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Farmers Protest: आंदोलन तेज करने के लिए किसानों की एक दिन की भूख हड़ताल।

Farmers Protest: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन (Farmers Protest) तेज कर दिया है. पिछले महीने के अंत से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हजारों किसान एक दिन की भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर बैठे हैं.

किसानों का कहना है कि जब तक नए कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. 

केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) सोमवार और तेज होगा. नवंबर महीने के अंत से दिल्ली के बॉर्डर पर डेट हजारों किसानों की एक दिन की भूख हड़ताल (Hunger Strike) शुरू हो गई है. टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर किसान नेताओं के साथ भारी संख्या में किसान अनशन पर हैं. भूख हड़ताल (Hunger Strike) के साथ किसान देशभर के जिला मुख्यालयों का घेराव भी करेंगे. सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद, किसानों का कहना है कि जब तक नए कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, केंद्रीय मंत्री कैलाश शर्मा का कहना है कि किसानों के साथ अगले दौर की बातचीत की तैयारी हो रही है. इस मसले का हल बातचीत से ही निकलेगा.  

खुदकुशी करने वाले किसानों की पत्नियां भी बनेंगी किसान आंदोलन (Farmers Protest) का हिस्‍सा।

Delhi: दिल्‍ली के टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर अब उन किसानों की विधवाएं (Farmers Widows) भी किसान आंदोलन (Farmers Protest) में दिखाई देंगी जिन्‍होंने कृषि संकट के चलते अपनी जान दे दी। अब 16 दिसंबर को ये महिलाएं तीन कृषि कानूनों (Farms Law) के विरोध में प्रदर्शन करने वाली हैं। इसका मकसद पंजाब के किसानों की समस्‍याओं की ओर पूरी दुनिया का ध्‍यान दिलाना है।

बीकेयू उग्राहन के प्रमुख जोगिंदर सिंह उग्राहन ने बताया, ‘पंजाब में खराब कृषि मॉडल की वजह से बहुत बड़ी संख्‍या में किसान अपनी जान दे रहे हैं। अफसोस की बात है कि दुनिया का ध्‍यान इस ओर नहीं है क्‍योंकि सभी को लगता है कि पंजाब के किसान बहुत अमीर हैं। अब जब देश में ऐतिहासिक कृषि आंदोलन (Farmers Protest) चल रहा है इन विधवाओं ने फैसला किया है कि पंजाब में खेती की असलियत पूरी दुनिया को बताई जाए।’

उग्राहन का कहना था कि इन विधवाओं (Farmers Widows)में तो कुछ ऐसी हैं जिनके बच्‍चे अभी छोटे हैं लेकिन उनके परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्‍य ने कर्ज के बोझ या खेती से होने वाले आर्थिक नुकसान के चलते आत्‍महत्‍या कर ली। इनके लिए अभी तक की सरकारों की खराब कृषि नीतियां जिम्‍मेदार हैं। वह कहते हैं, ‘हालांकि पंजाब में बहुत से किसानों ने आत्‍महत्‍या की है लेकिन राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इनकी चर्चा नहीं होती। इसलिए इन महिलाओं ने आगे आने का फैसला किया है।’

लेकिन किसानों की विधवाएं के कृषि कानूनों (Farms Law) के विरोध में प्रदर्शन करने से एक बड़ा सवाल ये भी उठता है की अगर पुरानी नीतियाँ सही थी तो उन्हें (किसानों को) खुदकुशी जैसा क़दम उठाने की ज़रूरत ही क्यों पड़ी?

Amla Benefits: इम्यूनिटी बढ़ाता है आंवला, जानें आंवला खाने के 10 फ़ायदे।

Amla एक ऐसा सूपर फूड है, जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। आंवले में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी, आयरन और कैल्शियम पाया जाता है। आंवले की खास बात ये है कि इसको कई तरह से खाया जा सकता है।

कुछ लोग आंवले का मुरब्बा खाते हैं, तो वहीं कुछ लोग आंवले का जूस, चटनी या अचार बनाकर अपनी पंसद अनुसार सेवन करते हैं। सर्दियों में गुड़ के साथ आंवले का सेवन करने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है और कई बीमारियों से बचाव भी होता है। सर्दियों में आंवले का सेवन करने से इम्यूनिटी सही बनी रहती है जिससे सर्दी-खांसी से बचा जा सकता है।

आइए आपको बताते हैं कि क्यों आपको आंवला जरूर खाना चाहिए।

Amla के फायदे:

1. इम्यूनिटी मजबूत करता है

10 health benefits of amla
इम्यूनिटी मजबूत करता है Amla

आंवले में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। ये शरीर की इम्यूनिटी पावर मजबूत करने में मदद करता है जिससे शरीर बाहरी संक्रमण से बचा रहता है।

2. दिल के लिए फायदेमंद

10 health benefits of amla
दिल के लिए फायदेमंद है Amla

आंवले में पाया जाने वाला विटामिन-सी दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। जो लोग बैड कोलेस्ट्रोल की समस्या से जूझ रहे हैं, उनको आंवले का सेवन जरूर करना चाहिए।

3. त्वचा को खूबसूरत बनाए

10 health benefits of amla
त्वचा को खूबसूरत बनाए Amla

त्वचा की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए भी विटामिन सी जरूरी होता है। विटामिन सी के सेवन से स्किन टाइट रहती है। त्वचा पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती हैं। त्वचा में ग्लो बना रहता है। इसके लिए आप चाहें तो दही में आंवले का पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगा सकते हैं।

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4. सूजन कम करता 

10 health benefits of amla
सूजन कम करता है Amla

शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स हार्ट और स्किन के साथ शरीर की इम्यूनिटी पर भी बुरा असर डालते हैं। दरअसल, फ्री रेडिकल्स शरीर की सूजन के लिए भी जिम्मेदार होते हैं, जो कई सारी बीमारियों को जन्म देने का काम करते हैं। लेकिन आंवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज कर शरीर की सूजन को दूर करने में मदद करते हैं।

5. कैंसर से बचाव में

10 health benefits of amla
कैंसर से बचाव में फ़ायदा पहुँचाय आंवला

आंवले में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें एंटी-कैंसर गुण भी होता है। एक शोध के अनुसार, आंवला कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। ये कैंसर से बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

6. अल्सर की रोकथाम में

10 health benefits of amla
अल्सर की रोकथाम में फ़ायदा पहुँचाय Amla

आंवले का जूस पेप्टिक अल्सर में बहुत कारगर साबित होता है। हर सुबह इसके सेवन से आराम मिलता है।

7. वजन कम करने में

10 health benefits of amla
वजन कम करने में आंवला बहुत गुणकारी

आंवला शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने और वजन कम करने में भी फायदेमंद होता है। रोजाना इसके सेवन से शरीर में गंदगी जमने नहीं पाती है।

8. कब्ज की समस्या में 

10 health benefits of amla
कब्ज की समस्या में आंवला

आंवले में भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर मौजूद होते हैं। इसके सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होने पाती है और पाचन क्रिया में भी ये काफी फायदेमंद होता है।

