spot_img
होम ब्लॉग पेज 1870

Farmers Protest: किसान को चारों दिशाओं से घेरने वाले हैं ये कानून, योगेंद्र यादव

0

(News Source NBT)

कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलित (Farmers Protest) हैं। उन्हें लगता है कि तीन कृषि कानून उनका भविष्य बर्बाद कर देंगे। सरकार का कहना है कि नए कानून से कृषि का ढांचा बदलेगा और किसानों की स्थिति में भी सुधार होगा। आखिर इन तीन कानूनों से किसानों को क्या दिक्कतें हैं जो सरकार नहीं समझ पा रही? इस बारे में किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे योगेंद्र यादव से बातचीत के मुख्य अंश:

सरकार और किसानों के बीच बातचीत के कई दौर हो चुके हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा। आखिर ये बातचीत इतनी खिंच क्यों रही है?

क्योंकि बातचीत हो ही नहीं रही। सरकार मन बनाकर बैठी है कि वह किसानों की जरूरत के अलावा बाकी सभी बातें मान लेगी। किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से कम पर तैयार नहीं हैं। सरकार इन कानूनों पर बात करने को तैयार नहीं है। सरकार अभी भी पुराने खेल में है। आंदोलनकारियों को लड़ा दिया जाए, बहका दिया जाए या फिर थका दिया जाए। सरकार इसी में व्यस्त है। कभी वह कमिटी की बात करती है तो कभी कुछ और। किसान चाहते हैं कि सरकार अहंकार छोड़कर उन मुद्दों पर बात करे, जिनसे वे चिंतित हैं।

बातचीत में आपको क्यों नहीं शामिल किया गया?

इसका जवाब तो अमित शाह दे सकते हैं जिन्होंने खुद फोन करके किसान नेताओं से कहा कि बाकी सब तो आ सकते हैं लेकिन योगेंद्र यादव को बातचीत के लिए न लाएं। अमित शाह को शायद लगा कि अगर योगेंद्र यादव नहीं होंगे तो किसानों की बात मजबूती से नहीं रखी जा सकेगी। सरकार की चालाकियों को किसान समझ नहीं पाएंगे। लेकिन अब वे जमाने बीत गए। अब किसान नेता मजबूत हैं।

क्या आपको लग रहा है कि कोई बीच का रास्ता निकल सकता है?

हर बात में तो बीच का रास्ता नहीं निकल सकता। मान लीजिए पत्रकारों से कहा जाए कि वे रोज ऑफिस जाने से पहले थाने में हाजिरी लगाएं। उसका विरोध हो और फिर सरकार कहे कि बीच का रास्ता ये है कि अब सप्ताह में सभी दिन की बजाय सिर्फ तीन दिन हाजिरी लगाएं तो क्या यह बीच का रास्ता उचित होगा? वही स्थिति इस आंदोलन की भी है। सरकार कथित तौर पर एक सौगात किसान के मत्थे मढ़ना चाहती है लेकिन किसान उसे लेने से मना करता है तो उसमें किसान कहां गलत है? यह सही है कि किसान पराली कानून पर बात कर सकता है। एमएसपी को कैसे और बेहतर किया जाए, इस पर भी बात हो सकती है लेकिन तीन कृषि कानूनों पर कोई समझौता नहीं हो सकता। वे तो सरकार को वापस लेने ही होंगे।

लेकिन कानून रद्द करने के लिए भी तो सरकार को संसद जाना होगा। इसमें वक्त लगेगा…

यह सरकार तो अध्यादेश पर चल रही है। इस मामले में भी अध्यादेश ले आए और इन कानूनों को रद्द कर दे। या चाहे तो संसद का आपात सत्र भी बुला सकती है।

अगर कृषि कानून रद्द करने के लिए सरकार नहीं मानती तो क्या ये आंदोलन इसी तरह दिल्ली के बॉर्डर पर चलता रहेगा या फिर इसे कोई और रूप देने की भी किसानों की तैयारी है?

