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PM Modi का गांधी परिवार पर तंज: “नेहरू इतने ही महान हैं तो उनका सरनेम क्यों नहीं लगाते”

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर नेहरू इतने महान थे तो उनके वंशजों ने उनके अंतिम नाम का इस्तेमाल क्यों नहीं किया।

नई दिल्ली: (PM Modi) प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार पर चुटकी लेते हुए पूछा कि उन्होंने भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू के वंशज होने के बावजूद अपने अंतिम नाम के रूप में नेहरू का उपयोग क्यों नहीं किया।

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गांधी परिवार नेहरू सरनेम के इस्तेमाल से क्यों डरता है: PM Modi

Why is Gandhi family afraid of using Nehru surname: PM Modi

मैंने अखबारों में पढ़ा था कि कम से कम 600 योजनाओं के नाम गांधी-नेहरू के नाम पर रखे गए थे। मैं यह समझने में विफल हूं कि उनके (जवाहर लाल नेहरू) वंशज उनके अंतिम नाम का उपयोग करने से क्यों डरते हैं। अगर वह इतने प्रसिद्ध व्यक्ति थे, तो इसमें शर्म की क्या बात है?” पीएम मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पूछा।

जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के परदादा हैं।

एक अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण अडानी समूह के शेयरों में लगातार गिरावट की पृष्ठभूमि में लगातार नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन जारी रखा।

विपक्षी सांसदों के नारेबाजी और हंगामे के बीच पीएम मोदी के हिंदी दोहे

https://www.youtube.com/watch?v=9qQSv9m6iUA

विपक्ष के लगातार नारेबाजी और विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच PM Modi ने एक हिंदी दोहा उद्धृत किया। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों द्वारा उन पर और उनकी सरकार पर लगाए गए आरोपों के जवाब में माणिक वर्मा की कविता का हवाला देते हुए कहा, “कीचड़ उनके पास था, मेरे पास गुलाल। जो जिस के पास था, उसे दिया उछाल।”

इसका मोटे तौर पर अनुवाद है “उनके पास गंदगी थी और मेरे पास ‘गुलाल’ था, जिसके पास जो कुछ भी था वह हवा में उड़ गया”।

धर्मनिरपेक्षता के क्या मायने

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि उनके और उनकी सरकार के लिए धर्मनिरपेक्षता के क्या मायने हैं।

उन्होंने कहा, “सच्ची धर्मनिरपेक्षता यह सुनिश्चित कर रही है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। हमने प्रौद्योगिकी की शक्ति के साथ कार्य संस्कृति को बदल दिया है। हमारा ध्यान गति बढ़ाने और पैमाने बढ़ाने पर है।”

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