New Delhi: किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल(Piyush Goyal) ने कहा है कि अब यह आंदोलन (Farmers Protest) ज्यादातर लेफ्टिस्टों (Leftists) और माओवादियों (Maoists) के हाथ में चला गया है। ये वामपंथी दल (Left party)अपना एजेंडा चलाना चाहते हैं। गोयल (Piyush Goyal) ने किसानों से अपील की है कि वे उनके बहकावे में ना आकर सरकार (Government) से बातचीत करें। किसानों के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं और सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
कुछ थोड़े लोगों के लिए पूरे देश के किसानों का नुकसान नहीं
गोयल ने कहा कि वामपंथी किसानों को भड़का रहे हैं। गोयल ने उस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्या सरकार तीनों कृषि कानून वापस लेगी जिसकी किसान मांग कर रही है। गोयल ने साफ कहा कि इस बिल से देश के सभी किसानों को बेहद फायदा पहुंचने वाला है। कुछ थोड़े से लोगों के लिए पूरे देश के किसानों के फायदे का नुकसान नहीं किया जा सकता।
MSP, चर्चा सब कुछ पर सरकार दे रही है आश्वासन
किसान बिल के किसी भी मसले पर अगर चर्चा करना चाहते हैं तो सरकार से आकर बातचीत करे। सरकार इसके लिए तैयार है। जहां तक एमएसपी का सवाल है लोकसभा से लेकर सरकार की ओर से किसानों को पूरा आश्वासन दिया गया है कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा। यह जारी रहेगा। इस बार 23 फीसदी ज्यादा किसानों का अनाज खरीदा गया। गोयल ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि किसान देशहित में इस कानून को समझेंगे। इससे उन्हें तमाम तरह की बंदिशों से आजादी मिलेगी। अगर उनकी फसल के दाम कहीं भी ज्यादा मिल रहे हैं वे वहां जाकर खरीद सकते हैं।
Chandigarh: कृषि कानून (Farms Law) को लेकर जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच अब हरियाणा सरकार में खतरा मंडराता दिख रहा है। सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के नेतृत्व वाली सरकार में सहयोगी जेजेपी नेता और डेप्युटी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने सरकार को अल्टिमेटम दे दिया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों को एमएसपी (MSP) जरूर मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर वह इसे (MSP) सुरक्षित न रख सकें तो इस्तीफा दे देंगे।
हरियाणा सरकार में चल रही खिट-पिट को लेकर दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने गुरुवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी। चौटाला ने खुलेआम खट्टर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, ‘हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि किसानों को एमएसपी (MSP) मिलनी ही चाहिए। केंद्र सरकार ने जो लिखित प्रस्ताव दिए, उसमे एमएसपी (MSP) शामिल है। मैं जब तक डेप्युटी सीएम हूं तब तक किसानों के लिए एमएसपी (MSP) सुनिश्चित करने पर काम करूंगा। अगर मैं यह नहीं कर पाया तो इस्तीफा दे दूंगा।’
लिखित आश्वासन मिलने पर आंदोलन जारी रखने का तुक नहीं
चौटाला ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी (MSP) की लिखित गारंटी स्वीकार कर लिया है। लिखित आश्वासन मिलने पर आंदोलन (Farmers Protest) जारी रखने का कोई लॉजिक नहीं है। चौटाला ने कहा कि वह किसान पहले हैं और अगर किसान को उसकी प्रत्येक फसल के लिए एमएसपी (MSP) सुनिश्चित नहीं करा सका तो सबसे पहले इस्तीफा दे दूंगा।
जेजेपी का एक धड़ा दुष्यंत से असंतुष्ट
हालांकि जेजेपी विधायकों का एक धड़ा दुष्यंत से संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है। पार्टी में किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच हरियाणा में बीजेपी से समर्थन वापस लेने की चर्चा भी शुरू हो गई है। 10 में से 7 जेजेपी विधायक पहले ही कृषि कानून (Farms Law) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन कर चुके हैं।
चौटाला-खट्टर की लंच डिप्लोमेसी
गुरुवार को चौटाला ने सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) और कैबिनेट के दूसरे साथियों के लिए चंडीगढ़ में अपने आवास पर लंच रखा। इसके बाद चौटाला ने मीडिया से कहा कि उन्होंने किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने वाले केंद्रीय मंत्रियों और स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे अन्य लोगों से बात की है।
हमने किसानों को एमएसपी सुनिश्चित कराया
डेप्युटी सीएम ने कहा, ‘सबसे जरूरी और सबसे बड़ी मांग चौथी चीज-एमएसपी को जोड़ना था। हरियाणा में हमने यह सुनिश्चित किया है। राजस्थान ने किसानों को एमएमसपी नहीं दिलाई और वहां बाजरा सड़कों पर बिक रहा है। पंजाब ने भी किसानों को एमएसपी सुनिश्चित नहीं कराई। हरियाणा में हमने सुविधाएं दीं और आप देखेंगे कि भविष्य में भी हम गेहूं की खरीद और अच्छे तरीके से करेंगे।’
जहां तक एमएसपी (MSP) की बात है डॉ. अजय चौटाला पहले ऐसे थे जिन्होंने केंद्र सरकार को किसानों के लिए इसे सुनिश्चित करने को कहा था। मुझे उम्मीद है कि जब लिखित आश्वासन दिया चुका है तो आंदोलन (Farmers Protest) को आगे ले जाने का कोई तुक नहीं बनता।
