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AIKSCC: किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश में लगी है सरकार

New Delhi: पिछले 17 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर केंद्र सरकार द्वारा खालिस्तानी और माओवादियों के समर्थन के आरोप पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि हम किसानों के इस आंदोलन को बदनाम करने के लगातार कदमों की कड़ी निन्दा करते हैं. संगठन (AIKSCC) का कहना है कि असल में सरकार किसानों की समस्या, तीन खेती के कानून (Farms Bill) और बिजली बिल 2020 (Electricity Bill 2020) की वापसी को हल नहीं करना चाहती और वह अपने जिद्दी रवैये को छिपाने के लिए वह इस तरह के कदम उठा रही है.

किसान नेताओं ने कहा कि पहले केन्द्र सरकार ने दावा किया कि किसानों का यह आन्दोलन (Farmers Protest) राजनीतिक दलों द्वारा प्रोत्साहित है. फिर उसने कहा कि यह विदेशी ताकतों द्वारा प्रोत्साहित है, इसके बाद उसने कहा कि यह पंजाब का आन्दोलन है, जिसमें खालिस्तान पक्षधर ताकतें भाग ले रही हैं. इसके बाद कहा कि किसानों की यूनियनें वार्ता से बच रही हैं, जबकि यूनियनों ने सभी वार्ताओं में भाग लिया, किसी वार्ता में जाने से मना नहीं किया और विस्तार से सरकार को अपना पक्ष समझाया और कहा कि वह साफ करे कि वह कानून वापस लेगी या नहीं. सच यह है कि सरकार के पास किसानों से बात करने के लिए कुछ है ही नहीं.

किसान संगठनों के नेताओं ने आगे कहा कि इस बात पर गौर करना जरूरी है कि इस आन्दोलन पर शुरु में पंजाब में दमन हुआ फिर पंजाब के किसानों को अपनी राजधानी दिल्ली पहुंच कर अपनी सरकार से बात करने के लिए अपने ऊपर बेरहम हमले का सामना करना पड़ा, बैरिकेड लगे थे, सड़कें काटी गयीं, ठंड में पानी की बौछार की गयी और आंसू गैस फेंके गये. अब सरकार दोष मढ़ रही है कि आन्दोलन तेज क्यों किया जा रहा है और दमन तथा गैरकानूनी गिरफ्तारियों के खिलाफ बयान क्यों दिया जा रहा है. यह बात स्पष्ट नहीं है कि सरकार अपने नागरिकों को बदनाम करके क्या हासिल करना चाहती है. देश के किसान सरकार से जानना चाहते हैं कि क्या ये विदेशी व भारतीय कारपोरेट को बढ़ावा देने की योजना का हिस्सा है. 

किसानों ने बहुत विस्तार से यह बात समझाई है कि भारतीय व विदेशी कारपोरेट को भारतीय खेती में बढ़ावा देने से, उन्हे निजी मंडिया स्थापित करने देने से और किसानों को ठेके की खेती में शामिल करने से सरकारी मंडियों की वर्तमान सुरक्षाएं भी समाप्त हो जाएंगी. इससे लागत के दाम बढ़ेंगे, किसान कर्जदार होंगे और जमीन से बेदखल होंगे. ये कानून किसानों को वर्तमान अधिकारों पर भी हमला कर देंगे जिसमें वर्तमान एमएसपी भी शामिल है. सरकार के प्रस्ताव में ऐसा कोई सूत्र नहीं है जो किसानों को और कर्जों के लदने से बचा सके, जिससे लागत के मूल्य घट सकें, जिससे एमएसपी सभी किसानों को सभी फसलों का मिल सके, जिससे राशन व्यवस्था जारी रह सके और जिससे खाने की जमाखोरी व कालाबाजारी रोकी जा सके.

आश्चर्य नहीं है कि सरकार ने जो दस्तावेज ‘पुटिंग फामर्स फस्र्ट’ जारी किया है, उसके पृष्ठ 16 पर लिखा है कि ये कानून कारपोरेट के कृषि व्यवसायियों को आगे कर देगा. वह लिखता है ‘कल्पना कीजिए कि इन सुधारों के साथ कृषि व्यवसायियों के लिए कितने सारे नए अवसर खुल जाएंगे.

