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दिल्ली के स्कूलों में Winter की छुट्टियां घोषित

Winter स्कूलों में सर्दी की छुट्टियाँ शैक्षिक कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो छात्रों को उनकी पढ़ाई से एक आवश्यक ब्रेक प्रदान करती हैं। ये छुट्टियाँ आमतौर पर वर्ष के सबसे ठंडे महीनों के दौरान होती हैं, जो छात्रों और शिक्षकों को आराम करने और नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत से पहले रीचार्ज होने का अवसर प्रदान करती हैं। सर्दी की छुट्टियाँ घोषित करने का निर्णय आमतौर पर मौसम की परिस्थितियों, सांस्कृतिक प्रथाओं और शैक्षिक कार्यक्रम के आधार पर लिया जाता है। यह लेख दिल्ली स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों के महत्व, समय, और प्रभाव पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, साथ ही यह भी बताता है कि किन विभिन्न कारकों के कारण इन छुट्टियों की घोषणा की जाती है।

स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों का समय

Winter holidays declared in Delhi schools

दिल्ली में Winter का मौसम आमतौर पर नवंबर से फरवरी तक रहता है, जिसमें दिसंबर और जनवरी सबसे ठंडे महीने होते हैं। दिल्ली स्कूलों में सर्दी की छुट्टियाँ आमतौर पर दिसंबर के मध्य में घोषित की जाती हैं और जनवरी के पहले सप्ताह तक रहती हैं। यह ब्रेक सर्दी के चरम के समय होता है, जब शहर का तापमान काफी गिर सकता है और खासकर रात के समय यह एकल अंकों तक पहुँच सकता है।

सर्दी की छुट्टियों की सही तारीखों का निर्धारण शिक्षा निदेशालय (DoE) द्वारा किया जाता है, जो दिल्ली में स्कूलों की शासी निकाय है। छुट्टियों का समय शैक्षिक कैलेंडर, सरकारी नीतियों और मौसम की स्थिति जैसे विभिन्न कारकों से प्रभावित होता है। दिल्ली के स्कूल आमतौर पर इस अवधि के दौरान दो से तीन सप्ताह का ब्रेक प्रदान करते हैं, ताकि छात्रों को उनके नियमित शैक्षिक कार्यक्रम से एक ब्रेक मिल सके।

Winter की छुट्टियाँ घोषित करने के कारण

दिल्ली स्कूलों में सर्दी की छुट्टियाँ घोषित करने के कई कारण होते हैं, जिनमें मौसम, शैक्षिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक कारण शामिल हैं:

  • मौसम और जलवायु परिस्थितियाँ

Winter की छुट्टियाँ घोषित करने का मुख्य कारण दिल्ली में सर्दियों के महीनों के दौरान अत्यधिक ठंडा मौसम होता है। इस समय शहर में तापमान काफी गिर जाता है और अक्सर कोहरा, धुंआ और खराब वायु गुणवत्ता भी देखी जाती है। यह छात्रों के लिए स्कूल जाना और कक्षाएँ अटेंड करना असहज बना देता है। ठंडा मौसम छात्रों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है, विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए। इसलिए, इस अवधि के दौरान छात्रों को घर पर रहने का अवसर देने के लिए सर्दी की छुट्टियाँ घोषित की जाती हैं।

  • स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ

सर्दी के मौसम में दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है, जिसका मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुंआ, निर्माण कार्य का धूल और आस-पास के राज्यों में फसल की आग जलाना है। यह सांस संबंधी समस्याएँ और अन्य स्वास्थ्य मुद्दे उत्पन्न कर सकता है, खासकर बच्चों में। सर्दी की छुट्टियाँ घोषित करके स्कूल छात्रों को प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि वे इस मौसम के स्वास्थ्य जोखिमों से प्रभावित न हों।

  • शैक्षिक कैलेंडर और परीक्षा की तैयारी

Winter की छुट्टियाँ छात्रों को आगामी परीक्षाओं की तैयारी करने और किसी छूटे हुए कार्य को पूरा करने का अवसर भी प्रदान करती हैं। दिल्ली के कई स्कूलों में सर्दी की छुट्टियाँ पहले और दूसरे शैक्षिक सत्र के बीच होती हैं, जो छात्रों को अपनी पढ़ाई को फिर से देखेने और आवश्यकतानुसार पुनरावलोकन करने का समय देती हैं। वरिष्ठ कक्षाओं के छात्रों के लिए, यह ब्रेक बोर्ड परीक्षाओं या आगामी अंतिम मूल्यांकन से पहले एक आवश्यक आराम प्रदान करता है।

  • सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव

सर्दी की छुट्टियाँ कई सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहारों जैसे क्रिसमस और नववर्ष के साथ मेल खाती हैं। ये छुट्टियाँ उत्सव के मौसम का एक अभिन्न हिस्सा होती हैं, जिससे छात्रों और उनके परिवारों को जश्न मनाने और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलता है। दिल्ली, जहाँ विभिन्न पृष्ठभूमियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं, सर्दी की छुट्टियाँ छात्रों को शहर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने और विभिन्न सामुदायिक आयोजनों में भाग लेने का मौका देती हैं।

Winter की छुट्टियों का छात्रों और शिक्षकों पर प्रभाव

Winter holidays declared in Delhi schools
  • शारीरिक और मानसिक कल्याण

Winter की छुट्टियाँ छात्रों को आराम करने और रीचार्ज होने का मौका देती हैं, जो उनके शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। लगातार शैक्षिक दबाव के कारण तनाव और थकावट हो सकती है, और सर्दी की छुट्टियाँ छात्रों को आराम करने और परिवार के साथ समय बिताने का अवसर प्रदान करती हैं। यह शैक्षिक दिनचर्या से एक ब्रेक है, जिससे छात्र शौक, खेल और अन्य मनोरंजन गतिविधियों में भाग ले सकते हैं, जो उनके समग्र विकास में योगदान करते हैं।

शिक्षकों के लिए भी Winter की छुट्टियाँ महत्वपूर्ण होती हैं। अध्यापन एक कठिन पेशा है, और इस ब्रेक के दौरान शिक्षक आराम कर सकते हैं और अगले सत्र की तैयारी कर सकते हैं। यह समय उन्हें अपने शिक्षण तरीकों पर विचार करने, आगामी पाठों की योजना बनाने और पेशेवर विकास कार्यशालाओं में भाग लेने का अवसर देता है। सर्दी की छुट्टियाँ शिक्षकों को भी परिवार के साथ समय बिताने और अगले वर्ष के लिए पुनः ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती हैं।

  • स्मृति और ध्यान में सुधार

शोध से यह साबित हुआ है कि नियमित ब्रेक लेना शैक्षिक कार्य से मानसिक विकास के लिए आवश्यक है। Winter की छुट्टियाँ छात्रों को पढ़ाई से एक ब्रेक देती हैं, जो कि जब वे स्कूल वापस आते हैं तो उनके ध्यान और एकाग्रता में सुधार कर सकती हैं। इस समय के दौरान छात्र रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को उत्तेजित करने वाली गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, जैसे पढ़ना, पहेलियाँ हल करना या नई चीजें सीखना। इससे वे नए सत्र के लिए ताजगी और बेहतर शैक्षिक प्रदर्शन के साथ लौट सकते हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक विकास

Winter की छुट्टियाँ छात्रों को सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का मौका भी देती हैं। कई स्कूल इस समय के दौरान सर्दी शिविर, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामुदायिक सेवा परियोजनाएँ आयोजित करते हैं। ये गतिविधियाँ छात्रों को नए कौशल सीखने, सहपाठियों से बातचीत करने और विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में जानने का अवसर देती हैं। दिल्ली में, जहां विविधता है, सर्दी की छुट्टियाँ छात्रों को शहर की सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने और विभिन्न सामुदायिक गतिविधियों में भाग लेने का एक आदर्श समय प्रदान करती हैं।

Winter की छुट्टियों से जुड़ी चुनौतियाँ और आलोचनाएँ

Winter holidays declared in Delhi schools

हालाँकि Winter की छुट्टियाँ आमतौर पर छात्रों और शिक्षकों द्वारा स्वागत की जाती हैं, लेकिन इनमें कुछ चुनौतियाँ और आलोचनाएँ भी हैं।

शिक्षा पर प्रभाव

कुछ शिक्षक और अभिभावक यह चिंतन करते हैं कि Winter की छुट्टियाँ छात्रों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। लंबी छुट्टियाँ छात्रों के लिए गति खोने का कारण बन सकती हैं, जिससे उन्हें अपने शैक्षिक कार्यों में वापस आने में समय लग सकता है। कुछ छात्र जो छुट्टियों के दौरान अध्ययन नहीं करते हैं, वे पढ़ी हुई सामग्री भूल सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए, कुछ स्कूल छुट्टियों के दौरान छात्रों के लिए गृहकार्य या परियोजनाएँ देते हैं, ताकि वे व्यस्त रहें और अपनी पढ़ाई से जुड़ी रहें।

  • संसाधनों तक असमान पहुँच

Winter की छुट्टियों से जुड़ी एक और चुनौती यह है कि सभी छात्रों को समान रूप से संसाधनों तक पहुँच नहीं मिलती। कुछ छात्र यात्रा करने, अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेने या सर्दी शिविरों में शामिल होने का अवसर पा सकते हैं, जबकि अन्य के पास ऐसा करने के लिए वित्तीय संसाधन नहीं होते। यह असमानता छात्रों के बीच एक खाई उत्पन्न कर सकती है और उनके सर्दी की छुट्टियों के दौरान शैक्षिक और मनोरंजन अवसरों तक पहुँच को सीमित कर सकती है।

  • वायु प्रदूषण और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ

हाल के वर्षों में, दिल्ली में Winter के मौसम के दौरान गंभीर वायु प्रदूषण देखा गया है, जिससे वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुँच जाती है। यह खराब वायु गुणवत्ता छात्रों के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती है, और स्कूलों को अतिरिक्त सावधानियाँ बरतने के लिए मजबूर कर सकती हैं, जैसे बाहरी गतिविधियाँ रद्द करना या छात्रों के लिए मास्क प्रदान करना। प्रदूषण स्तर भी सर्दी की छुट्टियों का आनंद लेने में बाधा डाल सकता है, क्योंकि छात्र सुरक्षा कारणों से घर के अंदर ही रह सकते हैं।

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निष्कर्ष

दिल्ली स्कूलों में Winter की छुट्टियाँ शैक्षिक कैलेंडर का एक अनिवार्य हिस्सा हैं, जो छात्रों को उनके शैक्षिक कार्य से एक ब्रेक प्रदान करती हैं और उन्हें आराम करने, रीचार्ज होने और सांस्कृतिक एवं मनोरंजन गतिविधियों में भाग लेने का अवसर देती हैं। छुट्टियों का समय, जो सर्दी के सबसे ठंडे महीनों में आता है, यह सुनिश्चित करता है कि छात्र कठोर मौसम और खराब वायु गुणवत्ता से बचें। जबकि सर्दी की छुट्टियों के कई लाभ हैं, इसके साथ ही कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि पढ़ाई पर प्रभाव और संसाधनों तक असमान पहुँच।

इन चुनौतियों के बावजूद, Winter की छुट्टियाँ दिल्ली में स्कूलों के शैक्षिक कैलेंडर का एक आवश्यक हिस्सा बनी रहती हैं, जो छात्रों को आराम करने, विचार करने और ताजगी के साथ पुनः लौटने का अवसर प्रदान करती हैं। जैसा कि दिल्ली शहर प्रदूषण और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, यह महत्वपूर्ण है कि नीति निर्माताओं और शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे उपाय किए जाएं, ताकि सभी छात्र अपनी सर्दी की छुट्टियों का पूरी तरह से लाभ उठा सकें, और स्वास्थ्य और सुरक्षा के मुद्दों को भी ध्यान में रखा जाए।

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President ने 5 राज्यों के लिए Governor की नियुक्ति की

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नई दिल्ली: President द्रौपदी मुर्मू ने 24 दिसंबर 2024 को पांच राज्यों में नए Governor की नियुक्ति की घोषणा की है। पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। अजय भल्ला असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

इसके अतिरिक्त, केरल के वर्तमान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, जबकि बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को केरल का राज्यपाल बनाया गया है।

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पूर्व सेना प्रमुख जनरल विजय कुमार सिंह को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास के इस्तीफे के बाद, मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।

President द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न राज्यों के Governor की नियुक्ति और स्थानांतरण से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:

मणिपुर:

The President appointed Governors for five states.

पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को अनुसुइया उइके की जगह मणिपुर का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। मणिपुर हाल के महीनों में मैतेई समुदाय और कुकी जनजातियों के बीच जारी तनाव का सामना कर रहा है।

मिजोरम:

सेवानिवृत्त सेना प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को मिजोरम का नया राज्यपाल बनाया गया है।

केरल और बिहार:

इन राज्यों में राज्यपालों का अदला-बदली किया गया है।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अब बिहार के राज्यपाल होंगे।

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को केरल का राज्यपाल बनाया गया है।

The President appointed Governors for five states.