9. हाई ब्लड प्रेशर में

10 health benefits of amla
हाई ब्लड प्रेशर में आंवला

आंवला उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर होता है। इसके साथ ही ये दिमाग और शरीर दोनों को राहत देने का काम करता है। आंवला पाउडर, शहद के साथ मिलाकर खाना बहुत फायदेमंद होता है।

10. आंख की रौशनी में

10 health benefits of amla
आंख की रौशनी में फ़ायदा पहुँचाय आंवला

आंवले में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आँखों के रेटीना के लिए काफी फायदेमंद होता है। ये विटामिन सी का बहुत अच्छा माध्यम होता है। ये आंखों में होने वाली जलन को कम करता है साथ ही रौशनी बढ़ाने में भी कारगर होता है।

AIKSCC: किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश में लगी है सरकार

New Delhi: पिछले 17 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर केंद्र सरकार द्वारा खालिस्तानी और माओवादियों के समर्थन के आरोप पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि हम किसानों के इस आंदोलन को बदनाम करने के लगातार कदमों की कड़ी निन्दा करते हैं. संगठन (AIKSCC) का कहना है कि असल में सरकार किसानों की समस्या, तीन खेती के कानून (Farms Bill) और बिजली बिल 2020 (Electricity Bill 2020) की वापसी को हल नहीं करना चाहती और वह अपने जिद्दी रवैये को छिपाने के लिए वह इस तरह के कदम उठा रही है.

किसान नेताओं ने कहा कि पहले केन्द्र सरकार ने दावा किया कि किसानों का यह आन्दोलन (Farmers Protest) राजनीतिक दलों द्वारा प्रोत्साहित है. फिर उसने कहा कि यह विदेशी ताकतों द्वारा प्रोत्साहित है, इसके बाद उसने कहा कि यह पंजाब का आन्दोलन है, जिसमें खालिस्तान पक्षधर ताकतें भाग ले रही हैं. इसके बाद कहा कि किसानों की यूनियनें वार्ता से बच रही हैं, जबकि यूनियनों ने सभी वार्ताओं में भाग लिया, किसी वार्ता में जाने से मना नहीं किया और विस्तार से सरकार को अपना पक्ष समझाया और कहा कि वह साफ करे कि वह कानून वापस लेगी या नहीं. सच यह है कि सरकार के पास किसानों से बात करने के लिए कुछ है ही नहीं.

किसान संगठनों के नेताओं ने आगे कहा कि इस बात पर गौर करना जरूरी है कि इस आन्दोलन पर शुरु में पंजाब में दमन हुआ फिर पंजाब के किसानों को अपनी राजधानी दिल्ली पहुंच कर अपनी सरकार से बात करने के लिए अपने ऊपर बेरहम हमले का सामना करना पड़ा, बैरिकेड लगे थे, सड़कें काटी गयीं, ठंड में पानी की बौछार की गयी और आंसू गैस फेंके गये. अब सरकार दोष मढ़ रही है कि आन्दोलन तेज क्यों किया जा रहा है और दमन तथा गैरकानूनी गिरफ्तारियों के खिलाफ बयान क्यों दिया जा रहा है. यह बात स्पष्ट नहीं है कि सरकार अपने नागरिकों को बदनाम करके क्या हासिल करना चाहती है. देश के किसान सरकार से जानना चाहते हैं कि क्या ये विदेशी व भारतीय कारपोरेट को बढ़ावा देने की योजना का हिस्सा है. 

किसानों ने बहुत विस्तार से यह बात समझाई है कि भारतीय व विदेशी कारपोरेट को भारतीय खेती में बढ़ावा देने से, उन्हे निजी मंडिया स्थापित करने देने से और किसानों को ठेके की खेती में शामिल करने से सरकारी मंडियों की वर्तमान सुरक्षाएं भी समाप्त हो जाएंगी. इससे लागत के दाम बढ़ेंगे, किसान कर्जदार होंगे और जमीन से बेदखल होंगे. ये कानून किसानों को वर्तमान अधिकारों पर भी हमला कर देंगे जिसमें वर्तमान एमएसपी भी शामिल है. सरकार के प्रस्ताव में ऐसा कोई सूत्र नहीं है जो किसानों को और कर्जों के लदने से बचा सके, जिससे लागत के मूल्य घट सकें, जिससे एमएसपी सभी किसानों को सभी फसलों का मिल सके, जिससे राशन व्यवस्था जारी रह सके और जिससे खाने की जमाखोरी व कालाबाजारी रोकी जा सके.

आश्चर्य नहीं है कि सरकार ने जो दस्तावेज ‘पुटिंग फामर्स फस्र्ट’ जारी किया है, उसके पृष्ठ 16 पर लिखा है कि ये कानून कारपोरेट के कृषि व्यवसायियों को आगे कर देगा. वह लिखता है ‘कल्पना कीजिए कि इन सुधारों के साथ कृषि व्यवसायियों के लिए कितने सारे नए अवसर खुल जाएंगे.

एआईकेएससीसी (AIKSCC) ने इस बात पर जोर दिया है कि तीनों कृषि कानून व बिजली बिल 2020 (Electricity Bill 2020) वापस लिया जाना समस्या का एकमात्र समाधान है और सरकार से आग्रह किया है कि वह ऐसा तुरंत करे.

Bengaluru: मनमाने तरीके से सैलरी काटने पर भड़के कर्मचारी, कंपनी में जमकर की तोड़फोड़।

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Bengaluru: कर्नाटक में बेंगलुरु के करीब आईफोन(IPhone) का मैन्युफैक्चरिंग करने वाली एक कंपनी के कर्मचारियों ने वेतन से संबंधित मसले को लेकर शनिवार को उपद्रव मचाया। ये कर्मचारी विस्ट्रॉन कॉर्पोरेशन (Wistron Corporation) के लिए काम करते हैं, जिसका मुख्यालय ताइवान में है। पुलिस ने शुरुआती जानकारी के हवाले से बताया कि कोलार जिले के नरसापुरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इकाई के कर्मचारियों ने परिसर में कारों को पलट दिया और फर्नीचर को क्षतिग्रस्त किया।

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कर्नाटक में बेंगलुरु (Bengaluru) के करीब विस्ट्रान के कोलार (Kolar) जिले के नरसापुर प्लांट (Narsapur Plant) में शनिवार सुबह कर्मचारियों के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया. नाराज कर्मियों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. कार्यालय पर पथराव किया और कंपनी के बोर्ड और कुछ वाहनों में आग लगा दी.

एक ट्रेड यूनियन लीडर ने कहा कि प्लांट में ज्यादातर कर्मी संविदा पर हैं, लेकिन उन्हें समय पर भुगतान नहीं किया जाता है. कर्मचारी वेतन में कई प्रकार की कटौतियां किए जाने से भी नाराज हैं.  हिंसा की घटना सामने आने पर को भारी पुलिसबल मौके पर पहुंचा और हल्का लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया.  

