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झारखंड के Dumka में पति के साथ मेला देखकर लौट रही महिला से 17 लोगों ने Gangrape किया।

Dumka: झारखंड के Dumka में एक महिला के साथ 17 युवकों के Gangrape की वारदात ने पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाले इस मामले में आरोपियों ने महिला के पति को बंधक बनाकर पीड़िता के साथ बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं इस सनसनीखेज वारदात ने तीन साल पुराने घाव को ताजा कर दिया। सितंबर 2017 में इसी तरह से एक युवती के साथ 17 युवकों ने गैंगरेप (Gangrape) किया था। उस समय भी युवती अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ घर वापस लौट रही थी।

2017 में भी Gangrape का ऐसा मामला सामने आया था

तीन साल पहले महिला से दरिंदगी का चौंकाने वाला मामला 6 सितंबर 2017 में उस समय सामने आया जब 19 वर्षीय युवती अपने एक पुरुष मित्र के साथ घूमने के लिए निकली थी। शाम में वो वापस लौट रही थी इसी दौरान दुमका के श्रीअमड़ा मोड़ के पास 17 युवकों ने उन्हें रोक लिया। पहले कुछ युवकों ने युवक-युवती से लूटपाट की कोशिश की। बाद में कुछ और युवकों के आने के बाद उन्होंने लड़की के फ्रेंड को बंधक बना लिया और पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म किया। इनमें चार आरोपियों की उम्र वारदात के समय 16 से 18 के बीच थी।

यह भी पढ़ें: युवती को कार में अगवा कर जंगल में किया गैंगरेप, एक आरोपी गिरफ़्तार।

17 में से 16 आरोपी हुए थे गिरफ्तार, 11 को मिली उम्र कैद

Gangrape की इस वारदात ने पूरे झारखंड को झकझोर के रख दिया था। बाद में पुलिस ने पीड़िता के बयान पर 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। वारदात के महज दो दिन के भीतर ही 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से 11 आरोपियों को बाद में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। ये सभी अपनी सजा काट रहे हैं। बाकी बचे आरोपियों में चार का मामला चाइल्ड कोर्ट में और एक का मामला जेजेबी कोर्ट में चल रहा है।

तीन साल पहले हुई इस वारदात और दुमका के मुफस्सिल थाना इलाके में महिला से गैंगरेप के मामले में कई समानताएं देखने को मिली हैं। दोनों ही मामले में 17 आरोपियों ने जघन्य घटना को अंजाम दिया। 2017 में हुई घटना के दौरान भी युवती के पुरुष मित्र को बंधक बनाया गया था। वहीं मंगलवार की घटना में महिला के पति को बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया गया। 2017 की वारदात में पीड़ित युवती के फ्रेंड ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसकी वजह से आरोपियों पर दो दिन में कार्रवाई की गई।

Jammu & Kashmir:DDC चुनाव के पांचवें चरण के वोट डालने के लिए कड़ाके की ठंड में निकले लोग।

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में बृहस्पतिवार को जिला विकास परिषद (DDC) के चुनाव के पांचवें चरण में करीब आठ लाख से अधिक मतदाता, 299 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। कश्मीर (Kashmir) डिवीजन के 37 और जम्मू (Jammu) के 20 चुनाव क्षेत्रों में सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे के बीच मतदान होगा। कड़ाके की ठंड की वजह से सुबह कम ही लोग निकले।

Jammu प्रखंड में 40 महिला उम्मीदवार हैं

सुरक्षा के व्यापक इंतजामों के साथ ही वोटिंग सेंटर पर पहुंचे मतदाताओं का संक्रमण के मद्देनजर कोविड-19 टेस्ट भी किया गया। कश्मीर प्रखंड में 30 महिला उम्मीदवारों समेत 155 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। वहीं जम्मू प्रखंड में 40 महिला उम्मीदवारों समेत 144 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। राज्य चुनाव आयुक्त के. के. शर्मा ने कहा कि डीडीसी चुनाव के अलावा सरपंच के 58 पदों और पंच के 218 पदों के लिए पंचायत उपचुनाव भी हो रहे हैं।

Research: अगर आप मास्‍क के बगैर सिर्फ फेस शील्‍ड (Face Shield) पहने हैं तो हो जाएं सावधान

Tokyo: Covid-19 Pandemic: बिना मास्क के सिर्फ फेस शील्ड (Face Shield) पहनना कोविड-19 (Covid-19) से बचाव में कारगर नहीं है क्योंकि हवा के प्रवाह से आसपास के छोटे कण प्लास्टिक के बने इन शील्ड (Face Shield) के भीतर पहुंच सकते हैं. एक नए अध्ययन (Research) में यह जानकारी दी गई है. शोध पत्रिका ‘फिजिक्स ऑफ फ्लूड्स’ में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि कई लोग मास्क की जगह फेस शील्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूलों, विश्वविद्यालयों, रेस्टोरेंट और कारोबार करने की जगह पर इसका इस्तेमाल बढ़ गया है. जापान में फुकुओका यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों समेत कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि छींकने से जो कण निकलते हैं, वे फेस शील्ड (Face Shield) को पार कर सकते हैं.

अध्ययन के सहलेखक फुकुओका यूनिवर्सिटी से फुइजो अकागी ने कहा, ‘‘ये कण फेस शील्ड से होकर तुरंत महज आधे से एक सेकंड के भीतर चेहरे तक पहुंच सकते हैं जिससे व्यक्ति को छींकें आनी शुरू हो सकती हैं.”अध्ययन (Research)में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि फेस शील्ड पहना व्यक्ति अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के आस पास एक मीटर के दायरे में रहता है तो उसकी (संक्रमित व्यक्ति की) छींक का क्या असर होगा. विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा कि छींक के बाद निकले कण बेहद तेज गति से निकलते हैं और हवा में भी इनका प्रवाह तीव्र होता है.