New Delhi: बीजपी (BJP) ने देश भर में कृषि कानून (Farms Law) के पक्ष में माहौल बनाने के लिए व्यापक प्लानिंग की है। इसमें सोशल मीडिया (Social Media) में हैशटैग ट्रेंड करने से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस और किसान सम्मेलन शामिल हैं। 16 दिसंबर तक के कार्यक्रम तय किए गए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा (JP Nadda) की तरफ से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों को और प्रभारियों को कार्यक्रम की डिटेल भेजते हुए कहा गया है कि वह कार्यक्रम सुनिश्चित कर हर दिन की डिटेल भी भेंजे।
बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने आरोप लगाया कि विपक्ष मासूम किसानों (Farmers) को बहका रहा है। उन्होंने कहा कि क्या किसान आंदोलन (Farmers Protest) स्थल पर एसी, टीवी लगाकर आंदोलन कर सकता है? चाहर ने कहा कि यह विपक्ष (Opposition) का षडयंत्र है।
सोशल मीडिया पर हैशटैग ट्रेंड कराएगी बीजेपी
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी(BJP) शुक्रवार से लेकर 16 दिसंबर तक सोशल मीडिया (Social Media) में हैशटैग ट्रेंड करवाकर कृषि कानूनों (Farms Law) के फायदे बताएगी। सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि केंद्र की तरफ से दिए गए हैशटैग का व्यापक प्रचार कर इसे ट्रेंड कराना है। 14 से 16 दिसंबर तक किसान सम्मेलन-जनजागरण किया जाएगा। इसमें कृषि कानून (Farms Law) के संबंध में देश भर में 100 प्रमुख जगहों पर किसान सम्मेलन आयोजित कर जनजागरण अभियान के जरिए इसके फायदे बताए जाएंगे। केंद्र सरकार की तरफ से तैयार पर्चों को भी अलग अलग माध्यमों से घर घर पहुंचाने के लिए कहा गया है।
12 से 16 दिसंबर तक देश के सभी जिलों और प्रमुख जगहों पर सभी सहकारी संस्थाओं, एपेक्स लेबल कोऑपरेटिव संस्थाएं, एपीएमसी, मंडियां, जिला सहकारी संस्थाएं, विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पादों की संस्थाओं में जनसंपर्क अभियान और चर्चा का कार्यक्रम भी तय किया गया है। एक बीजेपी नेता के मुताबिक हमने सिख भाई-बहनों के लिए अलग से एक पुस्तिका भी छापी है जिसे वितरित किया जाएगा और ईमेल के जरिए भी भेजा जाएगा। 14 दिसंबर तक प्रदेश प्रवक्ताओं से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छोटी छोटी बैठकें लेने को भी कहा गया है।
किसानों के कंधों पर रखकर चलाई जा रही बंदूक
बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने कहा कि विपक्ष कृषि कानूनों को लेकर दुष्प्रचार कर रहा है और झूठ फैला रहा है। हमारा मकसद किसानों को सचाई बताना है। उन्होंने कहा कि हम किसानों का हित देख रहे हैं और विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी (BJP) नेता ने कहा कि टैंट के अंदर (आंदोलन स्थल पर) एसी, टीवी लगा रखे हैं, क्या किसान आंदोलन (Farmers Protest) करने एसी लेकर जा सकता है? उन्होंने कहा कि यह सरकार के खिलाफ बहुत बड़ा षडयंत्र हैं। वे ताकतें जिनका जनाधार खिसक गया हैं, जो पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) की लोकप्रियता से घबराए हैं उन्होंने किसानों के कंधों पर बंदूक रखी है। ये लोग किसान और जवान दोनों को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। चाहर ने कहा कि विपक्ष ने किसानों के मन में पहले दिन से ही भ्रम डालना शुरू किया। जब संसद चल रही थी तब विपक्ष कुछ नहीं बोला, लगता है विपक्ष लंबे वक्त से इस षडयंत्र को रच रहा था।
Patna: चारा घोटाले (Fodder Scam) से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की शुक्रवार को होने वाली सुनवाई को छह हफ्तों के लिए टाल दिया गया है. ख़बरों के मुताबिक, सुनवाई को इसलिए टाला गया, क्योंकि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की सज़ा का आधा वक्फा खत्म नहीं हुआ है, और जल्दी रिहाई के लिए यह ज़रूरी शर्त है. इस वक्फे के पूरा होने में 40 दिन शेष हैं.
इससे पहले यह सुनवाई इसलिए टली थी, क्योंकि CBI ने झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में अपना पक्ष दाखिल नहीं किया था. भ्रष्टाचार के मामले में चार साल की कैद की सज़ा काट रहे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को कई अन्य मामलों में ज़मानत मिल चुकी है.
यह लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आखिरी मामला है, और इस बार उन्हें इसमें भी ज़मानत पर रिहा हो जाने की उम्मीद है.पिछले माह हुई सुनवाई में उनके वकील कपिल सिब्बल ने CBI पर ‘जानबूझकर ज़मानत अर्ज़ी में देरी किए जाने’ का आरोप लगाया था.
‘दुमका ट्रेज़री केस’ बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका ट्रेज़री से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकाले जाने से जुड़ा है, और इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेज़री केस में अक्टूबर में ही ज़मानत मिल गई थी. लेकिन ‘दुमका ट्रेज़री केस’ की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ा.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता दिसंबर, 2017 में दोषी करार दिए जाने के बाद से जेल में ही हैं. उन्होंने अपनी सज़ा का अधिकतर हिस्सा झारखंड में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (RIMS) अस्पताल में बिताया है.
उनकी गैरमौजूदगी में उनके पुत्र तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) RJD का नेतृत्व करते रहे हैं और हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय उन्हें दिया जा रहा है. यह पिछले 40 साल में पहला मौका था, जब लालू प्रसाद यादव ने राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं किया.
