नई दिल्ली: नौ विपक्षी नेताओं के एक समूह ने PM Modi को एक संयुक्त पत्र लिखा है और आरोप लगाया है कि सरकार उनके नेताओं को फंसाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
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नौ विपक्षी नेताओं ने PM Modi को लिखा पत्र
पत्र लिखने वालो में तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के चंद्रशेखर राव, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के डिप्टी सीएम, आरजेडी के तेजस्वी यादव, एसपी नेता अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं जिन्होंने सरकारी संस्थानों की स्थिति के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है।
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विपक्षी नेताओं ने पत्र मे कहा की , “2014 के बाद से भाजपा शासन के तहत जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए या पूछताछ किए गए प्रमुख राजनेताओं की कुल संख्या में से, अधिकतम विपक्ष के हैं। दिलचस्प बात यह है कि जांच एजेंसियां उन विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामलों में धीमी गति से चलती हैं।” जो भाजपा में शामिल हो गए।
उदाहरण के लिए, कांग्रेस के पूर्व सदस्य और असम के वर्तमान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सीबीआई और ईडी ने 2014 और 2015 में सारदा चिटफंड घोटाले की जांच की थी। हालांकि, उनके भाजपा में शामिल होने के बाद मामला आगे नहीं बढ़ा।
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इसी तरह, पूर्व टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में आये थे, लेकिन राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने के बाद मामला आगे नहीं बढ़ा। ऐसे कई उदाहरण हैं। जिनमें महाराष्ट्र के श्री नारायण राणे भी शामिल हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर उठाया सवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है और आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि कार्रवाई से लगता है कि “हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं”।
“26 फरवरी 2023 को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उनके खिलाफ बिना सबूत के कथित अनियमितता के संबंध में उन्हे गिरफ्तार किया था। सिसोदिया के खिलाफ आरोप पूरी तरह निराधार हैं जिससे एक राजनीतिक साजिश की बू आ रही है।
उनकी गिरफ्तारी ने पूरे देश के लोगों को गुस्से में डाल दिया है। मनीष सिसोदिया को दिल्ली की स्कूली शिक्षा को बदलने के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है। उनकी गिरफ्तारी को दुनिया भर में एक राजनीतिक विच-हंट के उदाहरण के रूप में उद्धृत किया जाएगा और आगे पुष्टि की जाएगी कि क्या दुनिया केवल यह संदेह कर रही थी कि सत्तावादी भाजपा शासन के तहत भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा है।