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असामाजिक तत्वों ने Rinku Sharma हत्याकांड के आरोपियों के घर में घुसकर की तोड़फोड़

New Delhi: दिल्ली (Delhi) के मंगोलपुरी इलाके में हुई रिंकू शर्मा की हत्या (Rinku Sharma Murder Case) के आरोपियों के घर में घुसकर असामाजिक तत्वों ने आज तोड़फोड़ की है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच हत्याकांड की जांच कर रही है. 10 फरवरी को कुछ बदमाशों ने रिंकू शर्मा (Rinku Sharma) की चाकू मारकर हत्या (Murder) कर दी थी. पुलिस ने इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान ज़ाहिद, मेहताब, दानिश, ताजुद्दीन और इस्लाम के तौर पर हुई है.

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दिल्ली पुलिस ने हत्याकांड की जांच कर 30 दिन के अंदर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने का फैसला किया है. पुलिस हत्याकांड में धार्मिक एंगल की भी जांच कर रही है.

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रिंकू शर्मा (Rinku Sharma) बजरंग दल से जुड़ा था. परिवार का आरोप है कि रिंकू की हत्या (Murder) इसलिए कि गई क्योंकि वो इलाके में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाता था. 5 अगस्त 2020 को रिंकू ने ‘राम मन्दिर’ बनने की खुशी में इलाके में श्री राम रैली भी निकाली थी. तब भी आरोपी पक्ष के लोगों ने ऐतराज जताया था. रिंकू की मां का आरोप है, ‘तब 30-40 लोग आए थे. लाठी, डंडे और चाकू  भी साथ लाए थे. मेरे बेटे को बहुत मारा… जब मारा था तब भी वह जय श्री राम बोल रहा था.’ 

रिंकू शर्मा (Rinku Sharma) हत्याकांड पर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि 10 फरवरी को देर शाम मंगोलपुरी इलाके में एक रेस्तरां में कुछ लड़के बर्थडे पार्टी मनाने के लिए पहुंचे थे. वहां एक पुराने रेस्तरां बिजनेस बंद होने को लेकर झगड़ा हुआ, इसके बाद वो चले गए. उनमें से एक लड़का और झगड़े में शामिल कुछ लड़के दोबारा रिंकू शर्मा (Rinku Sharma) के घर के पास पहुंचे और इसी लड़ाई में  रिंकू को चाकू लगा, जिससे उसकी मौत हो गई.

Shivraj Singh Chouhan: पत्थरबाजों के ख़िलाफ़ बनाएँगे सख़्त क़ानून, नुकसान की होगी वसूली

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New Delhi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले दिनों राम भक्तों की रैलियों पर हुए पथराव (Stone-pelting) की घटनाओं के बाद अब शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार सख़्त हुई है, पत्थरबाजों के ख़िलाफ़ सख़्त क़ानून बनाने जा रही है. राज्य में पत्थरबाजों से संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिये कानून का मसौदा तैयार हो गया है, अगर दोषी मुआवजा नहीं भरता तो उसकी संपत्ति नीलाम करके पीड़ित को पैसा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अनुमति के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा. 

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गौरतलब है कि दिसंबर में उज्जैन में राम मंदिर में चंदे के लिये जनजागरण रैली पर पथराव हुआ, सांवेर में भी जनजागरण रैली पर पथराव के आरोप लगे. इन घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री ने सख्ती दिखाई है और पत्थरबाजों के खिलाफ कानून की बात कही है.

गृह विभाग ने यूपी, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अधिनियम पढ़े और मसौदा तैयार कर लिया है. यह तय हुआ है कि पत्थरबाजों से नुक़सान की भरपाई की जाएगी और जो पैसा नहीं देंगा उसकी संपत्ति कुर्क कर दी जाएगी. महिला और बच्चों को आगे करके पत्थरबाजी करने के मामले में सख्त कार्रवाई होगी. पत्थरबाजी के लिए उकसाने वालों से भी वसूली होगी.

नुकसान का आकलन अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी के हाथों में होगी. नुकसान की भरपाई के लिये पीड़ित नहीं, प्रशासन आवेदन देगा. नुकसान की भरपाई के लिए दावा अधिकरण आदेश देगा. 3 महीने में प्रक्रिया पूरी करने का प्रावधान होगा. प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों पर एक समान जिम्मेदारी तय होगी, नुकसान की राशि समय पर नहीं देने की स्थिति में ब्याज भी वसूला जाएगा. CM शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई राजधर्म है, इस तरह के मामले कहीं भी पत्थर बरसा दो ये कानून व्यवस्था का साधारण उल्लंघन नहीं है, इसलिये असाधारण क़ानून की जरूरत है.

