मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर हो रहे विरोध पर स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि पारदर्शिता और न्याय की दिशा में कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि “हर अच्छे काम का विरोध होता है,” लेकिन सरकार का कर्तव्य है कि वह सही नीतियों को लागू करे और जनता को उनकी संपत्तियों पर उचित अधिकार दिलाए।
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Yogi Adityanath ने कहा कि वर्षों से वक्फ संपत्तियों को लेकर अनियमितताएं और विवाद बने हुए थे, जिनके समाधान के लिए यह संशोधन आवश्यक था। उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक किसी भी व्यक्ति या समुदाय के अधिकारों को छीनने के लिए नहीं, बल्कि वक्फ संपत्तियों के उचित उपयोग और प्रशासनिक सुधार के लिए लाया गया है।
विपक्ष पर Yogi Adityanath का हमला
उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर अफवाहें फैला रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक सभी के हित में है और इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को खत्म करना और वक्फ संपत्तियों के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने यह भी कहा कि उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत पर काम कर रही है और किसी भी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होने देगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो लोग विधेयक को लेकर भ्रमित हैं, उन्हें जल्द ही सच्चाई समझ आ जाएगी और वे इस कदम को सही मानेंगे।
वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, भारतीय संसद में 28 अगस्त, 2024 को पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करना है। इस विधेयक में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए लगभग 40 संशोधन प्रस्तावित हैं।
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मुख्य संशोधन
- वक्फ संपत्ति का निर्धारण: विधेयक के अनुसार, वक्फ के रूप में पहचानी गई सरकारी संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा। क्षेत्र के कलेक्टर स्वामित्व का निर्धारण करेंगे और राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे।
- सेंट्रल वक्फ काउंसिल की संरचना: विधेयक में सेंट्रल वक्फ काउंसिल में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रस्ताव है, जो पहले केवल मुस्लिम सदस्यों तक सीमित थी।
- वक्फ बोर्ड की संरचना: विधेयक राज्य सरकार को वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को नियुक्त करने का अधिकार देता है, जो पहले केवल मुस्लिम सदस्यों तक सीमित था।
- वक्फ की स्थापना: विधेयक में कहा गया है कि कम से कम पांच वर्ष तक इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति ही वक्फ की घोषणा कर सकता है, और घोषित की जा रही संपत्ति पर व्यक्ति का स्वामित्व होना चाहिए।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए है, और इससे किसी समुदाय के अधिकारों का हनन नहीं होगा।
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