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Farmers Protest: किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को NIA का समन

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New Delhi: किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज (16 जनवरी) 52वां दिन है। 26 नवंबर से किसान कड़कड़ती ठंड में कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस दौरान लगभग 60 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी और किसान भी मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। 

किसानों ने लोहड़ी पर्व पर नये कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया।

दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में पेश होने को कहा है। इसके बाद सिरसा ने कहा कि किसानों का समर्थन करने की कीमत चुका रहा हूं। सरकार विरोध को दबाने के लिए मेरी बोली लगा रही है। इसलिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

26 जनवरी को बड़े आंदोलन की तैयारी में किसान, पंजाब में हजारों वॉलंटियर जुड़े

उधर, एनआईए (NIA) का कहना है कि सिरसा से ‘सिख फॉर जस्टिस’ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ दर्ज मामले से संबंधित पूछताछ करनी है। पन्नू पर ‘भय और अराजकता का माहौल बनाकर लोगों में असंतोष पैदा कर उन्हें भारत सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाने’ का आरोप है।

वहीं, सिरसा ने इस समन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार किसान आंदोलन (Farmers Protest) को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिये आंदोलन (Farmers Protest) को कमजोर करने की कोशिश की और अब यह एनआईए (NIA) का सहारा ले रही है। इससे पहले मंगलवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार को जानकारी मिली है कि किसान आंदोलनों (Farmers Protest) में खालिस्तान समर्थित लोग घुसे हुए हैं। हालांकि, किसानों की मौत पर सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। 

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सिरसा ने आगे कहा, “हमें इससे फर्क नहीं पड़ता। हम झुकेंगे नहीं। NIA दिन रात काम कर 26 जनवरी को होने वाली किसान परेड रोकने की कोशिश कर रही है। वहीं सरकार इस आंदोलन (Farmers Protest) को बदनाम करने पर अड़ी हुई है।”

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) शनिवार को 52वें दिन जारी है। कृषि सुधार पर तकरार के बीच आंदोलन की राह पकड़े किसानों की अगुवाई करने वाले यूनियन और सरकार से नौ बार मिल चुके हैं, फिर भी मन नहीं मिला है। नये कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों के मन में पैदा हुई आशंकाओं का समाधान तलाशने के लिए किसान यूनियनों के नेताओं के साथ शुक्रवार को करीब पांच घंटे मंथन के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकलने पर सरकार को फिर मिलने की अगली तारीख तय करनी पड़ी। अब 19 जनवरी को फिर अगले दौर की वार्ता होगी।

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किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि वह रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे, क्योंकि उनकी पोती की शादी है और इसी सिलसिले में वह सात फरवरी तक पारिवारिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे।उन्होंने कहा कि उन्हें शॉर्ट नोटिस पर व्हाट्सएप (Whatsapp) पर नोटिस मिला है। सिरसा ने स्पष्ट किया कि एजेंसी की ओर से उन्हें तलब किए जाने से संबंधित कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है।

दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (एलबीआईडब्ल्यूएस) के अध्यक्ष सिरसा का संगठन उन किसान संगठनों में शामिल है, जो केंद्र के साथ बातचीत में शामिल है।

सरकार-किसान संगठनों के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी बेनतीजा

एनआईए (NIA) के समन के अनुसार, बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होना है। यहां मीडिया से बात करते हुए सिरसा ने केंद्र सरकार पर विभिन्न तरीकों को अपनाकर किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

UP: दुष्कर्म (Rape) का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाला गिरफ्तार

UP:  उत्तर प्रदेश (UP) के प्रतापगढ़ जिले के थाना लालगंज कोतवाली पुलिस में एक महिला अधिकारी ने शाहजहांपुर के एक आदमी के खिलाफ उसके साथ कथित दुष्कर्म (Rape) कर अश्लील वीडियो बनाने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इसकी जानकारी देते हुये बताया कि आरोपी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

