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रेप पीड़िता की मां की नारेबाजी के बाद Priyanka Gandhi Vadra ने बीच में रोका अपना भाषण।

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Mathura: उत्‍तर प्रदेश के मथुरा (Uttar Pradesh’s Mathura) में किसान पंचायत के दौरान सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने उस समय अपना भाषण बीच में रोक दिया जब एक रेप पीड़िता की मां ने न्‍याय की मांग करते हुए नारेबाजी की. यह महिला राजस्‍थान (Rajasthan) राज्‍य से है, जहां पर कांग्रेस पार्टी सत्‍ता में है. राजस्‍थान के भरतपुर में इस महिला की बेटी के साथ कथित तौर पर रेप हुआ था. भरतपुर, यूपी की सीमा से लगा हुआ है. यह महिला मथुरा में अपने रिश्‍तेदार के साथ रहती है और उसने प्रियंका के आने की बात सुनकर इस रैली में जाने का फैसला किया था. 

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) जब किसानों की रैली को संबोधित कर रही थीं, इसी दौरान महिला ने नारेबाजी करके उन्‍हें बीच में रोक दिया. प्रियंका ने इस महिला से बात की और उसे एक कोने में ले गईं. बाद में उन्‍होंने मौके से ही राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) को फोन लगाया और पीड़ि‍ता की मदद करने को कहा. जानकारी के अनुसार, गहलोत ने तुरंत कार्रवाई का आश्‍वासन दिया है. 

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उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) के मीडिया सलाहकार (media advisor) ने इस घटना को लेकर ट्वीट करते हुए प्रियंका (Priyanka Gandhi Vadra) पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. शलभ मणि त्रिपाठी (Shalabh Mani Tripathi) ने ट्वीट में लिखा, ‘इन आंसुओं को न तो मीडिया और न ही प्रियंकाजी देख पाएंगी क्‍योंकि इस मां की निर्दोष बच्‍ची के साथ रेप राजस्‍थान में हुआ था और उसे प्रियंका की रैली के लिए यूपी आना पड़ा. राजस्‍थान में सबसे ज्‍यादा रेप होते हैं लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वहां नही जाते.’ गौरतलब है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इस समय यूपी में कांग्रेस का प्रभार संभाल रही है. वे राज्‍य का लगातार दौरा कर रही हैं और हाल के सप्‍ताहों में किसानों की रैली में भी शिरकत कर रही हैं.

Nodeep Kaur ने जमानत याचिका में पुलिस के हाथों पीटे जाने का दावा किया

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Chandigarh: श्रम अधिकार कार्यकर्ता Nodeep Kaur ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) में दायर अपनी याचिका में दावा किया है कि पिछले महीने सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद पुलिस थाने में कई बार उन्हें बेरहमी से पीटा गया. पंजाब के मुक्तसर जिले की रहने वाली 23 वर्षीय कार्यकर्ता Nodeep Kaur ने यह भी दावा किया है कि उनकी चिकित्सकीय जांच भी नहीं करायी गयी जो आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 54 का उल्लंघन है.

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Nodeep Kaur वर्तमान में हरियाणा के करनाल जेल में बंद हैं. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. अदालत मामले में अब 24 फरवरी को सुनवाई करेगी.

अपने वकील अर्शदीप सिंह चीमा और हरिंदर दीप सिंह बैंस के माध्यम से दायर जमानत याचिका में Nodeep Kaur ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या के प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया.

अपनी याचिका में श्रम अधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि मामले में उन्हें ‘‘निशाना बनाया गया और गलत तरीके से फंसाया गया” क्योंकि वह केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए भारी समर्थन जुटाने में कामयाब रही थीं.

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Nodeep Kaur मजदूर अधिकार संगठन (MAS) की सदस्य हैं. कौर ने बताया कि उन्होंने केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में सोनीपत जिले के कुंडली में प्रदर्शन के लिए लोगों को एकत्रित किया. याचिका में आरोप लगाया गया कि किसानों के समर्थन में स्थानीय मजदूरों के जुटने से प्रशासन खफा था और प्रदर्शन को दबाने के लिए योजना बनायी गयी.

