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Putrada Ekadashi: संतान से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

24 जनवरी 2021 को एकादशी की तिथि है. इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है.

24 जनवरी 2021 को एकादशी की तिथि है. इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. पंचांग के अनुसार पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) का व्रत संतान को बुरी आदतों, रोग और कई प्रकार की बाधाओं से बचाता है. 

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संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है व्रत 

धार्मिक मान्यता के अनुसार पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) का व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है. इस व्रत का संबंध संतान से है. यदि किसी की संतान रोग आदि से पीड़ित है या फिर संतान की सफलता में किसी तरह की बाधा आ रही है तो माताएं इस व्रत को रखती है. ऐसा मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान के कष्टों को दूर करता है.

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Putrada Ekadashi का महत्च

पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) का व्रत कठिन व्रतों में से एक है. इस व्रत का आरंभ दशमी की तिथि के समापन के बाद से ही आरंभ हो जाता है. इस व्रत का पारण यानि समापन द्वादशी की तिथि को किया जाता है. एकादशी के व्रत में पारण का भी विशेष महत्व माना गया है.

मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान को बुरी आदतों, रोग और कई प्रकार की बाधाओं से भी बचाता है. जिन बच्चों की पढ़ाई में बाधा आ रही है, करियर से जुड़ी कोई समस्या है या फिर किसी गंभीर रोग के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है तो ऐसी स्थिति में पुत्रदा एकादशी (Ekadashi) का व्रत लाभकारी माना गया है. विधि पूर्वक पूजा करने से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त

एकादशी व्रत प्रारंभ: 23 जनवरी, शनिवार, रात 8:56 मिनट.

व्रत समापन: 24 जनवरी, रविवार, रात 10: 57 मिनट.

व्रत पारण समय: 25 जनवरी, सोमवार, सुबह 7:13 से 9:21 मिनट तक

पूजा में प्रयोग करें पीले पुष्प और वस्त्र

पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन पूजा में पीले पुष्प और पीले रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए. पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय रंग है. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा आरंभ करनी चाहिए. इस दिन दान आदि का कार्य भी कर सकते हैं.

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व्रत पूजा विधि

24 जनवरी की सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा स्थल पर पूजा आरंभ करें. पूजा आरंभ करने से पूर्व व्रत का संकल्प लें. इस दिन विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम का पाठ करना अत्यंत शुभ माना गया है. इस दिन व्रत के नियमों का कठोरता से पालन करें. इस दिन अन्न और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) व्रत में शाम की भी पूजा महत्वपूर्ण मानी गई है. इस दिन शाम को विधि पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा और आरती करनी चाहिए. व्रत पारण के बाद जरूरतमंद लोगों का दान देना चाहिए.

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