ओडिशा:

मिजोरम के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।

ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुबर दास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।

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ये बदलाव न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इन राज्यों में स्थिरता और विकास को प्राथमिकता देने है।

Semolina और आलू से बनाएं स्वादिष्ट नाश्ता

Semolina को अक्सर दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है, और यह जरूरी है कि आप अपना दिन कुछ पौष्टिक, भरपूर और स्वादिष्ट खाने के साथ शुरू करें। एक ऐसा नाश्ता जो सूजी (सेमोलिना) और आलू को जोड़ता है, वह न केवल तृप्ति देने वाला होता है, बल्कि स्वाद से भी भरपूर होता है। सूजी एक बहुपरकारी सामग्री है, जिसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जा सकता है, जबकि आलू एक ऐसा घटक है जो भरपूरता और स्वाद जोड़ता है। इन दोनों सामग्रियों को मिलाकर विभिन्न प्रकार के नाश्ते बनाए जा सकते हैं, जैसे कि नमकीन उपमा से लेकर कुरकुरी टिक्की तक। इस लेख में, हम सूजी और आलू से बने स्वादिष्ट नाश्ता के कई तरीके जानेंगे।

Semolina और आलू का उपमा

Make delicious breakfast with semolina and potatoes

उपमा एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय नाश्ता है जो सूजी से बनता है। यह स्वादिष्ट, खुशबूदार और बनाने में आसान होता है। आलू को उपमे में जोड़ने से यह और भी समृद्ध और स्वादिष्ट बन जाता है। यहां जानिए इसे बनाने की विधि:

  • सामग्री:
  • 1 कप सूजी
  • 2 मध्यम आकार के आलू, छिले और क्यूब्स में कटे हुए
  • 1 प्याज, बारीक कटा हुआ
  • 2 हरी मिर्च, कटी हुई
  • 1/2 चम्मच सरसों के बीज
  • 1/2 चम्मच जीरा
  • 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1/2 चम्मच अदरक, कद्दूकस किया हुआ
  • 1/4 कप मटर (वैकल्पिक)
  • 2 बड़े चम्मच तेल या घी
  • 1 बड़ा चम्मच नींबू का रस
  • स्वाद अनुसार नमक
  • ताजे धनिया पत्ते, कटा हुआ (सजाने के लिए)
  • विधि:
  • सूजी को भूनें: एक पैन में मध्यम आंच पर Semolina को सूखा भूनें, 4-5 मिनट तक लगातार हिलाते हुए, जब तक यह हल्का सुनहरा न हो जाए। फिर इसे पैन से निकालकर अलग रख लें।
  • सब्जियां तैयार करें: उसी पैन में तेल या घी डालें। जब तेल गर्म हो जाए, तो उसमें सरसों के बीज और जीरा डालें। जब ये चटकने लगें, तो प्याज और हरी मिर्च डालें और प्याज के नरम होने तक भूनें।
  • आलू पकाएं: अब कटे हुए आलू पैन में डालें और 5-7 मिनट तक पकाएं, बीच-बीच में हिलाते रहें। अगर आप मटर का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे इस चरण में डालें। नमक और हल्दी पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें। पैन को ढककर आलू को नरम होने तक पकाएं।
  • पानी डालें: जब आलू पक जाएं, तो पैन में 2 कप पानी डालें और उबालने दें।
  • सूजी डालें: उबलते पानी में धीरे-धीरे भुनी हुई सूजी डालें और लगातार हिलाते रहें ताकि कोई गुठली न बने। मिश्रण को धीमी आंच पर 3-4 मिनट तक पकने दें, जब तक सूजी पानी को सोख न ले और मुलायम न हो जाए।
  • डिश को तैयार करें: अब इसमें कद्दूकस किया हुआ अदरक और नींबू का रस डालें, अच्छे से मिला लें। ताजे धनिया पत्तों से सजाएं।
  • परोसें: Semolina और आलू का उपमा गरमागरम परोसें, साथ में चटनी या दही भी परोस सकते हैं।

यह डिश एक संपूर्ण, स्वादिष्ट नाश्ता है जो सूजी और आलू के फायदे को जोड़ता है। सरसों के बीज, जीरा और हल्दी का तड़का इसे एक बेहतरीन भारतीय स्वाद देता है।

आलू-सूजी टिक्की

Make delicious breakfast with semolina and potatoes

आलू-Semolina टिक्की एक कुरकुरी, सुनहरी पैटी होती है जो उबले आलू और सूजी के मिश्रण से बनाई जाती है। यह नाश्ता के लिए या स्नैक के रूप में परफेक्ट है। यहां जानिए इसे बनाने की विधि:

  • सामग्री:
  • 2 मध्यम आकार के आलू, उबले और मैश किए हुए
  • 1/2 कप सूजी
  • 1/4 कप ब्रेडक्रम्ब्स (वैकल्पिक, अतिरिक्त कुरकुरापन के लिए)
  • 1 छोटा प्याज, बारीक कटा हुआ
  • 1-2 हरी मिर्च, कटी हुई
  • 1/2 चम्मच जीरा पाउडर
  • 1/4 चम्मच गरम मसाला
  • 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
  • स्वाद अनुसार नमक
  • ताजे धनिया पत्ते, कटा हुआ
  • तलने के लिए तेल
  • विधि:
  • सूजी को भूनें: एक पैन में थोड़ा तेल गर्म करें और उसमें सूजी डालें। इसे मध्यम आंच पर 3-4 मिनट तक भूनें, जब तक यह हल्का सुनहरा न हो जाए। फिर इसे पैन से निकालकर ठंडा होने दें।
  • आलू को मैश करें: एक मिक्सिंग बाउल में उबले और मैश किए हुए आलू डालें। सुनिश्चित करें कि कोई गांठ न हो।
  • सामग्री मिलाएं: अब इसमें भुनी हुई सूजी, कटा हुआ प्याज, हरी मिर्च, जीरा पाउडर, गरम मसाला, हल्दी पाउडर, नमक और धनिया पत्ते डालें। सभी सामग्री को अच्छे से मिला लें।
  • टिक्की बनाएं: मिश्रण को छोटे हिस्सों में बांटकर गोल या अंडाकार आकार में टिक्की बना लें।
  • टिक्की तलें: एक शैलो फ्राइंग पैन में तेल गर्म करें। जब तेल गर्म हो जाए, तो उसमें टिक्कियों को डालें। दोनों तरफ 3-4 मिनट तक पकाएं, जब तक टिक्की सुनहरी और कुरकुरी न हो जाएं।
  • परोसें: आलू-सूजी टिक्की को पुदीने की चटनी या इमली की चटनी के साथ गरमागरम परोसें।

यह टिक्की बाहरी तौर पर कुरकुरी और अंदर से मुलायम होती है, जो इसे नाश्ता के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है।

आलू-सूजी पराठा

Make delicious breakfast with semolina and potatoes

पराठे भारतीय नाश्ता में एक लोकप्रिय विकल्प होते हैं। आटे में Semolina मिलाने से ये पराठे और भी कुरकुरी और स्वादिष्ट बन जाते हैं। यहां जानिए आलू-Semolina पराठा बनाने की विधि:

  • सामग्री:
  • 2 मध्यम आकार के आलू, उबले और मैश किए हुए
  • 1/2 कप सूजी
  • 1 कप गेहूं का आटा
  • 1/4 चम्मच जीरा
  • 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1/2 चम्मच गरम मसाला
  • स्वाद अनुसार नमक
  • पानी (आवश्यकतानुसार)
  • घी या मक्खन (तलने के लिए)
  • विधि:
  • भरावन तैयार करें: एक मिक्सिंग बाउल में उबले और मैश किए हुए आलू डालें, फिर उसमें जीरा, हल्दी पाउडर, गरम मसाला और नमक डालकर अच्छे से मिला लें।
  • आटा तैयार करें: एक और बाउल में गेहूं का आटा, सूजी और थोड़ा सा नमक डालें। पानी डालकर नरम आटा गूंध लें। आटे को गीले कपड़े से ढककर 15 मिनट के लिए रख दें।
  • पराठे बेलें: आटे को छोटे हिस्सों में बांटकर हर हिस्से को गोल आकार में बेलें। फिर आलू के मिश्रण का एक हिस्सा रखें और आटे के किनारों को बंद करके भरावन को सील कर लें। फिर इसे बेलन से बेलकर पराठा बना लें।
  • पराठे पकाएं: तवे पर घी या मक्खन लगाकर पराठे को दोनों ओर सुनहरा और कुरकुरा होने तक सेंकें।
  • परोसें: आलू-सूजी पराठे को दही, अचार या ताजे सलाद के साथ गरमागरम परोसें।

यह पराठा कुरकुरी सूजी और स्वादिष्ट आलू के भरावन से भरपूर होता है, जो इसे एक संपूर्ण और भरपूर Breakfast बनाता है।

Semolina और आलू का दलिया

Make delicious breakfast with semolina and potatoes

जो लोग हल्का नाश्ताt पसंद करते हैं, उनके लिए Semolina और आलू का दलिया एक आरामदायक विकल्प है।

यह डिश गरम, मुलायम और पचने में आसान होती है। इसे बनाने की विधि इस प्रकार है:

  • सामग्री:
  • 1/2 कप सूजी
  • 1 बड़ा आलू, कद्दूकस किया हुआ
  • 1 बड़ा चम्मच घी या मक्खन
  • 1/4 चम्मच जीरा
  • 1/4 चम्मच सरसों के बीज
  • 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
  • स्वाद अनुसार नमक
  • 2 कप पानी या सब्जी का शोरबा
  • ताजे धनिया पत्ते सजाने के लिए
  • विधि:
  • आलू पकाएं: एक पैन में घी या मक्खन गर्म करें। उसमें जीरा और सरसों के बीज डालें और चटकने दें। फिर कद्दूकस किया हुआ आलू डालकर 3-4 मिनट तक भूनें।
  • सूजी डालें: अब सूजी डालें और 2-3 मिनट तक भूनें, जब तक यह हल्का सुनहरा न हो जाए।
  • पानी डालें: पैन में पानी या सब्जी का शोरबा डालें, हल्दी पाउडर और नमक डालें। उबाल आने दें।
  • पकाएं: आंच धीमी कर दें और मिश्रण को हल्का गाढ़ा होने तक पकने दें, बीच-बीच में हिलाते रहें।
  • परोसें: ताजे धनिया पत्तों से सजाएं और गरमागरम परोसें।

यह Semolina और आलू का दलिया हल्का और पौष्टिक नाश्ता है जो आरामदायक और स्वादिष्ट होता है।

कमजोर Bones को मजबूत बनाने के लिए खाएं ये सफेद चीज

निष्कर्ष

Semolina और आलू एक बेहतरीन संयोजन हैं जो विभिन्न प्रकार के नाश्ते बनाने में काम आते हैं। चाहे वह नमकीन उपमा हो, कुरकुरी टिक्की हो या हल्का दलिया, इन दोनों सामग्री से बने नाश्ता स्वाद से भरपूर होते हैं और पेट को तृप्त करने वाले होते हैं। अगली बार जब आप नाश्ताt के लिए कुछ नया बनाना चाहें, तो इन व्यंजनों को ट्राई करें और सूजी और आलू के स्वाद का आनंद लें।

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सोने के Mangalsutra के नई डिजाइन

Mangalsutra भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है, जो विवाह के पवित्र बंधन का प्रतीक है। यह केवल एक आभूषण नहीं है, बल्कि प्रेम, प्रतिबद्धता और साथ का प्रतीक है। समय के साथ, मंगलसूत्र की डिज़ाइन में बदलाव आया है, जो पारंपरिकता और आधुनिकता का मेल है। यहाँ 8 नई डिज़ाइन के गोल्ड मंगलसूत्र दिए गए हैं, जो आधुनिक दुल्हन के लिए उपयुक्त हैं।

गोल्ड मंगलसूत्र

new design of gold mangalsutra

जो लोग सादगी पसंद करते हैं, उनके लिए मिनिमलिस्ट गोल्ड mangalsutra एक आदर्श विकल्प है। इन डिज़ाइनों में एक पतली सोने की चेन होती है, जिसमें एक छोटा पेंडेंट होता है, जो अक्सर एक हीरे या सरल ज्यामितीय पैटर्न से सजा होता है। इसकी साधारण सुंदरता इसे दैनिक उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है और यह पारंपरिक और पश्चिमी दोनों प्रकार के परिधानों के साथ अच्छी तरह से मेल खाती है।

  • मुख्य विशेषताएँ:

हल्का और आरामदायक।

सूक्ष्म लेकिन परिष्कृत डिज़ाइन।

कामकाजी महिलाओं के लिए आदर्श।

पारंपरिक गोल्ड मंगलसूत्र में आधुनिक ट्विस्ट

यह डिज़ाइन mangalsutra के पारंपरिक तत्वों को बनाए रखता है, लेकिन इसमें आधुनिक सौंदर्यशास्त्र शामिल हैं। काले मोतियों को सोने के मोतियों के साथ मिलाया जाता है, और पेंडेंट में अक्सर जटिल पैटर्न जैसे फूल या पत्तियों के डिज़ाइन होते हैं। कुछ डिज़ाइनों में एनामल वर्क या रत्न भी जोड़े जाते हैं।

  • मुख्य विशेषताएँ:

परंपरा और आधुनिकता का मेल।

जटिल शिल्पकला।

त्योहारों के लिए उपयुक्त।

  • लेयर्ड गोल्ड मंगलसूत्र

लेयर्ड mangalsutra उन महिलाओं के लिए एक ट्रेंडी विकल्प है जो स्टाइल स्टेटमेंट बनाना पसंद करती हैं।

इन डिज़ाइनों में कई लेयर्स की चेन होती हैं, जिनमें काले और सोने के मोती सजे होते हैं। पेंडेंट आमतौर पर भव्य होता है, जो डिज़ाइन की भव्यता को बढ़ाता है।

  • मुख्य विशेषताएँ:

बोल्ड और आकर्षक।

शादियों और उत्सवों के लिए परफेक्ट।

किसी भी पोशाक की शोभा बढ़ाता है।

  • डायमंड-जड़ा गोल्ड मंगलसूत्र

हीरे किसी भी आभूषण में भव्यता जोड़ते हैं, और मंगलसूत्र भी इससे अलग नहीं है। डायमंड-जड़ा गोल्ड mangalsutra में एक स्लीक गोल्ड चेन होती है,

जिसमें चमचमाते हीरों से जड़ा हुआ पेंडेंट होता है। डिज़ाइन क्लासिक सॉलिटेयर सेटिंग्स से लेकर जटिल पैटर्न तक होते हैं।

  • मुख्य विशेषताएँ:

भव्यता और परिष्कार का प्रतीक।

विशेष अवसरों के लिए परफेक्ट।

आपके आभूषण संग्रह में एक समयहीन जोड़।

शॉर्ट-लेंथ गोल्ड मंगलसूत्र

new design of gold mangalsutra

शॉर्ट-लेंथ mangalsutra आधुनिक दुल्हनों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं, जो अधिक समकालीन लुक पसंद करती हैं। ये डिज़ाइन कॉलरबोन के ठीक नीचे टिकते हैं और अक्सर एक नाजुक चेन के साथ एक छोटा, स्टाइलिश पेंडेंट होता है। ये उन महिलाओं के लिए परफेक्ट हैं जो एक सूक्ष्म लेकिन अर्थपूर्ण आभूषण चाहती हैं।

