spot_img
NewsnowदेशHardoi ज़िले के प्राथमिक विद्यालय रावल में मासूम बच्चों से लगवाई जा...

Hardoi ज़िले के प्राथमिक विद्यालय रावल में मासूम बच्चों से लगवाई जा रही झाड़ू

मासूम बच्चों से लगवाई जा रही विद्यालय में झाड़ू Hardoi ज़िले के ब्लाक टडियावा के प्राथमिक विद्यालय रावल सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

यूपी, हरदोई: Hardoi ज़िले के ब्लाक टडियावा के प्राथमिक विद्यालय रावल में स्कूल का एक मामला सामने आया है, जिसमें काफी छोटे बच्चों से स्कूल में झाड़ू लगवाई जा रही है। 

स्कूलों में लाख कोशिशों के बावजूद व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। शासन स्तर से इन स्कूलों में व्यवस्थाएं सुधारने के नाम पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस है। कभी स्कूलों में बच्चाें से शौचालय साफ करवाया जाता है तो कभी झाड़ू लगवाई जाती है, तो कभी शिक्षिकाएं मोबाइल में व्यस्त रहती हैं। एक बार फिर Hardoi ज़िले के  ब्लाक टडियावा के प्राथमिक विद्यालय रावल में स्कूल का ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें काफी छोटे बच्चों से स्कूल में झाड़ू लगवाई जा रही है।

यह भी पढ़ें: किसानों पर ट्वीट के बाद Varun Gandhi, मां मेनका बीजेपी के शीर्ष निकाय से बाहर

प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए प्रदेश सरकार छात्रों को ड्रेस बैग और पुस्तक निशुल्क दे रही है। मगर शिक्षक छात्रों को पुस्तक की जगह सफाई कराने को झाडू़ थमा देते हैं।

रिपोर्टर – लवी खान, हरदोई यूपी से

शिकायत पर अधिकारी लीपापोती करने में माहिर है। इसी कारण परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं आ पा रहा है। 

Hardoi के प्राथमिक विद्यालयों की सफ़ाई की स्थिति बेहद ख़राब।

क्षेत्र में लगभग 15 प्राइमरी पाठशाला हैं, जिसमें सफाई की स्थिति लगभग शून्य है। ताजा मामला Hardoi विकास खंड टडियावा के गांव रावल का है। जहां नौनिहाल सुबह सवेरे विद्यालय में किताब की जगह झाड़ू लगाते नजर आ रहे है।

रिपोर्टर – लवी खान, हरदोई यूपी से

अब झाड़ू लगाने का वीडियो आप लोग को देख रहे है। मामले को लेकर गांववासियों में आक्रोश है। ग्राम वासियों का आरोप है कि विद्यालय स्टाफ अपनी मनमानी करता है, प्रत्येक दिन बच्चों से ही झाड़ू लगवाते हैं। पहले भी कई बार इसकी शिकायत सम्बंधित अधिकारियों से की गई है, मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने मांग की है कि वीडियो का संज्ञान लेकर उच्चाधिकारी उचित कार्रवाई करें। वरना ऐसे ही बच्चों का भविष्य खराब होता रहेगा।

spot_img