Puliyodharai (इमली चावल) एक प्रसिद्ध और स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जो इमली, मसालों, और ताजे तिल के मिश्रण से तैयार किया जाता है। यह खासकर तमिलनाडु, कर्नाटका, और आंध्र प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है। Puliyodharai व्यंजन की खासियत उसका खट्टापन और तीव्र मसाले होते हैं, जो इसे एक बेहतरीन स्वाद प्रदान करते हैं। इस लेख में Puliyodharai बनाने की पूरी विधि, सामग्री, और सर्व करने के विकल्पों के साथ-साथ इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
सामग्री की तालिका
पुलियोधरई (इमली चावल) बनाने की सम्पूर्ण विधि

Puliyodharai (Puliogare) या इमली चावल दक्षिण भारतीय व्यंजन है जो अपनी खास खटास और तीव्र स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। यह खासकर तमिलनाडु, कर्नाटका, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लोकप्रिय है। इसे चावल, इमली, मसाले और ताजे ताजे तिल के साथ पकाया जाता है, जो एक बेहतरीन स्वाद और पाचकता प्रदान करता है। पुलियोधरई आमतौर पर नाश्ते या लंच में खाया जाता है और इसे खासतौर पर त्योहारी अवसरों, पूजा या त्योहारों पर तैयार किया जाता है।
Puliyodharai व्यंजन ताजगी और पोषण से भरपूर होता है। इमली के खट्टेपन और मसालों की सही मिलावट इसे एकदम लाजवाब बनाती है। Puliyodharai को बनाने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है, लेकिन एक बार यह बन जाए तो इसके स्वाद को पाकर कोई भी खुश हो जाता है।
आइए, Puliyodharai बनाने की विस्तृत विधि और इसके सभी पहलुओं को समझते हैं।
पुलियोधरई बनाने की सामग्री:
सामग्री (4-5 लोगों के लिए):
- चावल (Basmati या सामान्य): 1 कप (2-3 लोगों के लिए)
- इमली: 1/4 कप (ताजे इमली का उपयोग करें या इमली का पेस्ट)
- तलने के लिए तेल: 2-3 बड़े चम्मच
- सरसों: 1/2 चम्मच
- जीरा: 1/2 चम्मच
- हल्दी: 1/4 चम्मच
- मिर्च पाउडर (लाल): 1/2 चम्मच
- धनिया पाउडर: 1 चम्मच
- सौंफ: 1/2 चम्मच
- तिल (तिल का पेस्ट): 2 चम्मच (ताजा तिल को भूनकर पेस्ट बना लें)
- नींबू का रस (वैकल्पिक): 1 चम्मच
- नमक: स्वाद अनुसार
- पानी: इमली को उबालने के लिए
- हिंग (असाफेटिडा): 1/4 चम्मच
- काजू और मूंगफली (वैकल्पिक): 1/4 कप
- करी पत्ते: 6-7 पत्तियां
पुलियोधरई बनाने की विधि:
1. चावल पकाना:
Puliyodharai बनाने के लिए सबसे पहले चावल को अच्छे से धोकर पका लें। चावल को हल्का नरम और फुला हुआ पकाना चाहिए।
- चावल को पकाने का तरीका: एक बर्तन में 2 कप पानी और चावल डालकर उसे अच्छे से पकाएं। चावल पूरी तरह से पककर नरम हो जाए तो इसे छलने में डालकर अतिरिक्त पानी निकाल लें।
आप चाहें तो चावल को प्रेशर कुकर में भी पका सकते हैं। इसमें 2 सीटी लगाकर चावल पकाया जा सकता है। जब चावल तैयार हो जाएं तो इसे एक तरफ रख दें ताकि वह ठंडा हो सके।
2. इमली का पेस्ट तैयार करना:
इमली चावल के प्रमुख तत्व में इमली का खट्टापन होता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इमली को सही से तैयार किया जाए।
- इमली को उबालना: एक बर्तन में इमली डालें और उसमें 1/2 कप पानी डालकर उबालें। 5-7 मिनट तक उबालने के बाद इमली को ठंडा होने दें।
- इमली का पेस्ट बनाना: उबाली हुई इमली को हाथों से अच्छे से मसल लें ताकि उसका गूदा बाहर निकल आए। अब उस गूदे को छानकर उसका पेस्ट तैयार कर लें। अगर इमली का पेस्ट ज्यादा गाढ़ा हो तो थोड़ा पानी डालकर उसे पतला कर सकते हैं।
3. मसाला तैयार करना:
