Akhilesh Yadav ने शिक्षा, रोजगार को लेकर BJP सरकार पर सवाल उठाए
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो Akhilesh Yadav ने सोमवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों की आलोचना की।
जबकि भाजपा मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने का जश्न मना रही है, यादव ने शिक्षा, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठाए।
सपा प्रमुख ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारों के बीच समन्वय की कमी है, उन्होंने अपनी चल रही योजनाओं का हवाला दिया।
पत्रकारों से बातचीत में यादव ने कहा, “हिंदी में एक मुहावरा है- ‘एक पे एक ग्यारह’ और दूसरा है ‘नौ दो ग्यारह’। यह उनके लिए 11 साल हो सकते हैं। अगर केंद्र सरकार के 11 साल और उत्तर प्रदेश सरकार के करीब 9 साल जोड़ दें तो कुल 20 साल होते हैं।
20 साल में क्या किया?’ Akhilesh Yadav ने मांगा केंद्र और राज्य सरकार से जवाब
सरकार को 20 साल का हिसाब देना होगा, जिसमें वह बताएगी कि उसने लोगों के लिए क्या किया?… शिक्षा के क्षेत्र में हम कितने आगे बढ़े, रोजगार देने में कितने सफल हुए, जो निवेश हम लाना चाहते थे, वह कितना हुआ…”
“उत्तर प्रदेश की जनता ज्यादा विश्लेषण करेगी, क्योंकि प्रधानमंत्री खुद यहां से सांसद हैं। दिल्ली और लखनऊ के बीच कोई समन्वय नहीं है। यह वर्तमान में चल रही योजना में दिख रहा है।
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-अगर गोद लिए गए गांवों में बदलाव नहीं हुआ तो यह सवाल खड़ा करता है। भाजपा के लोग एक-दूसरे के खिलाफ काम कर रहे हैं… उपलब्धियों और असफलताओं पर बहुत सारे सवाल हैं, जिनका विश्लेषण लोग करेंगे… बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है और सपा प्रमुख ने कहा, “उत्तर प्रदेश में महंगाई बहुत ज्यादा है।
Mallikarjun Kharge का हमला: भाजपा ने लोकतंत्र और संस्थाओं को किया कमजोर
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में भाजपा के शासन ने भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं, अर्थव्यवस्था और सामाजिक सद्भाव को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
खड़गे ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को “कमजोर” किया है और उनकी स्वायत्तता पर “हमला” किया है।
एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में खड़गे ने लिखा, “पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने भारतीय लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। भाजपा-आरएसएस ने हर संवैधानिक संस्था को कमजोर किया और उनकी स्वायत्तता पर हमला किया। चाहे वह जनता की राय चुराना और पिछले दरवाजे से सरकारें गिराना हो या जबरन एक दलीय तानाशाही लागू करना हो। इस दौरान राज्यों के अधिकारों की अनदेखी की गई और संघीय ढांचे को कमजोर किया गया।”
गौरतलब है कि वर्ष 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
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