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Corona virus: एक ही मास्क (Mask) का बार-बार इस्तेमाल है खतरनाक, रिसर्च में ख़ुलासा।

Coronavirus: महामारी (Corona Virus) के दौरान खुद को सुरक्षित रखने का एक बेहतरीन तरीका मास्क (Mask) है. अच्छी गुणवत्ता का मास्क संक्रमण की आशंका को 70 फीसद तक कम कर सकता है. मास्क (Mask) की कई किस्मों जैसे सर्जिकल मास्क, N95 मास्क, डिस्पोजेबल मास्क में सर्जिकल मास्क अत्यंत मुफीद है. दोबारा इस्तेमाल योग्य कपड़े का मास्क किफायती और पर्यावरण के अनुकूल होता है.

वास्तव में मास्क को इस्तेमाल करना और कोविड-19 संक्रमण (Corona Virus) के खतरे से बचना सबसे अच्छा विकल्प है. मगर एक नए रिसर्च में बताया गया है कि महामारी (Corona Virus) में मास्क (Mask) का ज्यादा देर तक इस्तेमाल करना मास्क इस्तेमाल नहीं करने के मुकाबले ज्यादा खराब और ज्यादा खतरनाक हो सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि दोबारा इस्तेमाल पर सर्जिकल मास्क के नाकाम होने का एक प्रमुख कारण फैब्रिक और आकार है. बार-बार उपयोग और जोखिम के बाद मास्क (Mask) अपनी असल शक्ल पर ढीले हो जाता है.

शोषक परत की एक किस्म का इस्तेमाल कर बनाए फैब्रिक भी ज्यादा समय होने से सुराखदार और कम प्रभावी हो सकता है. कंप्यूटर मॉडल का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने बताया कि मास्क का फैब्रिक मुंह और नाक के छेद में दाखिल होनेवाली हवा का ना सिर्फ रास्ता बदल देता है बल्कि मास्क (Mask) की स्थिति और प्रकार भी संक्रमण के खतरे को प्रभावित करता है. इसके मुकाबले, नया, ताजा मास्क अधिक सुरक्षा और असर मुहैया कराता है. पहले से इस्तेमाल किए गए मास्क का बहुत कम प्रभाव होता है यानी सिर्फ 60 फीसद से भी कम वायरस (Corona Virus) को छान पाता है.

मास्क का फैब्रिक भी प्रभाव को निर्धारित करता है

दोबारा इस्तेमाल योग्य या सर्जिकल मास्क (Mask) का चुनाव करते वक्त दूसरा पहलू विचार करने का है कि इसमें इस्तेमाल फैब्रिक (Fabric) के प्रकार की जांच की जाए. पर्यावरण की स्थिति और लंबे समय तक उपयोग से फैब्रिक बहुत पहनने और आंसू से गुजरता है. इससे मास्क के फैब्रिक की गुणवत्ता ज्यादा घटिया हो जाती है. ऐसे में स्वाभाविक है कि ज्यादा इस्तेमाल से इसका प्रभाव कम होगा. अधिक फैंसी और चलन में कपड़े के मास्क (Mask) का इस्तेमाल करते वक्त भी ध्यान रखना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक फैब्रिक की खराब गुणवत्ता भी मास्क को प्रभावित करती है. एक अच्छा मास्क चेहरा ढंकने के उद्देश्य को हासिल करनेवाला होना चाहिए. कीटाणुओं को दाखिल होने के लिए उसमें कोई सुराख या छेद न हो और पूरी तरह आपके मुंह और नाक को ढंक सके.

दोबारा इस्तेमाल योग्य मास्क की अच्छी गुणवत्ता जरूरी

डिस्पोजेबल मास्क (Disposable Mask) का इस्तेमाल कभी देर तक नहीं करना चाहिए. दोबारा इस्तेमाल योग्य मास्क की भी एक्सपायरी डेट हो सकती है. इसको बदलने या एक नया मास्क लाने का सबसे बेहतर समय कई बातों पर निर्भर करता है. ज्यादा यात्रा करनेवाले या नियमित तौर पर लोगों से घुलने-मिलने वाले या मेडिकल समुदाय को बार-बार मास्क बदलने की जरूरत होगी.

दोबारा इस्तेमाल के योग्य मास्क को कब बदलना चाहिए?