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में पार्टी (RJD) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई, लेकिन विपक्षी गठबंधन बहुमत का आंकड़ा छूने में नाकाम रहा. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा था कि उनके पिता (Lalu Prasad Yadav) ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई के बाद 9 नवंबर को रिहा हो जाएंगे, और अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की ‘विदाई’ हो जाएगी. लेकिन नीतीश कुमार सत्ता में बने रहे.
KolKata: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने BJP प्रमुख जेपी नड्डा (BJP Chief JP Nadda) के काफिले पर हमले के मामले में केंद्र को रिपोर्ट भेजी है. जानकारी है कि गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी (DGP) को 14 दिसंबर को तलब किया गया है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. बता दें कि जेपी नड्डा (JP Nadda) की बंगाल यात्रा के दौरान गुरुवार को 24 परगना में उनके काफिले पर ईंट-पत्थर से हमला किया गया था. नड्डा ने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को इसके लिए जवाब देना होगा.
इस घटना के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर अमित शाह (Amit Shah) को रिपोर्ट भेजी है. शाह ने नड्डा के काफिले पर हुए हमले के एक घंटे बाद ही रिपोर्ट मांगी थी. शाह ने इस हमले को ‘प्रायोजित हिंसा’ बताते हुए इस घटना पर भी रिपोर्ट मांगी थी. इस हमले में कुछ नेताओं को चोट लगी थी और काफिले में शामिल गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं.
सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि अमित शाह (Amit Shah)19 और 20 को कोलकाता जा सकते हैं. पार्टी इस घटना पर ममता सरकार को आक्रामक रुख के साथ घेरना चाहती है. हालांकि, ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने बीजेपी (BJP) पर खुद यह हमला करवाने का आरोप लगाया है और कहा है कि बीजेपी (BJP) अगले छह महीनों के भीतर होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए ऐसा कर रही है.
नड्डा के काफिले पर हमले का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें दिख रहा है कि कार की विंडस्क्रीन पर ईंट फेंके जा रहे हैं. बताया गया कि यह कार जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले का हिस्सा थी. बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि नड्डा के दौरे के समय पार्टी कार्यालय के बाहर लाठी-डंडों से लैस ‘भीड़’ जमा थी. नड्डा ने बाद में कहा कि वो बुलेटप्रूफ गाड़ी में थे इसलिए बच गए. उन्होंने यह भी कहा था कि उनपर मां दुर्गा की कृपा थी कि वो हमले में बच गए.
Kolkata: पश्चिम बंगाल में बीजेपी (BJP) और टीएमसी (TMC) के बीच चल रहा राजनीतिक युद्ध दिनों-दिन तेज होता जा रहा है। गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP NADDA) के काफिले पर पथराव की घटना हुई। इसके बाद दोनों ओर से जुबानी जंग भी खूब चली।
सीएम ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने पथराव की इस घटना को बीजेपी (BJP) का नाटक बताते हुए कहा, उनके पास कोई और काम नहीं, सबके सब यहीं जमे रहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (AMIT Shah) 19 और 20 दिसंबर को भी पश्चिम बंगाल दौरे पर जा रहे हैं।
ममता (Mamta Banerjee) ने कहा, ‘उनके (बीजेपी) पास कोई और काम नहीं है। अकसर गृह मंत्री (Amit Shah) यहां होते हैं, बाकी समय उनके चड्ढा, नड्डा, फड्डा, भड्डा यहां होते हैं। जब उनके पास कोई दर्शक नहीं होता है, तो वे अपने कार्यकर्ताओं को नौटंकी करने के लिए कहते हैं।’
डायमंड हार्बर इलाके में हुई इस घटना पर ममता (Mamta) ने उंगली उठाते हुए कहा, ‘आपके साथ सुरक्षाकर्मी हैं। कोई आप पर हमला कैसे कर सकता है? हमले की योजना बनाई गई होगी, मैंने पुलिस से जांच करने के लिए कहा है। लेकिन मैं हर समय झूठ बर्दाश्त नहीं करूंगी। वे (भाजपा कार्यकर्ता) हर दिन हथियारों के साथ (रैलियों के लिए) आते हैं। वे खुद को थप्पड़ मार रहे हैं और इसका आरोप तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर लगा रहे हैं। जरा स्थिति के बारे में सोचिए। वे बीएसएफ, सीआरपीएफ, सेना और सीआईएसएफ के साथ घूम रहे हैं…तो फिर आप इतने भयभीत क्यों हो।’
नड्डा का पलटवार- ये बंगाली संस्कृति नहीं
ममता की बातें सुनकर नड्डा ने कहा, ‘उन्होंने मेरे बारे में बहुत सारी संज्ञाएं, विचार और शब्दावली दी है। ममता जी ये आपके संस्कारों के बारे में बताता है और ये बंगाली संस्कृति नहीं है. ममता जी बंगाल को कितना नीचे ले गई हैं।’
New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah)ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने राज्यपाल से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है. मामले को लेकर बीजेपी (BJP) की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद गृह मंत्रालय ने 12 घंटे के भीतर बंगाल प्रशासन से दो रिपोर्ट तलब की है.इससे पहले, पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले पर हुए हमले के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा था, ‘बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए जनता को जवाब देना होगा.’ उन्होंने गुरुवार को ट्वीट में लिखा, ‘आज बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है. केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है. बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘तृणमूल शासन में बंगाल अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में जा चुका है. टीएमसी (TMC) के राज में पश्चिम बंगाल के अंदर जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत कर चरम सीमा पर पहुँचाया गया है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए दु:खद भी है और चिंताजनक भी.’