नाबालिग से जानकार ने दोस्तों के साथ मिलकर किया गैंगरेप

थाना प्रभारी और पुलिस निरीक्षक राम आधार ने बताया कि लालगंज तहसील में तैनात एक महिला अधिकारी ने बीते दो जनवरी को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि शाहजहांपुर जिले के बसंतपुर निवासी गुरविंदर सिंह कोचिंग के दौरान उनके साथ मारपीट एवं छेडछाड़ करता था और इस दौरान उसने अधिकारी का आपत्तिजनक वीडियो का फोटो तैयार कर कोचिंग में उसे दिखाया।

तीन साल की बच्ची के साथ गैंगरेप, तीनों आरोपी नाबालिग

तहरीर में आरोप लगाया गया है कि इस दौरान उसकी नौकरी बरेली के एक बैंक में लग गयी और जब वह बरेली में रहती थी तो आरोपी वहां पहुंच कर उसके साथ जबरदस्ती (Rape) करता था। अधिकारी ने बताया कि इसी दौरान पीसीएस परीक्षा पास करने के बाद उसे 2017 में प्रतापगढ़ में तैनाती मिली।

दो सगी बहनों से मकान मालिक ने किया Rape

पुलिस निरीक्षक ने बताया कि महिला अधिकारी के अनुसार आरोपी यहां भी आफ़िसर्स कॉलोनी पहुंच कर उसे परेशान करता था। गत 18 दिसंबर 2020 को गुरविंदर सिंह अपने दो साथियों के साथ आफिसर्स कॉलोनी आया और जोर जबरदस्ती (Rape) का प्रयास किया। बाद में शोर मचाने के बाद वह सब भाग निकले। थाना प्रभारी ने बताया कि मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और विधिक कार्यवाही की जा रही है।

Corona Vaccination: पहले दिन 1.65 लाख लोगों को लगाया गया कोरोना का टीका

New Delhi: देश में 16 जनवरी से शुरू हुए कोरोना के टीकाकरण (Corona Vaccination) अभियान के पहले दिन कितने लोगों को टीका लगा, क्या कोई साइड इफेक्ट या कोई और दिक्कत सामने आई, हर राज्य में कहां-कहां क्या स्थिति रही. इसकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस करके दी. केंद्र सरकार ने कहा कि सारे देश में 3351 केंद्रों में 1 लाख 65 हजार 714 लोगों को शाम 5.30 बजे तक पहले दिन टीका (Corona Vaccination) लगाया गया. 11 राज्यों में दोनों किस्म के टीके लगाए गए, जिनमें असम, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक जैसे राज्य इसमें शामिल रहे. बाकी राज्यों में सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड लगाई गई. कोरोना की दूसरी वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सिन है.

शुरुआत में कोविन एप्लीकेशन का इस्तेमाल स्वास्थ्यकर्मियों तक ही सीमित रहेगा

शाम 7:00 बजे स्वास्थ्य मंत्रालय एडिशनल सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेट्री  ने यह प्रेस कान्फ्रेंस की. अधिकारियों ने बताया कि देश भर में कोविड का टीका लगने के बाद किसी को भी अस्पताल में भर्ती कराने जैसी जरूरत नहीं पड़ी. कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) की निगरानी कराने वाले ऐप कोविन की स्पीड कम होने जैसी कुछ तकनीकी दिक्कतें सामने आईं, जिन्हें दूर कर लिया गया. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार शाम 6:00 बजे देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक भी की. पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को टीका (Corona Vaccination) लगने का अनुमान था, लेकिन यह आंकड़ा कम रहा.

कोरोना वैक्सीन के लिए Co-WIN ऐप पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन

दरअसल, कोरोना फैलने के शुरुआती दिनों मे भी इसी तरह केंद्र की ओर से जानकारी साझा की गई थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वह अगले 2 हफ्ते तक रोजाना इसी तरह शाम 6:30 बजे प्रेस ब्रीफिंग करके टीकाकरण (Corona Vaccination) अभियान का स्टेटस बताएगा. दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शनिवार को पहले दिन 45 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगे. 

Indonesia Earthquake: अब तक 42 लोगों की मौत 800 से अधिक घायल

Jakarta: इंडोनेशिया के पश्चिम सुलावेसी प्रांत में आए 6.2 तीव्रता के भूकंप (Earthquake) में अब तक 42 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 800 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. भूकंप (Earthquake) प्रभावित क्षेत्र से 15,000 लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि भूकंप के कारण घरों और बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है.

