spot_img
होम ब्लॉग पेज 1879

Vitamin D का सही लेवल प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे को बना सकता है ज्यादा बुद्धिमान।

Vitamin D: वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा विटामिन डी लेवल मष्तिस्क के विकास में सहायक है और बच्चे की बुद्धि को बढ़ा सकता है. इसका मतलब हुआ कि प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी का लेवल जितना ज्यादा होगा, उतना ही बच्चों की बुद्धि में बढ़ोतरी की संभावना होगी. शोध में इस बात पर भी रोशनी डाली गई है कि विटामिन डी की कमी सामान्य आबादी के अलावा गर्भवती महिलाओं में आम है. लेकिन काले रंग की महिलाओं को ज्यादा खतरा है क्योंकि स्किन के प्राकृतिक रंगद्रव्य (मेलानिन पिगमेंट) विटामिन के उत्पादन को घटा देता है.

यह भी पढ़ें : किडनी से सम्बंधित समस्याओं को जानना आपके लिए है बेहद ज़रूरी।

माना जाता है कि मेलानिन पिगमेंट सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन की रक्षा करता है. शोध के मुताबिक, काली गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी के लेवल में स्पष्ट रूप से ज्यादा कमी देखी गई. वैज्ञानिकों ने 46 फीसद गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी का पता लगाया गया खासकर काली महिलाओं में समस्या ज्यादा आम पाई गई.

शोध के नतीजे को वैज्ञानिकों ने बताया भविष्य के लिए अहम

बुद्धि से संबंधित कई फैक्टर को मद्देनजर रखते हुए वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में विटामिन डी का ज्यादा लेवल और 4-6 साल की उम्र के बच्चों में ज्यादा बुद्धि के बीच संबंध मौजूद है. हालांकि, इस तरह के विश्लेषणात्मक अध्ययन से वजह  को साबित नहीं किया जा सका मगर भविष्य में नतीजे के महत्वपूर्ण अर्थ होंगे और बड़े पैमाने पर शोध करना होगा. उन्होंने बताया कि विटामिन डी की कमी पर काबू पाना संभव है और इसका सबसे आसान हल सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल है. इसके अलावा, मछली, अंडे और फोर्टिफाइड मिल्क से भी विटामिन डी को शरीर का हिस्सा बनाया जा सकता है. लेकिन गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की आदर्श मात्रा पर और शोध किए जाने की जरूरत है.

श्रीराम कॉलेज की छात्रा की खुदकुशी का मामला: राहुल गांधी ने केंद्र पर हमला बोला, नोटबंदी और लॉकडाउन पर उठाए सवाल।

नईदिल्ली: दिल्ली के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज (Lady Shri Ram College) की 19 साल की छात्रा ऐश्वर्या रेड्डी द्वारा आत्महत्या करने के मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऐश्वर्या लेडी श्रीराम कॉलेज से बीएससी मैथमेटिक्स की छात्रा थी. 12वीं कक्षा में 95 फीसदी अंक हासिल करने वाली ऐश्वर्या ने दो नवंबर को अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. ऐश्वर्या ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी पढ़ाई परिवार पर बड़ा आर्थिक बोझ बन गई है. लेकिन अगर वह पढ़ नहीं सकती तो उसे जीने का हक नहीं है. दिल्ली में ऐश्वर्या के एडमिशन के लिए भी उनके पिता श्रीनिवास ने घर को गिरवी रखकर दो लाख रुपये का लोन लिया था, जिसकी किस्त वह अभी तक चुका रहे हैं. श्रीनिवास का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान दुकान बंद रहने से वित्तीय हालत और खराब हो गई. छह माह बाद दोबारा दुकान खुलने के बावजूद कारोबार पटरी पर नहीं आ पाया था.

राहुल  (Rahul Gandhi) ने कहा कि जानबूझकर की गई नोटबंदी और देशबंदी से भाजपा सरकार ने अनगिनत घर उजाड़ दिए हैं, यही सच्चाई है. उन्होंने छात्रा के परिवारजनों के साथ संवेदना भी जताई. 