  • मुख्य विशेषताएँ:

कॉम्पैक्ट और ट्रेंडी।

कैजुअल और फॉर्मल वियर के साथ स्टाइल करना आसान।

रोज़मर्रा के उपयोग के लिए आरामदायक।

  • टेम्पल-इंस्पायर्ड गोल्ड मंगलसूत्र

मंदिर-प्रेरित आभूषण हमेशा से भारतीय महिलाओं के बीच पसंदीदा रहे हैं, और यह ट्रेंड मंगलसूत्र तक भी फैला हुआ है। इन डिज़ाइनों में मंदिर की वास्तुकला से प्रेरित जटिल मोटिफ्स होते हैं, जैसे देवता, मोर, या कमल के फूल। पेंडेंट अक्सर बड़े और अधिक अलंकृत होते हैं, जो पारंपरिक अवसरों के लिए आदर्श बनाते हैं।

  • मुख्य विशेषताएँ:

सांस्कृतिक महत्व से भरपूर।

जटिल और कलात्मक डिज़ाइन।

पारंपरिक पोशाक के लिए सबसे उपयुक्त।

कस्टमाइज़्ड गोल्ड मंगलसूत्र

new design of gold mangalsutra

व्यक्तिगतरण आभूषण में एक बढ़ता हुआ ट्रेंड है, और मंगलसूत्र भी इससे अलग नहीं है। कस्टमाइज़्ड डिज़ाइन आपको व्यक्तिगत महत्व वाले तत्वों को शामिल करने की अनुमति देते हैं, जैसे आद्याक्षर, जन्म रत्न, या विशेष प्रतीक। ये व्यक्तिगत टुकड़े अद्वितीय होते हैं और पारंपरिक आभूषण में एक व्यक्तिगत स्पर्श जोड़ते हैं।

  • मुख्य विशेषताएँ:

अद्वितीय और अर्थपूर्ण।

व्यक्तिगत शैली को दर्शाता है।

एक यादगार स्मृति के रूप में उपयुक्त।

  • ब्रेसलेट-स्टाइल गोल्ड मंगलसूत्र

एक आधुनिक ट्विस्ट के लिए, ब्रेसलेट-स्टाइल mangalsutra एक नवाचारी विकल्प है। इन डिज़ाइनों में चेन के बजाय एक ब्रेसलेट में मंगलसूत्र पेंडेंट जुड़ा होता है।

यह उन महिलाओं के लिए परफेक्ट है जो पारंपरिक आभूषण में एक नया अंदाज़ चाहती हैं।

  • मुख्य विशेषताएँ:
  • आधुनिक और आकर्षक।
  • बहुमुखी और पहनने में आसान।
  • फैशन एक्सेसरी के रूप में भी उपयोगी।

कोविड अभिशाप: Gold बेचने को मजबूर परिवार

निष्कर्ष

गोल्ड mangalsutra ने अपनी पारंपरिक जड़ों से बहुत लंबा सफर तय किया है, जो आधुनिक महिलाओं की पसंद को पूरा करने के लिए विकसित हुआ है। चाहे आप एक साधारण डिज़ाइन पसंद करें या एक भव्य डिज़ाइन, हर स्वाद और अवसर के लिए एक मंगलसूत्र है। ये आठ डिज़ाइन परंपरा और नवाचार का सही मिश्रण दिखाते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह समयहीन आभूषण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रासंगिक बना रहे। एक ऐसा डिज़ाइन चुनें जो आपकी व्यक्तित्व और शैली के साथ मेल खाता हो, और इस पवित्र आभूषण के सुंदर प्रतीक को संजोएं।

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Border 2: सनी देओल, वरुण धवन, दिलजीत दोसांझ और अहान शेट्टी के साथ फिल्म की शूटिंग शुरू

सनी देओल की फिल्म ‘Border 2’ की शूटिंग मंगलवार से शुरू हो गई है। गदर फेम एक्टर सनी देओल एक बार फिर भारतीय सेना के सिपाही बनकर वापसी के लिए तैयार हैं। साल 1997 में रिलीज हुई फिल्म बॉर्डर उस समय बड़ी हिट साबित हुई थी। अब दर्शक इसके सीक्वल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आखिरकार 29 साल बाद यह इंतजार पूरा होने जा रहा है। गौरतलब है कि फिल्म में वरुण धवन, दिलजीत दोसांझ और अहान शेट्टी मुख्य भूमिका में हैं। हालाँकि, महिला नेतृत्व पर कोई अपडेट नहीं है।

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फिल्म में नजर आएंगे ये सितारे

Border 2: Shooting of the film begins with Sunny Deol, Varun Dhawan, Diljit Dosanjh and Ahan Shetty.

फिल्म का निर्देशन अनुराग सिंह कर रहे हैं। इस फिल्म में सनी देओल मुख्य भूमिका में होंगे। इसके अलावा वरुण धवन, दिलजीत दोसांझ और अहान शेट्टी जैसे नए कलाकार भी इस फिल्म का हिस्सा होंगे। आज शूटिंग के दौरान फिल्म की टीम ने सेट से एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें एक शख्स का हाथ क्लैपबोर्ड पकड़े नजर आ रहा है।

एक्शन ‘Border 2’ का बड़ा हिस्सा है

Border 2: Shooting of the film begins with Sunny Deol, Varun Dhawan, Diljit Dosanjh and Ahan Shetty.

मशहूर हॉलीवुड एक्शन कोरियोग्राफर निक पॉवेल, जिन्होंने ‘द बॉर्न आइडेंटिटी’ जैसी फिल्मों में एक्शन सीन कोरियोग्राफ किए हैं, Border 2 के वॉर एक्शन सीन डिजाइन करेंगे। उन्होंने ‘द ममी’ (1999) और भारतीय फिल्म ‘आरआरआर’ में भी काम किया है। (2022)। सनी देओल ने यह भी बताया था कि ‘बॉर्डर 2’ में एक्शन अव्वल दर्जे का होने वाला है।

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Border 2 कब रिलीज़ होगी?

Border 2: Shooting of the film begins with Sunny Deol, Varun Dhawan, Diljit Dosanjh and Ahan Shetty.

देशभक्ति और साहस के संदर्भ में बन रही फिल्म ‘बॉर्डर 2’ में दर्शकों को जबरदस्त एक्शन, रोमांचक ड्रामा और इमोशनल गहराई देखने को मिलेगी। इस फिल्म को भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, जेपी दत्ता और निधि दत्ता प्रोड्यूस कर रहे हैं। मेकर्स ने अपने हालिया सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस फिल्म की रिलीज डेट भी कंफर्म कर दी है। यह फिल्म 2026 में गणतंत्र दिवस के मौके पर रिलीज होगी।

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Param Sundari: सिद्धार्थ मल्होत्रा, जान्हवी कपूर अभिनीत फिल्म की रिलीज डेट तय हुई

Param Sundari: 12 साल पहले बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​अब अपनी आने वाली फिल्म में 12 साल छोटी एक्ट्रेस के साथ रोमांस करते नजर आएंगे। जान्हवी कपूर अब सिड के साथ एक आगामी रोमांटिक-कॉमेडी में दिखाई देंगी, जिसका नाम परम सुंदरी है। कई देशभक्तिपूर्ण फिल्मों में अभिनय करने के बाद, सिद्धार्थ प्रेम-नाटक शैली में वापसी करेंगे और अब एक ऐसी अभिनेत्री के साथ नजर आएंगे जिसके साथ उन्होंने पहले कभी काम नहीं किया है।

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फिल्म 25 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी

Param Sundari: Release date of Sidharth Malhotra, Janhvi Kapoor starrer film fixed

फिल्म के आधिकारिक प्रोडक्शन हाउस मैडॉक फिल्म्स ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर घोषणा साझा की और लिखा, “नॉर्थ का स्वैग, साउथ की ग्रेस – दो दुनियाएं टकराती हैं और चिंगारियां उड़ती हैं। दिनेश विजन प्रस्तुत करते हैं Param Sundari, तुषार जलोटा द्वारा निर्देशित एक प्रेम कहानी, जो 25 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में आ रही है। परम के रूप में सौम्य सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​और जीवंत जान्हवी कपूर से मिलें सुंदरी के रूप में। बता दें, तुषार को अभिषेक बच्चन की फिल्म दसवीं के निर्देशन के लिए जाना जाता है।

Param Sundari की कहानी क्या है?

Param Sundari: Release date of Sidharth Malhotra, Janhvi Kapoor starrer film fixed

अफवाहों के मुताबिक, सिद्धार्थ और जान्हवी कपूर एक थ्रिलर फिल्म में अभिनय करने वाले थे, लेकिन अब इसे एक रोमांस कहानी में बदल दिया गया है। परम सुंदरी विभिन्न संस्कृतियों के एक लड़के और एक लड़की पर केंद्रित होगी। सिद्धार्थ दिल्ली के एक अमीर और आकर्षक व्यवसायी की भूमिका निभाएंगे, जो दृढ़ विश्वास वाली केरल की एक आधुनिक कलाकार जान्हवी कपूर से प्यार करता है। यदि पाठकों को सही ढंग से याद है, तो चेन्नई एक्सप्रेस और 2 स्टेट्स जैसी कई बॉलीवुड फिल्में उत्तर के एक लड़के के दक्षिण की लड़की के प्यार में पड़ने की कहानी पर आधारित थीं।

कब शुरू होगी शूटिंग?

Param Sundari: Release date of Sidharth Malhotra, Janhvi Kapoor starrer film fixed

तुषार जलोटा द्वारा निर्देशित रोमांटिक-कॉम परम सुंदरी की शूटिंग दिसंबर में शुरू हुई। टीम के केरल रवाना होने से पहले पहला शेड्यूल सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​के साथ दिल्ली में शूट किया जाएगा। बाकी सीन मुंबई स्टूडियो में शूट किए जाएंगे। Param Sundari की शूटिंग 2025 तक पूरी हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाइटल फिल्म मिमी में कृति सेनन के गाने परम सुंदरी पर आधारित है, इसलिए वह फिल्म में भी हो सकती हैं। इस संबंध में फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

Aadhaar card के दुरुपयोग धोखाधड़ी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 12 करोड़ की चपत लगी

Aadhaar card: साइबर धोखाधड़ी, विशेष रूप से डिजिटल गिरफ्तारियों के माध्यम से, तेजी से प्रचलित हो गई है, पीड़ित हर दिन इन घोटालों का शिकार बन रहे हैं। जवाब में, सरकार ने जनता को डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी के खतरों के बारे में शिक्षित करने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। अब, जब भी कोई कॉल करने वाला व्यक्ति संपर्क करता है, तो व्यक्तियों को ऐसे घोटालों से दूर रहने में मदद करने के लिए एक चेतावनी घोषणा के साथ स्वागत किया जाता है।

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Aadhaar card के दुरुपयोग धोखाधड़ी में करोड़ों का चूना लगा

A software engineer lost Rs 12 crore in Aadhaar card misuse fraud.
Aadhaar card के दुरुपयोग धोखाधड़ी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 12 करोड़ की चपत लगी

हाल ही में बेंगलुरु से डिजिटल धोखाधड़ी का एक परेशान करने वाला मामला सामने आया, जहां साइबर अपराधियों ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को करोड़ों का चूना लगा दिया।घोटालेबाजों ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और सॉफ्टवेयर इंजीनियर विजय कुमार को झूठी सूचना दी कि उनके Aadhaar card का दुरुपयोग किया गया है।

उन्होंने उसे यह दावा करते हुए धमकी दी कि उसका आधार 6 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल है, जो मुंबई के कोलोबा पुलिस स्टेशन में दायर किया गया था और अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच रहा है।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की

A software engineer lost Rs 12 crore in Aadhaar card misuse fraud.
Aadhaar card के दुरुपयोग धोखाधड़ी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 12 करोड़ की चपत लगी

विजय को समझाने के लिए, घोटालेबाजों ने एक वीडियो कॉल का सहारा लिया, जिसमें उन्होंने मुंबई पुलिस अधिकारियों का रूप धारण किया और उन्हें तथाकथित जांच में सहयोग नहीं करने पर आसन्न गिरफ्तारी की चेतावनी दी। इस “जांच” की आड़ में उन्होंने उससे व्यक्तिगत और बैंक विवरण निकाले। अंततः, उन्होंने कई लेनदेन के माध्यम से उसके खाते से 11.83 करोड़ रुपये निकाल लिए। इस दुखद अनुभव के बाद, विजय ने शिकायत दर्ज कराई और पुलिस सक्रिय रूप से मामले की जांच कर रही है।

खुद को ऐसे ही जाल में फंसने से बचाने के लिए, ऐसी कॉल आने पर शांत रहना महत्वपूर्ण है। अक्सर, ये साइबर अपराधी डर पैदा करने के लिए उच्च पदस्थ अधिकारियों का रूप धारण करते हैं। अगर आपको इस तरह का कोई कॉल आता है, तो शांत रहें, सुनें और फिर फोन काट दें। याद रखें, कोई भी वैध अधिकारी इस तरह से आप तक नहीं पहुंचेगा।

साइबर धोखाधड़ी से सावधान रहें

A software engineer lost Rs 12 crore in Aadhaar card misuse fraud.
Aadhaar card के दुरुपयोग धोखाधड़ी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 12 करोड़ की चपत लगी

कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को व्यक्तिगत जानकारी न दें जिसके बारे में आपको संदेह हो कि वह कोई घोटालेबाज हो सकता है। यदि आपको किसी धोखाधड़ी वाली कॉल का सामना करना पड़ता है, तो तुरंत संचार साथी पोर्टल के माध्यम से या 1930 पर कॉल करके इसकी रिपोर्ट करें। डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी के अधिकांश मामलों में, घोटालेबाज लोगों को धमकियों के माध्यम से हेरफेर करने के लिए सोशल इंजीनियरिंग रणनीति का उपयोग करते हैं। शिकार बनने से बचने के लिए सतर्क रहें।