इस भूकंप (Earthquake) का केन्द्र पश्चिम सुलावेसी प्रांत के मामुजु जिले में 18 किलोमीटर की गहराई में था। इसी क्षेत्र में बृहस्पतिवार को समुद्र के अंदर 5.9 की तीव्रता का भूकम्प (Earthquake) आया था। इंडोनेशिया की आपदा एजेंस ने बताया कि 8 लोगों की घर और इमारतें गिरने से मौत हो गई। केवल मजेने जिले में ही 600 लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि वहां 300 घर बर्बाद हो गए हैं और 15 हजार लोगों को आश्रयों में शरण लेनी पड़ी है। 

वहीं शुक्रवार को मामुजू शहर और मजेने जिले में आए भूकंप के बाद आने घायल हुए लोगों का फील्ड हॉस्पिटल और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. प्रवक्ता ने खुलासा किया कि, मामुजू में 189 लोगों को गंभीर चोटें आईं और 639 लोगों को मामूली चोटें आई हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया, “जिन मरीजों का इलाज प्रभावित अस्पतालों में किया गया था, उन्हें अब फील्ड अस्पतालों में भेज दिया गया है.”

टीवी चैनलों की खबर के अनुसार भूकम्प (Earthquake) से एक अस्पताल का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और मरीजों को बाहर अस्थायी आपात तंबुओं में पहुंचाया गया। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि करीब दो हजार लोगों को कई अस्थायी आश्रय स्थलों में रखा गया है। उसने बताया कि शुक्रवार तड़के आए भूकम्प (Earthquake) की तीव्रता 6.2 थी। 

प्रांतीय सामाजिक कार्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, भूकंप (Earthquake) ने मामुजू में मित्रा मनकारा अस्पताल को तबाह कर दिया है. प्रवक्ता ने कहा कि स्थानांतरित किए गए लोगों को 10 निकासी केंद्रों में ठहराया गया है, और प्रभावित लोगों को आपातकालीन राहत सामग्री भेजी गई है.

वहीं खतरे का मूल्यांकन और प्रभावित लोगों को स्थानांतरित किए जाने का काम वर्तमान में जारी है. अधिकारियों के अनुसार, पिछले 30 दिनों में इंडोनेशिया में 6.0 या उससे अधिक तीव्रता के तीन भूकंप (Earthquake), 5.0 और 6.0 के बीच तीव्रता के 22 भूकंप, 4.0 और 5.0 के बीच तीव्रता के 143 झटके, 3.0 और 4.0 के बीच 367 झटके और 2.0 और 3.0 के बीच 247 झटके आए हैं.

भूकंप (Earthquake) से साल 2019 में 26 सितंबर को करीब 41 लोग मारे गए थे, जबकि 1,578 अन्य घायल हुए थे और करीब 150,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया था. तब भूकंप की तीव्रता 6.5 थी.

Farm Laws: सरकार-किसान संगठनों के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी बेनतीजा

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New Delhi: कृषि कानूनों (Farm Laws) पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच हुई नौवें दौर की बातचीत भी आज बेनतीजा रही. दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बरकरार है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के कार्यान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

किसानों ने लोहड़ी पर्व पर नये कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया।

शीर्ष अदालत ने इस मामले में गतिरोध को समाप्त करने के लिये चार सदस्यीय समिति का गठन किया था लेकिन किसान संगठनों ने इस समिति को सरकार समर्थक बताया है और साफ कहा है कि वे सरकार से तो बारबार चर्चा को तैयार हैं लेकिन समिति के समक्ष नहीं जाएगा.  

बातचीत से पहले किसानों का शक्ति प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि समिति के सदस्‍य पहले ही सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के पक्ष में राय दे चुके हैं. इस बीच समिति के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने समिति से अपने को अलग कर लिया है.

