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Smoking आपके दिमाग का बड़ा दुश्मन, जानें इससे जुड़ी कई गंभीर बातें

Smoking आपके शरीर के साथ साथ आपके दिमाग का भी सबसे बड़ा दुश्मन है जिसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बहुत ज़्यादा धूम्रपान करना आपको रक्तस्राव स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार बना सकता है, इसलिए आज हम आपको इस पर आधारित कुछ नए अध्ययनों के बारे में बताने जा रहे हैं।

आप सभी को पता है कि धूम्रपान करना सेहत के लिए कितना हानिकारक है और ये आपके शरीर को कई गंभीर बीमारियों का घर बना सकता है। इतना ही नहीं, बहुत ज़्यादा धूम्रपान करना आपको रक्तस्राव स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारी के और करीब ले जा सकता है। आज हम आपको इसी पर आधारित कुछ नए अध्ययनों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके अलावा, आज हम आपके साथ Smoking छोड़ने के कुछ सरल उपाय भी साझा करेंगे।

धूम्रपान से मस्तिष्क रक्तस्राव के खतरे को मिलता है बढ़ावा

फिनलैंड के हेलसिंकी विश्वविद्यालय के छात्र, इलारी रुटालिन के अध्ययन के अनुसार, Smoking और रक्तस्राव के बीच एक गहरा लिंक है। जिसके मुताबिक़ धूम्रपान करने से रक्तचाप उच्च स्तर पर पहुँच जाता है जिसकी वजह से व्यक्ति शारीरिक गतिविधियों को करने में असमर्थ हो जाता है। जो रक्तस्राव के खतरे को बढ़ाने का काम करता है. डॉक्टर रोज़ मैरी रॉबर्टसन, जो अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के उप मुख्य विज्ञान और चिकित्सा अधिकारी हैं, वो कहते हैं कि किसी भी और एक्टिविटी की तुलना में धूम्रपानकरने का असर उपराचोनोइड रक्तस्राव पर बहुत ही अधिक पड़ता है।

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Smoking छोड़ने के तरीके

13 ideas to implement for quit smoking
Quit Smoking: सफल होने की योजना, 13 विचार

1. पिल्स के बारे में जानें

अगर आप Smoking करते हैं और अपनी इस आदत से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको ज़रुरत है कि दवाइयों से क्रेविंग पर रोक लगाएं। इससे आपकी धूम्रपान करने की आदत में कमी आ सकती है। जब भी आपको धुमर्पान करने की इच्छा हो आप उन पिल्स का सेवन कर सकते हैं. लेकिन हमारी सलाह है कि दवाइयों का सहारा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

2. खुद को एक ब्रेक दें

13 ideas to implement for quit smoking
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भागदौड़ के बीच खुद को आराम देना आपके लिए बहुत ज़रूरी होता है, ऐसे में आप नए तरीकों के बारे में जानें और नए विकल्पों जैसे- व्यायाम करना, पसंदीदा संगीत सुनना, दोस्तों के साथ वक़्त बिताना आदि को चुनें।

3. फल और सब्जियां खाएं

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अगर आप सिगरेट छोड़ना चाहते हैं तो आप इसकी जगह फल और सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। धूम्रपान आपको जब भी करने की इच्छा हो तो आप इसकी जगह फल या साबुत अनाज खा सकते हैं। ये आपके धूम्रपान के लालच को कम करने का काम करेगा।

16 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहेगा Kharmas, कोई मांगलिक कार्य नहीं, निंदा और झूठ से बचें।

16 दिसंबर को सूर्य के मीन राशि में आने से Kharmas शुरू हो गया है। जो कि 14 जनवरी तक रहेगा। इसलिए अगले महीने मकर संक्रांति पर खरमास (Kharmas) दोष खत्म हो जाएगा। इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य के राशि बदलने से साल में 2 बार खरमास आता है। लगभग एक महीने के इस समय में भगवान की आराधना करने का विशेष महत्व है। धर्मग्रंथों में खर मास से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखना चाहिए।

क्या होता है Kharmas


सूर्य जब बृहस्पति की राशियों यानी धनु और मीन में प्रवेश कर जाता है तो Kharmas शुरू हो जाता है। ज्योतिष ग्रंथों में इसे गुरुवादित्य काल भी कहा गया है। ये स्थिति साल में 2 बार यानी दिसंबर-जनवरी और मार्च-अप्रैल में बनती है। इस दौरान हर तरह के मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। दिसंबर-जनवरी के दौरान सूर्य के धनु राशि में आने से इसे धनुर्मास भी कहा जाता है। वहीं मार्च-अप्रैल में मीन राशि में सूर्य के आने से इसे मीनमास भी कहा जाता है।