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Samsung Galaxy S23 256GB की कीमत में भारी गिरावट, सिर्फ 2,065 रुपये प्रति माह पर उपलब्ध

Samsung Galaxy S23 5G सीरीज़ हाई-एंड स्मार्टफोन की दुनिया में धूम मचा रही है। फिलहाल, फ्लिपकार्ट बिग सेविंग डेज़ नाम से एक विशेष सेल चला रहा है, जहां वे इस लोकप्रिय डिवाइस पर शानदार छूट दे रहे हैं। 256GB स्टोरेज वाले सैमसंग गैलेक्सी S23 को सामान्य से बहुत कम कीमत पर खरीदने का यह एक शानदार अवसर है।

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यह स्मार्टफोन शानदार फीचर्स से भरपूर है जो इसे विश्वसनीय डिवाइस की तलाश करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए शीर्ष विकल्प बनाता है। इसमें एक प्रभावशाली कैमरा है जो आश्चर्यजनक तस्वीरें लेता है और एक शक्तिशाली प्रोसेसर है जो आपके सभी ऐप्स और कार्यों को आसानी से संभाल सकता है। फ्लिपकार्ट पर मौजूदा ऑफर के साथ, आप इस अद्भुत फोन को ऐसी कीमत पर पा सकते हैं जिसे मात देना मुश्किल है।

Samsung Galaxy S23 5G पर रोमांचक डील


Huge drop in price of Samsung Galaxy S23 256GB, available at just Rs 2,065 per month

बहुप्रतीक्षित बिग सेविंग डेज़ सेल 2024 आधिकारिक तौर पर फ्लिपकार्ट पर शुरू हो गई है, और यह स्मार्टफोन पर कुछ अद्भुत सौदे हासिल करने का एक अच्छा समय है! मुख्य ऑफर में से एक सैमसंग गैलेक्सी S23 पर है, विशेष रूप से 256GB मॉडल पर, जिस पर 55 प्रतिशत तक की भारी छूट मिल रही है।

मूल रूप से लगभग 1 लाख रुपये की कीमत वाला Samsung Galaxy S23 अब 95,999 रुपये में सूचीबद्ध है। हालाँकि, ब्लैक फ्राइडे सेल के कारण यह लोकप्रिय फ़ोन आपको मात्र 42,999 रुपये में मिल सकता है!

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लेकिन इतना ही नहीं-बचाने के और भी मौके हैं! यदि आपके पास फ्लिपकार्ट एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड है, तो आपको अपनी खरीदारी पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त कैशबैक मिलेगा। साथ ही, यदि आप अपने पुराने फोन का व्यापार करते हैं, तो आप अतिरिक्त 24,700 रुपये बचा सकते हैं! यह आपके डिवाइस को अच्छी कीमत पर अपग्रेड करने का एक शानदार अवसर है।

Samsung Galaxy S23 स्पेसिफिकेशन

Huge drop in price of Samsung Galaxy S23 256GB, available at just Rs 2,065 per month

Samsung Galaxy S23 6.1-इंच डायनामिक AMOLED डिस्प्ले से लैस है, जिसमें 120Hz रिफ्रेश रेट, HDR10+ सपोर्ट और 1750 निट्स की पीक ब्राइटनेस है। डिस्प्ले गोरिल्ला ग्लास विक्टस 2 द्वारा सुरक्षित है।

यह डिवाइस स्नैपड्रैगन 8 जेन 2 चिपसेट द्वारा संचालित है, जो 8GB तक रैम और 512GB तक स्टोरेज के कॉन्फ़िगरेशन के साथ उपलब्ध है। कैमरा सिस्टम में 50 मेगापिक्सेल, 10 मेगापिक्सेल और 12 मेगापिक्सेल के विनिर्देशों के साथ तीन रियर लेंस शामिल हैं

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Turkey: गोला-बारूद फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, 12 की मौत

इस्तांबुल: उत्तर पश्चिमी Turkey में एक हथियार कारखाने में मंगलवार सुबह हुए विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और चार घायल हो गए।

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Turkey में विस्फोट से आसपास की इमारतों को क्षति हुई

Turkey: Massive explosion in ammunition factory, 12 killed

सरकारी अनादोलु एजेंसी के अनुसार, यह विस्फोट बालिकेसिर प्रांत में स्थित फैक्ट्री की कैप्सूल उत्पादन सुविधा में हुआ। बालिकेसिर के गवर्नर इस्माइल उस्ताओग्लू ने कहा कि विस्फोट से कैप्सूल उत्पादन इमारत ढह गई और आसपास की इमारतों को मामूली क्षति हुई।

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अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।

थिएटर भगदड़ मामले में पुलिस ने Allu Arjun से की 3 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ

लिस सूत्रों ने बताया कि शीर्ष तेलुगु अभिनेता Allu Arjun को 4 दिसंबर को ‘पुष्पा-2‘ की स्क्रीनिंग के दौरान हुई भगदड़ की चल रही जांच के तहत मंगलवार को पुलिस के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया। चिक्कड़पल्ली पुलिस इंस्पेक्टर राजू नाइक ने कहा, अभिनेता को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया था। अल्लू अर्जुन ने पहले कहा था कि वह जांच में सहयोग करेंगे।

4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में भगदड़ के दौरान 35 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई और उसके आठ वर्षीय बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह नोटिस पुलिस आयुक्त सी वी आनंद द्वारा थिएटर में घटनाओं का क्रम दिखाने वाला एक वीडियो जारी करने के एक दिन बाद आया है।

पूछताछ करीब 3 घंटे 40 मिनट तक चली

Police interrogated Allu Arjun for more than 3 hours in theater stampede case

करीब 3 घंटे 40 मिनट तक चली पूछताछ के दौरान पुलिस ने उनसे भगदड़ से जुड़े कई सवाल पूछे और उनके जवाब भी दर्ज किए। उनका विस्तृत बयान दर्ज करने के बाद Allu Arjun को जाने की इजाजत दे दी गई। वह सुबह करीब 11:05 बजे पुलिस स्टेशन में दाखिल हुए और दोपहर करीब 2.45 बजे वहां से चले गए।

पूरी प्रक्रिया के दौरान, उनके पिता, अल्लू अरविंद और ससुर, चंद्रशेखर रेड्डी, पुलिस स्टेशन में इंतजार करते रहे, जबकि जांच दल ने एक अलग कमरे में पूछताछ की। जांच से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि मामले की अभी भी जांच चल रही है और अगर जरूरत पड़ी तो अपराध स्थल के पुनर्निर्माण और मामले से जुड़े अन्य पहलुओं के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए उन्हें फिर से बुलाया जा सकता है।

Allu Arjun के खिलाफ मामला दर्ज

Police interrogated Allu Arjun for more than 3 hours in theater stampede case

घटना के बाद, शहर पुलिस ने मृत महिला के परिवार की शिकायत के आधार पर चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उसी दिन उन्हें चार सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी और 14 दिसंबर की सुबह उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।

Allu Arjun ने आलोचनाओं का जवाब दिया

Police interrogated Allu Arjun for more than 3 hours in theater stampede case

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अभिनेता ने गहन मीडिया जांच को भी संबोधित किया और विभिन्न राजनीतिक हस्तियों की आलोचनाओं का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मेरे बारे में बहुत सारी झूठी बातें कही जा रही हैं और मुझे चरित्र हनन का सामना करना पड़ रहा है।” “मैं जनता से निराधार आरोपों में शामिल होने के बजाय तथ्यों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील करता हूं।”

Surya Namaskar: तंदुरुस्ती की यात्रा

Surya Namaskar (या सूर्य नमस्कार) बारह परस्पर जुड़े योग आसनों की एक श्रृंखला है जो पारंपरिक रूप से सुबह सूर्य का सम्मान करने के तरीके के रूप में किए जाते हैं। प्राचीन भारतीय अभ्यास में निहित, सूर्य नमस्कार न केवल एक शारीरिक व्यायाम है, बल्कि एक आध्यात्मिक और मानसिक अभ्यास भी है जो शरीर, मन और आत्मा को सामंजस्य बनाने में मदद करता है। समय के साथ, इसने अपने असंख्य लाभों के लिए दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है, जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य सुधार से लेकर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कल्याण तक शामिल हैं। यह लेख इतिहास, महत्व, शारीरिक लाभों और कैसे Surya Namaskar समग्र कल्याण की एक परिवर्तनकारी यात्रा हो सकती है, इस पर चर्चा करता है।

Surya Namaskar का इतिहास और महत्व

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Surya Namaskar: तंदुरुस्ती की यात्रा

Surya Namaskar की गहरी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक जड़ें हैं। यह अभ्यास सूर्य को अर्पित किया जाता है, जिसकी पूजा कई संस्कृतियों में, विशेष रूप से हिंदू धर्म में, सदियों से की जाती रही है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, सूर्य, सूर्य देव को अक्सर पृथ्वी पर सभी जीवन और ऊर्जा के स्रोत के रूप में दर्शाया जाता है। सूर्य नमस्कार करके, साधक सूर्य की जीवनदायी ऊर्जा के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

Surya Namaskar केवल एक व्यायाम नहीं है; यह ब्रह्मांड की ऊर्जा और जीवन शक्ति को स्वीकार करने का एक प्रतीकात्मक कार्य भी है। सूर्य नमस्कार में बारह आसन बारह सौर महीनों के अनुरूप हैं, और अभ्यास को शरीर के भीतर ऊर्जा को संतुलित करने के साथ-साथ साधक को ऊर्जा के ब्रह्मांडीय प्रवाह से जोड़ने के लिए माना जाता है। पारंपरिक भारतीय दर्शन में, अभ्यास को भौतिक शरीर (आसन के माध्यम से गति), सांस (नियंत्रित श्वास) और मन (जागरूकता और मन की शांति) के मिलन के रूप में देखा जाता है, जो समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है।

सूर्य नमस्कार के बारह आसन

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Surya Namaskar: तंदुरुस्ती की यात्रा

Surya Namaskar में बारह आसन (आसन) होते हैं, जिनमें से प्रत्येक एक विशिष्ट श्वास पैटर्न से जुड़ा होता है। ये आसन एक से दूसरे में प्रवाहित होते हैं, एक निर्बाध अनुक्रम बनाते हैं जो पूरे शरीर को फैलाता और मजबूत करता है। यहाँ बारह आसनों का विवरण दिया गया है:

1. प्रणामासन (प्रार्थना मुद्रा) – अपने पैरों को एक साथ रखें, हथेलियों को छाती के सामने एक साथ दबाएँ, और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। यह सूर्य की ऊर्जा के प्रति जागरूकता और कृतज्ञता का क्षण है।

2. हस्तउत्तानासन (उठाए हुए हाथ मुद्रा) – अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाते हुए साँस लें और अपनी पीठ को थोड़ा सा झुकाते हुए ऊपर की ओर खींचें। इससे छाती खुलती है और फेफड़े फैलते हैं।

3. हस्तपादासन (हाथ से पैर की मुद्रा) – साँस छोड़ें और अपने हाथों से अपने पैरों को छूने के लिए आगे झुकें। यह हैमस्ट्रिंग को फैलाता है, पीठ को मजबूत करता है, और लचीलेपन में सुधार करता है।

4. अश्व संचलानासन (घुड़सवारी मुद्रा) – एक पैर को पीछे ले जाते हुए साँस लें और अपने दूसरे घुटने को अपनी छाती के पास लाएँ। यह आसन हिप फ्लेक्सर्स को खोलता है, पैरों को मजबूत करता है, और छाती को फैलाता है।

5. दंडासन (प्लैंक पोज़) – साँस छोड़ें और दूसरे पैर को पीछे लाएँ ताकि सिर से एड़ी तक एक सीधी रेखा बन जाए। इससे हाथ, कोर और पैर मजबूत होते हैं।

6. अष्टांग नमस्कार (आठ अंग मुद्रा) – अपने शरीर को ज़मीन पर टिकाएँ, अपनी छाती, ठोड़ी, घुटने और पैरों को ज़मीन से छूते हुए। यह मुद्रा ऊपरी शरीर को सक्रिय करती है और छाती और भुजाओं को मज़बूत बनाती है।

7. भुजंगासन (कोबरा मुद्रा) – अपनी छाती को ज़मीन से ऊपर उठाते हुए साँस लें, अपनी पीठ को झुकाएँ। यह रीढ़ को फैलाता है, छाती को खोलता है और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है।

8. अधो मुख श्वानासन (नीचे की ओर मुँह करके कुत्ते की मुद्रा) – साँस छोड़ें और अपने कूल्हों को हवा में उठाएँ, अपने शरीर के साथ एक उल्टा “V” आकार बनाएँ। यह मुद्रा रीढ़, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को खींचती है, जबकि भुजाओं और कंधों को मज़बूत बनाती है।

9. अश्व संचलानासन (घुड़सवारी मुद्रा) – साँस लें और एक पैर से आगे कदम बढ़ाएँ, दूसरे घुटने को फिर से छाती के पास लाएँ। यह कूल्हों को खोलता है और पैरों को मज़बूत बनाता है।

10. हस्तपादासन (हाथ से पैर की मुद्रा) – साँस छोड़ें और अपने हाथों से अपने पैरों को छूने के लिए आगे झुकें, हैमस्ट्रिंग और पीठ में खिंचाव को गहरा करें।

11. हस्तउत्तानासन (उठे हुए हाथ की मुद्रा) – साँस लें और अपनी बाहों को फिर से अपने सिर के ऊपर उठाएँ, ऊपर की ओर खिंचाव करें और अपनी पीठ को थोड़ा सा झुकाएँ।

12. प्रणामासन (प्रार्थना मुद्रा) – साँस छोड़ें और अपने हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में छाती पर वापस लाएँ, एक पल के चिंतन के साथ चक्र को पूरा करें।

ये बारह आसन आम तौर पर एक निरंतर प्रवाह में दोहराए जाते हैं, अक्सर अभ्यासकर्ता के लक्ष्य के आधार पर 12 या 108 राउंड के अनुक्रम में किए जाते हैं।

