माघ मास में हिंदू धर्म से जुड़े कई त्योहार आते हैं और इसे काफी शुभ भी माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार माघ के महीने में द्वापर युग शुरू हुआ था। इसी माह में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का त्योहार भी आता है। इस बार यह त्योहार गुरुवार 11 फरवरी यानी कल है। Mauni Amavasya के साथ कई तरह की मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं. मान्यता के अनुसार इसे कई दुखों से छुटकारा और सफलाता दिलाने वाला माना जाता है. इसके साथ ही इस दिन मौन धारण करने की भी पंरपरा है।
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Mauni Amavasya का महत्व
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हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का विशेष महत्व बताया गया है. अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित मानी गई है. इस दिन पितरों को याद किया जाता है. पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजापाठ और दान आदि का कार्य करना चाहिए. पितरों के प्रसन्न होने से जीवन में आने वाली धन, जॉब, व्यापार और सेहत संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है.
अमावस्या पर दान का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर किया गया दान जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है. इस दिन दान करने से कई गुणा पुण्य प्राप्त होता है. अमावस पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. माघ के महीने में सूर्य पूजा और नदी स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन अन्न, धन, वस्त्र और दवा आदि का दान करने से लाभ होता है, वहीं पशु-पक्षियों को भोजन कराने से भी जीवन में अच्छे फल प्राप्त होते हैं.
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इस दिन कौन सी चीजें की जाती हैं दान
मौनी अमावस्या पर तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्र, अंजन, दर्पण, स्वर्ण तथा दूध देने वाली गौ आदि का दान किया जाता है. इसके साथ ही गर्म कपड़े, दूध, खीर आदि भी दान किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का विशेष फल मिलता है.
गंगा स्नान का विशेष महत्व
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इस दिन मौन धारण किया जाता है. शास्त्रों में बताया गया है इससे विशेष तरह की ऊर्जा मिलती है. मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है. गंगा स्नान से भौतिक, दैहिक और दैविक तीनों तरह के पापों से छुटकारा मिलता है. यदि कोई किसी कारण से गंगा स्नान करने नहीं जा सकता वो किसी भी दूसरी नदी या सरोवर तट आदि में स्नान कर सकता है.
तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचाग की गणना के अनुसार, मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) की तिथि का आरंभ गुरुवार 11 फरवरी को 01:10:48 बजे से होगा और 12 फरवरी को 00:37:12 बजे तक यह रहेगी.
अमावस्या पर नहीं करने चाहिए ये काम
अमावस्या पर नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करने वाले कार्यों से दूर रहना चाहिए. इस दिन रात्रि में यात्रा करने से बचना चाहिए. उन स्थानों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए जहां पर नकारात्मक ऊर्जा का खतरा बना रहता है. इस दिन कलह, विवाद और क्रोध से भी बचना चाहिए.