क्या करना चाहिए


धर्मग्रंथों (Dharmagranth) और संस्कृति के मुताबिक, इस महीने में सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाना चाहिए। फिर भगवान की पूजा करनी चाहिए। इससे भगवान की कृपा बनी रहती है। इस दौरान सूर्य पूजा करनी चाहिए। इनके साथ ही भगवान विष्णु की आराधना भी करनी चाहिए। खरमास के दौरान दान और मंत्र जप करने का महत्व है। इस महीने में देवता, वेद, ब्राह्मण, गुरु, गाय, साधु-सन्यांसियों की पूजा और सेवा करनी चाहिए।

खरमास में क्या नहीं करें

खरमास के दौरान गृह प्रवेश और 16 संस्कार सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। इस दौरान 16 में से कुछ आवश्यक संस्कार किए जा सकते हैं।

मांस, शहद, चावल का मांड, उड़द, प्याज, लहसुन, नागरमोथा, राई, नशे की चीजें, दाल, तिल का तेल और किसी का झूठा खाना नहीं खाना चाहिए।

खरमास के दौरान पत्तल पर भोजन करना, शाम को एक वक्त खाना, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही अनजाने में भी गलत काम करने से बचना चाहिए।

किसी का विरोध करने से बचना चाहिए। निंदा और झूठ से बचना चाहिए।

गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी, क्रिसमस 25 December को एक साथ, जानें ख़ास बातें।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 25 December को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती साथ ही मनाई जाएंगी. इसके साथ ही 25 December को ईसाई धर्म का मुख्य त्योहार क्रिसमस भी है. मोक्षदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और गीता जयंती श्रीमद्भागवत गीता को समर्पित है. गीता जयंती एकादशी के दिन होती है. इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र मैदान में गीता का उपदेश दिया था. क्रिसमस के त्योहार को ईसाई धर्म के लोग प्रभु यीशु के जन्मदिन के जश्न के रूप में मनाते हैं. आइए जानते हैं इन त्योहारों का महत्व…

मोक्षदा एकादशी का महत्व:

विष्‍णु पुराण (Vishnu Puran) के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत हिंदू वर्ष की अन्‍य 23 एकादशियों पर उपवास रखने के बराबर है. इस एकादशी का पुण्‍य पितरों को अर्पण करने से उन्‍हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. वे नरक की यातनाओं से मुक्‍त होकर स्‍वर्गलोक प्राप्‍त करते हैं. मान्‍यता के अनुसार जो मोक्षदा एकादशी का व्रत करता है उसके पाप नष्‍ट हो जाते हैं और उसे जीवन-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है यानी उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

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गीता जयंती का महत्व:

गीता जयंती मार्गशीष माह की एकादशी के दिन होती है. भगवान श्री कृष्ण ने जिस दिन अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, उसे गीता जयंती (Gita jayanti) के रूप में मनाया जाता है यानी श्रीमद् भगवद गीता के जन्मदिन के तौर पर. गीता का ज्ञान हमें धैर्य, दुख, लोभ व अज्ञानता से बाहर निकालने के लिए प्रेरित करता है.

25 December क्रिसमस का महत्व:

25 December क्रिसमस (Christmas) ईसाई धर्म का मुख्य त्योहार है. इस दिन लोग क्रिसमस ट्री सजाते हैं. केक काटते हैं. संता क्लाज बच्चों को आकर गिफ्ट देता है. क्रिसम यीशु के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार है. क्रिसमस प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है. ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन GOD यानी कि ईश्वर ने समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने के लिए प्रभु ईसा मसीह को पृथ्वी पर भेजा था.

 इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं.

