Marine heat waves तब होती हैं जब समुद्र के किसी विशेष क्षेत्र का तापमान सामान्य से काफी अधिक हो जाता है और यह स्थिति कई दिनों या हफ्तों तक बनी रहती है। ये लहरें ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रही हैं और उनकी आवृत्ति और तीव्रता लगातार बढ़ रही है।
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आवासों का विनाश
Marine heat waves कई तरह से आवासों को नष्ट करती हैं:
- प्रवाल विरंजन: उच्च तापमान के कारण प्रवाल अपनी रंगीन शैवाल खो देते हैं, जिन्हें ज़ोक्सांथेले कहा जाता है। यह प्रक्रिया प्रवाल को कमजोर बनाती है और अंततः उनकी मृत्यु का कारण बन सकती है। प्रवाल चट्टानें समुद्री जीवन के लिए महत्वपूर्ण आवास हैं और उनके नष्ट होने से कई प्रजातियों को खतरा होता है।
- समुद्री घास के मैदानों का क्षरण: समुद्री घास के मैदान भी उच्च तापमान से प्रभावित होते हैं। ये मैदान मछलियों और अन्य समुद्री जीवों के लिए अंडे देने और शरण लेने के स्थान होते हैं। इनके नष्ट होने से समुद्री खाद्य श्रृंखला बाधित होती है।
- मैंग्रोव वनों का क्षरण: मैंग्रोव वन तटीय क्षेत्रों को तूफानों और कटाव से बचाते हैं। उच्च तापमान और समुद्र के जलस्तर में वृद्धि से ये वन नष्ट हो रहे हैं, जिससे तटीय क्षेत्रों को खतरा बढ़ गया है।
- तटीय कटाव: समुद्री गर्म लहरों के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ता है और तटीय क्षेत्रों में कटाव होता है। इससे तटीय आवास और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचता है।
अन्य प्रभाव
Marine heat waves के अन्य प्रभावों में शामिल हैं:
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- मछली पकड़ने के उद्योग पर प्रभाव: समुद्री गर्म लहरें मछलियों के प्रवासन पैटर्न को बदल सकती हैं और उनकी संख्या को कम कर सकती हैं, जिससे मछली पकड़ने के उद्योग को नुकसान होता है।
- समुद्री पारिस्थितिक तंत्र का असंतुलन: समुद्री गर्म लहरें समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं और कई प्रजातियों के विलुप्त होने का कारण बन सकती हैं।
- मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव: Marine heat waves हानिकारक शैवाल के खिलने को बढ़ावा दे सकती हैं, जिससे समुद्री भोजन में विषाक्त पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होता है।