राहुल गांधी नोटबंदी, लॉकडाउन जैसे कदमों को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं. रविवार को नोटबंदी के चार साल पूरे होने के मौके पर भी उन्होंने इसे गरीब विरोधी कदम बताया था. राहुल ने आरोप लगाया था कि नोटबंदी के जरिये कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया गया. ऐश्वर्या तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले की रहने वाली थी और उसके पिता मोटर मैकेनिक थे. पिता का कहना है कि उनकी बेटी आईएएस बनने का सपना देखा करती थी, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि लॉकडाउन के दौरान उसके लिए एक पुराना लैपटॉप ही खरीद सकें.  

दलाई लामा ने अमेरिका के अगले राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो बाइडन को बधाई दी।

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने रविवार को अमेरिका के अगले राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो बाइडन को बधाई दी और कहा कि जलवायु परिवर्तन वास्तव में दबाव डाल रहा है।

उन्होंने बाइडन को पत्र लिखकर कहा, शायद आप जानते होंगे कि मैं लंबे समय से अमेरिका में स्वतंत्रता, लोकतंत्र, धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के शासन का प्रशंसक रहा हूं। मानवता को लोकतांत्रिक दृष्टि और मुक्त विश्व के नेता के रूप में अमेरिका के नेतृत्व से बहुत उम्मीदें हैं। विशेष रूप से इस चुनौतीपूर्ण समय में मुझे आशा है कि आप पहले से ज्यादा शांतिपूर्ण दुनिया को आकार देने में योगदान करेंगे, जिससे गरीबी और अन्याय से पीड़ित लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही जलवायु में परिवर्तन वास्तव में दबाव डाल रहा है और इस पर काम करना बहुत जरूरी है। उन्होंने आगे कहा, कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति बनाने के लिए भी मैं आपकी सराहना करता हूं।

धर्मगुरु ने कहा, मैं मानवीय मूल्यों, धार्मिक सद्भाव और अहिंसा और करुणा के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हूं और मुझे लगता है कि इसकी आज की दुनिया में बहुत ज्यादा जरूरत है। मैं इस साल सितंबर में आपके बयान के साथ-साथ कांग्रेस और पिछले प्रशासन के दौरान तिब्बती लोगों को दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। अमेरिकी लोगों और वहां के राष्ट्रपतियों से उत्साह और दोस्ती पाना तिब्बती लोगों का सौभाग्य है, जो शांति, अहिंसा और करुणा की हमारी प्राचीन बौद्ध संस्कृति की रक्षा कर रहे हैं। सभी तिब्बतियों की ओर से मैं आभार व्यक्त करता हूं।

US Presidential Election: लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल करने में असफल रहने वाले डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 11वें राष्ट्रपति हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन ने मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पटखनी देते हुए बाजी मार ली है। इसी के साथ डोनाल्ड ट्रंप का नाम, अमेरिका के उन 11 राष्ट्रपतियों की सूची में दर्ज हो गया है जिन्होंने इस पद पर बने रहने के लिए लगातार दोबारा जीत हासिल करने की नाकाम कोशिशें की थीं। रिचर्ड निक्सन के इस्तीफे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बने गेराल्ड फोर्ड 1976 में दोबारा राष्ट्रपति बने रहने के अपने प्रयासों में सफल नहीं हुए थे। 

Donald Trump is the 11th US President to fail for a second consecutive term

ट्रंप से पहले दोबारा चुनाव में पराजित होने वाले अंतिम राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (1992 में) थे। ग्रोवर क्लीवलैंड 1888 में दोबारा राष्ट्रपति बनने के अभियान में हार गए थे लेकिन वह 4 साल बाद तत्कालीन राष्ट्रपति बेंजामिन हैरिसन को हराकर फिर से राष्ट्रपति बन गए थे। सीएनएन की खबर के अनुसार वह अमेरिकी इतिहास में एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति रहे जो दो बार राष्ट्रपति रहे लेकिन लगातार दो कार्यकाल में नहीं। सीएनएन के अनुसार इस सूची में उन राष्ट्रपतियों के नाम नहीं हैं जिन्हें उनसे अगले कार्यकाल के लिए होने वाले आम चुनाव में उनकी पार्टी की ओर से उम्मीदवर नहीं बनाया गया। तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी जो बाइडेन ने अपने प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन उम्मीदवार और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हराया है। 

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की सरकार को सलाह, नए पैकेज की जरूरत नहीं