वैज्ञानिकों ने बताया कि ये कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि इन्हें माइक्रोस्कोप के माध्यम से ही देखा जा सकता है. ये कण शील्ड के ऊपरी और निचले खुले किनारों से होते हुए भीतर चेहरे तक पहुंच सकते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मास्क के बगैर सिर्फ फेस शील्ड पहनना कोविड-19 से बचाव में बिल्कुल कारगर नहीं है.

सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की फिलहाल स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मंजूरी नहीं

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नई दिल्ली: सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की ओर से निर्मित कोरोना वैक्सीन (COVID-19 vaccine) के इमरजेंसी उपयोग के अनुरोध को बुधवार को स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मंजूरी नहीं मिल सकी. दोनों कंपनियों से अगली बैठक में और अधिक डाटा पेश करने का कहा गया है, अगली बैठक की तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है. गौरतलब है कि वैक्‍सीन की उपयुक्‍तता (suitability) पर अंतिम फैसला ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) के द्वारा लिया जाएगा.

सेंट्रल ड्रग्‍स स्‍टेंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (CDSCO) की एक्‍सपर्ट कमेटी की आज बैठक हुई जिसमें फाइजर (Pfizer), सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के आवेदनों की समीक्षा की गई. सूत्रों की ओर से कहा गया है कि मंजूरी (Approvals) लंबी प्रक्रिया होती है और आज की समीक्षा केवल शुरुआत है.

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सीरम इंस्‍टीट्यूट के सूत्रों ने कहा, ‘सरकार के लिए ऐसे मामलों में कई बैठकें आयोजित करना मानक प्रक्रिया है. प्रक्रिया को एक या दो सप्‍ताह में हरी झंडी मिलने की संभावना है.’

गौरतलब है कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्‍सीन निर्माता,  पुणे स्थित सीरम इंस्‍टीट्यूट ने ऑक्‍सफोर्ड वैक्‍सीन कोविशील्‍ड की मंजूरी के लिए 6 दिसंबर को आवेदन किया था, दूसरी ओर, मशहूर फार्मा कंपनी फाइजर ने ब्रिटेन और बहरीन में क्‍लीयरेंस हासिल करने के लिए भारत में मंजूरी की मांग की थी. 

इसी क्रम में सोमवार को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक अपनी कोरोना वैक्‍सीन Covaxin के आपात उपयोग में मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के समक्ष आवेदन करने वाली तीसरी वैक्‍सीन निर्माता कंपनी बनी थी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले माह हैदराबाद और पुणे का दौरा करके कोरोना वैक्‍सीन से संबंधित प्रगति की समीक्षा की थी. चार दिसंबर को आयोजित सर्वदलीय बैठक में पीएम ने उम्‍मीद जताई थी कि कोविड-19 वैक्‍सीन अगले कुछ सप्‍ताह में तैयार हो सकती है. 

सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) में बदलाव के प्रस्ताव को किसानों ने ठुकराया, 14 तारीख को पूरे देश में करेंगे प्रदर्शन

नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) में संशोधनों को लेकर सरकार (Goverment) के प्रस्ताव आंदोलनरत किसानों (Farmers) को मंजूर नहीं हैं. किसानों ने आज प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि हमें जो प्रस्ताव मिला है उसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं. हम जियो (Jio) के सारे मॉल्स का बहिष्कार करेंगे. हम 14 तारीख को ज़िला मुख्यालयों को घेरेंगे. पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को जयपुर- दिल्ली हाईवे को रोकेंगे. 

किसानों ने कहा कि वे 14 दिसंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे. वे 12 दिसंबर को पूरे देश के टोल प्लाज़ा जाम कर देंगे. इसी दिन दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंद करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हाईवे इससे पहले भी बंद किया जा सकता है. किसान संगठन के नेता डॉ दर्शनपाल ने कहा कि हम रिलायंस के सारे मॉलों का बहिष्कार करेंगे.

नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार को 14वें दिन भी किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. केंद्र सरकार (Centre Govt) और किसानों की मंगलवार रात हुई बैठक में सरकार द्वारा किसानों को प्रस्ताव भेजे जाने की बात कही गई. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार, MSP खत्म नहीं होगा. सरकार MSP को जारी रखेगी और इसके लिए कानून बनाया जाएगा.

सरकार की ओर जारी किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, मंडी कानून APMC में बड़ा बदलाव होगा. प्राइवेट प्लेयर्स को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सरकार अब कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग में किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार भी देगी. अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन को भी मंजूरी मिलेगी. प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने को मंजूरी दी जाएगी. फिलहाल सरकार इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल पेश नहीं करेगी. इसमें बदलाव किए जाने के बाद इसे सदन में पेश किया जाएगा.

केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के सामने जो रखे हैं वे किसान संगठनों ने स्वीकार नहीं किए. केंद्र सरकार के प्रस्ताव मुख्य रूप से यह हैं-

1. राज्य सरकार प्राइवेट मंडियों पर भी शुल्क/फीस लगा सकती है.

2. राज्य सरकार चाहे तो मंडी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर सकती है.

3. किसानों को कोर्ट कचहरी जाने का विकल्प भी दिया जाएगा.

4. किसान और कंपनी के बीच कॉन्ट्रैक्ट की 30 दिन के अंदर रजिस्ट्री होगी.

5. कॉन्ट्रैक्ट कानून में स्पष्ट कर देंगे कि किसान की जमीन या बिल्डिंग पर ऋण या गिरवी नहीं रख सकते.

6. किसान की ज़मीन की कुर्की नहीं हो सकेगी.

7. एमएसपी की वर्तमान खरीदी व्यवस्था के संबंध में सरकार लिखित आश्वासन देगी.

8. बिजली बिल अभी ड्राफ्ट है, इसे नहीं लाया जाएगा.

9. एनसीआर में प्रदूषण वाले कानून पर किसानों की आपत्तियों का समुचित समाधान किया जाएगा.