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वेतन संबंधी मसलों को लेकर कर्मचारियों ने पथराव किया, खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। गाड़ियों, फर्नीचर, कंप्यूटर और लैपटॉप को नुकसान पहुंचाया। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक, हिंसक घटना में कई कर्मचारी शामिल थे। संपर्क करने पर कंपनी (Wistron Corporation) की ओर से घटना और ‘वेतन मसलों’ पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी गई। ट्रेड यूनियन के एक नेता ने बताया कि अनुबंध पर रखे गए अधिकतर कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह नहीं दी जाती है और वेतन में कटौती को लेकर उनकी चिंताएं हैं।

वेतन को लेकर नाराज थे कर्मचारी

सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारी इस बात से नाराज थे कि उन्हें जॉइनिंग के समय जिस वेतन का दावा किया गया था, वह नहीं दिया जा रहा है। कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि एक इंजिनियरिंग स्नातक को 21 हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था लेकिन उसका वेतन अचानक कम करके 16000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया। हाल के महीनों में उसकी सैलरी और कम करके 12 हजार रुपये कर दी गई।

वहीं गैर-इंजिनियरिंग ग्रेजुएट्स की सैलरी भी 8 हजार रुपये तक कम की गई है। कर्मचारी ने बताया कि हमारे खातों में जमा की जा रही वेतन राशि लगातर काम होती जा रही है। कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपने सैलरी अकाउंट में 500 रुपये से भी कम प्राप्त हुए हैं। शुक्रवार की रात कर्मचारियों ने अपनी सैलरी के बारे में चर्चा की थी। शनिवार को ऑफिस से जाते वक्त वे उग्र हो गए और तोड़फोड़ की।

विस्ट्रॉन कॉर्पोरेशन (Wistron Corporation) ऐप्पल (Apple) के लिए आईफोन 7(Iphone7), लेनोवो(Lenovo), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) समेत अन्य के लिए आईटी उत्पाद बनाती है। तकरीबन 2900 करोड़ रुपये का निवेश करने और 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार देने के प्रस्ताव पर विस्ट्रॉन (Wistron Corporation) को राज्य सरकार ने नरसापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में 42 एकड़ जमीन दी थी।

कर्नाटक सरकार ने हिंसा की निंदा की है, साथ ही कर्मचारियों को उनका बकाया दिलाने का वादा भी किया है. कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सी अश्वतनारायण ने ट्वीट कर कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती. ऐसे किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए उचित मंच हैं. अश्वतनारायण राज्य के आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स मंत्री भी हैं.  उन्होंने कहा कि अराजकतत्वों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. साथ ही यह भरोसा भी दिया कि कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी और उन्हें बकाया भुगतान दिलाया जाएगा.

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Covid-19: संक्रमितों की संख्या 98.26 लाख के पार, 24 घंटों में 30,000 नए मामले सामने आए।

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New Delhi। कोविड-19 (Covid-19) का प्रभाव पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। कई देशों में संक्रमण (Covid-19) को रोकने के लिए फिर से लॉकडाउन को अपनाया जा रहा है। भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है, हालांकि पहले की अपेक्षा इससे होने वाले संक्रमितों की संख्या और मौतों के आंकड़ों में गिरावट आई है। भारत में पिछले 24 घंटों में 442 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस दौरान कोरोनावायरस (coronavirus) के 30,006 नए मामले सामने आए हैं। 

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, यहां शनिवार को कुल मामलों (Covid-19) की संख्या 98 लाख 26 हजार 775 तक पहुंच गई है। जबकि देश में अब तक 1 लाख 42 हजार 628 लोगों की मौत हो चुकी है।

देश में 13 दिनों से लगातार 40 हजार से कम कोरोना (Covid-19) पॉजिटिव केस आ रहे हैं। जबकि एक समय में यह संख्या 90 हजार तक थी। अच्छी बात यह भी कि संक्रमितों और मौतों की संख्या की अपेक्षा ठीक होने वालों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बीते दिन 33,494 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो, अब तक, 93,24,328, लोग ठीक हो चके हैं और पिछले 24 घंटों में 33,494 से अधिक लोग ठीक हुए हैं। वर्तमान में 3,59,819 सक्रिय मामले हैं। रिकवरी दर 94.89 प्रतिशत है और मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है।

Amit Shah: बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले की जांच के आदेश दिए

इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार कोविड-19 के (Covid-19) लिए अब तक कुल 15 करोड़ 26 लाख 97 हजार 399 नमूनों का परीक्षण किया गया है। इनमें से 10 लाख 65 हजार 176 नमूनों की शुक्रवार को जांच की गई।

देश में सर्वाधिक संक्रमित राज्य की बात करें तो, महाराष्ट्र 18,72,440 मामलों के साथ अब तक सबसे खराब स्थिति वाला राज्य बना हुआ है। दैनिक नए मामलों में 72 प्रतिशत से अधिक 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में दर्ज किए गए हैं।

महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों में कोरोना वायरस (Corona Virus) के एक्टिव केस, मृत्यु दर और रिकवरी रेट का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। वहीं एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का नौवां स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है।

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नोएडा, मेरठ, हापुड़ Toll Plaza पर किसानों का कब्जा, जबरन कराया फ्री, पुलिस बल की तैनाती

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New Delhi: तीनों नए कृषि कानूनों (Farms Law) को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों ने न केवल सरकार का संशोधन प्रस्ताव  ठुकरा दिया है बल्कि आज से अपना आंदोलन (Farmers Protest) भी तेज कर दिया है. शनिवार को सभी टोल फ्री करने के किसान संगठनों के आह्वान का असर दिल्ली से सटे यूपी के गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ व हापुड़ में देखने को मिला. गौतम बुद्ध नगर के सभी टोल प्लाजा (Toll Plaza)पर किसानों ने सुबह ही कब्जा कर लिया और उसे जबरन फ्री करवा दिया. इसे देखते हुए प्रशासन ने वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की है.

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इधर, पुलिस की भारी तैनाती के बीच दादरी के लोहाली गांव के पास स्थित एनएच-91 के टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कब्जा करते हुए, टोल प्लाजा (Toll Plaza) को फ्री कर दिया.  हालांकि, इस दौरान पुलिस के आलाधिकारी किसानों को समझाते हुए नजर आए मगर किसान अपनी बातों पर अड़े रहे. टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर कब्जा करने वाले किसान भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता हैं.

किसान संगठनों के आह्वान पर जनपद हापुड़ के तीनों टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर भी किसान नेताओं ने आज कब्जा कर लिया और उसे फ्री करा दिया. टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. किसान नेता तीनों कानून को वापस लेने की मांग पर वहां हंगामा कर रहे हैं.

बता दें कि कई बार केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता हुई लेकिन सभी वार्ता बेनतीजा रही. वार्ता विफल होने के बाद अब किसानों ने आंदोलन को और ज्यादा तेज कर दिया है. 14 दिसंबर को  किसानों ने देशव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी है. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि किसान विरोधी कानून को किसी भी तौर पर लागू नहीं होने दिया जाएगा.