आज बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है।
केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है। बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा।
ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक नाटकीय वीडियो में दिख रहा है कि कार की विंडस्क्रीन पर ईंट फेंके जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि ये कार जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले का हिस्सा थी. नड्डा ने कहा, ‘यदि मैं आज यहां मीटिंग के लिए पहुंच पाया हूं तो यह मां दुर्गा की कृपा के कारण हुआ है.’ उधर, तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर इरादतन उकसाने और परेशानी खड़ी करने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता जब कोलकाता के नजदीक साउथ 24 परगना में डायमंड हार्बर जा रहे थे तो दोपहर करीब 12 बजे उन पर हमला किया गया. डायमंड हार्बर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है.
नई दिल्ली: Farmers Protest : नए कृषि कानूनों (Farms Law) के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों के साथ पांच दौर की बातचीत विफल होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने गुरुवार को एक बार फिर किसान नेताओं को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि ये बिल किसानों के हित में है, ना कि उनके विरोध में. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “इन तीनों नए कानून के जरिए सरकार किसानों को मंडी के जंजीरों से दूर करना चाहती है. किसान अपने माल को किसी को भी, कहीं भी मनचाही कीमत पर बेचने के लिए स्वतंत्र हो, इसके लिए नया कानून लाया गया.”
कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी (MSP) को लेकर मोदी सरकार (Modi Govt.) लिखित आश्वासन देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि एमएसपी(MSP) को लेकर मोदी सरकार कटिबद्ध है और रहेगी.
कृषि मंत्री ने आगे कहा, ” मैं किसान संगठनों से आग्रह करता हूं कि वह सरकार की तरफ से दिए गए लिखित प्रस्ताव पर विचार करें और जब भी उस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए उनकी तरफ से कहा जाएगा सरकार बातचीत के लिए तैयार रहेगी.”
नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि नए कानून में विवाद समाप्त करने का अधिकार एसडीएम को दिया गया है, किसानों ने जब इस पर सवाल उठाया तो हमनें प्रस्ताव रखा की कोर्ट जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं.
इसके अलावा किसान यूनियनों द्वारा नए बिजली (संशोधित) बिल पर सवाल उठाने को लेकर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों को बिजली सब्सिडी की जो मौजूदा व्यवस्था है वह जारी रहेगी.
गुरुवार को हई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में तोमर ने कहा, “पिछले संसद के सत्र में भारत सरकार तीन कानून लेकर आई थी. कृषि के क्षेत्र में ये दो कानून है जिनका कृषि उपज और वाणिज्य से संबंधित है और उनके मूल्य आश्वासन से संबधित है. इन दोनों कानूनों पर लोकसभा और राज्य सभा में 4-4 घंटे सभी सांसदों ने स्वच्छंद होकर अपना विचार प्रस्तुत किया, पक्ष और विपक्ष दोनों ने. लोकसभा में ये पारित हुआ…”
इसके बाद राज्य सभा में इस पर 4 घंटे की चर्चा पूरी हुई और जब मेरे जवाब देने की स्थिति खड़ी हुई तो प्रतिपक्ष के लोगों ने बहुत ही अभद्र घटना को अंजाम दिया जो देश लोकतांत्रिक इतिहास में हमेशा काले धब्बे के रूप में अंकित रहेगी. लेकिन दोनों कानून पारित हुए, महामहिम राष्ट्रपति जी के पास भेजे गए और उनके हस्ताक्षर के बाद ये कानून देशभर में लागू हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “हम सब जानते हैं कि कृषि के क्षेत्र में योजनाओं और कानूनों के माध्यम से काफी कुछ किया जाता रहा है. लेकिन कृषि क्षेत्र में नीजि निवेश गांवों तक और खेत तक पहुंचे इसकी संभावनाएं ना के बराबर थी. और कानून के माध्यम से भी जो बंदिशें थी वो खुले इसका देशभर को इंतजार था. “
Haryana: हरियाणा के पानीपत (Panipat) जिले के गांव नौल्था में एक नई नवेली दुल्हन (Bride) हजारों रुपये की नकदी और गहने लेकर फरार हो गई. शादी (Marriage) को अभी सिर्फ 8 दिन ही हुए थे. दिनेश ने शादी कर घर बसाने के अच्छे खवाब देखे थे. न केवल शादी का सारा खर्च खुद उठाया, बल्कि दुल्हन (Bride) को नकदी से लेकर हजारों रुपये के जेवरात भी पहनाए. लेकिन, उन्हें क्या पता था की वह जो दुल्हन (Bride) ला रहा है, वही उसे उजाड़ कर चली जाएगी.
दुल्हन ने भागने से पहले ससुरालियों को जहरीला दूध पिला दिया था. हालांकि, सभी खतरे से बाहर हैं, लेकिन एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. पुलिस ने दूल्हे की शिकायत पर आरोपी दुल्हन, उनकी बहन बिमलेश, जालपाड़ निवासी दिनेश, पत्नी, मां और पंडित कृष्ण के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वहीं, आरोपी दुल्हन की तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है.
दूल्हे ने ही शादी का सारा खर्च वहन किया
दिनेश ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी गत 2 दिसंबर को सुनीता गांव पावा, गली नं 7 अल्मोड़ा जिला उत्तराखंड के साथ हुई थी. बिचौलिया दिनेश, उसकी पत्नी व उसकी मां कृष्णा थे. उक्त लोगों से कृष्ण पंडित निवासी पलड़ी ने मिलवाया था. रिश्ता तय होने के बाद 2 दिसंबर को शादी होनी तय हुई. शादी में दहेज नहीं लिया गया, लेकिन दूल्हे ने ही शादी का सारा खर्च वहन किया.