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सूर्य नमस्कार के शारीरिक लाभ

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Surya Namaskar: तंदुरुस्ती की यात्रा

Surya Namaskar एक संपूर्ण शारीरिक कसरत है जो सभी प्रमुख मांसपेशी समूहों को शामिल करती है और कई शारीरिक लाभ प्रदान करती है:

1. बेहतर लचीलापन: सूर्य नमस्कार में आंदोलनों की श्रृंखला मांसपेशियों और जोड़ों को खींचती है, जिससे समग्र लचीलेपन में सुधार करने में मदद मिलती है, विशेष रूप से रीढ़, कूल्हों और पैरों में।

2. मांसपेशियों को मजबूत करता है: आसनों में संतुलन और समन्वय की आवश्यकता होती है, जो बाहों, पैरों, कोर और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। प्लैंक और कोबरा पोज़, विशेष रूप से, पेट और ऊपरी शरीर की मांसपेशियों पर काम करते हैं।

3. हृदय संबंधी सहनशक्ति बढ़ाता है: द्रव की गति और सांस का समन्वय हृदय संबंधी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। गतिशील, निरंतर प्रवाह में सूर्य नमस्कार करने से हृदय गति बढ़ सकती है, सहनशक्ति और सहनशक्ति बढ़ सकती है।

4. पाचन को बढ़ावा देता है: सूर्य नमस्कार में कुछ आसन, जैसे आगे की ओर झुकना और पीछे की ओर झुकना, पेट के अंगों को उत्तेजित करते हैं और स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देते हैं। नियमित अभ्यास कब्ज जैसी सामान्य पाचन समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।

5. वजन घटाने को बढ़ावा देता है: सूर्य नमस्कार वजन प्रबंधन के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है। यह चयापचय को बढ़ाता है और कैलोरी जलाता है, खासकर जब इसे तेज गति से या अधिक दोहराव में किया जाता है।

6. मुद्रा और संतुलन को बढ़ाता है: सूर्य नमस्कार में विभिन्न स्ट्रेच और पोज़ रीढ़ को मजबूत करके और समग्र शरीर संरेखण में सुधार करके बेहतर मुद्रा को बढ़ावा देते हैं। यह संतुलन और समन्वय विकसित करने में भी मदद करता है।

7. रक्त परिसंचरण में सुधार करता है: आगे की ओर झुकना, पीछे की ओर झुकना और उलटना का संयोजन रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, विशेष रूप से मस्तिष्क और निचले छोरों में। यह शरीर को ऑक्सीजन देने में मदद करता है, जिससे समग्र जीवन शक्ति बढ़ती है।

मानसिक और भावनात्मक लाभ

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Surya Namaskar: तंदुरुस्ती की यात्रा

Surya Namaskar केवल शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में नहीं है – मानसिक और भावनात्मक कल्याण पर इसका प्रभाव गहरा है:

तनाव कम करता है: सांस के साथ गति को सिंक्रनाइज़ करके, सूर्य नमस्कार विश्राम को बढ़ावा देता है और तनाव को कम करता है। अभ्यास के दौरान आवश्यक ध्यान मन को शांत करता है और ध्यान को प्रोत्साहित करता है, जिससे तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।

मूड को बेहतर बनाता है: सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास एंडोर्फिन के स्राव को सक्रिय करता है, जो शरीर के प्राकृतिक “अच्छा महसूस कराने वाले” हार्मोन हैं। यह मूड को बेहतर बनाता है और चिंता, अवसाद या कम ऊर्जा की भावनाओं को कम करने में मदद कर सकता है।

मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है: केंद्रित श्वास और गति मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ावा देती है। यह संज्ञानात्मक कार्य और निर्णय लेने में सुधार करने में मदद करता है, जिससे मानसिक थकान कम होती है।

आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देता है: सूर्य नमस्कार अभ्यासियों को वर्तमान क्षण में रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। सचेतन गति आत्म-जागरूकता और शरीर के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देती है, जो नकारात्मक विचार पैटर्न को कम करने और भावनात्मक लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकती है।

Yoga and Meditation के लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

आध्यात्मिक महत्व

Surya Namaskar Journey to Wellness
Surya Namaskar: तंदुरुस्ती की यात्रा

Surya Namaskar को अक्सर आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में किया जाता है, खासकर जब इसे श्रद्धा और जागरूकता के साथ किया जाता है। इसकी हरकतें और संबंधित सांसें ध्यान का एक रूप हैं, जो मन को शांत करने और ईश्वर से जुड़ने में मदद करती हैं। प्रत्येक आसन एक प्रार्थना है, और सूर्य नमस्कार के दोहराव से आध्यात्मिक लाभ होने की मान्यता है, जैसे:

बढ़ी हुई ऊर्जा: सूर्य नमस्कार शरीर में ऊर्जा केंद्रों (चक्रों) को उत्तेजित करता है, विशेष रूप से सौर जाल, जो जीवन शक्ति और आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है।

कुंडलिनी ऊर्जा का जागरण: कुछ आध्यात्मिक परंपराओं के अनुसार, यह अभ्यास शरीर के भीतर छिपी हुई ऊर्जा (कुंडलिनी) को जगाने में मदद कर सकता है, जिससे आध्यात्मिक विकास और ज्ञानोदय होता है।

प्रकृति के साथ संबंध: सूर्य का सम्मान करने का अभ्यास प्रतीकात्मक रूप से अभ्यासकर्ताओं को प्रकृति और ब्रह्मांडीय शक्तियों की लय से जोड़ता है, जिससे ब्रह्मांड के साथ एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है।

सूर्य नमस्कार को अपनी दिनचर्या में शामिल करना

Surya Namaskar Journey to Wellness
Surya Namaskar: तंदुरुस्ती की यात्रा

Surya Namaskar का अभ्यास सभी उम्र और फिटनेस स्तर के लोग कर सकते हैं। अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, इसे नियमित रूप से अभ्यास करने की सलाह दी जाती है – आदर्श रूप से सुबह खाली पेट, ताकि पूरे दिन ऊर्जा का सर्वोत्तम प्रवाह हो सके।

धीरे-धीरे शुरू करें: यदि आप सूर्य नमस्कार के लिए नए हैं, तो अपनी सांस और रूप पर ध्यान देते हुए कुछ राउंड से शुरू करें। जैसे-जैसे आप अधिक सहज होते जाते हैं, राउंड की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाते जाएँ।

सांस पर ध्यान दें: Surya Namaskar में सांस को गति के साथ समन्वयित करना आवश्यक है। प्रत्येक आसन के दौरान पूरी तरह से साँस लेना और छोड़ना सुनिश्चित करता है कि अभ्यास शांत और तरोताजा करने वाला बना रहे।

इरादा तय करें: सूर्य नमस्कार को ध्यानपूर्वक करें। अपने अभ्यास के लिए एक इरादा तय करें, चाहे वह ताकत बढ़ाना हो, तनाव कम करना हो या आध्यात्मिक विकास को बढ़ाना हो।

निष्कर्ष:

Surya Namaskar एक संपूर्ण अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा का पोषण करता है। बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर भावनात्मक संतुलन तक इसके समग्र लाभ इसे स्वास्थ्य की यात्रा में एक आवश्यक उपकरण बनाते हैं। चाहे व्यायाम, ध्यान या आध्यात्मिक अनुष्ठान के रूप में अभ्यास किया जाए, सूर्य नमस्कार आपके स्वास्थ्य को बढ़ाने और प्राकृतिक दुनिया से जुड़ने का एक शक्तिशाली तरीका प्रदान करता है। सूर्य नमस्कार को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करके, आप एक परिवर्तनकारी यात्रा पर निकल पड़ते हैं जो अधिक जीवन शक्ति, शांति और आत्म-जागरूकता की ओर ले जाती है।

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Brain Tumors को समझना: कारण, लक्षण और उपचार विकल्प

Brain Tumors मस्तिष्क के भीतर कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि है। ये ट्यूमर सौम्य (गैर-कैंसरयुक्त) या घातक (कैंसरयुक्त) हो सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर को उनकी उत्पत्ति (चाहे वे मस्तिष्क से ही उत्पन्न हों या शरीर के अन्य भागों से) और उनकी प्रकृति (चाहे वे सौम्य हों या घातक) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। जबकि Brain Tumors अन्य कैंसर की तुलना में अपेक्षाकृत दुर्लभ हैं, वे अपने आकार, स्थान और प्रकार के आधार पर न्यूरोलॉजिकल फ़ंक्शन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। निदान और उपचार के लिए ब्रेन ट्यूमर, उनके कारणों और शरीर पर उनके प्रभाव को समझना महत्वपूर्ण है।

Brain Tumors के प्रकार

Understanding Brain Tumors Causes, Symptoms, and Treatment Options
Brain Tumors को समझना: कारण, लक्षण और उपचार विकल्प

Brain Tumors के दो मुख्य प्रकार हैं

  • प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर: ये ट्यूमर मस्तिष्क या मस्तिष्क के आस-पास के ऊतकों, जैसे मेनिन्जेस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को कवर करने वाली झिल्ली), पिट्यूटरी ग्रंथि या कपाल तंत्रिकाओं में उत्पन्न होते हैं। प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर सौम्य या घातक हो सकते हैं। सामान्य प्रकारों में ग्लियोमा (जो ग्लियल कोशिकाओं, मस्तिष्क की सहायक कोशिकाओं से उत्पन्न होते हैं), मेनिंगियोमा (मेनिन्जेस से) और पिट्यूटरी ट्यूमर शामिल हैं।
  • द्वितीयक मस्तिष्क ट्यूमर (मेटास्टेटिक मस्तिष्क ट्यूमर): ये ट्यूमर कैंसर कोशिकाओं से उत्पन्न होते हैं जो शरीर के अन्य भागों, जैसे फेफड़े, स्तन या त्वचा से मस्तिष्क में फैलते हैं। द्वितीयक मस्तिष्क ट्यूमर प्राथमिक मस्तिष्क ट्यूमर की तुलना में अधिक आम हैं और आम तौर पर घातक होते हैं।

ब्रेन ट्यूमर के कारण

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Brain Tumors को समझना: कारण, लक्षण और उपचार विकल्प

अधिकांश Brain Tumors का सटीक कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है। हालाँकि, इन ट्यूमर के विकास में कई कारक योगदान दे सकते हैं। यहाँ कुछ ज्ञात और संभावित कारण दिए गए हैं:

  • आनुवंशिक कारक: कुछ मामलों में, ब्रेन ट्यूमर को आनुवंशिक उत्परिवर्तन या विरासत में मिली स्थितियों से जोड़ा जा सकता है। इनमें कोशिका वृद्धि को नियंत्रित करने वाले जीन में उत्परिवर्तन शामिल हो सकते हैं, जिससे अनियंत्रित कोशिका विभाजन होता है। कुछ आनुवंशिक सिंड्रोम, जैसे कि न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस टाइप 1 और टाइप 2, ली-फ्रामेनी सिंड्रोम और वॉन हिप्पेल-लिंडौ रोग, Brain Tumors के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ये स्थितियाँ विरासत में मिलती हैं और इनमें एक विशिष्ट जीन में उत्परिवर्तन शामिल होता है जो तंत्रिका तंत्र में असामान्य कोशिका वृद्धि की ओर ले जाता है।
  • पर्यावरणीय कारक: हालाँकि निश्चित नहीं है, लेकिन कुछ पर्यावरणीय कारकों को ब्रेन ट्यूमर के विकास में योगदान देने वाला माना जाता है। आयनकारी विकिरण के संपर्क में आना, जैसे कि अन्य कैंसर या परमाणु दुर्घटनाओं के लिए विकिरण चिकित्सा से, Brain Tumors के विकास के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है। कीटनाशकों या औद्योगिक सॉल्वैंट्स जैसे कुछ रसायनों के लंबे समय तक संपर्क को भी संभावित जोखिम कारक माना जाता है। हालांकि, मस्तिष्क ट्यूमर में पर्यावरणीय योगदान की पूरी सीमा को स्पष्ट करने के लिए अध्ययन जारी हैं।
  • आयु और लिंग: मस्तिष्क ट्यूमर के विकास में आयु एक महत्वपूर्ण कारक है। प्राथमिक मस्तिष्क ट्यूमर विकसित होने का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है, हालांकि कुछ प्रकार, जैसे कि ग्लियोमा, वयस्कों में अधिक आम हैं, जबकि मेडुलोब्लास्टोमा जैसे अन्य बच्चों में अधिक आम हैं। लिंग भी एक भूमिका निभा सकता है। उदाहरण के लिए, ग्लियोमा और पिट्यूटरी ट्यूमर पुरुषों में अधिक आम हैं, जबकि मेनिंगियोमा महिलाओं में अधिक आम हैं। हार्मोनल प्रभाव, विशेष रूप से एस्ट्रोजन, महिलाओं में मेनिंगियोमा की उच्च घटनाओं में योगदान करने के लिए माना जाता है।
  • पारिवारिक इतिहास: मस्तिष्क ट्यूमर का पारिवारिक इतिहास भी इसके विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि, मस्तिष्क ट्यूमर के जोखिम में पारिवारिक इतिहास का समग्र योगदान अपेक्षाकृत कम है। अधिकांश मस्तिष्क ट्यूमर स्पष्ट आनुवंशिक कारण के बिना छिटपुट रूप से होते हैं। दुर्लभ मामलों में, वंशानुगत आनुवंशिक उत्परिवर्तन परिवार के सदस्यों को मस्तिष्क ट्यूमर के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली और सूजन: पुरानी सूजन या कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली ट्यूमर के विकास में योगदान दे सकती है। कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग, जैसे कि एचआईवी/एड्स वाले या अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता, लिम्फोमा या वायरल संक्रमण से जुड़े अन्य ट्यूमर सहित कुछ प्रकार के मस्तिष्क ट्यूमर विकसित होने का अधिक जोखिम हो सकता है।
  • जीवनशैली कारक: हालाँकि आहार, व्यायाम और धूम्रपान जैसे जीवनशैली कारकों को विभिन्न कैंसर से जोड़ा गया है, लेकिन मस्तिष्क ट्यूमर के विकास में उनकी भूमिका कम स्पष्ट है। इस बात का कोई निर्णायक सबूत नहीं है कि धूम्रपान, शराब का सेवन या आहार सीधे मस्तिष्क ट्यूमर का कारण बनता है। हालाँकि, एक स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने से सामान्य रूप से कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