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Piyush Goyal: लेफ्टिस्टों और माओवादी के हाथों में चला गया है किसान आंदोलन

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New Delhi: किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल(Piyush Goyal) ने कहा है कि अब यह आंदोलन (Farmers Protest) ज्यादातर लेफ्टिस्टों (Leftists) और माओवादियों (Maoists) के हाथ में चला गया है। ये वामपंथी दल (Left party)अपना एजेंडा चलाना चाहते हैं। गोयल (Piyush Goyal) ने किसानों से अपील की है कि वे उनके बहकावे में ना आकर सरकार (Government) से बातचीत करें। किसानों के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं और सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

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कुछ थोड़े लोगों के लिए पूरे देश के किसानों का नुकसान नहीं

गोयल ने कहा कि वामपंथी किसानों को भड़का रहे हैं। गोयल ने उस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्या सरकार तीनों कृषि कानून वापस लेगी जिसकी किसान मांग कर रही है। गोयल ने साफ कहा कि इस बिल से देश के सभी किसानों को बेहद फायदा पहुंचने वाला है। कुछ थोड़े से लोगों के लिए पूरे देश के किसानों के फायदे का नुकसान नहीं किया जा सकता।

MSP, चर्चा सब कुछ पर सरकार दे रही है आश्वासन

किसान बिल के किसी भी मसले पर अगर चर्चा करना चाहते हैं तो सरकार से आकर बातचीत करे। सरकार इसके लिए तैयार है। जहां तक एमएसपी का सवाल है लोकसभा से लेकर सरकार की ओर से किसानों को पूरा आश्वासन दिया गया है कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा। यह जारी रहेगा। इस बार 23 फीसदी ज्यादा किसानों का अनाज खरीदा गया। गोयल ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि किसान देशहित में इस कानून को समझेंगे। इससे उन्हें तमाम तरह की बंदिशों से आजादी मिलेगी। अगर उनकी फसल के दाम कहीं भी ज्यादा मिल रहे हैं वे वहां जाकर खरीद सकते हैं।

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Dushyant Chautala: सरकार को अल्टिमेटम, किसानों को एमएसपी नहीं दिला सका तो इस्तीफा दे दूंगा

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Dushyant Chautala: कृषि कानून (Farms Law) को लेकर जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच अब हरियाणा सरकार में खतरा मंडराता दिख रहा है। सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के नेतृत्व वाली सरकार में सहयोगी जेजेपी नेता और डेप्युटी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने सरकार को अल्टिमेटम दे दिया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों को एमएसपी (MSP) जरूर मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर वह इसे (MSP) सुरक्षित न रख सकें तो इस्तीफा दे देंगे।

हरियाणा सरकार में चल रही खिट-पिट को लेकर दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने गुरुवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी। चौटाला ने खुलेआम खट्टर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, ‘हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि किसानों को एमएसपी (MSP) मिलनी ही चाहिए। केंद्र सरकार ने जो लिखित प्रस्ताव दिए, उसमे एमएसपी (MSP) शामिल है। मैं जब तक डेप्युटी सीएम हूं तब तक किसानों के लिए एमएसपी (MSP) सुनिश्चित करने पर काम करूंगा। अगर मैं यह नहीं कर पाया तो इस्तीफा दे दूंगा।’

लिखित आश्वासन मिलने पर आंदोलन जारी रखने का तुक नहीं

चौटाला ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी (MSP) की लिखित गारंटी स्वीकार कर लिया है। लिखित आश्वासन मिलने पर आंदोलन (Farmers Protest) जारी रखने का कोई लॉजिक नहीं है। चौटाला ने कहा कि वह किसान पहले हैं और अगर किसान को उसकी प्रत्येक फसल के लिए एमएसपी (MSP) सुनिश्चित नहीं करा सका तो सबसे पहले इस्तीफा दे दूंगा।

जेजेपी का एक धड़ा दुष्यंत से असंतुष्ट

हालांकि जेजेपी विधायकों का एक धड़ा दुष्यंत से संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है। पार्टी में किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच हरियाणा में बीजेपी से समर्थन वापस लेने की चर्चा भी शुरू हो गई है। 10 में से 7 जेजेपी विधायक पहले ही कृषि कानून (Farms Law) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन कर चुके हैं।

चौटाला-खट्टर की लंच डिप्लोमेसी

गुरुवार को चौटाला ने सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) और कैबिनेट के दूसरे साथियों के लिए चंडीगढ़ में अपने आवास पर लंच रखा। इसके बाद चौटाला ने मीडिया से कहा कि उन्होंने किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने वाले केंद्रीय मंत्रियों और स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे अन्य लोगों से बात की है।

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हमने किसानों को एमएसपी सुनिश्चित कराया

डेप्युटी सीएम ने कहा, ‘सबसे जरूरी और सबसे बड़ी मांग चौथी चीज-एमएसपी को जोड़ना था। हरियाणा में हमने यह सुनिश्चित किया है। राजस्थान ने किसानों को एमएमसपी नहीं दिलाई और वहां बाजरा सड़कों पर बिक रहा है। पंजाब ने भी किसानों को एमएसपी सुनिश्चित नहीं कराई। हरियाणा में हमने सुविधाएं दीं और आप देखेंगे कि भविष्य में भी हम गेहूं की खरीद और अच्छे तरीके से करेंगे।’

जहां तक एमएसपी (MSP) की बात है डॉ. अजय चौटाला पहले ऐसे थे जिन्होंने केंद्र सरकार को किसानों के लिए इसे सुनिश्चित करने को कहा था। मुझे उम्मीद है कि जब लिखित आश्वासन दिया चुका है तो आंदोलन (Farmers Protest) को आगे ले जाने का कोई तुक नहीं बनता।

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BJP: बीजेपी ने नए कृषि कानूनों के पक्ष में माहौल बनाने की व्यापक प्लानिंग की

New Delhi:  बीजपी (BJP) ने देश भर में कृषि कानून (Farms Law) के पक्ष में माहौल बनाने के लिए व्यापक प्लानिंग की है। इसमें सोशल मीडिया (Social Media) में हैशटैग ट्रेंड करने से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस और किसान सम्मेलन शामिल हैं। 16 दिसंबर तक के कार्यक्रम तय किए गए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा (JP Nadda) की तरफ से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों को और प्रभारियों को कार्यक्रम की डिटेल भेजते हुए कहा गया है कि वह कार्यक्रम सुनिश्चित कर हर दिन की डिटेल भी भेंजे।

बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने आरोप लगाया कि विपक्ष मासूम किसानों (Farmers) को बहका रहा है। उन्होंने कहा कि क्या किसान आंदोलन (Farmers Protest) स्थल पर एसी, टीवी लगाकर आंदोलन कर सकता है? चाहर ने कहा कि यह विपक्ष (Opposition) का षडयंत्र है।