तमिल एक्ट्रेस चित्रा कामराज (chitra kamaraj)की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत, होटल के कमरे में लटका मिला शव

तमिल एक्ट्रेस और वीजे चित्रा कामराज (chitra kamaraj)की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई है। वे 29 साल की थीं। बुधवार को उनका शव चेन्नई के नजरथपेट स्थित एक होटल के कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला। न्यूज एजेंसी एएनआई के सोशल मीडिया अकांउट से चित्रा (chitra kamaraj) की मौत को लेकर लिखा गया है, “टीवी एक्ट्रेस और वीजे चित्रा चेन्नई के बाहरी इलाके के एक होटल में मृत मिलीं। पुलिस मौत के कारणों का पता लगा रही है। उनका शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। जांच जारी है।”

Death of Tamil actress and VJ Chitra Kamaraj in suspicious circumstances body found hanging in hotel room
मौत से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अंतिम पोस्ट की थी, जो यह फोटो थी

मैनेजर ने पुलिस को किया था इन्फॉर्म

नजरथपेट पुलिस ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से बातचीत में बताया कि होटल के मैनेजर ने रात 2:30-2:45 बजे पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 पर कॉल कर घटना की सूचना दी। पुलिस ने कहा, “सूचना मिलते ही हम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए। शव को कब्जे में लेकर किल्पौक गवर्नमेंट हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। हम मौत के कारणों का पता लगा रहे हैं।”

हाल ही में बिजनेसमैन से सगाई की थी

चित्रा तमिल टीवी इंडस्ट्री की पॉपुलर एक्ट्रेस और वीजे थीं। हाल ही में उन्होंने बिजनेसमैन हेमंत से सगाई की थी। रिपोर्ट्स की मानें तो वे होटल में अपने मंगेतर के साथ रह रही थीं और EVP फिल्मसिटी में शूटिंग कर रही थीं।

सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर मुंबई पुलिस

चित्रा की मौत के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स सुशांत सिंह राजपूत की मौत को याद कर मुंबई पुलिस को निशाने पर ले रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है, “इस केस को करप्ट मुंबई पुलिस को सौंप दो, वे इसे खुदकुशी बता देंगे और कुछ लुटियन मीडिया भी इसे आत्महत्या बताएगी।”

Bajrang Baan का पाठ बहुत चमत्कारिक होता है, पहले जानें विधि और नियम

Bajrang Baan: हनुमान जी एक ऐसे देवता है जो कलयुग में भी पृथ्वी पर विराजमान हैं। भगवान हनुमान की पूजा आराधना करने से मनुष्य हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है। इनकी पूजा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। ज्यादातर लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। यह तो फायदेमंद होता ही है साथ ही अगर Bajrang Baan का पाठ किया जाए तो इससे भक्तों को बजरंगबली की असीम कृपा प्राप्त होती है।

इस पाठ को करने से आप कई तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं, लेकिन Bajrang Baan का पाठ करते समय आपको इसकी विधि, नियम और सावधानियों के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ करने की विधि और नियम के बारे में।

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Bajrang Baan के पाठ की विधि

Method of reciting Bajrang Baan
धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी की आराधना करने से जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।

भगवान हनुमान प्रभु श्री राम के परम् भक्त हैं, इसलिए Bajrang Baan में मुख्य रूप से भगवान् राम की भी सौगंध के लिए कुछ पंक्तियां दी गई है। ऐसा माना जाता है कि जब भी आप श्री राम का सौगंध लेंगें, तो हनुमान जी आपकी मदद जरूर करेंगे। इसलिए पाठ में इन पक्तियों के जरूर पढ़ना चाहिए।

इस प्रकार हैं प्रभु श्रीराम की सौंगध की पंक्तियां

भूत प्रेत पिशाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर

इन्हें मारु,तोहिं सपथ राम की। राखु नाथ मर्याद नाम की।

जनक सुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ विलम्ब न लावौ।

उठु उठु चलु तोहिं राम दोहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई।।

Method of reciting Bajrang Baan
भगवान हनुमान की पूजा आराधना करने से मनुष्य हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है.

बजरंग बाण पाठ मंगलवार से शुरू करना चाहिए

मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

पूजा स्थान पर भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित करें।

भगवान गणेश सभी देवों में प्रथम पूजनीय हैं. इसलिए बजरंग बाण का आरंभ करते समय सर्वप्रथम गणेश जी की आराधना करें।

इसके बाद भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें।

उसके बाद हमुमान जी को प्रणाम करके बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें।

हनुमान जी को फूल अर्पित करें और उनके समक्ष धूप, दीप जलाएं।

कुश से बना आसन बिछाएं और उस पर बैठकर बजरंग बाण का पाठ आरंभ करें।

पाठ पूर्ण हो जाने के बाद भगवान राम का स्मरण और कीर्तन करें।

हनुमान जी को प्रसाद के रूप में चूरमा, लड्डू और अन्य मौसमी फल अर्पित कर सकते हैं।

बजरंग बाण के नियम

Method of reciting Bajrang Baan
धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी की आराधना करने से जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।

जितनी बार Bajrang Baan पाठ का संकल्प लें, उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ करें. अगर आप गिनती याद रख सकते हैं तो बिना माला के भी जाप कर सकते हैं।

बजरंग का बाण पाठ करते समय ध्यान रखें कि शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट होना चाहिए।

अगर आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो कम से कम 41 दिनों तक यह पाठ नियमपूर्वक करें।

पाठ के दिनों में दौरान विशेष रूप से लाल रंग के कपड़े धारण करें।

आपको जितने दिन तक बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना जरूरी है।

जितने दिन भी आपको Bajrang Baan का पाठ करना हो उतने दिनों तक किसी प्रकार का नशा या तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

इन स्थितियों में कभी भूलकर भी न करें बजरंग बाण का पाठ 

कभी किसी का बुरा करने की कामना के साथ बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।