0

नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान का मानना है कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कोई नया प्रोत्साहन पैकेज देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बजाय यह अधिक महत्वपूर्ण होगा कि सरकार पहले जिस पैकेज की घोषणा कर चुकी है, उसे खर्च किया जाए। जालान ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वित्तीय प्रोत्साहन पहले ही दिया जा चुका है। आप पहले जो घोषणा कर चुके हैं उसे खर्च करने की जरूरत है। इसके अलावा विभिन्न घोषणाओं का क्रियान्वयन करने की जरूरत है। यह राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को फिर बढ़ाने से अधिक महत्वपूर्ण है।” जालान ने कहा कि सरकार ने महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए नीतियों की घोषणा कर महत्वपूर्ण काम किया है।  

सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए मई में 20 लाख करोड़ रुपये के ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपने पहले से घोषित सभी संसाधन खर्च कर दिए हैं, तो उसके बाद राजकोषीय घाटे को बढ़ाया जाना चाहिए।’’ अभी तक सरकार तीन दौर के प्रोत्साहन पैकेजों की घोषणा की चुकी है। आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने हाल में कहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द अगले दौर के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करेंगी। 

देश की वृहद आर्थिक स्थिति पर एक सवाल के जवाब में जालान ने कहा कि कोविड-19 का आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। लेकिन अब भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरोद्धार की राह पर है। केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा, ‘‘ऐसी उम्मीद है कि नौकरियों और वृद्धि में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई 2021 के अंत तक हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि यदि अगले कुछ माह के दौरान कोविड-19 का संकट फिर शुरू नहीं होता है, तो 2021-22 में निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरेगी। उन्होंने कहा कि 2021-22 में वृद्धि दर 6 से 7 प्रतिशत रह सकती है। 

हालांकि, इसके साथ जालान ने कहा, ‘‘इसके लिए हमें इंतज़ार करना होगा। देखना होगा कि कोविड-19 का संकट और तो नहीं बढ़ता है।’’ रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) तथा विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: 10.3 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है। 

उद्धव ठाकरे : कोरोना का एक और दौर आने से इनकार नहीं किया जा सकता।

0

महाराष्‍ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि कोरोना का एक और दौर आने से इनकार नहीं किया जा सकता। हमें अब भी पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। कोरोना का सामना करने के लिए बनाए गए नियम-कानून का कड़ाई से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद 9वीं व 12वीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी, लेकिन उसके लिए पहले तैयारी करनी होगी। विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर छिड़काव, सैनेटाइजेशन, साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा।

शनिवार को वेबिनार बैठक में मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि वैश्विक स्थिति को देखते हुए कोरोना की एक और लहर की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। दिवाली के बाद अगले कुछ दिन तक और सतर्क रहने की आवश्यकता है। जिन स्कूलों में आइसोलेशन केंद्र स्थापित किए गए थे, उन्हें बंद नहीं किया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन को यह तय करना चाहिए कि क्या ऐसी जगहों के स्कूलों को वैकल्पिक स्थानों पर शुरू किया जा सकता है।

 स्कूलों की स्वच्छता, शिक्षकों के कोरोना निरीक्षण जैसे सभी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने छात्रों के माता-पिता से अपील की है कि अगर उनके बच्चे की तबीयत खराब है या फिर परिवार में किसी सदस्य की तबीयत खराब है, तो वे अपने बच्चों को स्कूल में नहीं भेजें। इस अवसर पर स्कूली शिक्षा मंत्री गायकवाड ने कहा कि स्कूल शुरू होने से पहले सभी शिक्षकों की आरटीपीसीआर की जांच 17 से 22 नवंबर के दरम्यान स्थानीय प्रशासन के माध्यम से की जाएगी। इसके अलावा, विद्यार्थियों की थर्मल चेकिंग की जाएगी। एक बेंच पर एक छात्र को बैठाया जाएगा। राज्य मंत्री बच्चु कडू ने कहा कि स्कूल चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जाएंगे।

Malaika Arora का हॉट फोटोशूट हॉटनेस का ओवरडोज प्राकृतिक रूप से Breast Size को कैसे कम करें इन खाद्य पदार्थों के साथ अपने Sexual Health में सुधार करें Janhvi Kapoor एसिड येलो में स्टनिंग लगी Alia Bhatt ने हरे रंग के कट-आउट गाउन में ग्लैमर का तड़का लगाया Disha Patani; बीच डेस्टिनेशन पर छुट्टियां मना रही अभिनेत्री विश्वसुंदरी Aishwarya ने वैश्विक मंच पर किया राज