Red Fort भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित एक भव्य ऐतिहासिक दुर्ग है, जिसे मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था। लाल बलुआ पत्थर से निर्मित यह किला न केवल मुग़ल स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम, सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी है। हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर यहीं से भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं और तिरंगा फहराते हैं। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित यह किला भारत की गौरवशाली अतीत की कहानी कहता है, जो आज भी लाखों पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करता है।
सामग्री की तालिका
लाल किला: भारत की ऐतिहासिक पहचान और गौरव का प्रतीक
Red Fort भारत एक ऐसा देश है जिसकी धरती पर अनेक साम्राज्य आए और गए, लेकिन उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ दी। भारत के ऐतिहासिक स्मारक न केवल स्थापत्य की दृष्टि से अद्भुत हैं, बल्कि वे देश की सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत को भी दर्शाते हैं। इन्हीं महान धरोहरों में से एक है लाल किला, जिसे अंग्रेज़ी में Red Fort कहा जाता है। यह किला दिल्ली के केंद्र में स्थित है और भारत के इतिहास, संघर्ष और स्वतंत्रता का एक सजीव प्रतीक है।
लाल किले का इतिहास
निर्माण और संस्थापक
Red Fort का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने करवाया था। उन्होंने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित किया और 1638 ई. में नई राजधानी “शाहजहानाबाद” की स्थापना की। इसी दौरान, Red Fort का निर्माण आरंभ हुआ और यह लगभग 10 वर्षों में पूर्ण हुआ (1648 में)। इसे मुख्य रूप से राजा के निवास के लिए बनाया गया था।
शाहजहाँ की दृष्टि
शाहजहाँ ने आगरा के Red Fort के मुकाबले दिल्ली में एक अधिक भव्य और सुरक्षित किला बनवाने का निर्णय लिया। Red Fort उस समय वास्तुकला का एक अत्यंत उत्कृष्ट उदाहरण था, जिसमें भारतीय, फारसी और इस्लामी शैली का सुंदर समावेश था।
लाल किले की वास्तुकला
मुख्य सामग्री और रंग
लाल किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है, जिससे इसका रंग लाल दिखाई देता है। इसी कारण इसे “Red Fort” कहा गया। किले के भीतर कुछ भागों में संगमरमर का भी उपयोग किया गया है।
मुख्य द्वार
Red Fort के दो प्रमुख द्वार हैं:
- लाहौरी गेट – यह किले का मुख्य द्वार है जहाँ से स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
- दिल्ली गेट – यह दक्षिण दिशा में स्थित है और समान रूप से भव्य है।
प्रमुख संरचनाएँ
- दीवाने-आम – जहाँ आम जनता को दरबार में आने की अनुमति होती थी और बादशाह उनकी समस्याएँ सुनते थे।
- दीवाने-खास – यह राजा का निजी दरबार था जहाँ केवल विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया जाता था।
- मुमताज़ महल, रंग महल, खास महल – ये शाही परिवार की महिलाओं और बादशाह के निवास स्थान थे।
- नहर-ए-बहिश्त – एक सुंदर जलधारा प्रणाली जो महलों से होकर बहती थी, जिससे शीतलता और सुंदरता बनी रहती थी।
- मोती मस्जिद – औरंगज़ेब द्वारा बनवाई गई एक निजी मस्जिद।
दीवारें और बुर्ज
Red Fort की दीवारें लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी हैं और इसकी ऊँचाई लगभग 18 से 33 मीटर तक है। इसके चारों कोनों पर बुर्जें और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई थीं।
लाल किले का राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व
स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
1857 की पहली आज़ादी की लड़ाई के दौरान, लाल किला क्रांतिकारियों के लिए एक प्रतीक बन गया था। जब बहादुर शाह ज़फ़र को स्वतंत्रता सेनानियों ने दिल्ली का सम्राट घोषित किया, तो लाल किले को उनका केंद्र माना गया।
ब्रिटिश शासन के दौरान
1857 के विद्रोह के बाद, अंग्रेज़ों ने Red Fort पर कब्ज़ा कर लिया और इसके कई हिस्सों को नष्ट कर दिया। कई कीमती चीज़ें, कलाकृतियाँ और जौहरियाँ अंग्रेज़ अपने साथ इंग्लैंड ले गए।
स्वतंत्र भारत में लाल किले की भूमिका
15 अगस्त 1947 को, जब भारत आज़ाद हुआ, तब भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से तिरंगा फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया। यह परंपरा आज भी हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर निभाई जाती है।
संस्कृति और विरासत
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
2007 में, लाल किले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। यह भारत की विविध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और स्थापत्य धरोहर का प्रमाण है।
प्रदर्शनी और संग्रहालय
किले के भीतर कई संग्रहालय बनाए गए हैं जैसे:
- आज़ादी के अमृत महोत्सव से जुड़े संग्रहालय
- 1857 की क्रांति संग्रहालय
- भारत छोड़ो आंदोलन संग्रहालय
पर्यटन स्थल के रूप में लाल किला
प्रवेश शुल्क और समय
- भारतीय पर्यटकों के लिए नाममात्र शुल्क लिया जाता है, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए अलग शुल्क होता है।
- यह किला सप्ताह में एक दिन (सोमवार) को बंद रहता है।
लाइट एंड साउंड शो
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रात को लाल किले में “लाइट एंड साउंड शो” का आयोजन होता है, जिसमें भारत के इतिहास को रोशनी और आवाज़ के माध्यम से जीवंत किया जाता है।
सुरक्षा और रखरखाव
लाल किले की सुरक्षा अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और CISF द्वारा की जाती है। समय-समय पर इसके संरक्षण हेतु विशेष योजनाएँ चलाई जाती हैं।
लाल किले से जुड़े रोचक तथ्य
- लाल किला पहले सफेद रंग का था – बाद में ब्रिटिश काल में इसका रंग लाल किया गया।
- किले की नहर-ए-बहिश्त (स्वर्ग की नहर) वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है।
- यह किला मुग़ल स्थापत्य के चरमोत्कर्ष को दर्शाता है।
- यह मुग़ल बादशाहों का लगभग 200 वर्षों तक प्रमुख निवास रहा।
निष्कर्ष
लाल किला सिर्फ एक इमारत नहीं है, यह भारत की आत्मा, संघर्ष का इतिहास, और गौरवशाली संस्कृति का प्रतीक है। यह स्मारक आज भी हमें हमारे अतीत से जोड़ता है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता है। भारत के नागरिकों के लिए यह राष्ट्रीय गौरव का स्थान है जहाँ हर साल तिरंगा फहराया जाता है और स्वतंत्रता की भावना को पुनर्जीवित किया जाता है। इसकी दीवारों में न केवल ईंट और पत्थर हैं, बल्कि इतिहास की धड़कनें भी बसी हुई हैं।
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