किसी भी अनैतिक कार्य की पूर्ति के लिए या फिर किसी से विवाद की स्थिति में विजय पाने के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।

कर्म करना जीवन में बहुत आवश्यक होता है इसलिए बिना प्रयास के ही किसी कार्य में सफलता पाने के उद्देश्य से बजरंग बाण का पाठ न करें।

धन, ऐश्वर्य या किसी भी भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।

Surya Grahan 2020: साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को है, जानें कैसा रहेगा इसका असर

साल 2020 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)14 दिसंबर को घटित होगा. सूर्य ग्रहण वह घटना है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आंशिक या पूर्ण रूप से आ जाता है. साल के इस अंतिम सूर्य ग्रहण से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आपको जरूर रखनी चाहिए. साल 2020 के जून महीने में पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) हुआ था. ये सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को पड़ा था. साल 2020 में कुल 6 ग्रहण हुए. इसमें 2 सूर्य ग्रहण और 4 चंद्र ग्रहण शामिल हैं. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं. जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं.

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सूर्य ग्रहण का समय और दृश्यता

साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर 2020 से शुरू होकर 15 दिसंबर 2020 तक रहेगा. यह सूर्य ग्रहण राशिचक्र की आठवीं राशि वृश्चिक में होगा इसलिए इस राशि के लोगों को संभलकर रहना होगा.

दिनांक- 14-15 दिसंबर

सूर्य ग्रहण प्रारंभ- 19:03:55 बजे से

सूर्य ग्रहण समाप्त- 00:23:03 बजे तक

यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा लेकिन यह भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए भारत में इसका सूतक भी लागू नहीं होगा. यह सूर्य ग्रहण, अफ्रीका महाद्वीप का दक्षिणी भाग, साउथ अमेरिका का अधिकांश भाग, प्रशांत महासागरीय क्षेत्र, अटलांटिक, हिन्द महासागर और अंटार्टिका में दृश्यमान होगा.

ज्योतिष में सूर्य ग्रहण

Surya Grahan 2020: The last solar eclipse of the year is on December 14

वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रहण को आत्म कारक माना जाता है. यह आत्मविश्वास, व्यक्तित्व, पिता, सरकारी नौकरी, नेतृत्व आदि का कारक भी है. राशिचक्र की प्रथम राशि मेष में यह उच्च का होता है जबकि सप्तम राशि तुला में यह नीच अवस्था में माना जाता है. कुंडली में इसकी शुभ स्थिति व्यक्ति को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं दिलाती है. वहीं यदि कुंडली में यह कमजोर अवस्था में है तो व्यक्ति को जीवन भर संघर्ष करना पड़ता है. चंद्रमा, मंगल और गुरु इसके मित्र ग्रह हैं. वहीं शुक्र और शनि इसके शत्रु हैं. बुध के साथ इसका संबंध तटस्थ है

64 विदेशी राजदूत और अधिकारी Corona Vaccine डेवलप कर रही कंपनियों के दौरे पर भारत पहुंचे

Hyderabad: Covid-19 Vaccine Updates : भारत में विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine)के लिहाज से आज काफी अहम दिन है क्योंकि आज कई देशों से कुल 64 राजदूत और उच्चायुक्त हैदराबाद की उन दो कंपनियों के विजिट पर पहुंचे हैं, जो भारत में कोरोनावायरस (Corona Vaccine)से लड़ने के लिए वैक्सीन विकसित कर रही हैं. ये अधिकारी सुबह फ्लाइट से हैदराबाद पहुंचे, जहां से वो Bharat-BioTech पहुंचे हैं, जो भारत की स्वेदश निर्मित वैक्सीन Covaxin बना रही है. ये अधिकारी Biological E भी जाएंगे. ऐसा पहली बार है, जब भारत में विकसित हो रही कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine)की जानकारी लेने के लिए विदेशी अधिकारी आए हैं.

पिछले महीने ही विदेश मंत्रालय ने डिप्लोमेटिक मिशन्स और बड़े अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनधियों को कोविड से जुड़े मुद्दों पर जानकारी दी थी. 

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ कोवैक्सीन को विकसित कर रहे भारत बायोटेक ने सोमवार को अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी यूज़ के लिए अप्रूवल मांगा है. भारत बायोटेक अपनी कोविड वैक्सीन के लिए अप्रूवल मांगने वाली तीसरी ंकंपनी बन गई है.

Biological E. Ltd ने नवंबर में कहा था कि वो अपने कोविड वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर चुकी है और फरवरी तक इसके नतीजे आने के अनुमान हैं. कंपनी अमेरिका के टेक्सास के ह्यूस्टन के Baylor College of Medicine और अमेरिकी कंपनी Dynavax Technologies Corp  के साथ अपनी वैक्सीन डेवलप कर रही है. इसके लिए उसे भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल से अनुमति मिली थी.

विदेशी अधिकारियों के वीआईपी विजिट के पहले 28 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के तीन शहरों में फार्मा कंपनियों-जो कोरोना वैक्सीन डेवलप कर रही हैं- के विजिट पर गए थे. उन्होंने यहां पर वैक्सीन और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस की पूरी जानकारी ली थी.

इसके अलावा, सूत्रों ने बताया है कि आज का दिन वैक्सीन के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि आज एक एक्सपर्ट पैनल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक फार्मा कंपनियों के अप्रूवल के एप्लीकेशन की समीक्षा करेंगी, जिसके बाद ही उनके वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को मंजूरी मिलेगी. 

Pfizer ने भी इसके लिए आग्रह किया है लेकिन इसके एप्लीकेशन पर आज विचार नहीं किया जाएगा क्योंकि उसके अमेरिकी विशेषज्ञ आज उपलब्ध नहीं हो पाएंगे.

बता दें कि Pfizer-BioNTech के वैक्सीन का ब्रिटेन में मंगलवार से पहले ही बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है.