सोशल मीडिया पर हैशटैग ट्रेंड कराएगी बीजेपी

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी(BJP)  शुक्रवार से लेकर 16 दिसंबर तक सोशल मीडिया (Social Media) में हैशटैग ट्रेंड करवाकर कृषि कानूनों (Farms Law) के फायदे बताएगी। सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि केंद्र की तरफ से दिए गए हैशटैग का व्यापक प्रचार कर इसे ट्रेंड कराना है। 14 से 16 दिसंबर तक किसान सम्मेलन-जनजागरण किया जाएगा। इसमें कृषि कानून (Farms Law) के संबंध में देश भर में 100 प्रमुख जगहों पर किसान सम्मेलन आयोजित कर जनजागरण अभियान के जरिए इसके फायदे बताए जाएंगे। केंद्र सरकार की तरफ से तैयार पर्चों को भी अलग अलग माध्यमों से घर घर पहुंचाने के लिए कहा गया है।

12 से 16 दिसंबर तक देश के सभी जिलों और प्रमुख जगहों पर सभी सहकारी संस्थाओं, एपेक्स लेबल कोऑपरेटिव संस्थाएं, एपीएमसी, मंडियां, जिला सहकारी संस्थाएं, विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पादों की संस्थाओं में जनसंपर्क अभियान और चर्चा का कार्यक्रम भी तय किया गया है। एक बीजेपी नेता के मुताबिक हमने सिख भाई-बहनों के लिए अलग से एक पुस्तिका भी छापी है जिसे वितरित किया जाएगा और ईमेल के जरिए भी भेजा जाएगा। 14 दिसंबर तक प्रदेश प्रवक्ताओं से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छोटी छोटी बैठकें लेने को भी कहा गया है।

किसानों के कंधों पर रखकर चलाई जा रही बंदूक

बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने कहा कि विपक्ष कृषि कानूनों को लेकर दुष्प्रचार कर रहा है और झूठ फैला रहा है। हमारा मकसद किसानों को सचाई बताना है। उन्होंने कहा कि हम किसानों का हित देख रहे हैं और विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी (BJP) नेता ने कहा कि टैंट के अंदर (आंदोलन स्थल पर) एसी, टीवी लगा रखे हैं, क्या किसान आंदोलन (Farmers Protest) करने एसी लेकर जा सकता है? उन्होंने कहा कि यह सरकार के खिलाफ बहुत बड़ा षडयंत्र हैं। वे ताकतें जिनका जनाधार खिसक गया हैं, जो पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) की लोकप्रियता से घबराए हैं उन्होंने किसानों के कंधों पर बंदूक रखी है। ये लोग किसान और जवान दोनों को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। चाहर ने कहा कि विपक्ष ने किसानों के मन में पहले दिन से ही भ्रम डालना शुरू किया। जब संसद चल रही थी तब विपक्ष कुछ नहीं बोला, लगता है विपक्ष लंबे वक्त से इस षडयंत्र को रच रहा था।

Lalu Prasad Yadav को जमानत के लिए और इंतजार करना पड़ेगा, सुनवाई को छह हफ्तों के लिए टाल दिया गया है

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Patna: चारा घोटाले (Fodder Scam) से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की शुक्रवार को होने वाली सुनवाई को छह हफ्तों के लिए टाल दिया गया है. ख़बरों के मुताबिक, सुनवाई को इसलिए टाला गया, क्योंकि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की सज़ा का आधा वक्फा खत्म नहीं हुआ है, और जल्दी रिहाई के लिए यह ज़रूरी शर्त है. इस वक्फे के पूरा होने में 40 दिन शेष हैं.

इससे पहले यह सुनवाई इसलिए टली थी, क्योंकि CBI ने झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में अपना पक्ष दाखिल नहीं किया था. भ्रष्टाचार के मामले में चार साल की कैद की सज़ा काट रहे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को कई अन्य मामलों में ज़मानत मिल चुकी है. 

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यह लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आखिरी मामला है, और इस बार उन्हें इसमें भी ज़मानत पर रिहा हो जाने की उम्मीद है.पिछले माह हुई सुनवाई में उनके वकील कपिल सिब्बल ने CBI पर ‘जानबूझकर ज़मानत अर्ज़ी में देरी किए जाने’ का आरोप लगाया था.

‘दुमका ट्रेज़री केस’ बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका ट्रेज़री से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकाले जाने से जुड़ा है, और इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेज़री केस में अक्टूबर में ही ज़मानत मिल गई थी. लेकिन ‘दुमका ट्रेज़री केस’ की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ा.

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता दिसंबर, 2017 में दोषी करार दिए जाने के बाद से जेल में ही हैं. उन्होंने अपनी सज़ा का अधिकतर हिस्सा झारखंड में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (RIMS) अस्पताल में बिताया है.

उनकी गैरमौजूदगी में उनके पुत्र तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) RJD का नेतृत्व करते रहे हैं और हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय उन्हें दिया जा रहा है. यह पिछले 40 साल में पहला मौका था, जब लालू प्रसाद यादव ने राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं किया.

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में पार्टी (RJD) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई, लेकिन विपक्षी गठबंधन बहुमत का आंकड़ा छूने में नाकाम रहा. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा था कि उनके पिता (Lalu Prasad Yadav) ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई के बाद 9 नवंबर को रिहा हो जाएंगे, और अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की ‘विदाई’ हो जाएगी. लेकिन नीतीश कुमार सत्ता में बने रहे.

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JP Nadda के काफिले पर हमले के बाद गृह मंत्रालय ने बंगाल के दो शीर्ष अफसरों को तलब किया

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KolKataपश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने BJP प्रमुख जेपी नड्डा (BJP Chief JP Nadda) के काफिले पर हमले के मामले में केंद्र को रिपोर्ट भेजी है. जानकारी है कि गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी (DGP) को 14 दिसंबर को तलब किया गया है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. बता दें कि जेपी नड्डा (JP Nadda) की बंगाल यात्रा के दौरान गुरुवार को 24 परगना में उनके काफिले पर ईंट-पत्थर से हमला किया गया था. नड्डा ने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को इसके लिए जवाब देना होगा.

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इस घटना के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर अमित शाह (Amit Shah) को रिपोर्ट भेजी है. शाह ने नड्डा के काफिले पर हुए हमले के एक घंटे बाद ही रिपोर्ट मांगी थी. शाह ने इस हमले को ‘प्रायोजित हिंसा’ बताते हुए इस घटना पर भी रिपोर्ट मांगी थी. इस हमले में कुछ नेताओं को चोट लगी थी और काफिले में शामिल गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं. 

सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि अमित शाह (Amit Shah)19 और 20 को कोलकाता जा सकते हैं. पार्टी इस घटना पर ममता सरकार को आक्रामक रुख के साथ घेरना चाहती है. हालांकि, ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने बीजेपी (BJP) पर खुद यह हमला करवाने का आरोप लगाया है और कहा है कि बीजेपी (BJP) अगले छह महीनों के भीतर होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए ऐसा कर रही है.