जान से मारने की नीयत से जहर दिया
दुल्हन को सोने-चांदी के गहने और हजारों रुपये के कपड़े वर पक्ष से दिलवाए गए थे. हफ्ता भर ही हुआ था कि सुनीता ने यह हरकत कर दी. दिनेश ने बताया कि जहरीला दूध पीने के बाद वह और उनके माता-पिता बेहोश हो गए थे और उनकी आंखें अस्पताल में खुलीं. डॉक्टर ने बताया कि मारने की नीयत से जहर दिया गया था. गनीमत रही कि मौके पर पड़ोसी पहुंच गए और सभी को अस्पताल ले आए वरना बड़ा हादसा हो जाता.
New Delhi: देशभर में कई जगहों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखी. इस बीच, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली और उसके आसपास हो रही किसान आंदोलन की याद दिलाई. कांग्रेस (Congress) ने कहा कि इतिहास में यह भी दर्ज होगा कि जब अन्नदाता सड़कों पर 16 दिन से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे तब आप सेंट्रल विस्टा (Central Vista) के नाम पर अपने लिए महल खड़ा कर रहे थे!
कांग्रेस (Congress) प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने निशाना साधते हुए कहा, “मा. मोदी जी, संसद पत्थर से बनी इमारत नहीं… संसद प्रजातंत्र है, संसद संविधान की मर्यादाओं को मानना है, संसद आर्थिक और सामाजिक समानता है, संसद देश का भाईचारा और सद्भाव है, संसद 130 करोड़ भारतीयों की आशा है. ज़रूर सोचिए, इन सब को रौंद कर बनाई गई नई संसद की इमारत कैसी होगी?
सुरजेवाला ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “मोदी जी, इतिहास में यह भी दर्ज होगा कि जब अन्नदाता सड़कों पर 16 दिन से हक़ों की लड़ाई लड़ रहे थे तब आप सेंट्रल विस्टा के नाम पर अपने लिए महल खड़ा कर रहे थे! लोकतंत्र में सत्ता, सनक पूरी करने का नहीं, जनसेवा और लोक कल्याण का माध्यम होती है.”
कड़ाके की ठंक में डटे किसानों ने कहा कि वे अपने प्रदर्शन को और तेज करेंगे. किसान आंदोलन शुरू होने से अब तक पांच किसानों की मौत हो चुकी है. किसानों ने केंद्र की ओर से दिए गए कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद इसे मानने से इनकार कर दिया और कहा कि वो अपना प्रदर्शन और तेज करेंगे. उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को ही वापस ले. किसानों ने 14 तारीख को पूरे देश में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
Delhi BJP ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) और दुर्गेश पाठक के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है. बीजेपी का आरोप है कि एक ओर केजरीवाल सरकार निगम का बकाया 13000 करोड़ का फंड नहीं दे रही है. वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी नेता मुख्यमंत्री आवास के बाहर फंड की मांग को लेकर धरने पर बैठे निगम नेताओं को मारने की साजिश रच रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने निगम नेताओं को मारने की साजिश रचे जाने की आंशका जाहिर करते हुए इसके लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया है.
Delhi BJP के एक प्रतिनिधिमंडल ने महापौरों को मारने की साजिश किए जाने का आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक के खिलाफ पुलिस मे शिकायत दर्ज कराई और दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने का आग्रह किया. प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल, प्रदेश उपाध्यक्ष राजन तिवारी, प्रदेश एससी मोर्चा अध्यक्ष भूपेंद्र गोठवाल, प्रदेश कार्यालय मंत्री हुकम सिंह एवं प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष वासु रूखड़ शामिल थे. डीसीपी ने एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इस मुद्दे पर कल प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता उपमुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे.
बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप
प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि पूरी दिल्ली ने उस वीडियो को देखा जिसमें आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक सरेआम कह रहे हैं कि उन्हें निगम नेताओं को मारना है और बगल में खड़े उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उन्हें यह कहकर शांत करा रहे हैं कि यहां मीडिया है. अगर वहां मीडिया मौजूद ना होती तो आम आदमी पार्टी नेता उस साजिश को अंजाम भी दे सकते थे. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद इस आपराधिक साजिश में संलिप्त हैं.
प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संरक्षण में आम आदमी पार्टी अपराधियों की पार्टी बनती जा रही है जिसका ताजा उदाहरण आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक हैं जिन्होंने सबके सामने निगम के मेयरों को जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का आपराधिक इतिहास बहुत पुराना है. पहले भी उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव को घर पर बुलाकर उसके साथ मारपीट किया था. पूर्व में प्रदेश भाजपा के प्रतिनिधिमंडल के साथ भी मुख्यमंत्री आवास पर दुर्व्यवहार किया गया. मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के दो करोड़ लोगों के हित में निगम नेताओं द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को रोकने के लिए और जनता की आवाज को दबाने के लिए मेयरों को जान से मारने पर उतर आए हैं.
New Delhi: Google ने एक नई ऐप लॉन्च की है, जो बोलने में परेशानी का सामना करने वाले लोगों के लिए अपनी बात पहुंचाना आसान बना सकती है. इसे ‘लुक टू स्पीक’ (Look To speak) नाम दिया गया है. यह आंखों की मदद से फोन पर लिखे टेक्स्ट को जोर से पढ़कर सामने वाले को बताएगी. यह उन लोगों के लिए मददगार साबित होगी जिन्हें बोलने में परेशानी होती है और अपनी बात पहुंचाने के लिए किसी डिवाइस का इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐप को ‘एक्सपेरिमेंट विद गूगल प्लेटफॉर्म’ पर तैयार किया गया है.