एआईकेएससीसी (AIKSCC) ने इस बात पर जोर दिया है कि तीनों कृषि कानून व बिजली बिल 2020 (Electricity Bill 2020) वापस लिया जाना समस्या का एकमात्र समाधान है और सरकार से आग्रह किया है कि वह ऐसा तुरंत करे.

Bengaluru: मनमाने तरीके से सैलरी काटने पर भड़के कर्मचारी, कंपनी में जमकर की तोड़फोड़।

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Bengaluru: कर्नाटक में बेंगलुरु के करीब आईफोन(IPhone) का मैन्युफैक्चरिंग करने वाली एक कंपनी के कर्मचारियों ने वेतन से संबंधित मसले को लेकर शनिवार को उपद्रव मचाया। ये कर्मचारी विस्ट्रॉन कॉर्पोरेशन (Wistron Corporation) के लिए काम करते हैं, जिसका मुख्यालय ताइवान में है। पुलिस ने शुरुआती जानकारी के हवाले से बताया कि कोलार जिले के नरसापुरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इकाई के कर्मचारियों ने परिसर में कारों को पलट दिया और फर्नीचर को क्षतिग्रस्त किया।

कर्नाटक में बेंगलुरु (Bengaluru) के करीब विस्ट्रान के कोलार (Kolar) जिले के नरसापुर प्लांट (Narsapur Plant) में शनिवार सुबह कर्मचारियों के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया. नाराज कर्मियों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. कार्यालय पर पथराव किया और कंपनी के बोर्ड और कुछ वाहनों में आग लगा दी.

एक ट्रेड यूनियन लीडर ने कहा कि प्लांट में ज्यादातर कर्मी संविदा पर हैं, लेकिन उन्हें समय पर भुगतान नहीं किया जाता है. कर्मचारी वेतन में कई प्रकार की कटौतियां किए जाने से भी नाराज हैं.  हिंसा की घटना सामने आने पर को भारी पुलिसबल मौके पर पहुंचा और हल्का लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया.  

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वेतन संबंधी मसलों को लेकर कर्मचारियों ने पथराव किया, खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। गाड़ियों, फर्नीचर, कंप्यूटर और लैपटॉप को नुकसान पहुंचाया। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक, हिंसक घटना में कई कर्मचारी शामिल थे। संपर्क करने पर कंपनी (Wistron Corporation) की ओर से घटना और ‘वेतन मसलों’ पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी गई। ट्रेड यूनियन के एक नेता ने बताया कि अनुबंध पर रखे गए अधिकतर कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह नहीं दी जाती है और वेतन में कटौती को लेकर उनकी चिंताएं हैं।

वेतन को लेकर नाराज थे कर्मचारी

सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारी इस बात से नाराज थे कि उन्हें जॉइनिंग के समय जिस वेतन का दावा किया गया था, वह नहीं दिया जा रहा है। कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि एक इंजिनियरिंग स्नातक को 21 हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था लेकिन उसका वेतन अचानक कम करके 16000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया। हाल के महीनों में उसकी सैलरी और कम करके 12 हजार रुपये कर दी गई।

वहीं गैर-इंजिनियरिंग ग्रेजुएट्स की सैलरी भी 8 हजार रुपये तक कम की गई है। कर्मचारी ने बताया कि हमारे खातों में जमा की जा रही वेतन राशि लगातर काम होती जा रही है। कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपने सैलरी अकाउंट में 500 रुपये से भी कम प्राप्त हुए हैं। शुक्रवार की रात कर्मचारियों ने अपनी सैलरी के बारे में चर्चा की थी। शनिवार को ऑफिस से जाते वक्त वे उग्र हो गए और तोड़फोड़ की।

विस्ट्रॉन कॉर्पोरेशन (Wistron Corporation) ऐप्पल (Apple) के लिए आईफोन 7(Iphone7), लेनोवो(Lenovo), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) समेत अन्य के लिए आईटी उत्पाद बनाती है। तकरीबन 2900 करोड़ रुपये का निवेश करने और 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार देने के प्रस्ताव पर विस्ट्रॉन (Wistron Corporation) को राज्य सरकार ने नरसापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में 42 एकड़ जमीन दी थी।

कर्नाटक सरकार ने हिंसा की निंदा की है, साथ ही कर्मचारियों को उनका बकाया दिलाने का वादा भी किया है. कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सी अश्वतनारायण ने ट्वीट कर कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती. ऐसे किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए उचित मंच हैं. अश्वतनारायण राज्य के आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स मंत्री भी हैं.  उन्होंने कहा कि अराजकतत्वों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. साथ ही यह भरोसा भी दिया कि कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी और उन्हें बकाया भुगतान दिलाया जाएगा.