नड्डा के काफिले पर हमले का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें दिख रहा है कि कार की विंडस्क्रीन पर ईंट फेंके जा रहे हैं. बताया गया कि यह कार जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले का हिस्सा थी. बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि नड्डा के दौरे के समय पार्टी कार्यालय के बाहर लाठी-डंडों से लैस ‘भीड़’ जमा थी. नड्डा ने बाद में कहा कि वो बुलेटप्रूफ गाड़ी में थे इसलिए बच गए. उन्होंने यह भी कहा था कि उनपर मां दुर्गा की कृपा थी कि वो हमले में बच गए.

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Mamta Banerjee – बीजेपी के पास कोई काम नहीं, जब देखो उनके चड्ढा, नड्डा, फड्डा, भड्डा बंगाल में होते हैं।

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Kolkata: पश्चिम बंगाल में बीजेपी (BJP) और टीएमसी (TMC) के बीच चल रहा राजनीतिक युद्ध दिनों-दिन तेज होता जा रहा है। गुरुवार को बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा (JP NADDA) के काफिले पर पथराव की घटना हुई। इसके बाद दोनों ओर से जुबानी जंग भी खूब चली। 

सीएम ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने पथराव की इस घटना को बीजेपी (BJP) का नाटक बताते हुए कहा, उनके पास कोई और काम नहीं, सबके सब यहीं जमे रहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (AMIT Shah) 19 और 20 दिसंबर को भी पश्चिम बंगाल दौरे पर जा रहे हैं।

ममता (Mamta Banerjee) ने कहा, ‘उनके (बीजेपी) पास कोई और काम नहीं है। अकसर गृह मंत्री (Amit Shah) यहां होते हैं, बाकी समय उनके चड्ढा, नड्डा, फड्डा, भड्डा यहां होते हैं। जब उनके पास कोई दर्शक नहीं होता है, तो वे अपने कार्यकर्ताओं को नौटंकी करने के लिए कहते हैं।’

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खुद को थप्‍पड़ मारकर हम पर आरोप

डायमंड हार्बर इलाके में हुई इस घटना पर ममता (Mamta) ने उंगली उठाते हुए कहा, ‘आपके साथ सुरक्षाकर्मी हैं। कोई आप पर हमला कैसे कर सकता है? हमले की योजना बनाई गई होगी, मैंने पुलिस से जांच करने के लिए कहा है। लेकिन मैं हर समय झूठ बर्दाश्‍त नहीं करूंगी। वे (भाजपा कार्यकर्ता) हर दिन हथियारों के साथ (रैलियों के लिए) आते हैं। वे खुद को थप्पड़ मार रहे हैं और इसका आरोप तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर लगा रहे हैं। जरा स्थिति के बारे में सोचिए। वे बीएसएफ, सीआरपीएफ, सेना और सीआईएसएफ के साथ घूम रहे हैं…तो फिर आप इतने भयभीत क्यों हो।’

नड्डा का पलटवार- ये बंगाली संस्‍कृति नहीं

ममता की बातें सुनकर नड्डा ने कहा, ‘उन्होंने मेरे बारे में बहुत सारी संज्ञाएं, विचार और शब्दावली दी है। ममता जी ये आपके संस्कारों के बारे में बताता है और ये बंगाली संस्कृति नहीं है. ममता जी बंगाल को कितना नीचे ले गई हैं।’

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Amit Shah: बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले की जांच के आदेश दिए

New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah)ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्‍होंने राज्‍यपाल से राज्‍य में कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है. मामले को लेकर बीजेपी (BJP) की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद गृह मंत्रालय ने 12 घंटे के भीतर बंगाल प्रशासन से दो रिपोर्ट तलब की है.इससे पहले, पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले पर हुए हमले के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा था, ‘बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए जनता को जवाब देना होगा.’ उन्‍होंने गुरुवार को ट्वीट में लिखा, ‘आज बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है. केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है. बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा.’

उन्‍होंने आगे लिखा, ‘तृणमूल शासन में बंगाल अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में जा चुका है. टीएमसी (TMC) के राज में पश्चिम बंगाल के अंदर जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत कर चरम सीमा पर पहुँचाया गया है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए दु:खद भी है और चिंताजनक भी.’

ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक नाटकीय वीडियो में दिख रहा है कि कार की विंडस्क्रीन पर ईंट फेंके जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि ये कार जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले का हिस्सा थी. नड्डा ने कहा, ‘यदि मैं आज यहां मीटिंग के लिए पहुंच पाया हूं तो यह मां दुर्गा की कृपा के कारण हुआ है.’ उधर, तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर इरादतन उकसाने और परेशानी खड़ी करने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता जब कोलकाता के नजदीक साउथ 24 परगना में डायमंड हार्बर जा रहे थे तो दोपहर करीब 12 बजे उन पर हमला किया गया. डायमंड हार्बर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है.

Narendra Singh Tomar: हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, सरकार के भेजे प्रस्ताव पर विचार करें किसान संगठन

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नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों के साथ पांच दौर की बातचीत विफल होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने गुरुवार को एक बार फिर किसान नेताओं को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि ये बिल किसानों के हित में है, ना कि उनके विरोध में. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “इन तीनों नए कानून के जरिए सरकार किसानों को मंडी के जंजीरों से दूर करना चाहती है. किसान अपने माल को किसी को भी, कहीं भी मनचाही कीमत पर बेचने के लिए स्वतंत्र हो, इसके लिए नया कानून लाया गया.”

कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी (MSP)  को लेकर मोदी सरकार (Modi Govt.) लिखित आश्वासन देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि एमएसपी(MSP) को लेकर मोदी सरकार कटिबद्ध है और रहेगी.

कृषि मंत्री ने आगे कहा, ” मैं किसान संगठनों से आग्रह करता हूं कि वह सरकार की तरफ से दिए गए लिखित प्रस्ताव पर विचार करें और जब भी उस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए उनकी तरफ से कहा जाएगा सरकार बातचीत के लिए तैयार रहेगी.”

Amit Shah: बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले की जांच के आदेश दिए

नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि नए कानून में विवाद समाप्त करने का अधिकार एसडीएम को दिया गया है, किसानों ने जब इस पर सवाल उठाया तो हमनें प्रस्ताव रखा की कोर्ट जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं. 

इसके अलावा किसान यूनियनों द्वारा नए बिजली (संशोधित) बिल पर सवाल उठाने को लेकर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों को बिजली सब्सिडी की जो मौजूदा व्यवस्था है वह जारी रहेगी.