Supreme Court: कोविड-19 मरीजों के घर के बाहर पोस्‍टर नहीं लगाए जाएं, पोस्टर चिपकाने का कोई कारण नहीं है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साफ कहा है कि कोविड-19 पेशेंट (COVID-19 Patients) के घर के बाहर पोस्‍टर (Posters) नहीं लगाए जाने चाहिए. कोरोना मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाने का मामले में सुनवाई करते हुए SC ने नामंज़ूरी दी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को एडवायजरी जारी कर चुकी हैअदालत ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों के पास मरीजों के घरों के बाहर COVID पोस्टर चिपकाने का कोई कारण नहीं है. 

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की बेंच ने कहा कि इस तरह के पोस्टर राज्यों द्वारा तभी चिपकाए जा सकते हैं जब आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारी विशिष्ट निर्देश जारी करें. जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने यह फैसला दिया.

गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा कि हमारी सरकार का ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है. कुछ राज्यों ने ऐसा इसलिए किया कि कोई अनजान व्यक्ति घर म़े एंट्री न कर पाए. याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली ,पंजाब और ओडिशा ने ऐसा करने से रोक लगा दी है. 

कोर्ट ने सालिसिटर जनरल से पूछा कि क्या केंद्र सरकार राज्यों को ऐसा न करने के लिए एडवाइजरी जारी कर सकती हैं, इस पर केंद्र ने बताया कि उसने राज्यों को पत्र लिखा है. इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जमीनी स्तर पर हकीकत यह है कि एक बार कोविड रोगी के घर के बाहर नोटिस लगाने के बाद, उसे दूसरों द्वारा अछूत माना जाता है.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि उसने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी घर के बाहर COVID-19 आइसोलेशन के पोस्टर न लगाएं. सरकार ने कहा था कि सभी ऐसे मरीजों के निवास के बाहर जो पोस्टर पहले से लगाए गए हैं, उन्हें तत्काल हटाने के लिए कहा गया है. 

दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने ये भी कहा था कि अधिकारियों को कोई निर्देश नहीं है कि वे RWA या किसी अन्य व्यक्ति के साथ COVID-19 पॉजिटिव मरीजों के नाम साझा करें. इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने COVID-19 पॉजिटिव व्यक्तियों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए जनहित याचिका का निपटारा कर दिया था. इससे पहले हाईकोर्ट ने कुश कालरा द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था.

MP News: बारातियों से भरी कार गांव के एक कुएं में घुस गई, 6 की मौत

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बारातियों से भरी एक कार एमपी(MP) के छतरपुर जिले के महराजपुर थाना क्षेत्र स्थित गांव के एक कुएं में घुस गई है। कार कुएं में उस वक्त घुसी है, जब गांव में अंधेरा था। कुएं गहराई ज्यादा होने की वजह से बहुत देर तक लोगों को कोई मदद भी नहीं मिल पाई है। इसकी वजह से कार में सवार 6 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना प्रशासन को दे दी है। उसके बाद वहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

कार में सवार थे 9 लोग

स्थानीय लोगों के अनुसार इस कार में 9 लोग सवार थे। मंगलवार की रात 11 बजे कार किसी सड़क से सटे कुएं में गिर गई थी। कुआं सड़क के बिल्कुल नजदीक है। साथ ही कोई बैरिकेड भी नहीं किया हुआ है। ऐसे में किसी को भी अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि पास में कुआं है। कार सवार 9 लोगों में से 6 की मौत हो गई है। वहीं, 3 को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

यूपी से आई थी बारात

car fell in well 6 killed after car enters in well in chhatarpur madhya pradesh
यूपी के महोबा जिले से बारात आई थी

एमपी(MP) के छतरपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र स्थित दीवान जी के पुरवा में यूपी के महोबा जिले से बारात आई थी। बारात स्थल से पहले ही यह हादसा हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कुएं की गहराई काफी है। कार गिरने के बाद किसी को संभलने का मौका नहीं मिला था। आवाज सुन ग्रामीण वहां तुरंत जमा हुए। लेकिन राहत और बचाव कार्य में देरी की वजह से लोगों की जिंदगी नहीं बचाया जा सका है।

पुलिस ने पहुंच कर किया रेस्क्यू

हादसे की खबर ग्रामीणों ने तुरंत महाराजपुर थाने को दी थी। उसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया था। कुएं के अंदर ही 6 लोगों की मौत हो गई थी। रात में कुएं से पुलिस ने गाड़ी निकाल ली थी। सभी शवों का पोस्टमार्टम करवा कर उन्हें परिजनों को सौंपा जाएगा।

अंधेरा होने की वजह से नहीं देखा कुआं

महाराजपुर थाने के प्रभारी वाई जेड खान ने बताया कि रात सवा ग्यारह बजे यह हादसा हुआ है। अंधेरा होने की वजह से ड्राइवर कुआं को नहीं देख पाया था। रात 2 बजे तक रेस्क्यू कर कुएं से सभी को बाहर निकाल लिया गया था। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।

मातम में बदली खुशियां

वहीं, हादसे के बाद दुल्हन और दूल्हे के घर में कोहराम मचा हुआ है। शादी की खुशियों में मातम पसरा हुआ है। लगन की वजह से किसी तरह दोनों की शादी करवाई गई है। हादसे के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुआवजे का ऐलान किया है। मृतक के परिवारों को 2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है।

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हरियाणा, पंजाब से और किसान पहुंचे, यहां सिंघु बॉर्डर (singhu border) पर संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है

New Delhi: पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टर ट्रॉलियों, कारों में सवार होकर और किसान मंगलवार को यहां सिंघु बॉर्डर (singhu border) पर पहुंचे जहां केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद (Bharat Bandh) के कारण सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। भारत बंद (Bharat Bandh) की वजह से हालांकि लगातार 13 दिनों से सिंघु बॉर्डर (singhu border) पर डटे किसानों के लिये चावल, आटा, दाल, तेल, दूध, साबुन और दंतमंजन जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।