किसानों का तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन चल रहा है। आगे भी चलता रहेगा। किसान सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर मोर्चा बनाकर बैठा है तो उसकी वजह सरकार ही है। बातचीत के कई दौर के बाद अब सरकार कह रही है कि कृषि कानूनों पर हम सोचना शुरू करते हैं। सरकार ने पहले क्यों नहीं इस मांग पर सोचा? उम्मीद करनी चाहिए कि सरकार किसानों की इस मांग को स्वीकार करेगी और ये कानून रद्द करेगी।

इस तरह के आंदोलन लंबा चल जाएं तो बिखराव की आशंका भी पनपती है। क्या आपको भी ऐसा लगता है?

सरकार ने प्रयास किए हैं लेकिन सफल नहीं हुई। डराने, थकाने, लड़ाने के कई प्रयास हुए। राकेश टिकैत से अलग से बात करने की कोशिश की लेकिन अगले दिन वे किसानों के साथ ही आ गए। अब जितनी देर हो रही है, आंदोलन और मजबूत हो रहा है। किसानों की तादाद बढ़ रही है।

इन तीन कृषि कानूनों में ऐसा क्या है कि किसान उन कानूनों को रद्द करने से कम पर तैयार ही नहीं हो रहे?

ये तीन कानून किसानों को चार दिशाओं से घेरने वाले हैं। समझ लीजिए कि सरकार पुरानी कृषि मंडी बंद करना चाहती है। ये टूटे छप्पर वाली है और सरकार कह रही है कि ये टूटा छप्पर हटा लेंगे तो किसान को नीला सुंदर आसमान दिखेगा। सच ये है कि अगर पुरानी मंडी के सामने प्राइवेट कंपनी की नई मंडी आई तो एक दो बरस में पुरानी मंडी बैठ जाएगी और फिर किसान को प्राइवेट मंडी पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। इसी तरह दूसरा कानून कॉन्ट्रैक्ट का है, जिससे किसान बंधुआ मजदूर बन जाएगा और तीसरा आवश्यक वस्तु वाले कानून के मामले में किसान की फसल के दाम गिर जाएंगे।

अगर हम ये मान लें कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के हित में नहीं हैं तो भी क्या किसानों को उनके मौजूदा हाल पर छोड़ देना ठीक रहेगा? क्यों न कृषि में निवेश बढ़े, पूंजीपति पैसा लगाएं और कृषि का आधारभूत ढांचा मजबूत हो? इसमें एतराज क्या है?

आपकी बात सही है कि कृषि आधारित ढांचा मजबूत हो लेकिन इसके लिए प्राइवेट सेक्टर क्यों, सरकार खुद क्यों नहीं निवेश करती? सरकार की कोशिश ये है कि कृषि को प्राइवेट सेक्टर के हवाले करके अपने हाथ झाड़ ले। आज की सचाई यह है कि हमारी कृषि नीति ही किसान विरोधी है। अब तक जो सरकारें आईं, वे सब किसान विरोधी रही हैं। हमारी नीति कृषि केंद्रित तो है लेकिन किसान केंद्रित नहीं। कितनी उपज हो, कितना निर्यात हो, इस पर बात होती है लेकिन किसान को क्या मिलना चाहिए और क्या मिल रहा है, इस पर सरकार बात नहीं करती। कृषि में आमूचल परवर्तन के लिए सरकार खुद कृषि क्षेत्र में निवेश करे। खेती की इनपुट लागत कम करने के तरीके अपनाए जाएं। किसानों को कृषि जोखिम से बचाने के लिए योजना लाई जाए। वैसी नहीं, जो कृषि बीमा की योजना है और फेल हो चुकी है।

Health: वज़न घटाने के लिए भूखे रहना सेहत पर भारी पड़ सकता है, कई दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना

Health: जब भी बात वज़न(weight) घटाने की होती है लोग सबसे पहले एक ही तरीका अपनाते हैं, भूखा रहने का. लेकिन आपको बता दें कि वज़न कम करने का ये तरीका आपको पतला करे न करे, पर आपको बीमार ज़रूर कर सकता है. इसलिए अगर आपने पतला होने के लिए भूखा रहने का ऑप्शन सोचा है तो इसे दिमाग से निकाल दीजिये. क्योंकि बॉडी को वक़्त पर आहार की ज़रूरत होती है और अगर वो आहार उसे सही टाइम से न मिले तो उसके खतरनाक नतीजे कुछ इस तरह से हो सकते हैं:-

1. डाइजेशन प्रॉब्लम

भूखा रहना आपके लिए डाइजेशन प्रॉब्लम क्रिएट कर सकता है. क्योंकि अगर आप कुछ खायेंगे ही नहीं तो फ्रेश भी नहीं हो पाएंगे. नतीजन आपको बबासीर और पित्त की पथरी जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए भूखे रहकर पतला होने का ऑप्शन छोड़िये और एक्सेसाइज़ अपनाइए.