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जमानत याचिका में कहा गया कि 12 जनवरी को याचिकाकर्ता और एमएएस (MAS) के सदस्यों ने कुछ मजदूरों के बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर एक फैक्टरी की ओर कूच किया. याचिका में उच्च न्यायालय को बताया गया कि उद्योगपतियों के संघ कुंडली औद्योगिक क्षेत्र द्वारा गठित एक समूह ने उनसे दुर्व्यवहार किया.

याचिका में दावा किया गया इसी बीच कुंडली पुलिस थाना के प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और याचिकाकर्ता के बाल खींचकर घसीटते हुए उन्हें अपने साथ ले गयी. याचिका में कहा गया कि इससे प्रदर्शनकारी भड़क गये और जब पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया तो स्थिति और खराब हो गयी. दोनों पक्षों के बीच संघर्ष हुआ, याचिकाकर्ता ने स्थिति को शांत कराने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

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इसमें दावा किया गया कि पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ याचिकाकर्ता Nodeep Kaur को गिरफ्तार किया. उन्हें पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और उन्हें कई चोटें आयीं. याचिका में आरोप है कि किसी महिला पुलिसकर्मी की उपस्थिति के बिना ही उन्हें थाने में रखा गया और पुलिस अधिकारियों ने उनकी पिटाई की. हरियाणा पुलिस ने इससे पहले बताया था कि Nodeep Kaur को 12 जनवरी को सोनीपत में गिरफ्तार किया गया था. सोनीपत पुलिस के अधिकारियों ने यह भी कहा कि घटनास्थल पहुंचने पर पुलिस की टीम पर लाठी-डंडों से हमला किया गया और इस घटना में कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए.

Nodeep Kaur से जेल में मिलने गए AAP नेता को लोटाया गया, खट्टर को बताया ‘हिटलर’

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Karnal: हरियाणा के करनाल जेल में बंद श्रम अधिकारों की कार्यकर्ता नवदीप कौर (Nodeep Kaur) के समर्थन में बहुत से लोग और राजनतिक पार्टी के नेता आ चुके हैं. मंगलवार को करनाल में आम आदमी पार्टी (AAP) के पंजाब के नेता कौर (Nodeep Kaur) से मिलने पहुंचे थे, जिसमें विधायक हरपाल चीमा, विधायक सरवजीत कौर और अनमोल गगन मान शामिल थीं लेकिन उन्हें कौर से मिलने नही दिया गया. इसके पीछे कोरोनावायरस (Corona Virus) को वजह बताया गया.

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Nodeep Kaur से न मिलने देने के बाद आप के विधायक हरपाल चीमा ने खट्टर सरकार को हिटलर की सरकार बताया. वहीं, चीमा ने कहा कि नवदीप पंजाब की बेटी है, उससे मिलने आए और कोरोना का बहाना बताकर मिलने नही दिया गया. चीमा ने कहा कि ‘पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हरियाणा सरकार से बात करके नवदीप (Nodeep Kaur) को बाहर निकालना चाहिए था लेकिन कैप्टन साहब अपनी डियूटी निभाने में फेल साबित हुए हैं. लेकिन आप के नेता यहां पहुंचे हैं और हम अपनी बेटी के साथ हैं.’

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हरपाल चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘देश के पीएम पूंजीपतियों का पीएम हैं और इनमें पूरी तरह से आज हिटलर की आत्मा आ चुकी है क्योंकि आज देश का किसान कह रहा है कि काले कानून (Farm Laws) रदद् करो लेकिन पीएम मोदी साहब को दिख नही रहा है.’ आप नेता अनमोल गगन मान ने भी सरकार पर गुस्सा निकाला और कहा कि इनका अंत आ गया है.

बता दें कि 23 साल की लेबर एक्टिविस्ट नवदीप कौर (Nodeep Kaur) पर तीन मामले चल रहे हैं जिनमें हत्या का प्रयास और जबरन वसूली के प्रयास के आरोप शामिल हैं. वह मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं और पंजाब के मुक्तसर जिले के गियादढ़ गांव की निवासी हैं. हरियाणा पुलिस ने 12 जनवरी को सोनीपत जिले में एक औद्योगिक इकाई को कथित रूप से घेराव करने और कंपनी से पैसे की मांग करने के लिए उन्हें अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था. Nodeep Kaur को एक मामले में जमानत मिल चुकी है, लेकिन दूसरी याचिका खारिज हो जाने के चलते वो अभी जेल में ही हैं.

