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भारत ने बांग्लादेश और नेपाल को भेजी Corona Vaccine की खेप

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New Delhi: भारत (India) ने सहायता अनुदान एवं पड़ोस प्रथम नीति के तहत बृहस्पतिवार को COVID-19 के टीके (Corona Vaccine) की खेप बांग्लादेश (Bangladesh) और नेपाल (Nepal) को भेजी. इससे एक दिन पहले भूटान और मालदीव को कोविड टीके की खेप भेजी गई थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने टीके की खेप पहुंचने की तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘#टीकामैत्री बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों की उच्च प्राथमिकता की पुष्टि करते हैं.”

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समझा जाता है कि कोविशील्ड टीके (Corona Vaccine) की 20 लाख खुराक बांग्लादेश और 10 लाख खुराक नेपाल को भेजी जा रही हैं. इससे पहले बुधवार को भारत ने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड टीके की 1,50,000 खुराक भूटान को जबकि 1,00,000 खुराक मालदीव को भेजी थी. जयशंकर ने कहा था, ‘‘टीका मैत्री प्रारंभ. भूटान पहुंची इसकी खेप. पड़ोस प्रथम नीति का एक और उदाहरण.” भूटान के विदेश मंत्री तांडी दोरजी ने इस उदार तोहफे के लिये भारत के प्रति आभार जताया था.

भारतीय वायु सेना के एएन32 विमान से भूटान को टीके की खेप भेजी गई. एक ट्वीट में मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने टीके (Corona Vaccine) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को धन्यवाद दिया था. इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, ‘‘अगला गंतव्य बांग्लादेश. भारत निर्मित कोविड टीका बांग्लादेश के लिये रवाना. # टीकामैत्री  #पड़ोस प्रथम.” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मेड इन इंडिया कोविड टीके की खेप नेपाल के लिये रवाना.”

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बताते चलें कि मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत सहायता अनुदान के तहत भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमा, सेशेल्स को कोविड-19 के टीके की आपूर्ति करेगा. भारत दुनिया के बड़े टीका निर्माताओं में से एक है और कोरोनावायरस का टीका खरीदने के लिए काफी देशों ने संपर्क किया है. समझा जाता है कि पाकिस्तान को इसका फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि अभी तक इस पड़ोसी देश ने भारत से संपर्क नहीं किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत आगामी हफ्ते, महीने में चरणबद्ध तरीके से सहयोगी देशों को कोविड-19 टीकों की आपूर्ति करेगा.

किसान बोले, हर हाल में दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर Tractor Rally निकालेंगे

New Delhi: किसान आंदोलन (Farmer Protest) का आज (गुरुवार) 57वां दिन है. नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं. किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकालने का ऐलान किया है. इसी मुद्दे पर किसान संगठनों और दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच आज बैठक हुई. बैठक में किसानों ने साफ किया है कि वो हर हाल में दिल्ली के आउटर रिंग रोड में ट्रैक्टर मार्च (Tractor Rally) निकालेंगे.

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दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो गणतंत्र दिवस को देखते हुए आउटर रिंग रोड में ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) की इजाजत नहीं दे सकते हैं. दिल्ली पुलिस ने सुझाव दिया कि किसान KMP हाईवे पर अपना ट्रैक्टर मार्च निकालें. गणतंत्र दिवस को देखते हुए ट्रैक्टर मार्च (Tractor Rally) को सुरक्षा देने में कठिनाई होगी.

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गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर गतिरोध को दूर करने के लिए बुधवार को हुई 10वें दौर की बैठक में केंद्र सरकार ने थोड़ी नरमी दिखाई और कानूनों को 1.5 साल के लिए निलंबित रखने का प्रस्ताव दिया. सरकार ने किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति गठित करने का भी प्रस्ताव दिया है लेकिन किसान नेताओं ने इसे तत्काल स्वीकार नहीं किया और कहा कि वे आपसी चर्चा के बाद केंद्र के समक्ष अपनी राय रखेंगे.

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किसान नेता आज केंद्र सरकार के इसी प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे. 11वें दौर की वार्ता अब 22 जनवरी को होगी. 10वें दौर की वार्ता में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश समेत लगभग 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि विज्ञान भवन में शामिल हुए थे.

Bengal: BJP के रोड शो में लगा था ‘गोली मारो’ का नारा, तीन कार्यकर्ता गिरफ्तार

West Bengal: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हुगली जिला की युवा इकाई के अध्यक्ष सुरेश साहू समेत तीन कार्यकर्ताओं को पार्टी के नेता शुभेन्दु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के रोडशो (Road show) के दौरान ‘गोली मारो…’ के आपत्तिजनक नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

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एक अधिकारी ने बताया कि बीजेपी (BJP) के कुछ कार्यकर्ताओं ने बुधवार को हुगली जिला में पार्टी के कार्यक्रम में इस तरह की कथित नारेबाजी की थी, जिसके बाद जिला पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया और तीन लोगों को गिरफ्तार किया. 

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उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों को अदालत में पेश किया जाएगा. गौरतलब है कि हुगली की सांसद लॉकेट चटर्जी और राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता के साथ शुभेन्दु अधिकारी के रथाला इलाके में रोडशो के दौरान उनके ट्रक के पीछे चल रहे कार्यकर्ताओं ने बीजेपी (BJP) का झंडा और तिरंगा थाम रखा था. बीजेपी प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी का झंडा हाथों में थामकर इस तरह की नारेबाजी किए जाने का पार्टी समर्थन नहीं करती है.