Covid-19: संक्रमितों की संख्या 98.26 लाख के पार, 24 घंटों में 30,000 नए मामले सामने आए।

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New Delhi। कोविड-19 (Covid-19) का प्रभाव पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। कई देशों में संक्रमण (Covid-19) को रोकने के लिए फिर से लॉकडाउन को अपनाया जा रहा है। भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है, हालांकि पहले की अपेक्षा इससे होने वाले संक्रमितों की संख्या और मौतों के आंकड़ों में गिरावट आई है। भारत में पिछले 24 घंटों में 442 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस दौरान कोरोनावायरस (coronavirus) के 30,006 नए मामले सामने आए हैं। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, यहां शनिवार को कुल मामलों (Covid-19) की संख्या 98 लाख 26 हजार 775 तक पहुंच गई है। जबकि देश में अब तक 1 लाख 42 हजार 628 लोगों की मौत हो चुकी है।

देश में 13 दिनों से लगातार 40 हजार से कम कोरोना (Covid-19) पॉजिटिव केस आ रहे हैं। जबकि एक समय में यह संख्या 90 हजार तक थी। अच्छी बात यह भी कि संक्रमितों और मौतों की संख्या की अपेक्षा ठीक होने वालों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बीते दिन 33,494 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो, अब तक, 93,24,328, लोग ठीक हो चके हैं और पिछले 24 घंटों में 33,494 से अधिक लोग ठीक हुए हैं। वर्तमान में 3,59,819 सक्रिय मामले हैं। रिकवरी दर 94.89 प्रतिशत है और मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है।

इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार कोविड-19 के (Covid-19) लिए अब तक कुल 15 करोड़ 26 लाख 97 हजार 399 नमूनों का परीक्षण किया गया है। इनमें से 10 लाख 65 हजार 176 नमूनों की शुक्रवार को जांच की गई।

देश में सर्वाधिक संक्रमित राज्य की बात करें तो, महाराष्ट्र 18,72,440 मामलों के साथ अब तक सबसे खराब स्थिति वाला राज्य बना हुआ है। दैनिक नए मामलों में 72 प्रतिशत से अधिक 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में दर्ज किए गए हैं।

महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों में कोरोना वायरस (Corona Virus) के एक्टिव केस, मृत्यु दर और रिकवरी रेट का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। वहीं एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का नौवां स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है।

नोएडा, मेरठ, हापुड़ Toll Plaza पर किसानों का कब्जा, जबरन कराया फ्री, पुलिस बल की तैनाती

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New Delhi: तीनों नए कृषि कानूनों (Farms Law) को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों ने न केवल सरकार का संशोधन प्रस्ताव  ठुकरा दिया है बल्कि आज से अपना आंदोलन (Farmers Protest) भी तेज कर दिया है. शनिवार को सभी टोल फ्री करने के किसान संगठनों के आह्वान का असर दिल्ली से सटे यूपी के गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ व हापुड़ में देखने को मिला. गौतम बुद्ध नगर के सभी टोल प्लाजा (Toll Plaza)पर किसानों ने सुबह ही कब्जा कर लिया और उसे जबरन फ्री करवा दिया. इसे देखते हुए प्रशासन ने वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की है.

इधर, पुलिस की भारी तैनाती के बीच दादरी के लोहाली गांव के पास स्थित एनएच-91 के टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कब्जा करते हुए, टोल प्लाजा (Toll Plaza) को फ्री कर दिया.  हालांकि, इस दौरान पुलिस के आलाधिकारी किसानों को समझाते हुए नजर आए मगर किसान अपनी बातों पर अड़े रहे. टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर कब्जा करने वाले किसान भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता हैं.