गुरुवार को हई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में तोमर ने कहा, “पिछले संसद के सत्र में भारत सरकार तीन कानून लेकर आई थी. कृषि के क्षेत्र में ये दो कानून है जिनका कृषि उपज और वाणिज्य से संबंधित है और उनके मूल्य आश्वासन से संबधित है. इन दोनों कानूनों पर लोकसभा और राज्य सभा में 4-4 घंटे सभी सांसदों ने स्वच्छंद होकर अपना विचार प्रस्तुत किया, पक्ष और विपक्ष दोनों ने. लोकसभा में ये पारित हुआ…”

इसके बाद राज्य सभा में इस पर 4 घंटे की चर्चा पूरी हुई और जब मेरे जवाब देने की स्थिति खड़ी हुई तो प्रतिपक्ष के लोगों ने बहुत ही अभद्र घटना को अंजाम दिया जो देश लोकतांत्रिक इतिहास में हमेशा काले धब्बे के रूप में अंकित रहेगी. लेकिन दोनों कानून पारित हुए, महामहिम राष्ट्रपति जी के पास भेजे गए और उनके हस्ताक्षर के बाद ये कानून देशभर में लागू हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “हम सब जानते हैं कि कृषि के क्षेत्र में योजनाओं और कानूनों के माध्यम से काफी कुछ किया जाता रहा है. लेकिन कृषि क्षेत्र में नीजि निवेश गांवों तक और खेत तक पहुंचे इसकी संभावनाएं ना के बराबर थी. और कानून के माध्यम से भी जो बंदिशें थी वो खुले इसका देशभर को इंतजार था. “

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ससुरालियों को जहरीला दूध पिला, दुल्हन (Bride) हजारों के गहने और नकदी ले उड़ी।

Haryana:  हरियाणा के पानीपत (Panipat) जिले के गांव नौल्था में एक नई नवेली दुल्हन (Bride) हजारों रुपये की नकदी और गहने लेकर फरार हो गई. शादी (Marriage) को अभी सिर्फ 8 दिन ही हुए थे. दिनेश ने शादी कर घर बसाने के अच्छे खवाब देखे थे. न केवल शादी का सारा खर्च खुद उठाया, बल्कि दुल्हन (Bride) को नकदी से लेकर हजारों रुपये के जेवरात भी पहनाए. लेकिन, उन्‍हें क्या पता था की वह जो दुल्हन (Bride) ला रहा है, वही उसे उजाड़ कर चली जाएगी.

दुल्हन ने भागने से पहले ससुरालियों को जहरीला दूध पिला दिया था. हालांकि, सभी खतरे से बाहर हैं, लेकिन एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. पुलिस ने दूल्‍हे की शिकायत पर आरोपी दुल्हन, उनकी बहन बिमलेश, जालपाड़ निवासी दिनेश, पत्नी, मां और पंडित कृष्ण के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वहीं, आरोपी दुल्हन की तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है.

दूल्हे ने ही शादी का सारा खर्च वहन किया

दिनेश ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी गत 2 दिसंबर को सुनीता गांव पावा, गली नं 7 अल्मोड़ा जिला उत्तराखंड के साथ हुई थी. बिचौलिया दिनेश, उसकी पत्नी व उसकी मां कृष्णा थे. उक्त लोगों से कृष्ण पंडित निवासी पलड़ी ने मिलवाया था. रिश्ता तय होने के बाद 2 दिसंबर को शादी होनी तय हुई. शादी में दहेज नहीं लिया गया, लेकिन दूल्हे ने ही शादी का सारा खर्च वहन किया.

जान से मारने की नीयत से जहर दिया

दुल्हन को सोने-चांदी के गहने और हजारों रुपये के कपड़े वर पक्ष से दिलवाए गए थे. हफ्ता भर ही हुआ था कि सुनीता ने यह हरकत कर दी. दिनेश ने बताया कि जहरीला दूध पीने के बाद वह और उनके माता-पिता बेहोश हो गए थे और उनकी आंखें अस्पताल में खुलीं. डॉक्टर ने बताया कि मारने की नीयत से जहर दिया गया था. गनीमत रही कि मौके पर पड़ोसी पहुंच गए और सभी को अस्पताल ले आए वरना बड़ा हादसा हो जाता.

Congress का PM Modi पर निशाना: अन्नदाता लड़ रहे हक की लड़ाई, आप खड़ा कर रहे अपने लिए महल

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New Delhi: देशभर में कई जगहों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखी. इस बीच, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली और उसके आसपास हो रही किसान आंदोलन की याद दिलाई. कांग्रेस (Congress) ने कहा कि इतिहास में यह भी दर्ज होगा कि जब अन्नदाता सड़कों पर 16 दिन से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे तब आप सेंट्रल विस्टा (Central Vista) के नाम पर अपने लिए महल खड़ा कर रहे थे! 

Amit Shah: बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले की जांच के आदेश दिए

कांग्रेस (Congress) प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने निशाना साधते हुए कहा, “मा. मोदी जी, संसद पत्थर से बनी इमारत नहीं… संसद प्रजातंत्र है, संसद संविधान की मर्यादाओं को मानना है, संसद आर्थिक और सामाजिक समानता है, संसद देश का भाईचारा और सद्भाव है, संसद 130 करोड़ भारतीयों की आशा है. ज़रूर सोचिए, इन सब को रौंद कर बनाई गई नई संसद की इमारत कैसी होगी?

Congress targets PM Modi Annadata is fighting for the right you are standing Mahal for yourself

सुरजेवाला ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “मोदी जी, इतिहास में यह भी दर्ज होगा कि जब अन्नदाता सड़कों पर 16 दिन से हक़ों की लड़ाई लड़ रहे थे तब आप सेंट्रल विस्टा के नाम पर अपने लिए महल खड़ा कर रहे थे! लोकतंत्र में सत्ता, सनक पूरी करने का नहीं, जनसेवा और लोक कल्याण का माध्यम होती है.” 

Congress targets PM Modi Annadata is fighting for the right you are standing Mahal for yourself

कड़ाके की ठंक में डटे किसानों ने कहा कि वे अपने प्रदर्शन को और तेज करेंगे. किसान आंदोलन शुरू होने से अब तक पांच किसानों की मौत हो चुकी है. किसानों ने केंद्र की ओर से दिए गए कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद इसे मानने से इनकार कर दिया और कहा कि वो अपना प्रदर्शन और तेज करेंगे. उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को ही वापस ले. किसानों ने 14 तारीख को पूरे देश में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

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Delhi BJP ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ की पुलिस से शिकायत, जान से मारने की साजिश करने का आरोप

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Delhi BJP ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) और दुर्गेश पाठक के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है. बीजेपी का आरोप है कि एक ओर केजरीवाल सरकार निगम का बकाया 13000 करोड़ का फंड नहीं दे रही है. वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी नेता मुख्यमंत्री आवास के बाहर फंड की मांग को लेकर धरने पर बैठे निगम नेताओं को मारने की साजिश रच रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने निगम नेताओं को मारने की साजिश रचे जाने की आंशका जाहिर करते हुए इसके लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया है.

Amit Shah: बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले की जांच के आदेश दिए

Delhi BJP के एक प्रतिनिधिमंडल ने महापौरों को मारने की साजिश किए जाने का आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक के खिलाफ पुलिस मे शिकायत दर्ज कराई और दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने का आग्रह किया. प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल, प्रदेश उपाध्यक्ष राजन तिवारी, प्रदेश एससी मोर्चा अध्यक्ष भूपेंद्र गोठवाल, प्रदेश कार्यालय मंत्री हुकम सिंह एवं प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष वासु रूखड़ शामिल थे. डीसीपी ने एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इस मुद्दे पर कल प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता उपमुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे.

बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप

प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि पूरी दिल्ली ने उस वीडियो को देखा जिसमें आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक सरेआम कह रहे हैं कि उन्हें निगम नेताओं को मारना है और बगल में खड़े उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उन्हें यह कहकर शांत करा रहे हैं कि यहां मीडिया है. अगर वहां मीडिया मौजूद ना होती तो आम आदमी पार्टी नेता उस साजिश को अंजाम भी दे सकते थे. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद इस आपराधिक साजिश में संलिप्त हैं.

प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संरक्षण में आम आदमी पार्टी अपराधियों की पार्टी बनती जा रही है जिसका ताजा उदाहरण आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक हैं जिन्होंने सबके सामने निगम के मेयरों को जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का आपराधिक इतिहास बहुत पुराना है. पहले भी उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव को घर पर बुलाकर उसके साथ मारपीट किया था. पूर्व में प्रदेश भाजपा के प्रतिनिधिमंडल के साथ भी मुख्यमंत्री आवास पर दुर्व्यवहार किया गया. मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के दो करोड़ लोगों के हित में निगम नेताओं द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को रोकने के लिए और जनता की आवाज को दबाने के लिए मेयरों को जान से मारने पर उतर आए हैं.

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Google पर आया इंट्रेस्टिंग ऐप ‘Look To speak’, आंखों के इशारे से ही पढ़ लेगा टेक्स्ट

New Delhi: Google ने एक नई ऐप लॉन्च की है, जो बोलने में परेशानी का सामना करने वाले लोगों के लिए अपनी बात पहुंचाना आसान बना सकती है. इसे ‘लुक टू स्पीक’ (Look To speak) नाम दिया गया है. यह आंखों की मदद से फोन पर लिखे टेक्स्ट को जोर से पढ़कर सामने वाले को बताएगी. यह उन लोगों के लिए मददगार साबित होगी जिन्हें बोलने में परेशानी होती है और अपनी बात पहुंचाने के लिए किसी डिवाइस का इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐप को ‘एक्सपेरिमेंट विद गूगल प्लेटफॉर्म’ पर तैयार किया गया है.

ये ऐप Google Play Store के माध्यम से सभी एंड्रॉयड वन डिवाइसेस और एंड्रॉयड 9.0 से ऊपर के वर्जन के लिए उपलब्ध है. इसके अलावा ऐप में कई ऑप्शन दिए गए हैं, जिनकी मदद से यूजर्स इसे अपने हिसाब से सेट कर सकता है.

इस तरह करता है काम

ऐप के इस्तेमाल के लिए लोगों को अपने फोन को स्थिर रखना होगा. इसके बाद उन्हें फोन में लिखे टेक्स्ट की तरफ देखना होगा. अगर वो ऊपर की तरफ देखते हैं तो ऐप वहां लिखे टेक्स्ट को जोर से बोलकर सुनाएगी. इसी तरह ऐप फोन में नीचे, दाएं या बाएं तरफ देखने पर वहां लिखी बातों को जोर से बोलकर बता देगी. इसके लिए यह ऐप आंखें की हलचल को ट्रैक करती है कि यूजर कहां देख रहा है.

Google का दावा है कि सभी डेटा निजी है और फोन को कभी नहीं छोड़ता है. लोगों को इस ऐप को इस्तेमाल करने में मदद के लिए Google ने एक ट्यूटोरियल और एक गाइड बनाई है. जिसमें टॉप टिप्स दिए गए हैं जैसे कि फोन को किस पॉजिशन में रखना है, आंखों से किस तरह इशारा करना है आदि. ऐप के आधिकारिक ब्लॉग में दावा किया गया है कि यह ऐप कई लोगों के लिए काम आसान कर सकती है. इस ऐप की मदद से लोग बिना किसी अन्य डिवाइस के अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकेंगे.

पहले से मौजूद हैं ऐप में कई सवाल

ऐप में पहले से ‘आपका नाम क्या है?’, ‘आप कैसे हैं’ जैसे कई सवाल शामिल किए गए हैं. यूजर्स को सिर्फ इनकी तरफ देखना होगा और ऐप अपने आप सामने वाले शख्स से वही सवाल पूछ लेगी, जो यूजर पूछना चाहता है. ऐप में अगर कोई दूसरा व्यक्ति चाहे तो वह अपनी आवाज में भी वॉइस नोट सेव कर सकता है.

झारखंड के Dumka में पति के साथ मेला देखकर लौट रही महिला से 17 लोगों ने Gangrape किया।

Dumka: झारखंड के Dumka में एक महिला के साथ 17 युवकों के Gangrape की वारदात ने पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाले इस मामले में आरोपियों ने महिला के पति को बंधक बनाकर पीड़िता के साथ बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं इस सनसनीखेज वारदात ने तीन साल पुराने घाव को ताजा कर दिया। सितंबर 2017 में इसी तरह से एक युवती के साथ 17 युवकों ने गैंगरेप (Gangrape) किया था। उस समय भी युवती अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ घर वापस लौट रही थी।

2017 में भी Gangrape का ऐसा मामला सामने आया था

तीन साल पहले महिला से दरिंदगी का चौंकाने वाला मामला 6 सितंबर 2017 में उस समय सामने आया जब 19 वर्षीय युवती अपने एक पुरुष मित्र के साथ घूमने के लिए निकली थी। शाम में वो वापस लौट रही थी इसी दौरान दुमका के श्रीअमड़ा मोड़ के पास 17 युवकों ने उन्हें रोक लिया। पहले कुछ युवकों ने युवक-युवती से लूटपाट की कोशिश की। बाद में कुछ और युवकों के आने के बाद उन्होंने लड़की के फ्रेंड को बंधक बना लिया और पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म किया। इनमें चार आरोपियों की उम्र वारदात के समय 16 से 18 के बीच थी।

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17 में से 16 आरोपी हुए थे गिरफ्तार, 11 को मिली उम्र कैद

Gangrape की इस वारदात ने पूरे झारखंड को झकझोर के रख दिया था। बाद में पुलिस ने पीड़िता के बयान पर 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। वारदात के महज दो दिन के भीतर ही 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से 11 आरोपियों को बाद में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। ये सभी अपनी सजा काट रहे हैं। बाकी बचे आरोपियों में चार का मामला चाइल्ड कोर्ट में और एक का मामला जेजेबी कोर्ट में चल रहा है।

तीन साल पहले हुई इस वारदात और दुमका के मुफस्सिल थाना इलाके में महिला से गैंगरेप के मामले में कई समानताएं देखने को मिली हैं। दोनों ही मामले में 17 आरोपियों ने जघन्य घटना को अंजाम दिया। 2017 में हुई घटना के दौरान भी युवती के पुरुष मित्र को बंधक बनाया गया था। वहीं मंगलवार की घटना में महिला के पति को बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया गया। 2017 की वारदात में पीड़ित युवती के फ्रेंड ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसकी वजह से आरोपियों पर दो दिन में कार्रवाई की गई।