Puliyodharai का स्वाद मसालों और इमली के पेस्ट से आता है। यह मसाला पुलियोधरई को खास बनाता है।
- तलना: एक कढ़ाई में 2-3 चम्मच तेल डालें और उसमें सरसों, जीरा, करी पत्ते और हिंग डालें। इसे थोड़ा भूनने के बाद, उसमें सौंफ, लाल मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर डालें। इसे अच्छे से मिला लें।
- इमली का पेस्ट डालना: अब इस मसाले में इमली का पेस्ट डालें और उसे अच्छे से भूनने दें। जब इमली का पेस्ट थोड़ा गाढ़ा हो जाए और उसमें से खुशबू आने लगे तो समझिए कि मसाला तैयार है।
- तिल का पेस्ट डालना: अब इस मिश्रण में तिल का पेस्ट डालें और उसे अच्छे से मिलाएं। तिल का पेस्ट Puliyodharai को एक विशेष स्वाद देता है।
4. चावल में मसाला मिलाना:
अब जब मसाला तैयार हो जाए और चावल भी ठंडे हो जाएं, तो दोनों को मिलाने का समय है।
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- चावल में मसाला मिलाना: पके हुए चावलों को एक बड़े बर्तन में डालें और उसमें तैयार इमली और मसाले का मिश्रण डालें। इसे अच्छे से मिला लें ताकि मसाला पूरे चावल में समा जाए। आप चाहें तो थोड़ा सा नींबू का रस भी डाल सकते हैं ताकि खट्टापन और बढ़ जाए।
- काजू और मूंगफली डालना (वैकल्पिक): अगर आप काजू और मूंगफली डालना चाहते हैं तो उन्हें तलकर चावल में मिला सकते हैं। यह चावलों को क्रंच और स्वाद देता है।
5. पुलियोधरई का अंतिम रूप:
Puliyodharai अब तैयार है। इसे आप परोसने से पहले कुछ देर के लिए ढककर रख सकते हैं ताकि सारे मसाले अच्छे से चावलों में समा जाएं और स्वाद पूरी तरह से विकसित हो।
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पुलियोधरई के साथ सर्व करने के विकल्प:
- प्याज और टमाटर का सलाद: Puliyodharai के साथ एक हल्का सा सलाद भी परोसा जा सकता है। प्याज, टमाटर और हरी मिर्च का सलाद इस व्यंजन के स्वाद को और भी बढ़ा देता है।
- नारियल की चटनी: यह चटनी Puliyodharai के खट्टेपन के साथ अच्छा तालमेल बैठाती है। नारियल, हरी मिर्च और ताजे धनिये से बनी चटनी का स्वाद पुलियोधरई के साथ बेहतरीन लगता है।
- पापड़: Puliyodharai के साथ एक कुरकुरी पापड़ भी अच्छा लगता है, जो इसके स्वाद को बढ़ा देता है।
पुलियोधरई के स्वास्थ्य लाभ:
- पौष्टिकता से भरपूर: पुलियोधरई में चावल, तिल, मूंगफली और इमली होते हैं, जो प्रोटीन, फाइबर, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण मिनरल्स से भरपूर होते हैं।
- पाचन में मदद: इमली और ताजे मसाले पाचन को उत्तेजित करते हैं और आंतों की सफाई में मदद करते हैं। पुलियोधरई पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक है।
- ऊर्जा का स्रोत: चावल एक अच्छा ऊर्जा का स्रोत है, जो दिनभर के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। तिल और मूंगफली से प्राप्त स्वस्थ वसा भी शरीर के लिए फायदेमंद होती है।
- वजन नियंत्रण: पुलियोधरई का सेवन यदि सीमित मात्रा में किया जाए तो यह वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है।
निष्कर्ष:
पुलियोधरई (इमली चावल) एक स्वादिष्ट और पौष्टिक दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जो किसी भी दिन के भोजन को विशेष बना सकता है। इमली के खट्टेपन, मसालों की तीव्रता और तिल के पेस्ट का संयोजन इस व्यंजन को अनोखा और स्वादिष्ट बनाता है। यह न केवल स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद है। इसे नाश्ते, लंच या विशेष अवसरों पर बनाया जा सकता है।
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