Petrol-Diesel के दाम नीचे लाए सरकार, ना की राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करे, शिवसेना

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Mumbai: शिवसेना ने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के आसमान छूते दामों को लेकर को लेकर मोदी सरकार (Modi Govt.) पर हमला बोला है. महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने के बजाय सरकार को देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतें कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके.

Petrol Prices on Fire: Here’s Why

शिवसेना ने ईंधन के बढ़ते दामों पर बॉलीवुड कलाकारों की चुप्पी पर सवाल उठाया. शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में कमी से यह सुनिश्चित होगा कि भगवान राम के भक्तों को खाना मिले. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम देखने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है. मंदिर निर्माण के लिये चंदा इकट्ठा करने का अभियान चल रहा है.

ईंधन के दाम कम होने से राम भक्त भी खुश होंगे

शिवसेना ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी है. राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के बजाय पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दाम नीचे लाइए. ताकि राम भक्तों को इससे खाना मिलेगा और भगवान राम भी इससे खुश होंगे. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने सवाल उठाए कि क्यों जब-तब प्रदर्शन करने वाली बीजेपी (BJP) अब ईंधन के बढ़े दामों को लेकर खामोश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) लगता है ईंधन के मौजूदा बढ़े दामों के लिये पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

Petrol-Diesel: बढ़ती कीमतों के बीच PM Modi ने, कहा यदि पूर्ववर्ती सरकारों ने…..

पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर दोष मढ़ा था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत ने अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात किया था जबकि गैस जरूरतों का 53 प्रतिशत हिस्सा आयातित था. शिवसेना ने कहा कि पिछली सरकारों ने इंडियन ऑयल(Indian Oil), ओएनजीसी (ONGC) और भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) जैसे सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किये लेकिन मोदी उन्हें बेच रहे हैं और अब ईंधन के बढ़े दामों के लिये पिछली सरकारों पर दोष मढ़ रहे हैं.

Prime Time : Maharashtra Congress Chief Challenges Bollywood To Speak Up On Fuel Price Hike

अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन की चुप्पी पर सवाल

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा था कि पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दामों को तार्किक स्तर तक नीचे लाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा.‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि यूपीए सरकार (UPA Government) के दौरान पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के बढ़े दामों पर अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं ने अपनी राय व्यक्त की थी. लेकिन पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने के बावजूद अब ये सितारे खामोश हैं. ये हस्तियां चुप्पी साधे हुए हैं क्योंकि उनसे ऐसे ही रहने को कहा गया है.

Budget 2021 में Petrol-Diesel पर लगाया गया कृषि सेस

कहा, अब आलोचना करने की आजादी नहीं

शिवसेना ने दावा किया कि इसका यह भी मतलब है 2014 से पहले अपनी राय व्यक्त करने, आलोचना करने की स्वतंत्रता थी. अगर कोई सरकार की नीतियों की आलोचना करता था तो उसे राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत जेल में नहीं डाला जाता था. आज हमने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में बढ़ोतरी पर नाराजगी जताने की आजादी तक खो दी है. इसलिये अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन को क्यों अनावश्यक रूप से दोष देना?

कांग्रेस ने महाराष्ट्र में हाल में अभिनेताओं पर निशाना साधते हुए पूछा था कि वे ईंधन की बढ़ी कीमतों को लेकर क्यों चुप हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र में उनकी फिल्मों का प्रदर्शन बाधित करने की धमकी दी थी.