आपकी स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक अच्छा उपाय अपने पास कई मास्क का रखना है. कुछ संकेत आपको समझने में मदद कर सकते हैं कि बेहतर और सुरक्षित समय कब होगा जिससे आप दोबारा इस्तेमाल योग्य मास्क को हटाकर नया ला सकें. अगर फैब्रिक बार-बार धोने के बाद छिद्रदार, हल्का और पतला हो जाए, अगर आपको किसी तरह का छेद या मास्क पर फटन दिखाई दे. इसलिए, जैसे ही कमी नजर आए फौरन मास्क को बदल दें चाहे सुराख कितना छोटा या बड़ा क्यों न हो. अगर आप सुरक्षित होना चाहते हैं और संदेह भी है कि मास्क से आपको किसी तरह की असुविधा हो सकती है, तो उसे बदलकर नया मास्क लाएं.

TMC को झटकाः बीजेपी में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी, अमित शाह ने किया स्वागत

पश्चिम बंगाल में शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की रैली के दौरान टीएमसी (TMC) के पूर्व नेता सुवेंदु अधिकारी (suvendu adhikari) ने बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया। कई दिनों से अधिकारी के बीजेपी में जाने की अटकले थीं। शाह ने सुवेंदु अधिकारी का बीजेपी में स्वागत किया. शाह ने टीएमसी (TMC) प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा, “क्यों इतने सारे लोग तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़ रहे हैं. इसके पीछे ममता का कुशासन, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद है. दीदी यह तो सिर्फ आगाज है, चुनाव आने तक आप अलग-थलग पड़ जाएंगी.” 

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के करीबी और प्रदेश के परिवहन मंत्री अधिकारी ने कुछ दिन पहले टीएमसी से इस्तीफा दिया था। अधिकारी के पिता और भाई भी टीएमसी से सांसद हैं। हालांकि, उन्होंने सुवेंदु के पार्टी छोड़ने पर चुप्पी साध रखी है लेकिन माना जा रहा है कि जल्दी ही वे भी पार्टी का साथ छोड़ देंगे।

संकीर्ण राजनीति बंद करें ममता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्षेत्रवाद की “संकीर्ण” राजनीति करने वालों की आलोचना की. शाह ने कहा, “जो लोग बंगाल में संकीर्ण राजनीति कर रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि खुदीराम बोस पर जितना गर्व बंगाल को है उतना ही पूरे देश को है.” भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जो लोग क्षेत्रवाद की राजनीति कर रहे हैं उन्हें इससे बाज आना चाहिए.बोस के पैतृक निवास पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए शाह ने कहा कि जब बोस को 1908 में अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटकाया जा रहा था तब उन्होंने ‘वंदे मातरम’ का उद्घोष कर देश के युवाओं को प्रेरित किया था.

ममता से क्यों नाराज हैं सुवेंदु?

सुवेंदु ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सरकार में परिवहन मंत्री थे। उन्होंने 27 नवंबर को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अटकलें थीं कि बीजेपी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व से संपर्क होने के बाद सुवेंदु ने अपना पद छोड़ा था। सुवेंदु की नाराजगी की वजह पार्टी के दूसरे नेताओं की तुलना में ममता बनर्जी का अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को अधिक अहमियत देना माना जा रहा है। ममता अघोषित रूप से अभिषेक बनर्जी को अपना उत्तराधिकारी बना चुकी हैं। सुवेंदु जैसे पार्टी के कद्दावर नेता इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है। शुभेंदु ने खुल कर कभी भी पार्टी प्रमुख के खिलाफ कुछ नहीं कहा है लेकिन तृणमूल के अंदर वह लगातार निशाने पर रहे हैं।

Cold Waves: दिल्ली में कड़ाके की ठंड, पंजाब में 10 साल का रिकॉर्ड टूटा

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शिमला और कश्मीर में बर्फबारी के बाद अब दिल्ली में भी कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। दिल्ली के जाफरपुर में पारा शिमला के बराबर पहुंच गया है। यहां तापमान सामान्य से 6 डिग्री कम रिकॉर्ड किया गया। शीतलहर (Cold Waves) से पंजाब में फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही। शुक्रवार को अमृतसर में ठंड का 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां पारा 0.4 डिग्री पर पहुंच गया है। जालंधर में तापमान 1.6 डिग्री रहा। बर्फीली हवाओं (Cold Waves) ने बिहार की राजधानी पटना में भी कोल्ड डे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। यहां एक दिन में पारा 4 डिग्री तक गिर गया।