पानीपत से आए गुरजैंत सिंह ने कहा, “स्वाभाविक रूप से राशन की आपूर्ति प्रभावित होगी। लेकिन अगले दो-तीन महीनों के लिये हमारे पास पर्याप्त भंडार है। हम लंबे समय तक के लिये तैयारी के साथ आए थे।” उन्होंने कहा कि लेकिन यह संख्या बढ़नी शुरू हो गई है और बहुत से लोग साइकिलों और बैलगाड़ियों में आ रहे हैं।

दोपहर के भोजन के समय प्रदर्शनकारी कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित लंगर में भोजन के लिये कतारबद्ध बैठे नजर आए। भोजन के बाद कुछ किसान आराम करने के लिये ट्रॉलियों में चले गए जबकि कुछ अन्य मंच से भाषण दे रहे अपने नेताओं को सुनने लगे। 

ट्रैक्टरों पर लगे स्पीकरों से पंजाबी और हरियाणवी गाने तेज आवाज में बज रहे थे जबकि क्षेत्र की सर्विस लेन में जीपों और कारों में युवा बैठे नजर आए। बहुत से लोग वहां दैनिक उपयोग की वस्तुएं जिनमें अंत:वस्त्र, बालों में लगाने का तेल, क्रीम, मोजे और साबुन आदि शामिल हैं, लिये घूम रहे थे और जरूरतमंद प्रदर्शनकारियों को यह मुफ्त में वितरित कर रहे थे।

मोहाली से आए राजिंदर सिंह कोहली ने कहा कि उनकी संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। प्रदर्शनकारी किसान संघों के भारत बंद की वजह से सड़कों पर वाहन कम दिखे। ऐप आधारित कैब, ऑटो रिक्शा और डीटीसी बसें हालांकि रोड पर देखी जा सकती थीं। सिंघु बॉर्डर की तरफ जा रही सड़कों पर अधिकतर दुकानों बंद थीं। बंद के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सभी बॉर्डरों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं।

Covid-19 News: देश में 4 लाख से भी कम कोरोना पॉजीटिव, तीन वैक्सीन प्री-क्लीनिकल स्टेज में

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New Delhi: देश में कोविड-19 (Covid-19) महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से आज (मंगलवार, 8 दिसंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव प्रशांत भूषण ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण (Covid-19) के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है।

भूषण ने कहा कि आज देश में सक्रिय मामलों की संख्या 4 लाख से कम है। यह कोरोना के कुल मामलों का 4 फीसदी से भी कम है। पूरी दुनिया में कोरोना (Covid-19) के मामले बढ़ रहे हैं। जबकि भरत में सितंबर मध्य के बाद से नए मामलों में लगातार गिरावट आई है। पॉजिटिविटी रेट (सकारात्मकता दर) घट रही है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में केस पॉजिटिविटी लगातार घट रही है और कुल पॉजिटिविटी रेट 6.5% है। पिछले एक सप्ताह का पॉजिटिविटी रेट 3.2% है। महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में देश के 54 फीसदी सक्रिय मामले हैं। प्रति दस लाख लोगों पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में अगर विश्व के बड़े देशों से भारत की तुलना करें तो वहां भारत से सात-आठ गुना ज्यादा मामले हैं। 

उन्होंने कहा कि तीन वैक्सीन प्री-क्लीनिकल स्टेज में हैं और 6 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में हैं। ये 2-3 डोज वाले वैक्सीन हैं, अधिकांश 2 डोज वाले वैक्सीन हैं। हर डोज के बीच की दूरी 3-4 हफ्ते की है। 

Covid-19: यूपी में अबतक करीब 8 हजार लोगों की गई जान, इतने नए मामले आए सामने

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Lucknow: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19(Covid-19) संक्रमित 23 और लोगों की मौत हो गई और 1824 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई. स्वास्थ्य विभाग की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोविड-19 (Covid-19)संक्रमित 23 और लोगों की मौत के साथ प्रदेश में इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 7967 हो गई है.

रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा चार मौत राजधानी लखनऊ (Lucknow) में हुई हैं. इसके अलावा कानपुर नगर(Kanpur), वाराणसी(Varanasi), शाहजहांपुर (Shahjahanpur), बस्ती में दो-दो और प्रयागराज, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, मुरादाबाद, लखीमपुर खीरी, जौनपुर, गोंडा, सोनभद्र, बिजनौर, फिरोजाबाद और बलरामपुर में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.

सबसे ज्यादा 233 नए मामले राजधानी लखनऊ में मिले

रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 1824 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है. वहीं, इसी अवधि में 2,111 लोग ठीक भी हुए हैं. सबसे ज्यादा 233 नए मामले राजधानी लखनऊ में मिले हैं. इसके अलावा गाजियाबाद में 187, मेरठ में 148, वाराणसी में 126 और गौतम बुद्ध नगर में 114 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 1,67,726 नमूनों की जांच की गई. प्रदेश में अब तक 2,06,21,452 नमूनों की जांच हो चुकी है.

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण (Covid-19) से बचाव के लिये पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, कानपुर नगर, झांसी, गाजियाबाद और गोरखपुर जनपदों में कोविड-19 के बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) से बचाव व उपचार की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए.

Bihar: बक्सर में घर के बाहर बैठे पूर्व सरपंच की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, हत्यारे फरार

Bihar: बिहार के बक्सर (buxar)में अपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी क्रम में अपराधियों ने मंगलवार को जिले के नया भोजपुर अंतर्गत प्रताप सागर के पूर्व सरपंच जगदीश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए. घटना के संबंध में लोगों ने बताया कि बाइक सवार अपराधियों ने इस वारदात को तब अंजाम दिया जब सरपंच अपने घर के बाहर बैठकर अखबार पढ़ रहे थे.