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ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

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Brain Tumors को समझना: कारण, लक्षण और उपचार विकल्प

Brain Tumors के लक्षण उसके आकार, स्थान और वृद्धि की दर के आधार पर अलग-अलग होते हैं। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • सिरदर्द: सबसे आम लक्षणों में से एक, खासकर अगर ट्यूमर मस्तिष्क की संरचनाओं पर दबाव डाल रहा हो। ये सिरदर्द सुबह के समय और भी बदतर हो सकते हैं या धीरे-धीरे और भी गंभीर हो सकते हैं।
  • दौरे: मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि को प्रभावित करने वाले ट्यूमर दौरे का कारण बन सकते हैं। दौरे फोकल (शरीर के एक हिस्से को प्रभावित करने वाले) या सामान्यीकृत (पूरे शरीर को प्रभावित करने वाले) हो सकते हैं।
  • संज्ञानात्मक परिवर्तन: स्मृति समस्याएं, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, भ्रम या व्यक्तित्व परिवर्तन हो सकते हैं।
  • मतली और उल्टी: खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ने से मतली, उल्टी या अस्वस्थ होने की सामान्य भावना हो सकती है।
  • तंत्रिका संबंधी कमी: ट्यूमर के स्थान के आधार पर, यह शरीर के विशिष्ट भागों में कमजोरी या सुन्नता, समन्वय या संतुलन की समस्या, बोलने में कठिनाई या दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
  • थकान: असामान्य रूप से थकान या कमजोरी महसूस करना मस्तिष्क ट्यूमर का संकेत हो सकता है, खासकर जब ट्यूमर मस्तिष्क के सामान्य कार्य में बाधा डालता है।

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ब्रेन ट्यूमर का निदान

Brain Tumors का निदान करने के लिए, डॉक्टर आमतौर पर शारीरिक जांच और रोगी के मेडिकल इतिहास की समीक्षा से शुरुआत करते हैं। ट्यूमर की पहचान करने और उसके स्थान, आकार और प्रकार को निर्धारित करने के लिए एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) या सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन जैसी न्यूरोइमेजिंग तकनीकों का उपयोग किया जाता है। ट्यूमर के प्रकार की पुष्टि करने और यह आकलन करने के लिए कि यह सौम्य है या घातक, अक्सर बायोप्सी की जाती है। इसमें माइक्रोस्कोप के नीचे विश्लेषण के लिए ट्यूमर से ऊतक का एक छोटा सा नमूना निकालना शामिल है।

ब्रेन ट्यूमर का उपचार

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Brain Tumors को समझना: कारण, लक्षण और उपचार विकल्प

ब्रेन ट्यूमर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें ट्यूमर का प्रकार, स्थान, आकार और यह सौम्य है या घातक। प्राथमिक उपचार विकल्पों में शामिल हैं:

  • सर्जरी: सर्जरी अक्सर सुलभ ब्रेन ट्यूमर के लिए उपचार की पहली पंक्ति होती है। इसका लक्ष्य स्वस्थ मस्तिष्क ऊतक को नुकसान पहुँचाए बिना जितना संभव हो सके ट्यूमर को निकालना है। कुछ मामलों में, ट्यूमर के स्थान या महत्वपूर्ण मस्तिष्क कार्यों को नुकसान पहुँचाने के जोखिम के कारण पूर्ण निष्कासन संभव नहीं होता है।
  • विकिरण चिकित्सा: यह उपचार कैंसर कोशिकाओं को मारने या ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग करता है। इसका उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब सर्जरी एक विकल्प नहीं होता है, या सर्जरी के बाद शेष ट्यूमर कोशिकाओं को हटाने के लिए। स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी, लक्षित विकिरण का एक प्रकार है, जो आसपास के ऊतकों को होने वाले नुकसान को कम करते हुए ट्यूमर पर विकिरण की उच्च खुराक को केंद्रित कर सकता है।
  • कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को मारने या उनकी वृद्धि को रोकने के लिए दवाओं का उपयोग करती है। इसका उपयोग आमतौर पर घातक ट्यूमर के लिए या जब ट्यूमर फैल गया हो, तब किया जाता है। ट्यूमर के प्रकार और उसके स्थान के आधार पर कीमोथेरेपी को मौखिक रूप से लिया जा सकता है या अंतःशिरा रूप से प्रशासित किया जा सकता है।
  • लक्षित चिकित्सा और इम्यूनोथेरेपी: ये नए उपचार विशिष्ट आनुवंशिक उत्परिवर्तन या प्रोटीन पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो ट्यूमर के विकास को बढ़ावा देते हैं। लक्षित चिकित्सा का उद्देश्य स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाए बिना कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकना है। इम्यूनोथेरेपी ट्यूमर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करती है।
  • उपशामक देखभाल: कुछ रोगियों के लिए, विशेष रूप से टर्मिनल ब्रेन ट्यूमर वाले रोगियों के लिए, उपशामक देखभाल ट्यूमर को ठीक करने की कोशिश करने के बजाय लक्षणों से राहत देने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने पर केंद्रित होती है।

निष्कर्ष:

ब्रेन ट्यूमर जटिल होते हैं और कई कारणों से हो सकते हैं, उनके विकास में कई कारक योगदान देते हैं। जबकि अधिकांश मामलों में सटीक कारण स्पष्ट नहीं होता है, आनुवंशिक पूर्वाग्रह, पर्यावरणीय कारक और उम्र सभी ब्रेन ट्यूमर विकसित होने की संभावना को प्रभावित कर सकते हैं।

ट्यूमर के स्थान के आधार पर लक्षण व्यापक रूप से भिन्न हो सकते हैं, लेकिन प्रारंभिक निदान और उपचार से रोग का निदान बेहतर हो सकता है। हालाँकि उपचार लगातार आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन ब्रेन ट्यूमर, विशेष रूप से घातक ट्यूमर द्वारा उत्पन्न चुनौतियाँ महत्वपूर्ण बनी हुई हैं। प्रारंभिक पहचान, एक बहु-विषयक दृष्टिकोण और चल रहे शोध ब्रेन ट्यूमर से प्रभावित लोगों के लिए जीवित रहने की दर और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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लॉन्च से पहले Oppo A5 Pro गीकबेंच पर देखा गया; इसमें MediaTek Dimensity 7300 SoC हो सकता है

चीन में लॉन्च से पहले Oppo A5 Pro गीकबेंच पर दिखाई दिया है। कंपनी ने आने वाले फोन के डिज़ाइन, रंग विकल्पों और ऑपरेटिंग सिस्टम के विवरण की पुष्टि पहले ही कर दी है। बेंचमार्किंग साइट पर लिस्टिंग से पता चलता है कि स्मार्टफोन में कौन सा चिपसेट हो सकता है। हैंडसेट को अन्य सर्टिफिकेशन साइट्स पर भी देखा गया है। इन लिस्टिंग से Oppo A5 Pro के कई संभावित मुख्य फीचर्स का पता चलता है जिसमें डिस्प्ले, बैटरी और कैमरा स्पेसिफिकेशन शामिल हैं।

Oppo A5 Pro गीकबेंच लिस्टिंग

Oppo A5 Pro spotted on Geekbench ahead of launch, may feature MediaTek Dimensity 7300 SoC

मॉडल नंबर PKP110 वाले Oppo A5 Pro को गीकबेंच पर देखा गया है। फोन ने सिंगल-कोर और मल्टी-कोर टेस्ट में क्रमशः 1,053 और 3,052 अंक हासिल किए हैं। इसे ऑक्टा-कोर चिपसेट के साथ लिस्ट किया गया है, जिसमें चार कोर 2.50GHz पर क्लॉक किए गए हैं, जबकि अन्य चार 2.00GHz पर क्लॉक किए गए हैं। फोन में मीडियाटेक डाइमेंशन 7300 या मीडियाटेक डाइमेंशन 7300 एनर्जी SoC मिलने की उम्मीद है।

लिस्टिंग के अनुसार, ओप्पो A5 प्रो 12GB तक रैम को सपोर्ट करेगा और Android 15 पर चलेगा। इस बीच, कंपनी ने पुष्टि की है कि हैंडसेट Android 15-आधारित ColorOS 15 के साथ आएगा और 12GB तक रैम के साथ 512GB तक ऑनबोर्ड स्टोरेज को सपोर्ट करेगा। कहा जाता है कि रैम को अतिरिक्त 12GB तक बढ़ाया जा सकता है।

Oppo A5 Pro spotted on Geekbench ahead of launch, may feature MediaTek Dimensity 7300 SoC

ओप्पो A5 प्रो को क्वार्ट्ज व्हाइट, रॉक ब्लैक और सैंडस्टोन पर्पल कलर ऑप्शन में पेश किए जाने की पुष्टि की गई है। टीज़र ने सुझाव दिया है कि फोन धूल और पानी के प्रतिरोध के लिए IP68 या IP69 रेटिंग के साथ आ सकता है।

Lenovo Idea Tab Pro और अन्य टैबलेट CES 2025 में पेश किए जाएंगे: रिपोर्ट

Oppo A5 Pro के फीचर्स (अपेक्षित)

Oppo A5 Pro spotted on Geekbench ahead of launch, may feature MediaTek Dimensity 7300 SoC

पिछली लिस्टिंग ने सुझाव दिया है कि ओप्पो A5 प्रो में 6.7 इंच की फुल-एचडी+ (1,080 x 2,412 पिक्सल) AMOLED स्क्रीन हो सकती है। यह संभवतः 8GB और 12GB रैम विकल्पों के साथ-साथ 256GB और 512GB स्टोरेज विकल्पों में उपलब्ध होगा।

कैमरे की बात करें तो, ओप्पो A5 प्रो में पीछे की तरफ 50-मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर और 5-मेगापिक्सल का सेकेंडरी सेंसर और सेल्फी और वीडियो कॉल के लिए फ्रंट में 16-मेगापिक्सल का सेंसर हो सकता है। इसमें सुरक्षा के लिए इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर और 6,000mAh की बैटरी हो सकती है। हैंडसेट का माप 161.5 x 74.85 x 7.67 मिमी और वजन 186 ग्राम हो सकता है।

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Himachal Pradesh में बर्फबारी से 174 सड़कें जाम, 700 पर्यटक फंसे

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Himachal Pradesh के मनाली में भारी बर्फबारी के बाद सोलंग और अटल टनल, रोहतांग के बीच कई वाहन घंटों तक फंसे रहने के बाद लगभग 700 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

Himachal Pradesh में भारी बर्फबारी

8 दिसंबर को पहली बर्फबारी के बाद से दो सप्ताह के अंतराल के बाद शुरू हुई मंत्रमुग्ध कर देने वाली बर्फबारी ने न केवल पर्यटकों को प्रसन्न किया है, बल्कि स्थानीय पर्यटन उद्योग की आत्माओं को भी फिर से जीवंत कर दिया है, जो कि सीओवीआईडी ​​​​के कारण हुए नुकसान से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है।

174 roads blocked due to snowfall in Himachal Pradesh, 700 tourists stranded

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बर्फ से ढकी पहाड़ियों की सुंदरता से मंत्रमुग्ध होकर पर्यटक अपने प्रवास को बढ़ा रहे हैं, जिससे यह सभी के लिए उत्साह और उत्सव का मौसम बन गया है। इस अप्रत्याशित बर्फबारी ने “व्हाइट क्रिसमस” का सपना देख रहे लोगों में उत्साह भर दिया है। कई पर्यटक, जो शुरू में जाने की योजना बना रहे थे, उन्होंने शिमला के सर्द मौसम का आनंद लेते हुए यहीं रुकने का फैसला किया है।

RG Kar हॉस्पिटल में नहीं हुई लेडी डॉक्टर से दरिंदगी, फॉरेंसिक रिपोर्ट से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

कोलकाता RG Kar मामले में एक चौंकाने वाले खुलासे में, सीएफएसएल रिपोर्ट के निष्कर्षों में कहा गया है कि सेमिनार कक्ष अपराध स्थल नहीं हो सकता है। इसी साल 9 अगस्त को अस्पताल की चौथी मंजिल पर सेमिनार रूम से जूनियर डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। हालाँकि, अब इस कमरे में बलात्कार और हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है।

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RG Kar हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल से नहीं मिला रेप और हत्या का सबूत

Lady doctor was not brutalized in RG Kar Hospital, forensic report made shocking revelation

केंद्रीय फोरेंसिक अनुसंधान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की रिपोर्ट में घटनास्थल पर मृतक और हमलावर के बीच हाथापाई या हमले के कोई संकेत नहीं मिले हैं। आरजी कर हॉस्पिटल मामले की सीएफएसएल रिपोर्ट हाल ही में जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपी गई है।

सीएफएसएल रिपोर्ट में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि सेमिनार कक्ष में नीले गद्दे पर मृतक और हमलावर के बीच संभावित हाथापाई के कोई संकेत नहीं थे। सेमिनार रूम के अंदर भी कहीं और इसका कोई निशान नहीं था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सेमिनार रूम में महिला जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या नहीं की गई?

कोलकाता पुलिस और सीबीआई की जांच पर सवाल

Lady doctor was not brutalized in RG Kar Hospital, forensic report made shocking revelation

इस मामले में पहले कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम और बाद में सीबीआई की जांच पर सवाल उठ रहे हैं। शुरुआत में बताया गया कि सेमिनार रूम में ही जूनियर डॉक्टर की हत्या और मारपीट की गयी है। तो फिर सीएफएसएल रिपोर्ट में इसका खुलासा क्यों नहीं हुआ?

यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आरजी कर अस्पताल ने मीडिया का ध्यान तब खींचा जब 10 अगस्त को एक प्रशिक्षु डॉक्टर को छाती विभाग के सभागार में मृत पाया गया। यह सामने आया कि अगस्त की मध्यरात्रि में एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय द्वारा उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।

Lady doctor was not brutalized in RG Kar Hospital, forensic report made shocking revelation

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जांच में कथित देरी के मामले में घोष भी जांच के दायरे में थे। घटना के बाद घोष ने 12 अगस्त को सरकारी संस्थान के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उनके कार्यकाल के दौरान अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच का आदेश दिया।

प्रोबायोटिक्स और पत्तेदार सब्जियाँ Constipation में कैसे मदद करती हैं? जानिए

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Constipation एक बहुत ही असुविधाजनक और निराशाजनक स्थिति है। बहुत से लोग स्वस्थ मल त्याग को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी समाधान खोज रहे हैं लेकिन अक्सर दो शक्तिशाली समाधानों से चूक जाते हैं: प्रोबायोटिक्स और हरी पत्तेदार सब्जियाँ। ये प्राकृतिक उपचार न केवल पाचन को बढ़ाते हैं बल्कि कब्ज के लक्षणों को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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प्रोबायोटिक्स क्या हैं और वे Constipation में कैसे मदद करते हैं?


How Do Probiotics and Leafy Vegetables Help Constipation? Know

प्रोबायोटिक्स जीवित सूक्ष्मजीव हैं, जिन्हें अक्सर “अच्छे” बैक्टीरिया कहा जाता है। सेवन करने पर ये कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। ये छोटे पावरहाउस आंत माइक्रोबायोम के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं, जो समग्र पाचन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

जब कब्ज से राहत की बात आती है तो प्रोबायोटिक्स कई भूमिका निभाते हैं। वे उचित आंत गतिशीलता सुनिश्चित करते हैं और आंतों की मांसपेशियों की गति को बढ़ाते हैं, इसलिए मल पाचन तंत्र के माध्यम से अधिक कुशलता से चलता है। दूसरी महत्वपूर्ण भूमिका आंत में सूजन को कम करना है, जो प्रोबायोटिक्स ने दिखाया है।

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प्रोबायोटिक्स से भरपूर भारतीय खाद्य पदार्थों की सूची

How Do Probiotics and Leafy Vegetables Help Constipation? Know
  • दही
  • छाछ (चास)
  • लस्सी
  • इडली बैटर
  • डोसा बैटर
  • ढोकला
  • कांजी
  • अचार
  • किण्वित चावल (पझाया सदाम)
  • अप्पम बैटर
  • अंकुरित दाल (अंकुरित दाल)

सर्दियों में Immunity बढ़ाने और नवजात को बीमारियों से बचाने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय

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नवजात शिशु का शरीर बहुत नाजुक होता है और उसकी Immunity पूरी तरह से विकसित नहीं होती है। यही कारण है कि वे जल्दी संक्रमण और बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। नवजात शिशु को स्वस्थ रखने के लिए उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना बहुत जरूरी है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने पर शिशु न सिर्फ मौसमी बीमारियों से बचता है, बल्कि उसका शारीरिक और मानसिक विकास भी बेहतर होता है।

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खासकर बदलते मौसम और सर्दियों के दौरान शिशु को बीमारियों से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप अपने नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे मजबूत कर सकते हैं और इसके लिए आपको क्या उपाय अपनाने चाहिए। यहां 5 प्रभावी उपाय दिए गए हैं जो न केवल आपके बच्चे को बीमारियों से दूर रखेंगे बल्कि उसे स्वस्थ रखने में भी मदद करेंगे।

Immunity बढ़ाने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय

स्तनपान

Follow THESE 5 measures to increase immunity and protect newborn from diseases in winter


मां का दूध शिशु के लिए संपूर्ण आहार है। इसमें मौजूद एंटीबॉडीज बच्चे को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। कोलोस्ट्रम, जिसे डिलीवरी के बाद पहला दूध कहा जाता है, इम्यून बूस्टर के रूप में काम करता है। यह विटामिन और एंटीबॉडी से भरपूर होता है। बच्चे को कम से कम 6 महीने तक केवल माँ का दूध ही देना चाहिए।

साफ़-सफ़ाई
नवजात शिशु का शरीर संक्रमण के प्रति संवेदनशील होता है। इसलिए उनकी त्वचा, कपड़ों और आसपास के वातावरण की साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है। बच्चे के खिलौने और अन्य जरूरी सामान नियमित रूप से साफ करें। इस तरह आप बच्चे की Immunity बढ़ा सकते हैं।

सही तापमान बनाए रखें

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नवजात शिशु ठंड और गर्मी पर तुरंत प्रतिक्रिया करते हैं। उन्हें सही तापमान पर रखने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। ठंड के मौसम में उन्हें गर्म और मुलायम कपड़े पहनाएं। यदि आप बच्चे को बाहर ले जा रहे हैं, तो उसे ठंडी हवा से बचाने के लिए कपड़े की परत चढ़ाएँ।

टीकाकरण
अपने बच्चे को समय पर टीका लगवाने से उनकी Immunity बढ़ती है। यह उन्हें खसरा, चिकनपॉक्स और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाता है। अपने डॉक्टर से टीकाकरण कार्यक्रम की जांच अवश्य कर लें। सर्दियों के दौरान, टीके आपके बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करते हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर भोज

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जब बच्चा 6 महीने का हो जाए, तो उसे पोषक तत्वों से भरपूर ठोस आहार, जैसे फल, सब्जियां और अनाज दें। इससे उनके शारीरिक विकास के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

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नवजात शिशु की Immunity को बढ़ाना उनके बेहतर स्वास्थ्य और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आप मां के दूध, साफ-सफाई, टीकाकरण और उचित देखभाल के जरिए बच्चे को बीमारियों से दूर रख सकते हैं।

कमजोर Bones को मजबूत बनाने के लिए खाएं ये सफेद चीज

कमजोर Bones को मजबूत बनाने के लिए दूध, जिसे अक्सर “सफेद चीज़” कहा जाता है, एक बेहतरीन आहार विकल्प है। दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन डी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो हड्डियों की ताकत बढ़ाने और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। आइए विस्तार से समझें कि दूध और अन्य संबंधित खाद्य पदार्थ हड्डियों के लिए कैसे फायदेमंद हैं।

Bones के लिए दूध का महत्व

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दूध कैल्शियम का समृद्ध स्रोत है, जो Bones की घनत्व (डेंसिटी) और ताकत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। कैल्शियम हड्डियों का मुख्य घटक है, और इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। जब शरीर को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता, तो यह हड्डियों से कैल्शियम लेना शुरू कर देता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

कैल्शियम का महत्व

कैल्शियम हड्डियों के निर्माण और मजबूती के लिए आवश्यक खनिज है। शरीर का लगभग 99% कैल्शियम Bones और दांतों में जमा होता है। शेष 1% शरीर की अन्य महत्वपूर्ण क्रियाओं जैसे मांसपेशियों के संकुचन, तंत्रिका संकेत और रक्त का थक्का जमाने में मदद करता है।

उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की घनत्व स्वाभाविक रूप से कम होने लगती है, खासकर महिलाओं में रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के बाद। इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं, जो हड्डियों को कमजोर और भंगुर बना देता है। इसे रोकने के लिए, बचपन से ही कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करना आवश्यक है।

दूध में मौजूद हड्डियों के लिए फायदेमंद पोषक तत्व

1.कैल्शियम:
दूध में मौजूद कैल्शियम शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित (एब्जॉर्ब) किया जा सकता है। एक कप (240 मि.ली.) दूध में लगभग 300 मि.ग्रा कैल्शियम होता है, जो वयस्कों के दैनिक आवश्यकता का लगभग 30% है।

2.विटामिन डी:
विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। कई जगहों पर दूध को अतिरिक्त विटामिन डी से फोर्टिफाई किया जाता है, ताकि शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिल सके।

3.फॉस्फोरस:
फॉस्फोरस Bones और दांतों के निर्माण में कैल्शियम के साथ काम करता है। यह हड्डियों को मजबूत और घना बनाता है।

4.प्रोटीन:
दूध में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है, जो हड्डियों के टिशू को बनाने और मरम्मत करने में मदद करता है। यह हड्डियों के लचीलेपन को भी बढ़ाता है।

5.मैग्नीशियम:
मैग्नीशियम कैल्शियम के चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को नियंत्रित करता है और हड्डियों के निर्माण में सहायक है।

6.पोटैशियम:
पोटैशियम शरीर के एसिड-बेस स्तर को संतुलित करता है, जिससे हड्डियों से खनिजों की हानि रुकती है।

ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में दूध की भूमिका

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ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। दूध इसका प्रभावी रूप से मुकाबला करने में मदद करता है:

1.कैल्शियम अवशोषण में मदद:
दूध का कैल्शियम आसानी से शरीर द्वारा अवशोषित होता है, जो हड्डियों की घनत्व बनाए रखने में मदद करता है।

2.फोर्टिफाइड दूध का उपयोग:
जिन क्षेत्रों में सूरज की रोशनी कम होती है, वहां विटामिन डी से युक्त दूध का सेवन कैल्शियम अवशोषण को बढ़ावा देता है।

3.हड्डियों का खनिजीकरण (मिनरलाइजेशन):
दूध में मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन हड्डियों के खनिजीकरण में मदद करते हैं, जिससे वे मजबूत बनती हैं।

Bones के लिए दूध के विकल्प

अगर आप दूध का सेवन नहीं कर सकते, तो कई अन्य विकल्प भी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं:

1.फोर्टिफाइड प्लांट-बेस्ड दूध:
सोया दूध, बादाम दूध, और ओट दूध कैल्शियम और विटामिन डी से फोर्टिफाई होते हैं, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं।

2.पनीर और दही:
पनीर और दही भी कैल्शियम और प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखते हैं।

3. हरी पत्तेदार सब्जियां:
पालक, केल, और सरसों के साग जैसे हरी सब्जियां कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। हालांकि, पालक में ऑक्सलेट्स होते हैं, जो कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं।

4.टोफू और टेम्पेह:
टोफू और टेम्पेह, खासकर अगर वे कैल्शियम सल्फेट से बने हों, कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं।

अन्य खाद्य पदार्थ जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं

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1.मछली:
सैल्मन और सार्डिन जैसी मछलियां विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत हैं।

2.अंडे:
अंडे के पीले हिस्से में विटामिन डी होता है, जो कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है।

3.नट्स और बीज:
बादाम, अखरोट, और चिया सीड्स में मैग्नीशियम और स्वस्थ वसा होते हैं, जो Bones को मजबूत बनाते हैं।

4.फल:
संतरे, स्ट्रॉबेरी, और पपीता जैसे फल विटामिन सी प्रदान करते हैं, जो कोलेजन के निर्माण में मदद करता है।

5.अनाज:
क्विनोआ, ओट्स, और ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज मैग्नीशियम और फाइबर प्रदान करते हैं।

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Bones के लिए स्वस्थ जीवनशैली

1.व्यायाम:
वेट-बेयरिंग व्यायाम जैसे चलना, दौड़ना, और योग हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

2.सूरज की रोशनी:
सूरज की रोशनी से शरीर में विटामिन डी का उत्पादन होता है, जो कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है।

3.धूम्रपान और शराब से बचाव:
धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन Bones को कमजोर कर सकता है।

निष्कर्ष

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दूध, जिसे “सफेद चीज़” कहा जाता है, Bones को मजबूत बनाने के लिए एक प्रभावी और पोषक आहार है। इसके नियमित सेवन से हड्डियों की घनत्व बढ़ती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव होता है। इसके साथ अन्य हड्डी-स्वस्थ खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करना और सक्रिय जीवनशैली अपनाना हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

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Cardamom चबाने के बड़े फायदे

Cardamom, जिसे अक्सर “मसालों की रानी” कहा जाता है, एक अत्यधिक सुगंधित मसाला है जिसे इसके पाक और औषधीय गुणों के लिए सदियों से सराहा गया है। इलायची को मुख्य रूप से भारत, भूटान, नेपाल और इंडोनेशिया में उगाया जाता है। इलायची चबाने से इसके अनेक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। यह लेख इलायची चबाने के मुख्य फायदों और इसके समग्र स्वास्थ्य पर प्रभाव पर प्रकाश डालता है।

1. पाचन स्वास्थ्य में सुधार

Big benefits of chewing cardamom.