ये ऐप Google Play Store के माध्यम से सभी एंड्रॉयड वन डिवाइसेस और एंड्रॉयड 9.0 से ऊपर के वर्जन के लिए उपलब्ध है. इसके अलावा ऐप में कई ऑप्शन दिए गए हैं, जिनकी मदद से यूजर्स इसे अपने हिसाब से सेट कर सकता है.
इस तरह करता है काम
ऐप के इस्तेमाल के लिए लोगों को अपने फोन को स्थिर रखना होगा. इसके बाद उन्हें फोन में लिखे टेक्स्ट की तरफ देखना होगा. अगर वो ऊपर की तरफ देखते हैं तो ऐप वहां लिखे टेक्स्ट को जोर से बोलकर सुनाएगी. इसी तरह ऐप फोन में नीचे, दाएं या बाएं तरफ देखने पर वहां लिखी बातों को जोर से बोलकर बता देगी. इसके लिए यह ऐप आंखें की हलचल को ट्रैक करती है कि यूजर कहां देख रहा है.
Google का दावा है कि सभी डेटा निजी है और फोन को कभी नहीं छोड़ता है. लोगों को इस ऐप को इस्तेमाल करने में मदद के लिए Google ने एक ट्यूटोरियल और एक गाइड बनाई है. जिसमें टॉप टिप्स दिए गए हैं जैसे कि फोन को किस पॉजिशन में रखना है, आंखों से किस तरह इशारा करना है आदि. ऐप के आधिकारिक ब्लॉग में दावा किया गया है कि यह ऐप कई लोगों के लिए काम आसान कर सकती है. इस ऐप की मदद से लोग बिना किसी अन्य डिवाइस के अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकेंगे.
पहले से मौजूद हैं ऐप में कई सवाल
ऐप में पहले से ‘आपका नाम क्या है?’, ‘आप कैसे हैं’ जैसे कई सवाल शामिल किए गए हैं. यूजर्स को सिर्फ इनकी तरफ देखना होगा और ऐप अपने आप सामने वाले शख्स से वही सवाल पूछ लेगी, जो यूजर पूछना चाहता है. ऐप में अगर कोई दूसरा व्यक्ति चाहे तो वह अपनी आवाज में भी वॉइस नोट सेव कर सकता है.
Dumka: झारखंड के Dumka में एक महिला के साथ 17 युवकों के Gangrape की वारदात ने पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाले इस मामले में आरोपियों ने महिला के पति को बंधक बनाकर पीड़िता के साथ बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं इस सनसनीखेज वारदात ने तीन साल पुराने घाव को ताजा कर दिया। सितंबर 2017 में इसी तरह से एक युवती के साथ 17 युवकों ने गैंगरेप (Gangrape) किया था। उस समय भी युवती अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ घर वापस लौट रही थी।
2017 में भी Gangrape का ऐसा मामला सामने आया था
तीन साल पहले महिला से दरिंदगी का चौंकाने वाला मामला 6 सितंबर 2017 में उस समय सामने आया जब 19 वर्षीय युवती अपने एक पुरुष मित्र के साथ घूमने के लिए निकली थी। शाम में वो वापस लौट रही थी इसी दौरान दुमका के श्रीअमड़ा मोड़ के पास 17 युवकों ने उन्हें रोक लिया। पहले कुछ युवकों ने युवक-युवती से लूटपाट की कोशिश की। बाद में कुछ और युवकों के आने के बाद उन्होंने लड़की के फ्रेंड को बंधक बना लिया और पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म किया। इनमें चार आरोपियों की उम्र वारदात के समय 16 से 18 के बीच थी।
17 में से 16 आरोपी हुए थे गिरफ्तार, 11 को मिली उम्र कैद
Gangrape की इस वारदात ने पूरे झारखंड को झकझोर के रख दिया था। बाद में पुलिस ने पीड़िता के बयान पर 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। वारदात के महज दो दिन के भीतर ही 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से 11 आरोपियों को बाद में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। ये सभी अपनी सजा काट रहे हैं। बाकी बचे आरोपियों में चार का मामला चाइल्ड कोर्ट में और एक का मामला जेजेबी कोर्ट में चल रहा है।
तीन साल पहले हुई इस वारदात और दुमकाके मुफस्सिल थाना इलाके में महिला से गैंगरेप के मामले में कई समानताएं देखने को मिली हैं। दोनों ही मामले में 17 आरोपियों ने जघन्य घटना को अंजाम दिया। 2017 में हुई घटना के दौरान भी युवती के पुरुष मित्र को बंधक बनाया गया था। वहीं मंगलवार की घटना में महिला के पति को बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया गया। 2017 की वारदात में पीड़ित युवती के फ्रेंड ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसकी वजह से आरोपियों पर दो दिन में कार्रवाई की गई।
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में बृहस्पतिवार को जिला विकास परिषद (DDC) के चुनाव के पांचवें चरण में करीब आठ लाख से अधिक मतदाता, 299 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। कश्मीर (Kashmir) डिवीजन के 37 और जम्मू (Jammu) के 20 चुनाव क्षेत्रों में सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे के बीच मतदान होगा। कड़ाके की ठंड की वजह से सुबह कम ही लोग निकले।
Jammu प्रखंड में 40 महिला उम्मीदवार हैं
सुरक्षा के व्यापक इंतजामों के साथ ही वोटिंग सेंटर पर पहुंचे मतदाताओं का संक्रमण के मद्देनजर कोविड-19 टेस्ट भी किया गया। कश्मीर प्रखंड में 30 महिला उम्मीदवारों समेत 155 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। वहीं जम्मू प्रखंड में 40 महिला उम्मीदवारों समेत 144 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। राज्य चुनाव आयुक्त के. के. शर्मा ने कहा कि डीडीसी चुनाव के अलावा सरपंच के 58 पदों और पंच के 218 पदों के लिए पंचायत उपचुनाव भी हो रहे हैं।
Tokyo: Covid-19 Pandemic: बिना मास्क के सिर्फ फेस शील्ड (Face Shield) पहनना कोविड-19 (Covid-19) से बचाव में कारगर नहीं है क्योंकि हवा के प्रवाह से आसपास के छोटे कण प्लास्टिक के बने इन शील्ड (Face Shield) के भीतर पहुंच सकते हैं. एक नए अध्ययन (Research) में यह जानकारी दी गई है. शोध पत्रिका ‘फिजिक्स ऑफ फ्लूड्स’ में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि कई लोग मास्क की जगह फेस शील्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूलों, विश्वविद्यालयों, रेस्टोरेंट और कारोबार करने की जगह पर इसका इस्तेमाल बढ़ गया है. जापान में फुकुओका यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों समेत कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि छींकने से जो कण निकलते हैं, वे फेस शील्ड (Face Shield) को पार कर सकते हैं.