किसान संगठनों के आह्वान पर जनपद हापुड़ के तीनों टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर भी किसान नेताओं ने आज कब्जा कर लिया और उसे फ्री करा दिया. टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. किसान नेता तीनों कानून को वापस लेने की मांग पर वहां हंगामा कर रहे हैं.

बता दें कि कई बार केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता हुई लेकिन सभी वार्ता बेनतीजा रही. वार्ता विफल होने के बाद अब किसानों ने आंदोलन को और ज्यादा तेज कर दिया है. 14 दिसंबर को  किसानों ने देशव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी है. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि किसान विरोधी कानून को किसी भी तौर पर लागू नहीं होने दिया जाएगा.

Piyush Goyal: लेफ्टिस्टों और माओवादी के हाथों में चला गया है किसान आंदोलन

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New Delhi: किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल(Piyush Goyal) ने कहा है कि अब यह आंदोलन (Farmers Protest) ज्यादातर लेफ्टिस्टों (Leftists) और माओवादियों (Maoists) के हाथ में चला गया है। ये वामपंथी दल (Left party)अपना एजेंडा चलाना चाहते हैं। गोयल (Piyush Goyal) ने किसानों से अपील की है कि वे उनके बहकावे में ना आकर सरकार (Government) से बातचीत करें। किसानों के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं और सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

कुछ थोड़े लोगों के लिए पूरे देश के किसानों का नुकसान नहीं

गोयल ने कहा कि वामपंथी किसानों को भड़का रहे हैं। गोयल ने उस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्या सरकार तीनों कृषि कानून वापस लेगी जिसकी किसान मांग कर रही है। गोयल ने साफ कहा कि इस बिल से देश के सभी किसानों को बेहद फायदा पहुंचने वाला है। कुछ थोड़े से लोगों के लिए पूरे देश के किसानों के फायदे का नुकसान नहीं किया जा सकता।

MSP, चर्चा सब कुछ पर सरकार दे रही है आश्वासन

किसान बिल के किसी भी मसले पर अगर चर्चा करना चाहते हैं तो सरकार से आकर बातचीत करे। सरकार इसके लिए तैयार है। जहां तक एमएसपी का सवाल है लोकसभा से लेकर सरकार की ओर से किसानों को पूरा आश्वासन दिया गया है कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा। यह जारी रहेगा। इस बार 23 फीसदी ज्यादा किसानों का अनाज खरीदा गया। गोयल ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि किसान देशहित में इस कानून को समझेंगे। इससे उन्हें तमाम तरह की बंदिशों से आजादी मिलेगी। अगर उनकी फसल के दाम कहीं भी ज्यादा मिल रहे हैं वे वहां जाकर खरीद सकते हैं।

TV की ‘नागिन’ Surbhi Jyoti ने कराया शानदार फोटोशूट, फैंस ने जमकर बरसाया प्यार

टीवी एक्ट्रेस सुरभि ज्‍योति (Surbhi Jyoti) ने सोशल मीडिया (Social Media) पर अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की है, जिसमें उनका शानदार अंदाज नजर आ रहा है. उनकी ये तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है. 

TV's Naagin Surbhi Jyoti made a bold photoshoot fans showered love
फोटो साभार-@surbhijyoti/Instagram

सुरभि ज्योति ने हाल ही में सिर्फ तोलिए में फोटो शेयर की, तस्वीर में वह व्‍हाइट तौलिया लपेटे शीशे के सामने नजर आ रही हैं. खुले बाल उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं. तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने #shootdiaries #quboolhai2.0 हैशटैग्स का इस्‍तेमाल किया है.

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फोटो साभार-@surbhijyoti/Instagram

साल 2012 में सुरभि ज्योति ने कबूल है टीवी शो के जरिए हिंदी टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा था. कुबूल है में निभाए ज़ोया फारूकी के किरदार के लिए उन्हें कई अवॉर्ड दिए गए. इसके बाद सुरभि ने दर्जनों हिट टीवी शोज किए. सुरभि ज्योति हाल ही में नागिन 3 के बाद नागिन 4 में दिखी थीं.

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फोटो साभार-@surbhijyoti/Instagram

इन तस्वीरों में एक्ट्रेस की खूबसूरती देखकर फैंस कमेंट कर खूब प्यार बरसा रहे है. 

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फोटो साभार-@surbhijyoti/Instagram

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