Cardamom चबाने के सबसे प्रसिद्ध फायदों में से एक इसका पाचन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव है। इलायची में सिनेओल और टरपीन जैसे यौगिक होते हैं, जो पाचक एंजाइमों के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं। ये एंजाइम भोजन के टूटने और पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण में मदद करते हैं। इलायची चबाने से:

  • फुलावट और गैस से राहत: इलायची के एंटीस्पास्मोडिक गुण आंतों की मांसपेशियों को आराम देते हैं, जिससे फुलावट और गैस से होने वाली असुविधा कम होती है।
  • अम्लता को रोकना: इलायची की क्षारीय प्रकृति पेट के अम्ल को संतुलित करती है, जिससे हार्टबर्न और अपच के लक्षणों में राहत मिलती है।
  • कब्ज से राहत: इलायची के बीजों में मौजूद फाइबर नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है और कब्ज को रोकता है।

2. सांस को ताजा करना और मौखिक स्वास्थ्य में सुधार

Cardamom का उपयोग सदियों से एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता रहा है। इसका तीव्र, सुगंधित स्वाद सांसों की दुर्गंध को प्रभावी ढंग से दूर करता है। इलायची चबाने से:

  • सांसों की दुर्गंध दूर होती है: इलायची में मौजूद सिनेओल जैसे आवश्यक तेलों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मौखिक बैक्टीरिया से लड़ते हैं।
  • कैविटी को रोकना: इलायची की रोगाणुरोधी क्रिया हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को कम करती है, जिससे दांतों की सड़न और मसूड़ों के रोगों को रोका जा सकता है।
  • मसूड़ों को मजबूत बनाना: इलायची में मौजूद पोषक तत्व मसूड़ों को स्वस्थ रखने और समग्र मौखिक स्वच्छता में योगदान करते हैं।

3. मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देना और वजन प्रबंधन में मदद करना

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Cardamom एक थर्मोजेनिक मसाला है, जिसका अर्थ है कि यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकता है और वसा जलाने में मदद कर सकता है। इलायची के बीजों को नियमित रूप से चबाने से:

  • वसा चयापचय में वृद्धि: इलायची में मौजूद यौगिक शरीर की वसा को चयापचय करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
  • भूख को दबाना: इलायची के बीजों में मौजूद फाइबर आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे अनावश्यक स्नैकिंग कम होती है।
  • ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना: इलायची की इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने की क्षमता वजन नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है।

4. श्वसन स्वास्थ्य का समर्थन

Cardamom के एक्सपेक्टोरेंट गुण इसे श्वसन समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपाय बनाते हैं। इलायची चबाने से:

  • खांसी और सर्दी के लक्षणों से राहत: इलायची में मौजूद आवश्यक तेल बलगम को साफ करने और irritated एयरवेज को शांत करने में मदद करते हैं।
  • फेफड़ों के कार्य में सुधार: इलायची के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण श्वसन पथ में सूजन को कम करते हैं, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है।
  • अस्थमा के लक्षणों को कम करना: इलायची में मौजूद यौगिक ब्रांकियल मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकते हैं।

5. हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना

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Cardamom एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। इलायची चबाने से:

  • ब्लड प्रेशर को कम करना: इलायची में मौजूद पोटेशियम सोडियम के प्रभाव को संतुलित करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
  • कोलेस्ट्रॉल स्तर में सुधार: इलायची के एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं, जिससे खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर कम होता है।
  • संचार में सुधार: इलायची के खून को पतला करने और थक्कों को रोकने की क्षमता परिसंचरण को बढ़ाती है।

6. तनाव को कम करना और मूड को बेहतर बनाना

Cardamom में एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो शरीर को तनाव से निपटने में मदद करते हैं। इलायची चबाने से:

  • चिंता से राहत मिलती है: इलायची की सुखदायक सुगंध तनाव और चिंता के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।
  • मूड में सुधार: इलायची में ऐसे यौगिक होते हैं जो सेरोटोनिन के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं।
  • थकान को कम करना: इलायची की पुनर्जीवित करने वाली विशेषताएं शारीरिक और मानसिक थकान से लड़ने में मदद करती हैं।

7. डिटॉक्सिफिकेशन में मदद

Cardamom एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। इलायची चबाने से:

  • किडनी स्वास्थ्य को बढ़ावा: इलायची के मूत्रवर्धक गुण मूत्र के माध्यम से अपशिष्ट और अतिरिक्त पानी के उन्मूलन को प्रोत्साहित करते हैं।
  • विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना: इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को बेअसर करते हैं।
  • मूत्र संक्रमण को रोकना: इलायची के रोगाणुरोधी गुण मूत्र पथ में संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।

8. त्वचा स्वास्थ्य में सुधार

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Cardamom के एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक तेल त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। इलायची चबाने से:

  • रंगत में सुधार: इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं।
  • मुँहासे का इलाज: इलायची के एंटीबैक्टीरियल गुण मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करने में मदद करते हैं।
  • त्वचा को हाइड्रेट करना: इलायची में मौजूद आवश्यक तेल त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करते हैं।

9. प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना

Cardamom विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इलायची चबाने से:

  • प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ावा: इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता में सुधार करते हैं।
  • सूजन को कम करना: इलायची के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पुरानी सूजन को कम करते हैं।
  • आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करना: इलायची विटामिन सी और जिंक का एक अच्छा स्रोत है।

10. यौन स्वास्थ्य में सुधार

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Cardamom का पारंपरिक रूप से कामोत्तेजक के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। इलायची चबाने से:

  • कामेच्छा में वृद्धि: इलायची में मौजूद सुगंधित यौगिक यौन इच्छा को उत्तेजित करते हैं।
  • रक्त प्रवाह में सुधार: इलायची का परिसंचरण बढ़ाने की क्षमता यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाती है।
  • हार्मोन संतुलन: इलायची के एडाप्टोजेनिक गुण हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

11. मधुमेह प्रबंधन में मदद

Cardamom मधुमेह प्रबंधन में भूमिका निभा सकती है। इलायची चबाने से:

  • इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार: इलायची में मौजूद यौगिक इंसुलिन का प्रभावी उपयोग करने की शरीर की क्षमता को बढ़ाते हैं।
  • ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना: इलायची का फाइबर सामग्री चीनी के अवशोषण को धीमा कर देता है।
  • ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करना: इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मधुमेह में आम ऑक्सीडेटिव तनाव का मुकाबला करते हैं।

12. बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना

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Cardamom में मौजूद पोषक तत्व स्वस्थ बालों में योगदान करते हैं। इलायची चबाने से:

  • बाल झड़ने से रोकना: इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट खोपड़ी के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
  • बालों की जड़ों को मजबूत बनाना: इलायची में मौजूद खनिज बालों के रोम को पोषण देते हैं।
  • बालों में चमक लाना: इलायची में मौजूद आवश्यक तेल बालों की बनावट में सुधार करते हैं।

अपनी दिनचर्या में इलायची चबाने को शामिल करने के तरीके

  • भोजन के बाद: पाचन में मदद और सांसों को ताजा करने के लिए भोजन के बाद कुछ इलायची के बीज चबाएं।
  • सुबह की आदत: अपने दिन की शुरुआत इलायची चबाने से करें।
  • नाश्ते के रूप में: एक त्वरित, स्वस्थ स्नैक के लिए इलायची के बीज रखें।
  • सावधानियां और विचार

हालांकि इलायची अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित है, अत्यधिक सेवन से निम्नलिखित हो सकते हैं:

संवेदनशील व्यक्तियों में एलर्जी की प्रतिक्रिया।

पित्त पथरी वाले लोगों में जटिलताएँ।

कुछ दवाओं, जैसे रक्त पतला करने वाली दवाओं के साथ बातचीत।

किसी भी अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति या गर्भावस्था के दौरान बड़े पैमाने पर इलायची को अपनी आहार में शामिल करने से पहले स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।

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निष्कर्ष

Cardamom चबाना इसके कई स्वास्थ्य लाभों का आनंद लेने का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है। पाचन में सुधार से लेकर सांसों को ताजा करने, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने तक, इलायची कल्याण का एक पावरहाउस है।

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Winter में रात को चेहरे पर क्या लगाकर सोना चाहिए?

Winter में रात के समय चेहरे पर क्या लगाना चाहिए, इस पर एक विस्तृत गाइड दी जा रही है। सर्दियों में त्वचा रूखी, बेजान और संवेदनशील हो सकती है। इसलिए, एक सही रात की स्किनकेयर रूटीन अपनाना बेहद जरूरी है, जो त्वचा को हाइड्रेट, पोषण और रिपेयर कर सके।

Winter में त्वचा की जरूरतें

What should we apply on our face before sleeping at night in winter

Winter में हवा में नमी की कमी के कारण त्वचा रूखी हो जाती है। इसके अलावा, हीटर का उपयोग भी त्वचा को और ज्यादा सुखा सकता है। इन समस्याओं से बचने के लिए ध्यान दें:

1.हाइड्रेशन: त्वचा में नमी बनाए रखना।

2.बैरियर रिपेयर: त्वचा की प्राकृतिक सुरक्षा को मजबूत करना।

3.पोषण: त्वचा को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करना।

Winter में रात की स्किनकेयर रूटीन

1. क्लेंज़िंग (सफाई)

सबसे पहले चेहरे को अच्छी तरह से साफ करें ताकि दिनभर की गंदगी, मेकअप और प्रदूषण हट जाए।

  • जेंटल क्लेंज़र चुनें: ऐसा क्लेंज़र लें जिसमें ग्लिसरीन, हायल्यूरोनिक एसिड या सेरामाइड्स जैसे हाइड्रेटिंग तत्व हों।
  • डबल क्लेंज़िंग (यदि जरूरी हो): यदि आपने मेकअप या सनस्क्रीन लगाया है, तो पहले ऑयल-बेस्ड क्लेंज़र और फिर वॉटर-बेस्ड क्लेंज़र का उपयोग करें।
  • टिप्स:
  • गर्म पानी के बजाय गुनगुने पानी का उपयोग करें।
  • तौलिये से हल्के से थपथपाकर चेहरा सुखाएं।

2. टोनिंग

टोनर त्वचा का pH बैलेंस करता है और बाकी उत्पादों के बेहतर अवशोषण में मदद करता है।

  • हाइड्रेटिंग टोनर: ऐसे टोनर का चयन करें जिसमें गुलाब जल, एलोवेरा, या कैमोमाइल जैसे तत्व हों।
  • DIY विकल्प: गुलाब जल में कुछ बूंदें ग्लिसरीन मिलाकर इस्तेमाल करें।

3. सीरम का उपयोग

What should we apply on our face before sleeping at night in winter

सीरम त्वचा की विशेष समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्रित सक्रिय तत्व प्रदान करता है।

  • हायल्यूरोनिक एसिड सीरम: त्वचा में नमी बनाए रखता है।
  • नियासिनामाइड सीरम: त्वचा की बैरियर को मजबूत करता है और लालिमा कम करता है।
  • विटामिन C सीरम (वैकल्पिक): त्वचा की चमक बढ़ाने और फ्री रेडिकल्स से बचाने के लिए।

4. आई क्रीम

आंखों के आसपास की त्वचा नाजुक होती है और सर्दियों में जल्दी सूख सकती है।

  • हाइड्रेटिंग आई क्रीम: कैफीन (सूजन कम करने के लिए), पेप्टाइड्स (फाइन लाइन्स के लिए), या सेरामाइड्स (हाइड्रेशन के लिए) युक्त उत्पाद चुनें।
  • DIY विकल्प: बादाम के तेल और विटामिन E तेल को मिलाकर हल्के हाथों से आंखों के नीचे लगाएं।

5. मॉइस्चराइज़र

मॉइस्चराइज़र त्वचा में नमी को लॉक करता है और पोषण प्रदान करता है।

  • रूखी त्वचा के लिए: शीया बटर, सेरामाइड्स या स्क्वालेन युक्त क्रीम-बेस्ड मॉइस्चराइज़र चुनें।
  • ऑयली/कॉम्बिनेशन त्वचा के लिए: हल्के, जेल या लोशन-बेस्ड मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें।
  • लेयरिंग टिप:
  • हायल्यूरोनिक एसिड सीरम के बाद हमेशा मॉइस्चराइज़र लगाएं ताकि नमी बरकरार रहे।

6. ओवरनाइट ट्रीटमेंट

सभी उत्पादों को सील करने के लिए ओवरनाइट ट्रीटमेंट का उपयोग करें।

  • फेशियल ऑयल: गुलाब का तेल, आर्गन ऑयल, या जोजोबा ऑयल का उपयोग करें।
  • स्लीपिंग मास्क: ग्लिसरीन, शहद या सेरामाइड्स युक्त स्लीपिंग मास्क से त्वचा को रातभर हाइड्रेशन दें।

7. लिप केयर

Winter में होंठ फटने की समस्या आम है, इसलिए लिप केयर जरूरी है।

  • लिप बाम: शीया बटर, बीज़वैक्स या नारियल तेल युक्त लिप बाम का उपयोग करें।
  • DIY लिप मास्क: शहद और बादाम के तेल का मिश्रण लगाएं।

अतिरिक्त सर्दियों के स्किनकेयर टिप्स

What should we apply on our face before sleeping at night in winter
  • ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें

हीटर के कारण कमरों में नमी की कमी हो सकती है। ह्यूमिडिफायर त्वचा को नमी बनाए रखने में मदद करता है।

  • हाइड्रेटेड रहें

दिनभर पर्याप्त पानी और हर्बल चाय पिएं।

  • ज्यादा एक्सफोलिएशन से बचें

सप्ताह में 1-2 बार ही एक्सफोलिएशन करें और जेंटल एक्सफोलिएंट्स का उपयोग करें।

  • एंटीऑक्सीडेंट का उपयोग करें

एंटीऑक्सीडेंट युक्त उत्पाद त्वचा को पर्यावरणीय क्षति से बचाते हैं।

  • सनस्क्रीन का उपयोग करें

Winter में भी UV किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। दिन में सनस्क्रीन लगाना न भूलें।

Skin Hydrate रखने के 8 प्राकृतिक तरीक

DIY Winter के फेस मास्क

त्वचा को अतिरिक्त पोषण देने के लिए ये मास्क बनाएं:

  1. शहद और दही का मास्क
  • 1 चम्मच शहद और 2 चम्मच दही मिलाएं।
  • चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें।
  1. एवोकाडो और जैतून तेल का मास्क
  • आधा एवोकाडो मैश करें और 1 चम्मच जैतून तेल मिलाएं।
  • 20 मिनट बाद चेहरा धो लें।
  1. केला और दूध का मास्क
  • पका हुआ केला मैश करें और उसमें 2 चम्मच दूध मिलाएं।
  • 15 मिनट बाद धो लें।

सामान्य गलतियां जो बचानी चाहिए

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1.मॉइस्चराइज़र छोड़ना: ऑयली त्वचा को भी सर्दियों में हाइड्रेशन की जरूरत होती है।

2.ज्यादा बार चेहरा धोना: बार-बार चेहरा धोने से त्वचा की प्राकृतिक नमी कम हो जाती है।

3.अल्कोहल-बेस्ड उत्पादों का उपयोग: ये त्वचा को और ज्यादा सुखा सकते हैं।

4.पैच टेस्ट न करना: नए उत्पाद का उपयोग करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।

5.गलत तरीके से उत्पाद लगाना: हमेशा हल्के से थपथपाते हुए उत्पाद लगाएं।

Chiku में कौन सा विटामिन होता है?

निष्कर्ष

Winter में रात की स्किनकेयर रूटीन का मुख्य उद्देश्य त्वचा को हाइड्रेट, पोषण और रिपेयर करना है। सही उत्पादों का उपयोग और नियमितता से त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखा जा सकता है।

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