अध्ययन के सहलेखक फुकुओका यूनिवर्सिटी से फुइजो अकागी ने कहा, ‘‘ये कण फेस शील्ड से होकर तुरंत महज आधे से एक सेकंड के भीतर चेहरे तक पहुंच सकते हैं जिससे व्यक्ति को छींकें आनी शुरू हो सकती हैं.”अध्ययन (Research)में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि फेस शील्ड पहना व्यक्ति अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के आस पास एक मीटर के दायरे में रहता है तो उसकी (संक्रमित व्यक्ति की) छींक का क्या असर होगा. विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा कि छींक के बाद निकले कण बेहद तेज गति से निकलते हैं और हवा में भी इनका प्रवाह तीव्र होता है.
वैज्ञानिकों ने बताया कि ये कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि इन्हें माइक्रोस्कोप के माध्यम से ही देखा जा सकता है. ये कण शील्ड के ऊपरी और निचले खुले किनारों से होते हुए भीतर चेहरे तक पहुंच सकते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मास्क के बगैर सिर्फ फेस शील्ड पहनना कोविड-19 से बचाव में बिल्कुल कारगर नहीं है.
नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की ओर से निर्मित कोरोना वैक्सीन (COVID-19 vaccine) के इमरजेंसी उपयोग के अनुरोध को बुधवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मंजूरी नहीं मिल सकी. दोनों कंपनियों से अगली बैठक में और अधिक डाटा पेश करने का कहा गया है, अगली बैठक की तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है. गौरतलब है कि वैक्सीन की उपयुक्तता (suitability) पर अंतिम फैसला ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) के द्वारा लिया जाएगा.
सेंट्रल ड्रग्स स्टेंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (CDSCO) की एक्सपर्ट कमेटी की आज बैठक हुई जिसमें फाइजर (Pfizer), सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के आवेदनों की समीक्षा की गई. सूत्रों की ओर से कहा गया है कि मंजूरी (Approvals) लंबी प्रक्रिया होती है और आज की समीक्षा केवल शुरुआत है.
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सीरम इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने कहा, ‘सरकार के लिए ऐसे मामलों में कई बैठकें आयोजित करना मानक प्रक्रिया है. प्रक्रिया को एक या दो सप्ताह में हरी झंडी मिलने की संभावना है.’
गौरतलब है कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कोविशील्ड की मंजूरी के लिए 6 दिसंबर को आवेदन किया था, दूसरी ओर, मशहूर फार्मा कंपनी फाइजर ने ब्रिटेन और बहरीन में क्लीयरेंस हासिल करने के लिए भारत में मंजूरी की मांग की थी.
इसी क्रम में सोमवार को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक अपनी कोरोना वैक्सीन Covaxin के आपात उपयोग में मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के समक्ष आवेदन करने वाली तीसरी वैक्सीन निर्माता कंपनी बनी थी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले माह हैदराबाद और पुणे का दौरा करके कोरोना वैक्सीन से संबंधित प्रगति की समीक्षा की थी. चार दिसंबर को आयोजित सर्वदलीय बैठक में पीएम ने उम्मीद जताई थी कि कोविड-19 वैक्सीन अगले कुछ सप्ताह में तैयार हो सकती है.
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) में संशोधनों को लेकर सरकार (Goverment) के प्रस्ताव आंदोलनरत किसानों (Farmers) को मंजूर नहीं हैं. किसानों ने आज प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि हमें जो प्रस्ताव मिला है उसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं. हम जियो (Jio) के सारे मॉल्स का बहिष्कार करेंगे. हम 14 तारीख को ज़िला मुख्यालयों को घेरेंगे. पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को जयपुर- दिल्ली हाईवे को रोकेंगे.
किसानों ने कहा कि वे 14 दिसंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे. वे 12 दिसंबर को पूरे देश के टोल प्लाज़ा जाम कर देंगे. इसी दिन दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंद करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हाईवे इससे पहले भी बंद किया जा सकता है. किसान संगठन के नेता डॉ दर्शनपाल ने कहा कि हम रिलायंस के सारे मॉलों का बहिष्कार करेंगे.
नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार को 14वें दिन भी किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. केंद्र सरकार (Centre Govt) और किसानों की मंगलवार रात हुई बैठक में सरकार द्वारा किसानों को प्रस्ताव भेजे जाने की बात कही गई. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार, MSP खत्म नहीं होगा. सरकार MSP को जारी रखेगी और इसके लिए कानून बनाया जाएगा.