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दूसरी ओर, इस क़ानून के प्रस्ताव पर विपक्षी पार्टी, कांग्रेस ने ऐतराज जताया है, पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा अब पत्थरबाजी के लिए कानून बना रहे हैं, छुरीबाज, बंदूकबाज सबके लिए कानून हैं लेकिन सरकार केवल ध्यान भटकाने के लिये कर रहे हैं, विकास के काम कर नहीं पा रहे हैं, इन सब बातों को पूरी ताकत से हम विधानसभा में उठाएंगे और लड़ेंगे. 

वहीं गृह विभाग का कहना है कि प्रीवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी अधिनियम 1984 में लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है, आईपीसी में भी दंगा और हिंसात्मक गतिविधियों पर कार्रवाई का उल्लेख है लेकिन पत्थरबाजी शामिल नहीं है, नुकसान की भी भरपाई का जिक्र नहीं है इसलिये इस कानून की ज़रूरत है. माना जा रहा है कि विधानसभा के 22 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में विधेयक को पेश किया जा सकता है.

Badshah और Rashmika Mandanna का ‘टॉप टकर’ गीत youtube पर छाया।

New Delhi: मशहूर रैपर बादशाह (Badshah) और साउथ सिनेमा की एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) का म्यूजिक वीडियो ‘टॉप टकर’ (Top Tucker Song) रिलीज हो चुका है. गाने को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है. यह पहला मौका है जब रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) और बादशाह (Badshah) की जोड़ी एक साथ किसी सॉन्ग में आई है. कुछ घंटे पहले ही रिलीज हुआ ‘टॉप टकर’ (Top Tucker Song Out) सॉन्ग जबरदस्त तरीके से यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है.

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बादशाह (Badshah) और रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) के म्यूजिक वीडियो ‘टॉप टकर’ (Top Tucker Song) को अब तक 21 लाख 86 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस म्यूजिक वीडियो को यशराज और सागा म्यूजिक के बैनर तले बनाया गया है. यूट्यूब पर भी यशराज फिल्म्स चैनल से ही इसे अपलोड किया है. इस सॉन्ग में बादशाह और रश्मिका मंदाना का अलग ही अंदाज नजर आ रहा है.

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बादशाह (Badshah) और रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) के गाने को उचाना, बादशाह, अमित, युवान शंकर राजा और जोनिता गांधी ने मिलकर गाया है. युवान शंकर राजा ने इसमें म्यूजिक भी दिया है. बादशाह और विग्नेश शिवान ने गाने के बोल लिखे हैं. अमरप्रीत छाबरा ने गाने को निर्देशित किया है, जबकि सुमीत सिंह इसके प्रोड्यूसर हैं. बादशाह का यह गाना भी हमेशा की तरह दर्शकों के बीच खूब पॉपुलर हो रहा है.

रक्षा मंत्रालय ने चीन को भारत की जमीन सौंपने के Rahul Gandhi के आरोपों को गलत बताया

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New Delhi: चीन को भारत की जमीन सौंपने के कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आरोपों पर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर शुक्रवार को सफाई दी है. रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) के मुताबिक, यह कहना बिल्कुल सही नहीं है कि भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 (Finger 4) तक है. भारत के मानचित्र में भारत का इलाका उसको भी दर्शाता है, जो चीन के कब्जे में है और जो लगभग 43,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है.

राजस्थान जैसलमेर- पीएम मोदी ने चीन और पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual control) भारत के मुताबिक फिंगर 8 तक है, न कि फिंगर 4 तक. यही वजह है कि भारत हमेशा फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने की अपनी मांग दोहराता रहा है और यही चीन के साथ समझौता भी हुआ है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हॉट स्प्रिंग गोगरा (Hot Springs Gogra) और देपसांग वैली (Depsang Valley) में भी जो विवाद है, उसे भी सुलझा लिया जाएगा. पैंगोंग (Pangong TSo) में सैनिकों की वापसी के 48 घंटे बाद इन क्षेत्रों भी पूर्व की स्थिति बहाल करने को लेकर बात शुरू की जाएगी.