Delhi NCR में लगातार लुढ़क रहा पारा


राजधानी दिल्ली में इंसान से लेकर पशु-पक्षी भी ठंड की कहर के आगे बेबस दिखे। दिल्ली-NCR में तापमान लगातार गिर रहा है। शुक्रवार को नजफगढ़ क्षेत्र के जाफरपुर कलां में सामान्य से 6 डिग्री कम, शिमला के बराबर 2.7 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।

मौसम विभाग (IMD) के अनुसार दिल्ली का सामान्य तापमान 4.4° सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री कम है। दिल्ली के पालम में सामान्य 5 डिग्री कम 3.4° सेल्सियस, लोधी रोड में 3.8°, सफदरजंग में 4.4°, नजफगढ़ में 5.9° और दिल्ली के रिज इलाके में न्यूनतम तापमान 6.2° दर्ज किया गया।

Punjab: साइकिल बदलने से कारण ज्यादा पड़ रही ठंड


शीतलहर (Cold Waves) से पंजाब में फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही। शुक्रवार को अमृतसर में ठंड का 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां न्यूनतम पारा 0.4 डिग्री रहा, जो सूबे में सबसे कम है। जालंधर-कपूरथला में पारा 1.6 डिग्री रहा। शीतलहर (Cold Waves) के साथ कोहरा भी बढ़ेगा। मौसम केंद्र के डायरेक्टर डॉ. सुरिंदर पाल ने बताया कि दिन और रात के तापमान की साइकिल बदलने से ठंड ज्यादा है। पिछले साल दिन का तापमान तेजी से गिरता था, रात को चढ़ जाता था। इस साल साइकिल बदला है।

उधर, चंडीगढ़ में भी पारा लगातार गिर रहा है। यहां न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह सीजन में सबसे कम है। अगले कुछ दिन तक और पारा गिरेगा और धुंध पड़ सकती है।

Rajasthan: सभी 33 जिलों में पारा 7 से नीचे

राजस्थान में शीतलहर (Cold Waves) के साथ सर्दी का सितम जारी है। 24 घंटे के दौरान ही ज्यादातर शहरों में पारा 3 डिग्री सेल्सियस तक और नीचे चला गया। अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम था। एक भी शहर ऐसा नहीं रहा जहां रात का पारा 7 डिग्री से ज्यादा हो। वहीं, माउंट आबू और चांदन के बाद अब चूरू और जोबनेर में पारा माइनस में चला गया। बीती रात जोबनेर और माउंट आबू में तापमान -2.5° और चूरू में -0.3° सेल्सियस दर्ज किया गया।

Farmers Protest: प्रधानमंत्री की अपील का असर नहीं, दिल्ली की सर्दी में किसान अब भी डटे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद किसान आंदोलन (Farmers Protest) 24वें दिन भी जारी है। किसान तीन नए कृषि कानूनों (Farms Law) के खिलाफ दिल्ली-यूपी और हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। दिल्ली में बढ़ती ठंड और सर्द हवा के बीच भी वे पीछे हटने को तैयार नहीं है।

आंदोलन कर रहे किसानों (Farmers Protest) को समर्थन देने कई सेलेब्रिटी भी लगातार पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को सिंगर बब्बू मान और एक्ट्रेस स्वरा भास्कर पहुंची।

मोबाइल चार्ज करने घर से सोलर पैनल लेकर आए

मोबाइल चार्ज करने में परेशान न हो इसलिए किसान सोलर पैनल और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज कर रहे हैं। एक किसान अमृत सिंह ने बताया कि वे अपने साथ सोलर प्लेट लेकर आए हैं कि अगर फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो जाएगी तो घर पर बात नहीं हो पाएगी। यहां कोई सुविधा मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार क्या सुविधा देगी, वह तो हमारी मांग तक नहीं मान रही है।

चिदंबरम ने प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया

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चिदंबरम ने प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने MSP के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। यहां तीन तथाकथित झूठ हैं, जिन पर शायद वह टिप्पणी करना चाहें। किसानों के विरोध का समन्वय करने वाली AIKSCC ने कहा है कि किसान 900 रुपये प्रति क्विंटल पर धान बेच रहे हैं, हालांकि एमएसपी 1,870 रुपये प्रति क्विंटल है। क्या यह झूठ है?

