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Health: एचआईवी एड्स होने पर घबराएं नहीं, ऐसे रखें मरीज का ख्याल

अगर सही समय पर एचआईवी संक्रमण (HIV Infection) का पता न चले और उचित इलाज नहीं किया जाए, तो व्यक्ति में एड्स (AIDS) का खतरा बढ़ जाता है. एड्स, एचआईवी का आखिरी चरण है और इस चरण में व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है कि उन्हें कोई भी संक्रमण आसानी से हो जाता है. myUpchar के अनुसार एचआईवी एक वायरल संक्रमण है, जो ह्यूमन इम्युनोडिफि​शिएंसी वायरस की वजह से होता है. एचआईवी के शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे हो सकते हैं, जो कि कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाते हैं. इसलिए ज्यादातर लोगों को पता नहीं चलता है कि वे एचआईवी संक्रमित हैं और वायरस शरीर में बढ़ता जाता है.

वायरस के आखिरी चरण में व्यक्ति को धुंधला दिखना, वजन कम होना, सूखी खांसी और सांस फूलने जैसी परेशानी होती है. ये इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर में तरल पदार्थों जैसे खून, वीर्य, ब्रेस्ट मिल्क इत्यादि के संपर्क में आने से फैलता है. एचआईवी का सबसे आम कारण बिना कंडोम के सेक्स करना है. इससे संक्रमित होने पर व्यक्ति को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

अच्छी नींद और व्यायाम

एचआईवी पीड़ित लोग कमजोर होते हैं और उनका वजन भी कम हो जाता है. ऐसे में उनके लिए रोजाना व्यायाम करना जरूरी है, ताकि मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत हो सकें. उन्हें ऐसा व्यायाम करना चाहिए, जिससे उन्हें शारीरिक तनाव न होने पाए. इसके अलावा दिन में कम ये कम 8 घंटे की नींद जरूरी है, क्योंकि ज्यादा आराम से शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है.

मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य

एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि ज्यादा चिंता और तनाव स्थिति को खराब कर सकती हैं. कई लोगों में एचआईवी का निदान होने के बाद उन्हें मानसिक तौर पर सदमा लग सकता है, ऐसे में मरीज का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. भावनात्मक रूप से भी उन्हें स्वस्थ रहने के लिए दोस्तों और परिवार वालों से बात करते रहना चाहिए. अकेलापन होने से वे डिप्रेशन यानी अवसाद का शिकार हो सकते हैं.

खानपान का रखें ध्यान

ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो आपको स्वस्थ रखने में मदद करें. दिन में दो या तीन बार खाने की बजाए, थोड़ी-थोड़ी देर में लेकिन कम मात्रा में खाएं.

साफ-सफाई का ध्यान रखें

एचआईवी पीड़ितों में रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर हो जाती है, यही वजह है कि उनमें संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है. ऐसे में स्वच्छता बनाए रखें. बार-बार हाथ धोएं और बीमार लोगों से दूरी बनाएं.

नियमित जांच जरूरी

एचआईवी का निदान होने के बाद डॉक्टर के पास नियमित रूप से चेकअप कराने जाएं. कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें, क्योंकि अपने आप किसी दवा के सेवन से साइड इफेक्ट का खतरा हो सकता है.

नशे से रहें दूर

एचआईवी पीड़ित की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, ऐसे में किसी तरह का नशा उनके लिए खतरनाक हो सकता है. शराब या ड्रग्स लेने से उपचार में बाधा आ सकती है और व्यक्ति को चक्कर आने व बेहोशी की समस्या हो सकती है. इसके अलावा सिगरेट पीने वाले लोगों दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बना रहता है.

सेफ सेक्स

एचआईवी व्यक्ति सेक्स नहीं कर सकते, यह धारणा गलत पूरी तरह से गलत है. ऐसे लोगों को सेक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. इससे आपके साथी को संक्रमण का खतरा नहीं होगा. एचआईवी का निदान होने पर यौन संचारित रोगों के लिए अपनी जांच जरूर कराएं.

Source myUpchar.com

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