Dengue एक मच्छर जनित बीमारी है और जलवायु परिवर्तन इस बीमारी के फैलाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आइए जानते हैं कैसे:
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Dengue फैलने में जलवायु परिवर्तन की भूमिका
- मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण: जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि, बारिश के पैटर्न में बदलाव और आर्द्रता में वृद्धि हो रही है। ये सभी कारक डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छरों के अंडे देने और पनपने के लिए आदर्श वातावरण प्रदान करते हैं।
- मच्छरों की भौगोलिक सीमा का विस्तार: गर्म तापमान के कारण Dengue फैलाने वाले मच्छर नए क्षेत्रों में पनपने में सक्षम हो रहे हैं। इससे डेंगू के प्रकोप का खतरा उन क्षेत्रों में भी बढ़ जाता है जहां पहले यह बीमारी नहीं होती थी।
- संक्रमण का बढ़ता मौसम: जलवायु परिवर्तन के कारण डेंगू का प्रकोप पूरे वर्ष देखा जा सकता है, जबकि पहले यह मुख्य रूप से गर्मियों के महीनों में होता था।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना: जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी और प्रदूषण बढ़ने से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे वे डेंगू के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
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Dengue के प्रकोप से निपटने के लिए क्या किया जा सकता है?
- मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना: घरों और आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा होने से रोकें।
- मच्छरदानी का उपयोग करना: सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
- मच्छर भगाने वाले उपायों का उपयोग करना: मच्छर भगाने वाली क्रीम, लोशन या कॉइल का उपयोग करें।
- स्वच्छता का ध्यान रखना: अपने आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें।
- जलवायु परिवर्तन से लड़ना: जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना चाहिए।