उन्होंने बताया कि चार बाइक पर सवार लगभग 8 की संख्या में आए अपराधियों ने पूर्व सरपंच पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी. गोली लगने की वजह से पूर्व सरपंच जगदीश यादव बुरी तरह घायल हो गए. इधर, परिजनों ने आननफानन उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

इधर, घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने प्रताप सागर में आरा बक्सर हाईवे को जाम कर दिया. एनएच-84 पर जाम की सूचना मिलने के बाद डुमराव डीएसपी के.के. सिंह और माले विधायक अजीत सिंह कुशवाहा मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया. वहीं, डुमराव विधायक ने कहा कि बिहार में अपराधियों की सरकार चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस तरह के मामले पर कार्रवाई नहीं होती है तो हम लोग सड़क से लेकर सदन तक प्रदर्शन करने का काम करेंगे.

वहीं, बक्सर एसपी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि आपसी रंजिश में घटना को अंजाम दिया गया है. कुछ लोगों को डिटेन किया गया है, पुलिस कार्रवाई कर रही है, जल्द ही अपराधी गिरफ्तार किए जाएंगे. फिलहाल, शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.

Bharat Bandh: गृहमंत्री अमित शाह ने शाम 7 बजे किसान नेताओं को बैठक के लिए बुलाया

New Delhi :’ भारत बंद’ (Bharat Bandh)के साथ और तेज हुए किसान आंदोलन (Farmers’ Protests) के बीच गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah to meet farmers) ने शाम 7 बजे किसान नेताओं को बैठक के लिए बुलाया है. यह काफी अहम जानकारी है क्योंकि उन्होंने अचानक से यह बैठक बुलाई है, वो भी तब जब सरकार पहले ही 9 दिसंबर यानी बुधवार को किसान संगठनों से फिर मुलाकात करने वाली है. मंगलवार की सुबह में अमित शाह की तरफ से भेजा गया प्रस्ताव भारत बंद (Bharat Bandh) के बीच आया, जब किसानों ने बंद के आह्वान के बीच ट्रैफिक, दुकानें, कई सेवाओं वगैरह को ठप कर दिया. 

जानकारी है कि किसान नेता आज शाम 7 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे.

माना जा रहा है कि यह अनौपचारिक मुलाक़ात होगी. सुबह अमित शाह की तरफ़ किसानों को प्रस्ताव भेजा गया था. इसके तहत कुल 13 सदस्य गृहमंत्री से मिलेंगे.

अमित शाह ने सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान नेताओं को बैठक में बुलाया है. राकेश टिकैत को भी बैठक में बुलाया गया है. राकेश टिकैत ने बताया कि ‘मेरे पास फ़ोन आया था, गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक के लिए बुलाया है. हम जाएंगे बैठक में और नेता जाएंगे. उन्होंने 7 बजे बुलाया है.’

बता दें कि इसके पहले हुई कई राउंड की बातचीत असफल रही है. शनिवार को हुई आखिरी मीटिंग सात घंटों तक चली थी, लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकला था. सरकार ने 9 दिसंबर को फिर से मीटिंग बुलाई है. हालांकि, किसानों ने साफ कर दिया है कि सितंबर में लाए गए इस कानून को वापस लिए जाने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है. उनको डर है कि इस कानून से उनकी आय कम हो जाएगी, वहीं वो कॉरपोरेट कंपनियों के मोहताज हो जाएंगे.

किसानों के साथ बातचीत को आगे बढ़ा रहे कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वार्ता के असफल रहने के बाद कहा था कि सरकार में ‘अहंकार का भाव नहीं है’ लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया था कि वो इन कानूनों को वापिस नहीं लेंगे. किसानों ने इन कानूनों में खामियों को लेकर सरकार को 39 बिंदुओं का प्रेजेंटेशन दिया था. 

Farmers Protest: आप का आरोप, सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को किया गया नजरबंद

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New Delhi: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसे लेकर ट्वीट किया गया है। उधर, दिल्ली पुलिस ने AAP के दावे को गलत करार दिया है। बता दें कि केजरीवाल ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों (Farmers Protest)के आज के भारत बंद (Bharat Bandh) का समर्थन किया है।

आप का आरोप, केजरीवाल को कर दिया है नजरबंद

AAP ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल को सिंधु बॉर्डर से आने बाद से ही घर में नजरबंद (Kejriwal House Arrest News) कर दिया है।’ पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘जब से केजरीवाल सिंधु बॉर्डर से किसानों से मिलकर लौटे हैं तब से उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल के घर के चारों तरफ बैरीकेड लगा दिया है। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद उनको नजरबंद वाली स्थिति में रखा गया है।’

दिल्ली पुलिस बोली, आप का दावा झूठा

दिल्ली पुलिस ने AAP के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह बिल्कुल गलत है। उत्तरी दिल्ली के डीसीपी आंटो अल्फोंस ने कहा, ‘यह बयान बिल्कुल गलत है। बतौर दिल्ली के सीएम वह कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं।’

वहीं, नॉर्थ दिल्ली के डीसीपी ने यह तस्वीर ट्वीट कर कहा, ‘नजरबंदी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से किया जा रहा दावा गलत है। उन्होंने देश के कानून के तहत मिले फ्री मूवमेंट के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके घर के प्रवेश द्वार की यह तस्वीर अपने आप में सबकुछ बयां कर रही है।’

आप का दावा, विधायकों को पुलिस ने पीटा

भारद्वाज ने कहा कि न किसी को केजरीवाल के घर के अंदर जाने दिया जा रहा है न किसी को बाहर। जिन विधायकों की कल सीएम केजरीवाल के साथ बैठक थी उनकी पुलिस ने पिटाई की है। कार्यकर्ताओं को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। बीजेपी नेता सीएम के घर के बाहर बैठे हुए हैं।

