Kolkata में जूनियर डॉक्टरों और नागरिकों ने मंगलवार को सीबीआई के साल्ट लेक स्थित कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने सीबीआई पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार-हत्या मामले में जांच में अनावश्यक देरी करने और अपराधियों को बचाने के लिए कोलकाता पुलिस के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया।
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Kolkata Rape-Murder Case
प्रतीकात्मक विरोध और झड़प:
प्रदर्शनकारियों ने सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय के गेट पर प्रतीकात्मक रूप से ताला लगाया। जब सुरक्षाकर्मियों ने ताला हटाने का प्रयास किया, तो डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि सीबीआई की निष्क्रियता से न्याय की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं। एक डॉक्टर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “अगर यह जांच इसी तरह चलती रही, तो सीबीआई को कोलकाता में अपना कार्यालय बंद कर देना चाहिए।”
विरोध की व्यापकता:
प्रदर्शन को “अभया” नाम की डॉक्टर को न्याय दिलाने के आंदोलन का हिस्सा बताया गया। अभय मंच और डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने एस्प्लेनेड के डोरीना क्रॉसिंग पर धरना दिया। रात में प्रदर्शनकारियों ने ‘द्रोहर अलो जलान’ पहल के तहत मोमबत्तियाँ जलाकर अपनी मांगों को दोहराया।
मानव श्रृंखला और प्रदर्शन विस्तार:
आंदोलनकारियों ने मानव श्रृंखला बनाकर अपनी एकजुटता दिखाई और कहा कि विरोध प्रदर्शन 31 दिसंबर तक जारी रहेगा। इसके लिए वे अदालत से अनुमति की मांग करेंगे।
मामले की पृष्ठभूमि:
9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में एक महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। सीबीआई ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है। आरोपों के अनुसार, रॉय ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से अपराध किया।
न्याय की मांग:
डॉक्टरों और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जांच की धीमी गति अपराधियों को बचाने का प्रयास है। Kolkata उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्रदर्शन की अनुमति दी थी, और आंदोलनकारियों ने न्याय दिलाने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है।
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