26 जनवरी की Tractor Rally के लिए पंजाब में रिहर्सल में जुटे हजारों किसान

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दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को किसान संगठनों की ट्रैक्टर मार्च (Tractor Rally) प्रस्तावित है। पंजाब में किसानों ने सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ रिहर्सल की। पंजाब के सुनाम की नई अनाज मंडी में सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ बड़ी संख्या में किसान पहुंचे।

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यूनियन के महासचिव रामशरण सिंह के नेतृत्व में ट्रैक्टरों का काफिला चीमा मंडी, तोलावाल, जखेपल, उगराहां, मौजोवाल, मेदेवास, छाजला और छाजली गांव में पहुंचा। पड़ाव दर पड़ाव, ट्रैक्टरों का काफिला विशाल होता गया और अंतिम पड़ाव गांव छाजली तक ट्रैक्टरों की संख्या पांच सौ के पार पहुंच गई। गांवों के लोगों ने ट्रैक्टर काफिले में पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया।

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किसान प्रतिनिधि रामशरण सिंह, भगवान सिंह, परविंदर सिंह, रिंपा कनकवाल, सौदागर सिंह, रोही सिंह, परमजीत सिंह, भूपिंदर सिंह, सरवन सिंह आदि ने कहा कि किसानों की एकमात्र मांग है कि नए खेती कानूनों (Farm Laws) को रद्द किया जाए। उक्त कानून किसी भी लिहाज से किसानों समेत सभी वर्गों से हक में नहीं हैं।  

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उन्होंने दोहराया कि 26 जनवरी को किसान, दिल्ली के बाहरी क्षेत्र में ट्रैक्टर मार्च (Tractor Rally) करेंगे और पंजाब से हजारों ट्रैक्टर इस परेड में हिस्सा लेंगे। किसानों को इस परेड के प्रति जागरूक करने के लिए रिहर्सल की गई है। 23 जनवरी को किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली रवाना होंगे। किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि केंद्र सरकार की नई पेशकश के संदर्भ में देश की सभी किसान यूनियनें आपसी सहमति से फैसला लेंगी।    

10वें राउंड की मीटिंग में किसानों ने सरकार के सामने NIA की कार्रवाई का मुद्दा भी उठाया

New Delhi: दिल्ली के विज्ञान भवन में आज सरकार और किसानों के बीच 10वें राउंड की मीटिंग में किसानों ने सरकार के सामने एनआईए (NIA) की कार्रवाई का मुद्दा उठाया और विरोध जताया। किसानों ने कहा है कि सरकार एनआईए (NIA) का इस्तेमाल कर प्रदर्शन और समर्थन करने वाले लोगों को टारगेट कर रही है। इस पर सरकार ने जवाब में कहा कि अगर कोई निर्दोष है तो उनकी लिस्ट दें, हम देखेंगे।वहीं एनआईए (NIA) ने पंजाब से संबंध रखने वाले एक दर्ज़न से ज़्यादा लोगों को यूएपीए (UPA) की धाराओं के तहत नोटिस जारी किया है।

किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को NIA का समन

किसान आंदोलन (Farmers Protest) का नेतृत्व करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों में से एक संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा और किसान आंदोलन को पिछले कई महीनों से समर्थन करने वाले फ़िल्म अदाकार दीप सिद्धू का नाम उन लोगों में शामिल है जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। किसान संगठनों ने एनआईए (NIA) द्वारा भेजे जा रहे नोटिस को किसान आंदोलन (Farmers Protest) को दबाने की केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है।

NIA के जरिए हमें डराने-धमकाने की कोशिश हो रही है

एनआईए (NIA) के नोटिस पर पंजाब की सियासत गरमा गई है। सत्तासीन कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने इसको लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। साथ ही किसान यूनियनों ने भी नोटिस की इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया प्रकट की है। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि केंद्र सरकार नोटिस भेजकर आंदोलन (Farmers Protest) को वापस लेने का दबाव बना रही है, लेकिन अब आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। 

प्रस्तावित Tractor Rally पुलिस का मामला, केंद्र ने वापस ली याचिका

वहीं कुछ किसान संगठनों ने एनआईए (NIA) की जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया है। बता दें कि सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछली बैठक बेनतीजा रही थी। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा था, ‘‘जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं, अड़चनें सामने आती हैं। अगर किसानों से सीधी वार्ता होती तो जल्दी समाधान हो सकता था।’’

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उन्होंने कहा कि चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं, इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘दोनों पक्ष समाधान चाहते हैं लेकिन दोनों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए विलंब हो रहा है। कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा।’’

Farm Laws: केंद्र सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत बेनतीजा।

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New Delhi: केंद्र सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। इस बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकला है। केंद्र सरकार ने एक साल तक कृषि कानून (Farm Laws) को निलंबित रखने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों संगठनों ने इसे नामंजूर कर दिया। 

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सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून (Farm Laws) पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो

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लेकिन किसान संगठन इस प्रस्ताव पर नहीं राजी हुए। साथ ही सरकार की ओर से ये भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन (Farmers Protest) भी खत्म करना होगा।