2. डिहाइड्रेशन

पतला होने के लिए भूखा रहना आपके सामने डिहाइड्रेशन की दिक्कत खड़ी कर सकता है. जिसकी वजह से आपको कम यूरिन आने की शिकायत हो सकती है जो आगे चलकर किसी सीरियस डिजीज का रूप भी ले सकती है. इसलिए आपके लिए बेहतर यही होगा कि भूखे रहने का आईडिया कैंसिल कर दिया जाए.

3. ग्लोलेस चेहरा

जब आप पतला होने के लिए भूखा रहते हैं तो धीरे-धीरे आपके चेहरे की रौनक गायब होने लगती हैं और आपके चेहरे पर आपकी उम्र दिखने लगती है. इसलिए पतला होने के लिए भूखे रहने का ऑप्शन बिल्कुल न चुने. क्योंकि खोई हुई चेहरे की रौनक वापस लाना बहुत ही मुश्किल है.

4. लीवर पर खतरा

लीवर खाना पचाने का काम करता है. ऐसे में अगर वज़न कम करने के लिए आप भूखे रहने का तरीका अपनाते हैं तो आपको गैस की प्रॉब्लम हो सकती है और साथ ही लीवर में सूजन भी आ सकती है. इसलिए पतला होने के लिए भूखे न रहें. बॉडी की ज़रूरत के हिसाब से खाना ज़रूर खाएं.

5. ज़रूरत से ज़्यादा थकान

खाना आपकी बॉडी को एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद करता है ऐसे में अगर बॉडी को सही मात्रा में खाना नहीं मिले तो शरीर जल्दी थकने लगता है. थोड़ा सा भी काम करने के बाद थकान और कमज़ोरी महसूस होने लगती है. इसलिए भूखे मत रहिये बल्कि पतले होने के लिए कोई और ऑप्शन चुनिए.

GHMC: चुनाव के नतीजों पर बोले ओवैसी, बीजेपी हमेशा एक कैसेट दोहराती है

0

ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव (GHMC) में भारतीय जनता पार्टी 48 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है जबकि असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) 44 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है। इसको लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उनकी पार्टी ने जहां लोगों से विकास की बात की वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ध्रुवीकरण की हर संभव कोशिश की।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने रोहिंग्या, बांग्लादेशी, अफगानिस्तानी आदि मुद्दों को उठाया। यही नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर ओवैसी ने कहा कि जहां पर वह (योगी) आए वहां पर बीजेपी हार गई।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘बीजेपी हमेशा एक ही कैसेट दोहराती है। इसमें रोहिंग्या, बांग्लादेशी, अफगानिस्तानी आदि बातें रहती हैं। अगर इन्हें इन मुद्दों पर चुप करा दिया जाए तो ये लोग गूंगे नजर आएंगे।’

99 से घटकर 55 पर आई TRS

जीएचएमसी चुनाव में टीआरएस ने सबसे ज्यादा 55 सीटें जीतीं। हालांकि, पार्टी 99 से 55 पर आ गई है। वहीं कांग्रेस के खाते में इस बार भी सिर्फ दो सीटें आईं। अपने नगरसेवकों को संदेश देते हुए ओवैसी ने कहा कि वे शनिवार से ही अपना काम शुरू कर दें। टीआरएस की जीत पर ओवैसी ने कहा कि वह अभी भी तेलंगाना में एक दुर्जेय पार्टी है। साथ ही तेलंगाना की क्षेत्रीय भावना का प्रतिनिधित्व करती है। ओवैसी ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि पार्टी प्रमुख केसीआर चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे।’

Corona Update: मध्य प्रदेश में 31 मार्च तक 8वीं तक के स्कूल बंद रहेंगे

0

संक्रमण (Corona) के बढ़ते मामलों को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड के चलते प्रदेश में पहली से 8वीं तक के क्लास 31 मार्च तक बंद रहेंगी। साथ ही, 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी नहीं होंगी।