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया था कि वह किसानों को भड़का रहा है। पूर्व वित्त मंत्री का यह बयान इसी आरोप के जवाब में आया है। उन्होंने तब्लीगी जमात और हाथरस मामले का भी जिक्र किया है।

कांग्रेस ने कहा- मोदी सरकार ने किसानों पर 3 वार किए

सुरजेवाला बोले- सत्ता संभालते ही मोदी सरकार ने किसानों को दरकिनार किया और सारे सरकारी संसाधन पूंजीपतियों को दे दिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों पर 3 वार किए।
पहला वार: 12 जून 2014 को मोदी सरकार ने सारे राज्यों को पत्र लिखकर फरमान जारी कर दिया कि समर्थन मूल्य के ऊपर अगर किसी भी राज्य ने किसानों को बोनस दिया तो उस राज्य का अनाज समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा और किसान भाइयों को बोनस से वंचित कर दिया गया।

दूसरा वार: दिसंबर 2014 में मोदी सरकार किसानों की भूमि के उचित मुआवजे कानून 2013 को खत्म करने के लिए एक के बाद एक तीन अध्यादेश लाई, ताकि किसानों की जमीन आसानी से छीनकर पूंजीपतियों को सौंपी जा सके।

तीसरा वार: फरवरी 2015 में मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर साफ इनकार कर दिया कि अगर किसानों को समर्थन मूल्य लागत का 50% से ऊपर दिया गया, तो बाजार खराब हो जाएगा यानी फिर पूंजीपतियों के पाले में खड़े हो गए।

मोदी की अपील- कृषि मंत्री की चिट्ठी जरूर पढ़ें

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम चिट्ठी लिखी, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत दूसरी चिंताओं पर भरोसा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के साथ-साथ पूरे देश से तोमर की चिट्ठी पढ़ने की अपील करते हुए इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकार कानून होल्ड करने का रास्ता सोचे

किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि किसानों को विरोध करने का हक है, लेकिन किसी की संपत्ति या किसी की जान को कोई खतरा नहीं होना चाहिए। साथ ही सलाह दी कि विरोध के तरीके में बदलाव करें, किसी शहर को जाम नहीं किया जा सकता। अदालत ने सरकार से भी पूछा- इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक क्या आप कृषि कानूनों को रोक सकते हैं?

DRDO: हमारी 48 किमी रेंज वाली होवित्जर तोप दुनिया में सबसे बेहतर।

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने शनिवार को देश में बनी ATAGS होवित्जर तोप का ट्रायल किया। इस तोप की रेंज 48 किलोमीटर है। इस समय सेना को 1800 ऑर्टिलरी गन की जरूरत है। DRDO के मुताबिक, यह तोप इस जरूरत को पूरा कर सकती है। इसके बाद विदेश से तोपें मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ATAGS के फील्ड ट्रायल के दौरान DRDO के साइंटिस्ट और प्रोजेक्ट के डायरेक्टर शैलेंद्र वी गढ़े ने बताया कि यह गन सिस्टम अब तक भारत की सबसे बड़ी ताकत रही बोफोर्स समेत दुनिया की किसी भी तोप से बेहतर है। इसमें काफी तेज माना जाने वाला इजरायल का गन सिस्टम ATHOS भी शामिल है। हम इस तोप का परीक्षण चीन सीमा के पास सिक्किम और पाकिस्तान सीमा के पास पोखरण में कर चुके हैं। वहां इससे दो हजार से ज्यादा गोले दागे गए थे। कोई भी देश इस तकनीक के साथ मार करने वाली ऐसी तोप नहीं बना सका है।

दुश्मन से दूर रहकर उसे तबाह करेगी

गढ़े ने बताया कि जंग की हालत में यह तोप कैसे दुश्मनों पर बढ़त दिलाएगी। उन्होंने कहा कि यह तोप 48 किलोमीटर तक मार करती है। इस मामले में यह सबसे आगे है। दुनिया में किसी तोप की फायरिंग रेंज इतनी नहीं है। इस वजह से युद्ध की स्थिति में यह तोप दुश्मन हमले से बची रहेगी।

दूरी ज्यादा होने की वजह से दुश्मन हम तक नहीं पहुंच पाएंगे, लेकिन हम उन्हें 48 किलोमीटर दूर से निशाना बना सकते हैं। इससे वे हमारा मुकाबला नहीं कर पाएंगे। हम उनकी रेंज से आठ किलोमीटर दूर रह सकते हैं।

