spot_img
Newsnowप्रमुख ख़बरें10वें राउंड की मीटिंग में किसानों ने सरकार के सामने NIA की...

10वें राउंड की मीटिंग में किसानों ने सरकार के सामने NIA की कार्रवाई का मुद्दा भी उठाया

एनआईए (NIA) ने पंजाब से संबंध रखने वाले एक दर्ज़न से ज़्यादा लोगों को यूएपीए (UPA) की धाराओं के तहत नोटिस जारी किया है।

New Delhi: दिल्ली के विज्ञान भवन में आज सरकार और किसानों के बीच 10वें राउंड की मीटिंग में किसानों ने सरकार के सामने एनआईए (NIA) की कार्रवाई का मुद्दा उठाया और विरोध जताया। किसानों ने कहा है कि सरकार एनआईए (NIA) का इस्तेमाल कर प्रदर्शन और समर्थन करने वाले लोगों को टारगेट कर रही है। इस पर सरकार ने जवाब में कहा कि अगर कोई निर्दोष है तो उनकी लिस्ट दें, हम देखेंगे।वहीं एनआईए (NIA) ने पंजाब से संबंध रखने वाले एक दर्ज़न से ज़्यादा लोगों को यूएपीए (UPA) की धाराओं के तहत नोटिस जारी किया है।

किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को NIA का समन

किसान आंदोलन (Farmers Protest) का नेतृत्व करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों में से एक संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा और किसान आंदोलन को पिछले कई महीनों से समर्थन करने वाले फ़िल्म अदाकार दीप सिद्धू का नाम उन लोगों में शामिल है जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। किसान संगठनों ने एनआईए (NIA) द्वारा भेजे जा रहे नोटिस को किसान आंदोलन (Farmers Protest) को दबाने की केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है।

NIA के जरिए हमें डराने-धमकाने की कोशिश हो रही है

एनआईए (NIA) के नोटिस पर पंजाब की सियासत गरमा गई है। सत्तासीन कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने इसको लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। साथ ही किसान यूनियनों ने भी नोटिस की इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया प्रकट की है। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि केंद्र सरकार नोटिस भेजकर आंदोलन (Farmers Protest) को वापस लेने का दबाव बना रही है, लेकिन अब आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। 

प्रस्तावित Tractor Rally पुलिस का मामला, केंद्र ने वापस ली याचिका

वहीं कुछ किसान संगठनों ने एनआईए (NIA) की जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया है। बता दें कि सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछली बैठक बेनतीजा रही थी। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा था, ‘‘जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं, अड़चनें सामने आती हैं। अगर किसानों से सीधी वार्ता होती तो जल्दी समाधान हो सकता था।’’

26 जनवरी को बड़े आंदोलन की तैयारी में किसान, पंजाब में हजारों वॉलंटियर जुड़े

उन्होंने कहा कि चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं, इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘दोनों पक्ष समाधान चाहते हैं लेकिन दोनों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए विलंब हो रहा है। कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा।’’