CM Rekha Gupta ने सरकारी स्कूलों की दुर्दशा पर जताई चिंता, कहा – सुधार की है सख्त जरूरत
सीएम रेखा गुप्ता ने पूर्ववर्ती सरकार की शिक्षा नीति को "कृत्रिम मॉडल" करार दिया और कहा कि यह सतही और अल्पकालिक थी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री Rekha Gupta ने राजधानी के सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान दिल्ली के शिक्षा ढांचे की खामियों पर गंभीर चिंता जताई।
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उन्होंने कहा कि, “आज स्कूलों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। बुनियादी ढांचा बेहद खराब है।” एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि जिस स्कूल का 2018 में केजरीवाल सरकार द्वारा जीर्णोद्धार किया गया था, वह दो साल से भी कम समय में फिर से अपनी पुरानी स्थिति में लौट आया है।
शिक्षा व्यवस्था पर CM Rekha Gupta का कड़ा रुख
सीएम रेखा गुप्ता ने पूर्ववर्ती सरकार की शिक्षा नीति को “कृत्रिम मॉडल” करार दिया और कहा कि यह सतही और अल्पकालिक थी। उन्होंने हैदरपुर गाँव का उल्लेख करते हुए कहा कि इतनी बड़ी आबादी के बावजूद वहाँ एक भी ऐसा स्कूल नहीं है जहाँ विज्ञान की पढ़ाई हो सके। “यदि पिछले 11 वर्षों में एक भी विज्ञान विद्यालय नहीं खोला गया, तो स्पष्ट है कि शिक्षा नीति किस दिशा में थी,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि स्कूलों में खेल मैदान, बगीचे और बुनियादी सुविधाएँ बदहाल स्थिति में हैं और शिक्षकों व कर्मचारियों की भारी कमी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस पर गंभीरता से कार्य कर रही है और सभी रिक्त पदों की समयबद्ध भर्ती सुनिश्चित की जाएगी।
आगे की योजना पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिल्ली में 75 PM-SHRI स्कूल स्थापित किए जाएँगे, जो गुणवत्ता और सुविधाओं के लिहाज से निजी स्कूलों से भी बेहतर होंगे।
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