New Corona Cases In Maharashtra: बढ़ते मामलों के चलते कई जिलों में सख्‍त किए गए नियम

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Mumbai: महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों (New corona cases In Maharashtra) के बीच रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से कोरोना के कायदों को सख्ती से पालन करने के अपील के बाद अब प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. राज्य के अलग-अलग जिलों में प्रशासन ने प्रतिबंध भी लाए हैं ताकि मामलों पर काबू पाया जा सके. मुंबई, पालघर और जलगांव में शादी के कार्यक्रम में कोरोना (Corona) के नियमों का पालन नहीं किये जाने के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई. इसके तहत कहीं मैरिज हॉल को सील किया गया तो कहीं हॉल के मालिक के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई. राज्य में कोविड-19 (Corona) के बढ़ते मामलों को देखते हुए अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग पाबंदियाँ लगाई गई हैं.

उद्धव ठाकरे की चेतावनी, Corona के मामले बढ़ते रहे तो लगाना पड़ेगा लॉकडाउन

अमरावती में सोमवार रात से 28 फरवरी तक एक हफ्ते के लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान किया गया है. अकोला जिले में शहर, मूर्तिजापुर और अकोट में 23 फरवरी से 1 मार्च तक लॉकडाउन होगा, जिले के दूसरे इलाकों में दुकान 9 से 5 खुली रह सकती हैं. होटल में केवल पार्सल सुविधा रहेगी. स्कूल, कॉलेज, सिनेमा यहां बंद रहेंगे. पुणे में स्कूल कॉलेज 28 फरवरी तक बंद करने का फैसला किा गया है. होटल-रेस्टोरेंट रात 11 बजे तक खुले रह सकते हैं. रात 11 से सुबह 6 बजे तक बेवजह घूमने पर कार्रवाई की जाएगी. नासिक में सोमवार रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाईट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है. मास्क नहीं पहनने पर 1000 रुपये का जुर्माना होगा. नागपुर में 7 मार्च तक स्कूल कॉलेज बंद किए गए है. मुख्य बाजारों को शनिवार-रविवार को बंद किया जाएगा. सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक कार्यक्रमों पर 7 मार्च तक पाबंदी रहेगी.

Corona मामलों के चलते महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक सप्ताह का लॉकडाउन

राज्‍य के कैबिनेट मंत्री नितिन राउत ने कहा, ‘कल मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम सभी बढ़ते मामलों के लिए ज़िम्मेदार हैं. आजकल लोग बिना मास्क (Mask) घूम रहे हैं, भीड़ कर रहे हैं, जिसे देखते हुए हमने नागपुर के लिए अब कड़े निर्णय लिए हैं.’ राज्य में जहां कोरोना (Corona) के मामलों में बढ़ोतरी हुई है

हेल्थ एक्सपर्ट्स ने महाराष्ट्र में बढ़ रहे Corona मामलों के लिए लोगों को जिम्मेदार ठहराया

वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिकांश मामले असिमटोमैटिक (जिसमें लक्षण नजर नहीं आते) हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, राज्य में सबसे ज़्यादा मामले विदर्भ के अमरावती जिले में मिल रहे हैं. एक अन्‍य कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने कहा कि नियमों का पालन नहीं होने के वजह से कोरोना (Corona) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. फिलहाल हालात काबू में हैं, राज्य सरकार ने इससे पहले 3 लाख से ज़्यादा एक्टिव मामलों को भी संभाला है. जहां से मामले बढ़ रहे हैं, वहाँ से सैंपल जाँच के लिए NIV भेजे है, जिनकी रिपोर्ट अगले 5 से 8 दिनों में आएगी.

Toolkit Case: अदालत ने Disha Ravi को एक दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा

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Toolkit Case: टूल किट मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी Disha Ravi को एक और दिन की पुलिस कस्टडी (Police Custody) में भेजने का आदेश दिया है. दिल्ली पुलिस ने 5 दिन की पुलिस कस्टडी मांगी थी. पुलिस कस्टडी के दौरान आरोपी दिशा रवि के साथ आरोपी शांतनु (Shantanu Muluk) और आरोपी निकिता जैकब (Nikita Jacob)  को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ होगी.

