Rahul Gandhi के अमेरिका में दिए गए बयान पर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस छिड़ गई है, जो अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन गया है। अमेरिका के बोस्टन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “भारत में चुनावी प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी है”, और विशेष रूप से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए उन्होंने दावा किया कि “वहाँ मतदाताओं की कुल संख्या से अधिक वोट डाले गए।”
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उन्होंने आरोप लगाया कि शाम 7:30 बजे तक चुनाव आयोग द्वारा दी गई संख्या में 65 लाख अतिरिक्त वोट दर्ज हुए, जो “भौतिक रूप से असंभव” था।
Rahul Gandhi के बयान पर भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा ने राहुल गांधी को “जॉर्ज सोरोस का एजेंट”, “सीरियल अपराधी”, और “देशद्रोही” तक कह दिया। भाजपा प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि Rahul Gandhi विदेशी धरती पर भारत की संस्थाओं, विशेष रूप से चुनाव आयोग, को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि राहुल गांधी का यह व्यवहार भारत की लोकतांत्रिक प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचा रहा है।
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को “बचकाना और डर का संकेत” बताया। पार्टी ने कहा कि भाजपा हर आलोचना को ‘मानहानि’ और ‘देशद्रोह’ का मुद्दा बना देती है, ताकि असल सवालों से ध्यान हटाया जा सके। कांग्रेस ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए, वे पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग के तहत हैं, और इन्हें “राष्ट्र विरोधी” कहना लोकतंत्र का अपमान है।
शहजाद पूनावाला की तीखी प्रतिक्रिया

भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका में दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसे “देश को विदेश में अपमानित करने की साजिश” बताया, वहीं प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए राहुल गांधी को “जॉर्ज सोरोस का एजेंट” करार दिया।
भंडारी के बयान का संदर्भ अमेरिकी-हंगेरियन अरबपति और परोपकारी व्यक्ति जॉर्ज सोरोस से है, जिनके बारे में भाजपा का आरोप है कि वे ‘भारत विरोधी’ मीडिया नैरेटिव को आर्थिक समर्थन प्रदान करते हैं — खासकर वे जो कांग्रेस पार्टी की लाइन के अनुरूप होते हैं।
भाजपा के अनुसार, Rahul Gandhi द्वारा चुनाव आयोग पर सवाल उठाकर न केवल संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक साख को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदनाम किया गया। यह प्रतिक्रिया भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा भी मानी जा सकती है, जिसमें वह राहुल गांधी को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम के रूप में पेश करती है
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