SC द्वारा बनाई गयी समिति से भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को अलग किया

शुक्रवार की बातचीत के बारे में बात करते हुए ऑल इंडिया किसान सभा पंजाब के अध्यक्ष बालकरण सिंह बरार ने कहा, इस बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकल सका. सरकार अपनी बात पर अड़ी हुई है कि तीनों कानून (Farm Laws) रद्द नहीं होंगे. हमने सरकार को सुझाव दिया कि इस एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट में जो संशोधन सरकार ने किए हैं, उन्हें सरकार वापस ले ले. पूरे कानून को रद्द करने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस पर कृषि मंत्री ने कोई आश्वासन नहीं दिया. अब अगली बैठक 19 जनवरी को विज्ञान भवन में होगी 26 जनवरी के दिन हमारी ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकाली जाएगी अगले 2 दिन में हम ट्रैक्टर रैली की रूट और अपने विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा फाइनल कर लेंगे, इसमें कुछ छुपा हुआ नहीं है. बरार ने कहा कि 26 जनवरी के विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम को हम जल्‍द ही सार्वजनिक करेंगे.

26 जनवरी को बड़े आंदोलन की तैयारी में किसान, पंजाब में हजारों वॉलंटियर जुड़े

किसान संगठनों का साफ कहना है कि हम मध्‍यस्‍थ नहीं चाहते, हम सीधे सरकार के साथ बातचीत चाहते हैं. यही नहीं, उन्‍होंने सरकार से किसानों का समर्थन करने वालों के पीछे केंद्रीय एजेंसी लगाने से भी ‘बाज आने’ को कहा है. 

दो सगी बहनों से मकान मालिक ने किया Rape, पुलिस केस दर्ज करने में करती रही आनाकानी

Pilibhit: पीलीभीत में दो सगी नाबालिग बहनों के साथ में एक 65 वर्षीय शख्स ने दुष्कर्म (Rape) की वारदात को अंजाम दिया. मामले में पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुये मामला दर्ज करने में ढिलाई बरती. लेकिन एसपी के बाद शिकायत पहुंचने पर आरोपी सतनाम सिंह उर्फ कारमेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं, एसपी ने पीड़िता की सुनवाई न करने वाले आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ़ भी जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. घटना थाना हजारा क्षेत्र के भुर्जगुनिया गांव की है.

नाबालिग से जानकार ने दोस्तों के साथ मिलकर किया गैंगरेप

दरअसल थाना हजारा क्षेत्र की रहने वाली दोनों नाबालिग लड़कियां अपने परिवार के साथ आरोपी सतनाम सिंह के घर रहकर मजदूरी कर अपना पालन पोषण करती थीं. जिनका आरोप है कि 65 वर्षीय आरोपी मकान मालिक एक साल से उसकी बड़ी बहन के साथ दुष्कर्म (Rape) करता रहा, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई. उसके बाद छोटी बहन के साथ भी आरोपी ने रेप (Rape) किया. जिसको लेकर जानकारी होने पर पीड़ित परिवार ने थाने पर मामले की शिकायत की.

तीन साल की बच्ची के साथ गैंगरेप, तीनों आरोपी नाबालिग

पीड़ित परिजनों का आरोप है कि दो महीने से लगातार न्याय के लिए थाने के चक्कर काटने के बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत तहसील दिवस में की थी. जिसके बाद सात दिनों की चली जांच में पुलिस अधीक्षक ने आरोपी के खिलाफ थाने में गम्भीर धाराओं में केस दर्ज करवा कर रिपोर्ट न लिखने वाले थानाध्यक्ष के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

मुंबई घूमने आई लड़की से बलात्कार, ऑटोरिक्शा चालक गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश ने बताया कि थाना हजारा के अन्तर्गत एक प्रार्थना पत्र के आधार पर 376 का अभियोग पंजीकृत किया गया है. इस प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी पूरनपुर द्वारा की जा रही थी. जांच के दौरान यह पता चला कि, बच्चियों द्वारा समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिसको लेकर मामले में सभ्रांत व्यक्तियों द्वारा घटना का समझौता भी करवा दिया गया था, जो कि गलत था. थानाध्यक्ष को पीड़िया की तहरीर पर एफआईआर (FIR) दर्ज करके जांच करनी चाहिए थी, जो उसने नहीं किया. फिलहाल मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है, और लापरवाह थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय जांच करवाकर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.