Coronavirus: जर्मनी में लगाया गया 16 दिसंबर से 10 जनवरी के बीच अब तक का सबसे सख्त लॉकडाउन

Germany(Berlin) : Coronavirus मरीजों की मौत के मामलों में वृद्धि के कारण जर्मनी में एक बार फिर सख्त लॉकडाउन लगाया गया है। यह लॉकडाउन 16 दिसंबर से 10 जनवरी के बीच होगा। इस दौरान जरूरी सामान के अलावा अन्य सभी दुकानें और मॉल बंद रहेंगे। Coronavirus संक्रमण के नए मामलों की संख्या में कमी लाने के लिए दुकानों और स्कूलों को भी बंद किया गया है।

Coronavirus से कई मरीजों की मौत हुई

देश के रोग नियंत्रण केंद्र ‘रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट’ के मुताबिक, जर्मनी में पिछले सात दिन में प्रति एक लाख निवासियों पर कोविड-19 के 179.8 मरीजों की मौत हुई जोकि पिछले सप्ताह से काफी अधिक है। 

इसके मुताबिक, इससे पिछले सप्ताह प्रति एक लाख निवासियों पर 149 मौतें हुई थीं। जर्मनी के 16 राज्यों में एक दिन में होने वाली मौतों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई जोकि 952 रही। यह पिछले शुक्रवार को हुई 598 से काफी अधिक रही। जर्मनी में अब तक इस घातक वायरस के कारण 23,427 लोगों की मौत हो चुकी है। 

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अक्टूबर में Coronavirus संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर नवंबर की शुरुआत में जर्मनी में हल्का लॉकडाउन लगाया था, जिसके तहत बार और रेस्त्रां बंद रखे गए थे लेकिन दुकानों को खोलने की अनुमति थी। अब नए मामलों और मरीजों की मौत की संख्या में वृद्धि के चलते लॉकडाउन के तहत सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं। 

क्रिसमस से पहले दुकानें और स्कूल बंद किए जाने के साथ ही निजी कार्यक्रम में एकत्र होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या पांच तय की जा रही है। उधर, अर्थशास्त्रियों ने कहा कि जर्मनी के एक और सख्त लॉकडाउन के फैसले से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में एक और मंदी का खतरा बढ़ गया है। 

चांसलर एंजेला मर्केल के एक शीर्ष सहयोगी ने सोमवार को कहा कि जर्मनी में अगले साल की शुरुआत में लॉकडाउन को खत्म होने की संभावना नहीं है। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी को सर्दियों के महीनों में कई प्रकार के प्रतिबंधों से जूझना होगा।

उन्होंने कहा कि सांस संबंधी संक्रमण के मामले में जनवरी और फरवरी हमेशा मुश्किल महीने होते हैं। सख्त नियमों के तहत 16 दिसंबर से केवल आवश्यक दुकानें जैसे कि सुपरमार्केट, फार्मेसियों और बैंक खुले रहेंगे। सैलून, ब्यूटी पॉर्लर और टैटू पार्लरों को भी बंद करना होगा। 

Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बातचीत से निपटाए मसला, एक कमिटी का गठन हो।

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New Delhi: Farmers Protest के कारण दिल्ली बॉर्डर बंद किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (SC Hearing Today) ने केंद्र, दिल्ली, यूपी, हरियाणा व पंजाब को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट व दो अन्य की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया कि बॉर्डर सील कर दिया गया है। शाहीनबाग केस में दिए फैसले का हवाला देकर कहा गया है कि वहां से किसानों को हटाया जाना चाहिए और बॉर्डर खाली कराया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि दिल्ली के आसपास के किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जल्दी ही राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा और ऐसे में अदालत चाहती है कि एक कमिटी का गठन हो जो दोनों पक्षों के बीच बातचीत से मामले को निपटाए।

Farmers Protest को लेकर आपसी बातचीत से निपटाएं मामला

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस ए बोबडे (Chief Justice of India SA Bobde) ने सवाल किया कि आप बॉर्डर ओपन कराना चाहते हैं। याची ने कहा कि इस मामले में नोटिस जारी होना चाहिए। कोर्ट ने याची से कहा कि आप किसानों के संगठन को भी पार्टी बनाएं। हम नहीं जानते कि कौन से संगठन हैं। एडवोकेट जीएस मनी ने इस दौरान कहा कि इस मामले में आपसी बातचीत से मामले को निपटाया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि ज्यादातर अर्जी सही तरह से नहीं रखा गया है।

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क्या किसानों को दिल्ली आने से रोका गया है?

चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) से कहा है कि किसने किसानों को दिल्ली आने से रोका है। क्या आपने रोका है? तब तुषार मेहता ने कहा कि पुलिस ने उन्हें रोक रखा है। तुषार मेहता ने कहा कि सरकार किसानों से बात कर रही है। भारतीय किसान यूनियन और अन्य संगठन मौके पर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन कुछ अन्य एलिमेंट ने भी प्रदर्शन में भाग ले लिया है। सरकार किसानों के खिलाफ कुछ भी नहीं कर रही है।

सरकार की बातचीत का प्रयास सराहनीय-SC

चीफ जस्टिस ने तब कहा कि आपने बातचीत की है लेकिन वह फेल हुआ है और फिर भी आप बातचीत के लिए तैयार हैं जो सराहनीय है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि हम मामले में नोटिस जारी करते हैं और सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों और उनके संगठनों की एक कमिटी का गठन किया जाएगा। सरकार के नामित व्यक्ति भी होंगे। Farmers Protest का ये मामला राष्ट्रीय महत्व का बन गया है और इसे बातचीत से हल किया जाना जरूरी है।

सरकार कर रही है प्लानिंग- तुषार मेहता

चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। अदालत ने तुषार मेहता से कहा कि हम आपको बताना चाहते हैं कि Farmers Protest को लेकर हम कुछ प्लानिंग कर रहे हैं। हम एक कमिटी का गठन करने जा रहे हैं जो मामले में विवाद का निपटारा करेगा। इसमें भारतीय किसान यूनियन, भारत सरकार और अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधि होंगे। हम किसान संगठनों से कहेंगे कि वह इस कमिटी के पार्ट बनें क्योंकि ये मुद्दा जल्दी ही राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा बनने जा रहा है।

शीर्ष अदालत ने 5 पक्षों को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने याचिकाकर्ता की अर्जी पर केंद्र, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और यूपी को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय कर दी है साथ ही याचिाककर्ता से कहा है कि वह किसानों के संगठनों को पार्टी बनाए। याचिकाकर्ता ने अर्जी दाखिल कर दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने की गुहार लगाई है।

लॉ स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई

एक याचिकाकर्ता जो लॉ स्टूडेंट है उसकी ओर से कहा गया है कि Farmers Protest की वजह से सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया है और इस कारण इमरजेंसी सर्विस और मेडिकल सर्विस प्रभावित हो रहा है। दिल्ली में कोविड (Covid) केसों का इजाफा हो रहा है। दिल्ली में अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज आते हैं ताकि इलाज करा सकें वो सभी प्रभावित हो रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि लाखों लोग Farmers Protest में भाग ले रहे हैं जिनकी जिंदगी खतरे में है क्योंकि कोरोना वायरस की बीमारी फैली हुई है। इस कारण अंदेशा है कि कोरोना महामारी और ज्यादा फैल सकती है। इससे देश में खतरा हो सकता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रदर्शन करने वाले किसानों (Farmers Protest) को दिल्ली बॉर्डर से अन्य जगह पर शिफ्ट किया जाना चाहिए और बंद पड़े सड़कों को ओपन किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों के बीच मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना चाहिए। पुलिस प्रदर्शनकारियों के लिए जगह अलॉट किए थे लेकिन प्रदर्शनकारी वहां शिफ्ट नहीं हो रहे हैं।

Sambhal UP: घने कोहरे के कारण कंटेनर और रोडवेज बस की भिड़ंत, 7 की मौत, 23 घायल

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उत्तर प्रदेश के संभल(Sambhal) जिले में कोहरे के कारण बड़ा हादसा हो गया। जानकारी के मुताबिक, कोहरे की वजह से एक रोडवेज बस तेज रफ्तार कंटेनर से भिड़ गई। हादसे में एक दर्जन यात्रियों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस अब तक 7 मृतकों के शव निकाल चुकी है। बताया गया कि मौतों का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

खबर के मुताबिक, संभल (Sambhal) के धनारी थाना इलाके के मुरादाबाद-आगरा हाइवे पर घने कोहरे के चलते यह हादसा हुआ। रोडवेज की बस दूसरी तरफ से आ रही तेज रफ्तार कंटेनर से टकरा गई। टक्कर काफी जबर्दस्त थी। हादसे के बाद शोर सुनकर स्थानीय लोग मौके पर जुट गए। पुलिस को खबर दी गई, जिसके बाद बस से मृतकों और घायलों को निकालने का काम शुरू किया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद एसपी चक्रेश मिश्र समेत रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची।

7 शव निकाले गए

एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि अब तक बस से 7 शव निकाले जा चुके हैं। हालांकि, मौत का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा हो सकती है। वहीं 23 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी सूचना है। पुलिस ने बताया कि घने कोहरे के कारण यह हादसा हुआ है। बस से घायलों और मृत लोगों के शवों को बाहर निकालने का काम जारी है।

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