Mumbai: शिवसेना ने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के आसमान छूते दामों को लेकर को लेकर मोदी सरकार (Modi Govt.) पर हमला बोला है. महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने के बजाय सरकार को देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतें कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके.
Petrol Prices on Fire: Here’s Why
शिवसेना ने ईंधन के बढ़ते दामों पर बॉलीवुड कलाकारों की चुप्पी पर सवाल उठाया. शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में कमी से यह सुनिश्चित होगा कि भगवान राम के भक्तों को खाना मिले. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम देखने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है. मंदिर निर्माण के लिये चंदा इकट्ठा करने का अभियान चल रहा है.
ईंधन के दाम कम होने से राम भक्त भी खुश होंगे
शिवसेना ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी है. राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के बजाय पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दाम नीचे लाइए. ताकि राम भक्तों को इससे खाना मिलेगा और भगवान राम भी इससे खुश होंगे. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने सवाल उठाए कि क्यों जब-तब प्रदर्शन करने वाली बीजेपी (BJP) अब ईंधन के बढ़े दामों को लेकर खामोश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) लगता है ईंधन के मौजूदा बढ़े दामों के लिये पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
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पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर दोष मढ़ा था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत ने अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात किया था जबकि गैस जरूरतों का 53 प्रतिशत हिस्सा आयातित था. शिवसेना ने कहा कि पिछली सरकारों ने इंडियन ऑयल(Indian Oil), ओएनजीसी (ONGC) और भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) जैसे सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किये लेकिन मोदी उन्हें बेच रहे हैं और अब ईंधन के बढ़े दामों के लिये पिछली सरकारों पर दोष मढ़ रहे हैं.
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अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन की चुप्पी पर सवाल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा था कि पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दामों को तार्किक स्तर तक नीचे लाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा.‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि यूपीए सरकार (UPA Government) के दौरान पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के बढ़े दामों पर अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं ने अपनी राय व्यक्त की थी. लेकिन पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने के बावजूद अब ये सितारे खामोश हैं. ये हस्तियां चुप्पी साधे हुए हैं क्योंकि उनसे ऐसे ही रहने को कहा गया है.
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कहा, अब आलोचना करने की आजादी नहीं
शिवसेना ने दावा किया कि इसका यह भी मतलब है 2014 से पहले अपनी राय व्यक्त करने, आलोचना करने की स्वतंत्रता थी. अगर कोई सरकार की नीतियों की आलोचना करता था तो उसे राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत जेल में नहीं डाला जाता था. आज हमने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में बढ़ोतरी पर नाराजगी जताने की आजादी तक खो दी है. इसलिये अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन को क्यों अनावश्यक रूप से दोष देना?
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में हाल में अभिनेताओं पर निशाना साधते हुए पूछा था कि वे ईंधन की बढ़ी कीमतों को लेकर क्यों चुप हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र में उनकी फिल्मों का प्रदर्शन बाधित करने की धमकी दी थी.