World Kidney Day 2025: खराब जीवनशैली का असर किडनी पर भी पड़ रहा है। आपकी कुछ गलत आदतें किडनी से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकती हैं। किडनी शरीर में खून को फिल्टर करने और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। अगर किडनी में जरा सी भी खराबी आ जाए तो शरीर में कुछ लक्षण साफ दिखने लगते हैं। इन्हें पहचान कर आप किडनी की सेहत का हाल पता लगा सकते हैं।
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हालांकि किडनी फेलियर के लक्षणों को नजरअंदाज करना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। क्योंकि किडनी की बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसलिए किडनी से जुड़े लक्षणों पर जरूर ध्यान दें। जानिए कैसे पता लगा सकते हैं कि आपकी किडनी स्वस्थ है या नहीं।
World Kidney Day 2025: घर पर कैसे चेक करें अपनी किडनी की सेहत?
टॉयलेट का सामान्य तरीके से पास होना: किडनी की बीमारी के लक्षण सबसे पहले टॉयलेट में दिखते हैं। अगर आपको पेशाब से जुड़ी कोई समस्या नहीं है, तो समझ लें कि किडनी में कोई समस्या नहीं है और आपकी किडनी स्वस्थ है। किडनी में समस्या होने पर पेशाब का रंग बदल जाता है या पेशाब कम या ज़्यादा आता है।
सूजन नहीं होना: अगर शरीर में कहीं भी सूजन नहीं है, तो Kidney स्वस्थ है। क्योंकि किडनी के खराब होने पर सूजन की समस्या तेजी से बढ़ती है। किडनी की कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने और खून के फिल्टर न होने की वजह से सूजन की समस्या शुरू होती है। किडनी में कोई समस्या होने पर आंखों और शरीर के निचले हिस्से, पैरों और टखनों में सूजन हो सकती है। अगर ऐसा नहीं है, तो किडनी स्वस्थ है।
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अच्छी नींद: अगर किडनी में कोई समस्या है, तो आपकी नींद भी प्रभावित होती है। नींद का पैटर्न गड़बड़ा जाता है, जो किडनी से जुड़ी बीमारियों की ओर इशारा करता है। अगर आपकी नींद बहुत अच्छी आती है, तो आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है। इसे स्वस्थ किडनी का संकेत माना जाता है।
मांसपेशियां शिथिल होती हैं: अगर मांसपेशियों में ऐंठन नहीं होती और कोई समस्या नहीं होती, तो आपकी किडनी स्वस्थ है। क्योंकि किडनी खराब होते ही मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होने लगती है। अगर ऐसे कोई लक्षण नहीं हैं, तो किडनी स्वस्थ है।
साफ और स्वस्थ त्वचा: अगर आपकी त्वचा साफ और पूरी तरह से स्वस्थ है, तो शरीर स्वस्थ है। किडनी का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। क्योंकि किडनी की बीमारी होने पर त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। खून ठीक से फिल्टर नहीं हो पाता और शरीर डिटॉक्स नहीं हो पाता, जिससे त्वचा में खुजली, रूखी त्वचा और दूसरी समस्याएं होने लगती हैं। अगर इनमें से कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, तो समझ लें कि किडनी स्वस्थ है।
Kidney फंक्शन चेक करने के लिए कौन-सा टेस्ट किया जाता है? डॉक्टर लक्षणों के आधार पर यूरिनलिसिस, यूरिन कल्चर, वोडिंग सिस्टोयूरेथ्रोग्राम, डिजिटल रेक्टल टेस्ट, ब्लड कल्चर, किडनी अल्ट्रासाउंड, शुगर और बीपी टेस्ट और आपकी मेडिकल हिस्ट्री देखकर टेस्ट लिख सकते हैं।
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