स्पैडएक्स (SPADEX) मिशन, यानी स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इस मिशन के माध्यम से भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करेगा, जो अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। यह प्रयोग 30 दिसंबर को निर्धारित ‘स्पेडेक्स’ या स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट मिशन के तहत किया जाएगा।
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डॉकिंग क्या है?
डॉकिंग का मतलब है दो अंतरिक्ष यानों को एक-दूसरे से जोड़ना। यह एक बहुत ही जटिल और सटीक प्रक्रिया है, जिसके लिए अत्यधिक सटीक गणना और नियंत्रण की आवश्यकता होती है।
SpaDeX मिशन कैसे काम करेगा?
- लॉन्च: इस मिशन में दो उपग्रहों को एक साथ लॉन्च किया जाएगा।
- कक्षा में पहुंचना: दोनों उपग्रह पृथ्वी की एक निश्चित कक्षा में पहुंचेंगे।
- डॉकिंग: एक उपग्रह दूसरे उपग्रह का पीछा करेगा और फिर दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाएंगे।
- अनडॉकिंग: डॉकिंग के बाद, दोनों उपग्रहों को फिर से अलग किया जाएगा।
स्पैडएक्स मिशन का महत्व
- अंतरिक्ष स्टेशन: इस तकनीक का उपयोग भविष्य में अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के लिए किया जा सकता है।
- ईंधन भरना: अंतरिक्ष यानों में ईंधन भरने के लिए भी डॉकिंग तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
- अंतरिक्ष यात्रियों का स्थानांतरण: अंतरिक्ष यात्रियों को एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान में स्थानांतरित करने के लिए भी इस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
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SpaDeX मिशन भारत को अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक अग्रणी देश बनाएगा। इस मिशन की सफलता से भारत अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास पहले से ही इस तरह की तकनीक है।