Guruvayur Temple के बारे में 5 अनोखे तथ्य
Guruvayur Temple, केरल का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान कृष्ण के बाल रूप, गुरुवायुरप्पन को समर्पित है। इस मंदिर से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं। आइए जानते हैं उनमें से कुछ:
सामग्री की तालिका
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Guruvayur Temple के बारे में
मूर्ति का रहस्य:
मंदिर में स्थापित भगवान कृष्ण की मूर्ति पत्थर या धातु की नहीं, बल्कि ‘पडाला अंजनम’ नामक एक दुर्लभ मिश्रण से बनी है। यह मिश्रण प्राचीन काल में इस्तेमाल होता था और इसकी विशेषता यह है कि यह समय के साथ काला नहीं पड़ता।
द्वारिका से संबंध:
मान्यता है कि यह मूर्ति मूल रूप से द्वारिका से आई थी। जब द्वारिका में बाढ़ आई थी, तब यह मूर्ति बह गई थी और देवगुरु बृहस्पति को मिली थी। उन्होंने इसे गुरुवायूर में स्थापित किया।
गुरु और वायु का योगदान:
मंदिर का नाम ‘गुरुवायुर’ देवगुरु बृहस्पति (गुरु) और वायु देवता के नाम पर पड़ा है। मान्यता है कि इन्होंने मिलकर इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
कला और साहित्य का केंद्र:
Guruvayur Temple केवल धार्मिक महत्व का ही नहीं, बल्कि कला और साहित्य का भी केंद्र रहा है। यहां कृष्णनट्टम कली का विकास हुआ, जो कथकली नृत्य का एक रूप है। इसके अलावा, कई प्रसिद्ध साहित्यकारों जैसे मेल्पथूर नारायण भट्टाथिरी और पून्थानम का इस मंदिर से गहरा संबंध रहा है।
प्रवेश नियम:
इस मंदिर में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति है।
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अन्य रोचक तथ्य:
- जन्माष्टमी का उत्सव: जन्माष्टमी के दौरान यहां विशेष उत्सव आयोजित किया जाता है और देशभर से भक्त यहां आते हैं।
- मंदिर का वास्तुशिल्प: मंदिर का वास्तुशिल्प केरल की पारंपरिक शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- नारायणीयम और ज्नानाप्पना: यह मंदिर नारायणीयम और ज्नानाप्पना नामक दो प्रसिद्ध साहित्यिक कृतियों से भी जुड़ा हुआ है।