China फिर से बढ़ा रहा लद्दाख में सैनिकों की तैनाती: रिपोर्ट

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भारतीय क्षेत्र को चीन को क्यों दिया? इसका जवाब उन्हें और रक्षा मंत्री को देना चाहिए. क्यों सेना को कैलाश रेंज से पीछे हटने को कहा गया है? देपसांग प्लेन चीन वापस क्यों नहीं मांगा गया? हमारी जमीन फिंगर-4 तक है. पीएम मोदी ने फिंगर-3 से फिंगर-4 की जमीन चीन को दे दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते. वे हमारी सेना के जवानों के बलिदान का अपमान कर रहे हैं. भारत में किसी को भी ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए प्रधानमंत्री इस पर क्यों नहीं बोल रहे हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Raj Nath Singh) ने गुरुवार को संसद में कहा था कि भारत और चीन पैंगोंग सो झील के उत्तरी और दक्षिण किनारे से सैन्य वापसी पर सहमत हुए हैं. चीन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे झील के किनारों से हटना शुरू हो गए हैं. दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध अप्रैल में शुरू हुआ था, जब भारत ने कहा था कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के काफी अंदर तक घुस आए थे.

Lalu Prasad Yadav को नहीं मिली जमानत, अब 19 फरवरी को होगी सुनवाई

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को चारा घोटाला मामले में अदालत से राहत नहीं मिल सकी। लालू प्रसाद यादव    (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका पर सुनवाई फिर टल गई। अब झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) उनकी जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 19 फरवरी को करेगा। बता दें कि लालू यादव फिलहाल दिल्ली एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं।

Lalu Prasad Yadav को जमानत के लिए और इंतजार करना पड़ेगा, सुनवाई को छह हफ्तों के लिए टाल दिया गया है

वहीं सुनवाई टलने के बाद लालू के वकील ने कहा कि दो सप्ताह के समय के बावजूद, सीबीआई (CBI) ने आदेश पत्र दायर करने के लिए और समय मांगा। अदालत ने एक सप्ताह की अनुमति दी है। सीबीआई की देरी के कारण जमानत टल गई है। वकील ने कहा कि हमें भरोसा है कि 19 फरवरी को सुनवाई उनके पक्ष में होगी, जिसके बाद अगले दो-चार दिनों में उनकी रिहाई  हो जाएगी।

रिपब्लिक टीवी और अर्नब को Supreme Court से राहत नहीं।

बता दें कि दुमका ट्रेजरी केस बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकाले जाने से जुड़ा है और इस दौरान लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) बिहार के मुख्यमंत्री थे। लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी केस में अक्तूबर में ही जमानत मिल गई थी, लेकिन दुमका ट्रेजरी केस की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ा।  

जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई कोर्ट के फैसले की प्रति हाईकोर्ट के समक्ष रखी गई थी।  इसके बाद सीबीआई कोर्ट से अतिरिक्त वक्त मांगा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। इस बार भी उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है।  

CBI ने करप्शन केस में अपने ही 4 अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की FIR

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) दिसंबर, 2017 से जेल में हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) लालू यादव को जेल से रिहा किए जाने को लेकर अभियान चला रहे हैं। उनके बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को 50,000 पोस्टकार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे हैं। इनमें आग्रह किया गया गया है कि मानवीय संवेदनाओं के आधार पर लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) को जेल से रिहा कर दिया जाए।

Rakesh Tikait ने PM Modi के ‘आंदोलनजीवी’ वाले बयान पर राम मंदिर आंदोलन का किया जिक्र

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New Delhi: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) तेज होता जा रहा है. किसान नेता आंदोलन को धार देने और समर्थन जुटाने के लिए महापंचायत कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में किसानों की महापंचायत लगातार जारी है. आज संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान महापंचायत बुलाई, जिसमें हज़ारों की संख्या में भीड़ उमड़ी है. महापंचायत में महिलाओं की ज़बरदस्त भागीदारी देखने को मिली.  महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने भी हिस्सा लिया. 

किसान नेता बोले- आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं

बहादुरगढ़ में किसान महापंचायत में किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी पहुंचे. टिकैत ने कहा, “हम ऐसे ही महापंचायतें करते रहेंगे. ये महापंचायतें लोगों को जोड़ने के लिए कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) कहते हैं कि हम आंदोलनजीवी हैं. महात्मा गांधी भी थे, लालकृष्ण आडवाणी भी थे, उन्होंने ने भी राम मंदिर आंदोलन किया था.” 

जब तक माँगे नहीं मानी जाएँगी किसान घरों को नहीं लौटेंगे- राकेश टिकैत

टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि क्या बीजेपी (BJP) के नेता लिखकर दे सकते हैं कि वो कभी आंदोलन नहीं करेंगे या रेल नहीं रोकेंगे. हम यहां चुनाव की बात नहीं कर रहे. हम किसानों की बात कर रहे हैं. 

कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सरकार से बातचीत के सवाल पर किसान नेता टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार बुलाएगी तो जाएंगे. उन्होंने कहा कि कौन सा फोन नंबर है मोदी जी का, मुझे तो नहीं पता.”

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