किसानों से कहा था, हम आपके सेवादार

बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को हरियाणा-दिल्ली सीमा पर स्थित सिंधु बॉर्डर पर अपनी पूरी कैबिनेट के साथ किसानों से मिलने पहुंचे थे। केजरीवाल के साथ डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया भी किसानों को आश्वासन दे रहे थे। केजरीवाल ने किसानों से मुलाकात कर वहां की सुविधाओं का जायजा लिया और किसानों से कहा कि उनकी सरकार किसानों की सेवादार है।

केजरीवाल ने किसान आंदोलन का किया समर्थन

उन्होंने कहा, ‘किसानों का मुद्दा और उनकी मांग जायज है। मैं और मेरी पार्टी उनके साथ खड़े हैं। किसानों का आंदोलन शुरू होने के वक्त दिल्ली पुलिस ने हमसे 9 स्टेडियम को जेल में बदलने की इजाजत मांगी थी। मेरे ऊपर दबाव बनाया था लेकिन मैंने अनुमति नहीं दी।’

रूस (Russia) में एक पटाखे की फैक्टरी में लगी आग, डरकर भागते दिखे फायरफाइटर

रूस (Russia) में एक पटाखा फैक्टरी में आग (Fireworks Exploded) लग गई, जिससे रात भर आसमान में आतिशबाजी (Fire Explosions) होती गईं. अब इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे हैं. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 6 दिसंबर के दक्षिणी रूस (Russia) के बंदरगाह शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन (Rostov-on-Don) में हुई. 

सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहीं तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि आसमान में आतिशबाजी हो रही है. आतिशबाजी हुई तो फायरफाइटर्स भी दूर भागने लगे. क्योंकि पटाखे जलकर इधर-उधर भग रहे थे. वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर काफी वायरल (Viral Video) हो रहा है.

Mokshada Ekadashi 2020: 25 दिसंबर को है मोक्ष देने वाली एकादशी, जानिए क्यों कहते हैं मोक्षदा एकादशी।

हर महीने दो एकादशी (Ekadashi)आती है. और इस दिन को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आराधना और उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए अहम माना गया है. हिंदू धर्म में एकादशी (Ekadashi) का बहुत ही महत्व है क्योंकि इसका वर्णन पुराणों, शास्त्रों हर जगह मिलता है. ये मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है. और ये महीना एक वजह से बेहद ही खास है. कहा जाता है कि इस महीने में वो एकादशी आती है जो मोक्ष दिलवाती है. इसीलिए इसे मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) कहा जाता है जो इस बार 25 दिसंबर को है. चलिए बताते हैं इसका महत्व

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पाप से कराती है मुक्त

कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi)पाप के बंधनों से मुक्ति दिलाकर मनुष्य को मोक्ष की ओर ले जाती है इसीलिए इसे मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) कहा गया. इस दिन व्रत करने वाले को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. बेहद ही साधारण तरीके से इस दिन हरि का पूजन करें, दिन भर व्रत रखें और फिर अगले विधि विधान से उपवास खोलें तो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) प्रसन्न होते हैं. और ये व्रत पूरा माना जाता है. 

श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था महत्व

कहते हैं एक बार खुद भगवान श्री कृष्ण ने इस एकादशी का महत्व युधिष्ठिर को बताया था. उन्होंने समझाया था कि ये एकादशी कितनी पुण्यदायी है जो पाप कर्म के बंधन से छुड़वाकर केवल मोक्ष दिलाती है. और मोक्ष को ही ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र जरिया माना गया है. यानि ईश्वर की चाह तो मोक्षदा एकादशी के व्रत से बेहतर और कोई रास्ता नहीं. 

इसी दिन होती है गीता जयंती

खास बात ये है कि इसी दिन गीता जयंती भी है. यानि यही वो दिन था जब द्वापर युग में कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध के दौरान अर्जुन को समझाने के लिए श्री कृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया था. और उन्हें धर्म की रक्षा की ओर प्रेरित किया था. जब अर्जुन अपने धर्म की रक्षा के लिए कर्तव्य से डगमगाने लगे तो कृष्ण ने उन्हें गीता सुनाई और इस तरह धर्म की विजय और स्थापना हुई. 

Uttrakhand: किसान संगठनों ने निकाला जुलूस, सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग

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Uttrakhand: उधम सिंह नगर (udham singh nagar)के सीमांत क्षेत्र खटीमा में आज भारत बंद को सफल बनाने के लिए किसानों द्वारा शहर में जुलूस निकालकर व्यापारियों से बाजार बंद करने की अपील की गई. किसानों के साथ जुलूस में कांग्रेसी नेता भी शामिल रहे.

किसानों ने निकाला जुलूस

उधमसिंह नगर (udham singh nagar) जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा में भारत बंद को देखते हुये सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किये गये हैं. वहीं, किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को सफल बनाने के लिए खटीमा(Khatima) में आज सुबह से ही किसानों द्वारा जुलूस निकाला गया और व्यापारियों से बाजार को बंद रखने की अपील की गई. इस दौरान किसानों के साथ जहां कांग्रेसी नेता भी जुलूस में शामिल रहे, वहीं किसानों की अपील का असर भी होता दिखाई दिया. सवेरे 10 बजे तक खटीमा का बाजार बंद था. वहीं, बाजार बंद के दौरान किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस फोर्स भी बाजार में जगह-जगह पर तैनात है.

वापस लें कृषि कानून

खटीमा में जुलूस निकाल रहे वरिष्ठ किसान नेता मनविन्दर सिंह खैरा ने मीडिया से कहा कि आज उन्होंने जुलूस निकालकर भारत बंद को सफल बनाने के लिए खटीमा के व्यापारियों से सहयोग मांगा है और व्यापारी उन्हें अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है, कि दिल्ली में पिछले काफी समय से जो किसान धरने पर बैठे हैं, सरकार उनकी मांग मानते हुए जल्द से जल्द कृषि कानूनों को वापस ले ताकि अन्नदाता वापस खेतों पर जा सके.