Greta Thunberg Toolkit Case: 21 साल की एक्टिविस्ट दिशा रवि बेंगलुरु से गिरफ्तार

टूल किट मामले (Toolkit Case) में आरोपी दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को पेश किया गया था. दिशा रवि का 3 दिन का न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special cell) ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में शांतनु और निकिता जैकब दो आरोपी हैं. शांतनु को वहां की कोर्ट ने 10 दिन का ट्रांजिट बेल दिया है. वहीं निकिता जैकब को हाईकोर्ट से ट्रांजिट बेल मिला हुआ है. दिशा रवि ने उसके ऊपर लगाए गए सारे आरोप शांतनु और निकिता पर डाल दिए हैं. लिहाजा दिल्ली पुलिस के सामने सभी आरोपियों को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने “Toolkit” बनाई और शेयर किया-दिल्‍ली पुलिस

निकिता को पहले भी जांच अधिकारी ने नोटिस दिया था, लेकिन जांच में वह शामिल नहीं हुई और हाईकोर्ट चली गई. पुलिस ने कहा कि टूलकिट (Toolkit) पर कई हाइपर लिंक दिए गए जो किसी दूसरे पेज पर ले जा रहे हैं. 11 जनवरी को यह पूरी कहानी शुरू होती है. एमओ धालीवाल जो पोएटिक जस्टिस (Poetic Justice Foundation) का संस्थापक है, वह खालिस्तान का समर्थक है. टूलकिट (Toolkit) पर जो हाइपर लिंक है वो सभी भारत के खिलाफ बड़ी साजिश को दर्शाते हैं. इससे ज्यादा पब्लिक डोमेन में हम ज्यादा नही बोलेंगे. 

Toolkit Case: खुद को पुलिस वाला बताकर Shantanu Muluk के घर से ले गए हार्ड डिस्क

दिल्ली पुलिस ने कहा 21 से 27 जनवरी तक शांतनु दिल्ली में मौजूद था. वहीं Disha Ravi के वकील ने दिल्ली पुलिस के 5 दिन के रिमांड का विरोध किया. वकील ने कहा कि 13 फरवरी को गिरफ्तार की गई है. 5 दिन पीसी (Police Custody) के बाद फिर दिन की पीसी मांग रहे है. इसी बीच मे 3 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दिशा रवि के वकील के मुताबिक, पहले निकिता और शांतुनु दिल्ली पुलिस के पास नही थे, लेकिन अब ऐसा नया क्या है कि जो आज न्यायिक हिरासत का नियम बदलकर फिर पुलिस कस्टडी मांग रहे है.

ममता बनर्जी ने दिशा रवि की Toolkit case में गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि इन दोनों के साथ पुलिस न्यायिक हिरासत में भी पूछताछ क्यों नही कर सकती है. पुलिस के पास यह अधिकार है लेकिन कल मेरे जमानत पर फैसला आने वाला है. Disha Ravi के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने अपने रिमांड पेपर में कहा है निकिता और शांतनु के साथ दिशा रवि के साथ बिठाकर पूछताछ करवाना बेहद जरूरी है.  क्या दिल्ली पुलिस को इंतजार था कि जब  निकिता और शांतनु जांच के लिए आएंगे तो फिर कोर्ट से दिशा रवि की पुलिस कस्टडी ले लेंगे। इसका मतलब आपको पहले से यह पता था कि आपको पुलिस कस्टडी मिल जाएगी.

Disha Ravi को लेकर ‘समूल नाश’ वाले ट्वीट के लिए हरियाणा के मंत्री को ट्विटर का नोटिस

Disha Ravi के वकील ने सवाल उठाया कि जब 5 दिन वह पुलिस की कस्टडी में थी तब इन्होंने क्या किया. मुझे एक बार भी बैगलोर लेकर नही गए. जहाँ दिल्ली पुलिस यह कह रही है कि क्राइम हुआ है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि पुलिस कस्टडी को सजा की तरह ही अपराधी क्यों लेता है. हो सकता है इस पुलिस कस्टडी में दिशा रवि (Disha Ravi) का ही कुछ फायदा हो जाए, पता नही लोग पुलिस कस्टडी का विरोध क्यों करते है।दिल्ली पुलिस के अनुसार, दिशा रवि ही केवल इस केस की हिस्सा नही है इनके साथ उन तमाम लोगों तक पहुचना है. जिन लोगों ने भारत के खिलाफ साजिश रचने की कोशिश की.