
तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने और अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान कई सप्ताह से दिल्ली के कई सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं. इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं.