अमेरिकी राष्ट्रपति Trump ने हाल ही में भारत समेत 75 देशों पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है। इस अवधि में, इन देशों पर केवल 10% का बेसलाइन टैरिफ लागू होगा, जिससे उन्हें 16% की राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें: Trump प्रशासन का कड़ा कदम: 5.3 लाख प्रवासियों की कानूनी स्थिति समाप्त
हालांकि, पहले ट्रंप ने यह कहते हुए अपने निर्णयों में किसी भी बदलाव की संभावना को नकारा किया था कि, “मेरी नीतियां कभी नहीं बदलेंगी”। उनके इस बयान से साफ था कि वह अपने व्यापारिक दृष्टिकोण पर कायम रहने वाले थे, भले ही इससे व्यापारिक संबंधों में तनाव पैदा हो रहा हो।
Trump का निर्णय क्यों बदला?
सीएनएन द्वारा रिपोर्ट की गई एक विशेष जानकारी के अनुसार, Trump के इस फैसले को बदलने के लिए ट्रेजरी विभाग और व्हाइट हाउस के आर्थिक अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम प्रभावी साबित हुए। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने ट्रंप के सामने अमेरिकी ट्रेजरी बाजार में बिकवाली की चिंता व्यक्त की। इसके बाद व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने उन्हें वैश्विक बाजारों में गिरावट के संभावित प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी।
भारत के प्रमुख व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने इस कदम का स्वागत करते हुए इसे भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में सकारात्मक कदम बताया है। CII के अध्यक्ष ने कहा कि यह निर्णय दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने में सहायक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस अवधि में दोनों पक्ष व्यापार संबंधों पर konstruktive चर्चा करेंगे, जिससे दीर्घकालिक समाधान निकल सके।
टैरिफ पर रोक की घोषणा के बाद, Trump ने संवाददाताओं से कहा कि यह निर्णय “एक योजनाबद्ध रणनीति के बजाय एक आवेग-प्रेरित निर्णय” था, जिससे यह संकेत मिला कि यह निर्णय व्यापारिक दबावों और बाजारों के संभावित प्रभावों के चलते लिया गया। ट्रंप का यह कदम एक तात्कालिक प्रतिक्रिया था, जो पहले से निर्धारित नीति के विपरीत था।
अन्य ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें