विश्व ऑडियो विज़ुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन 2025 (WEAVES) के दूसरे दिन विदेश मंत्री S. Jaishankar ने एक विचारोत्तेजक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने वैश्विक बदलावों में सांस्कृतिक आयाम, तकनीकी नवाचार और रचनात्मकता की भूमिका को रेखांकित किया।
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उन्होंने कहा कि परिवर्तन की प्रक्रिया में एक मजबूत सांस्कृतिक पक्ष होता है, और आज की दुनिया स्वाभाविक रूप से विविधतापूर्ण है। अतीत में उपनिवेशवाद और बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व ने बहुलवाद को दबा दिया था। अब समय है कि अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को अधिक लोकतांत्रिक बनाया जाए — इसके लिए हमारी परंपराओं, विरासत, विचारों और रचनात्मकता को वैश्विक मंच पर स्वर देना होगा।
‘विकसित भारत 2047’ के लिए नवाचार है कुंजी: S. Jaishankar
S. Jaishankar ने प्रौद्योगिकी को इस प्रक्रिया का प्रमुख साधन बताया और कहा कि नवाचार ‘2047 तक विकसित भारत’ की दिशा में छलांग लगाने की कुंजी है। उन्होंने वैश्विक कार्यबल और कार्यस्थल के निर्माण के लिए मानसिकता, नीतियों और प्रथाओं में बदलाव की आवश्यकता बताई।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आज की दुनिया सूचना के अतिप्रवाह से जूझ रही है, और असली चुनौती “ध्यान आकर्षित करना” बन गई है। इसके लिए युवाओं को कौशल और रचनात्मकता से लैस करना अनिवार्य है।
AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जैसे हर तकनीकी उन्नति की अपनी चुनौतियाँ होती हैं, वैसे ही AI की भी होंगी — इसमें प्रामाणिकता, बौद्धिक संपदा, और नैतिकता जैसी चिंताएँ विशेष रूप से प्रमुख रहेंगी। सामग्री का लोकतंत्रीकरण, पूर्वाग्रह में कमी और उत्तरदायी उपयोग आने वाले समय की चर्चा के अहम विषय होंगे।
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