आगामी एकेडमिक सेशन 1 अप्रैल 2021 से प्रारंभ होगा। पहली से 8वीं तक प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। कक्षा 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ली जाएंगी। इनकी क्लासेज जल्द शुरू होंगी। क्लास में कोविड गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। क्लास 9 व 11 के स्टूडेंट्स को हफ्ते में एक या दो दिन स्कूल बुलवाया जाएगा।

Corona Update: हरियाणा के मंत्री अनिल विज पॉजिटिव पाए गए।

हरियाणा के मंत्री अनिल विज शनिवार को कोरोना (Corona)पॉजिटिव पाए गए। 20 नवंबर को अंबाला के एक हॉस्पिटल में उन्हें तीसरे फेज के ट्रायल के तहत को-वैक्सीन का डोज दिया गया था। उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने संपर्क में आए लोगों से जल्द से जल्द कोरोना (Corona) टेस्ट कराने को कहा है।

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 96 लाख के पार हो गया। पिछले 5 दिनों में एक्टिव केस में 38 हजार 10 की कमी आई है। शुक्रवार को देश में 36 हजार 711 नए नए मामले सामने आए, जबकि 42 हजार 359 लोगों ने कोरोना को मात दी। वहीं, पिछले 24 घंटे में 510 लोगों की जान गई।

देश में अब तक 96 लाख 8 हजार 519 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 4 लाख 8 हजार 401 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 90 लाख 58 हजार 061 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1 लाख 39 हजार 737 हो गई है। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।

Health: सेब और चुकंदर का जूस(Juice) बढ़े हुए वजन को तेजी से करता है कम, जानें कैसे बनाएं

Health: आज के समय हर कोई परफेक्ट बॉडी बनाना चाहता है. शरीर पर बढ़ा हुआ वजन कम करना हर किसी के लिए एक बड़ा टास्क बनता जा रहा है, जिसे पूरा करने में कई बार असफलता हाथ लग रही है. ऐसे में चुकंदर और सेब का जूस(Juice) बढ़े हुए वजन को तेजी से कम करता है।फलों के जूस(Juice) में आवश्यक विटामिन और प्रोटीन होते हैं, जो शरीर की आवश्यकताओं को पूरा भी करते हैं. 

कुछ लोग अपनी डाइट को काफी हद तक कम करके बढ़ा हुआ वजन कम करना चाहते हैं. हालांकि, इस कारण उनके शरीर में कमजोरी आ जाती है. अगर आप डाइटिंग करने में सक्षम नहीं हैं तो आप अपने बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए ड्रिंक्स का सहारा भी ले सकते हैं. रोजाना फलों के जूस(Juice) को अपनी डाइट में शामिल करने से वजन को प्रभावी तौर पर कम किया जा सकता है. 

चुकंदर और सेब में आमतौर पर काफी मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं. जो शरीर की आवश्यकता को पूरा करते हैं. सेब में फाइबर(Fibre), विटामिन सी(Vitamin-C), नाइट्रेट्स (Nitrates)और फोलेट(Folate) पाया जाता है जो पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है और वजन कम करने में सहायक होता है.

चुकंदर और सेब का जूस (Juice) बनाने के लिए 3 चुकंदर, 2 सेब लेकर उन्हें छील लें, फिर इसमें आधे नींबू का रस, एक चम्मच शहद, तीन पुदीने के पत्ते और थोड़ा सा गुड़ लेकर इसे तैयार कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल रोजाना सुबह में नाश्ते के तौर पर किया जाना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.

Malaika Arora का हॉट फोटोशूट हॉटनेस का ओवरडोज प्राकृतिक रूप से Breast Size को कैसे कम करें इन खाद्य पदार्थों के साथ अपने Sexual Health में सुधार करें Janhvi Kapoor एसिड येलो में स्टनिंग लगी Alia Bhatt ने हरे रंग के कट-आउट गाउन में ग्लैमर का तड़का लगाया Disha Patani; बीच डेस्टिनेशन पर छुट्टियां मना रही अभिनेत्री विश्वसुंदरी Aishwarya ने वैश्विक मंच पर किया राज