बोफोर्स समेत किसी भी तोप से भी बेहतर


यह तोप एक मिनट में पांच राउंड फायर कर सकती हैं। दूसरी तोपों से इतनी देर में सिर्फ तीन फायर हो सकते हैं। इसकी रेंज सबसे ज्यादा 48 किलोमीटर है। बोफोर्स से सिर्फ 32 किलोमीटर तक फायर किया जा सकता है। इसे तेजी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। यह बहुत भरोसेमंद और मजबूत है। इसे मेंटेनेंस की जरूरत भी नहीं पड़ती।

भारतीय सेना लगभग 1600 तोपें अभी खरीदने पर विचार कर रही है। इसके लिए इजरायल से 400 ATHOS तोपें तुरंत मंगाने का विकल्प भी रखा है।

भविष्य के लिहाज से बनाई गई तोप


इजरायल की ATHOS और फ्रांस की नेक्सटर तोप से ATAGS कितनी बेहतर है। इस पर शैलेंद्र ने कहा यदि आप ATHOS और नेक्सटर गन की क्वालिटी जरूरतों को देखते हैं तो पाएंगे ये बहुत ज्यादा हैं। ये आज के समय के मुताबिक नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि भविष्य में 2027 से 2030 तक का समय देखते हैं तो यह उसी का जवाब है। अब भारत को विदेश से तोपें मंगाने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि भारत ने वर्ल्ड क्लास ऑर्टिलरी सिस्टम बनाने की क्षमता हासिल कर ली है।

Farms Law: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर किया बड़ा हमला

New Delhi: केंद्र सरकार के नए कृषि कानून (Farms Law) के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों और संगठनों का समर्थन है. इस आंदोलन (Farmers Protest) को खत्म करने के लिए केंद्र तमाम उपाए कर रहा है. वह लगातार कह रहा है कि विपक्षी पार्टियां किसानों को बेवजह भड़का रही हैं.

केंद्र ने जो कानून (Farms Law) किसानों के हित के लिए बनाया है, उसके खिलाफ भ्रम पैदा कर रहा है. इसी बीच, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने मेरठ में विपक्षी पार्टी पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा, विपक्ष का कहना है कि जिसने बिल (Farms Law) बनाया वह किसान नहीं है. जो 40 इंच आलू पैदा करने की बात करता है, क्या वह किसान है? क्या सोनिया गांधी किसान हैं? वास्तव में किसानों के लिए कुछ करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) के मुताबिक, स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने मेरठ में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों को एमएसपी (MSP) में 8 लाख करोड़ रुपये दिए. जबकि यूपीए (UPA) ने अपने 10 साल के कार्यकाल में महज 3.5 लाख करोड़ रुपये दिए. सत्तारूढ़ दल होने पर यूपीए (UPA) ने क्या किया? गौरतलब है कि ऐसा ही बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कच्छ में दिया. उन्होंने कहा कि किसानों के हित में केंद्र ने बड़ा कदम उठाया है और विपक्ष इसपर भ्रम पैदा कर रहा है. उन्होंने किसानों को आर्थिक मदद दिए जाने की बात भी कही.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का पलटवार 

प्रधानमंत्री के बयान के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है, ‘मोदी जी के संबोधन में सबसे बड़ा झूठ यह है कि गन्ना किसानों को 16 करोड़ की मदद की जा रही हैं. यह मदद नहीं शुगर मिल पर किसानों का बकाया है उसका भुगतान शुगर मिल को करना था. अगर सरकार उसको दे रही है तो शुगर मिलों को मदद मिल रही है, न कि किसान को. 

वहीं सरकार अगर इसे इंसेंटिव के रूप में देती तो किसान को कोई लाभ होता. मोदी जी भंडारण हेतु ढांचे की बात कर रहे हैं लेकिन अपील कॉरपोरेट से की जा रही है. इसका मतलब सरकार किसान को नही एग्री बिजनेस को बढ़ावा दे रही है. खेती में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है.’

टिकैत ने आगे कहा, ‘नवरत्न कंपनियों के निजीकरण के बाद मोदी सरकार (Modi Government) की निगाह अब खेती के निजीकरण पर है. इसके साथ ही किसानों के साथ चर्चा की बात गलत है क्‍योंकि आज किसान संगठनों से कोई चर्चा नही हुई. स्‍वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का दावा सरासर झूठ है. स्वामीनाथन की सिफारिश में लागत में C2+ 50% जोड़कर देने की है. लेकिन सरकार ने फार्मूला बदलकर A2+FL दिया है. जिससे किसानों का हक़ मारा जा रहा है. हमें 500 रुपये महीना की भीख नहीं समर्थन मूल्य का हक चाहिए.’

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