सरकार की ओर जारी किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, मंडी कानून APMC में बड़ा बदलाव होगा. प्राइवेट प्लेयर्स को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सरकार अब कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग में किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार भी देगी. अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन को भी मंजूरी मिलेगी. प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने को मंजूरी दी जाएगी. फिलहाल सरकार इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल पेश नहीं करेगी. इसमें बदलाव किए जाने के बाद इसे सदन में पेश किया जाएगा.
केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के सामने जो रखे हैं वे किसान संगठनों ने स्वीकार नहीं किए. केंद्र सरकार के प्रस्ताव मुख्य रूप से यह हैं-
1. राज्य सरकार प्राइवेट मंडियों पर भी शुल्क/फीस लगा सकती है.
2. राज्य सरकार चाहे तो मंडी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर सकती है.
3. किसानों को कोर्ट कचहरी जाने का विकल्प भी दिया जाएगा.
4. किसान और कंपनी के बीच कॉन्ट्रैक्ट की 30 दिन के अंदर रजिस्ट्री होगी.
5. कॉन्ट्रैक्ट कानून में स्पष्ट कर देंगे कि किसान की जमीन या बिल्डिंग पर ऋण या गिरवी नहीं रख सकते.
6. किसान की ज़मीन की कुर्की नहीं हो सकेगी.
7. एमएसपी की वर्तमान खरीदी व्यवस्था के संबंध में सरकार लिखित आश्वासन देगी.
8. बिजली बिल अभी ड्राफ्ट है, इसे नहीं लाया जाएगा.
9. एनसीआर में प्रदूषण वाले कानून पर किसानों की आपत्तियों का समुचित समाधान किया जाएगा.
तमिल एक्ट्रेस और वीजे चित्रा कामराज (chitra kamaraj)की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई है। वे 29 साल की थीं। बुधवार को उनका शव चेन्नई के नजरथपेट स्थित एक होटल के कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला। न्यूज एजेंसी एएनआई के सोशल मीडिया अकांउट से चित्रा (chitra kamaraj) की मौत को लेकर लिखा गया है, “टीवी एक्ट्रेस और वीजे चित्रा चेन्नई के बाहरी इलाके के एक होटल में मृत मिलीं। पुलिस मौत के कारणों का पता लगा रही है। उनका शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। जांच जारी है।”
मौत से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अंतिम पोस्ट की थी, जो यह फोटो थी
मैनेजर ने पुलिस को किया था इन्फॉर्म
नजरथपेट पुलिस ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से बातचीत में बताया कि होटल के मैनेजर ने रात 2:30-2:45 बजे पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 पर कॉल कर घटना की सूचना दी। पुलिस ने कहा, “सूचना मिलते ही हम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए। शव को कब्जे में लेकर किल्पौक गवर्नमेंट हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। हम मौत के कारणों का पता लगा रहे हैं।”
हाल ही में बिजनेसमैन से सगाई की थी
चित्रा तमिल टीवी इंडस्ट्री की पॉपुलर एक्ट्रेस और वीजे थीं। हाल ही में उन्होंने बिजनेसमैन हेमंत से सगाई की थी। रिपोर्ट्स की मानें तो वे होटल में अपने मंगेतर के साथ रह रही थीं और EVP फिल्मसिटी में शूटिंग कर रही थीं।
सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर मुंबई पुलिस
चित्रा की मौत के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स सुशांत सिंह राजपूत की मौत को याद कर मुंबई पुलिस को निशाने पर ले रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है, “इस केस को करप्ट मुंबई पुलिस को सौंप दो, वे इसे खुदकुशी बता देंगे और कुछ लुटियन मीडिया भी इसे आत्महत्या बताएगी।”
Bajrang Baan: हनुमान जी एक ऐसे देवता है जो कलयुग में भी पृथ्वी पर विराजमान हैं। भगवान हनुमान की पूजा आराधना करने से मनुष्य हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है। इनकी पूजा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। ज्यादातर लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। यह तो फायदेमंद होता ही है साथ ही अगर Bajrang Baan का पाठ किया जाए तो इससे भक्तों को बजरंगबली की असीम कृपा प्राप्त होती है।
सामग्री की तालिका
इस पाठ को करने से आप कई तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं, लेकिन Bajrang Baan का पाठ करते समय आपको इसकी विधि, नियम और सावधानियों के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ करने की विधि और नियम के बारे में।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी की आराधना करने से जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
भगवान हनुमान प्रभु श्री राम के परम् भक्त हैं, इसलिए Bajrang Baan में मुख्य रूप से भगवान् राम की भी सौगंध के लिए कुछ पंक्तियां दी गई है। ऐसा माना जाता है कि जब भी आप श्री राम का सौगंध लेंगें, तो हनुमान जी आपकी मदद जरूर करेंगे। इसलिए पाठ में इन पक्तियों के जरूर पढ़ना चाहिए।
इस प्रकार हैं प्रभु श्रीराम की सौंगध की पंक्तियां
भूत प्रेत पिशाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर
इन्हें मारु,तोहिं सपथ राम की। राखु नाथ मर्याद नाम की।
जनक सुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ विलम्ब न लावौ।
उठु उठु चलु तोहिं राम दोहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई।।
भगवान हनुमान की पूजा आराधना करने से मनुष्य हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है.
बजरंग बाण पाठ मंगलवार से शुरू करना चाहिए
मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थान पर भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित करें।
भगवान गणेश सभी देवों में प्रथम पूजनीय हैं. इसलिए बजरंग बाण का आरंभ करते समय सर्वप्रथम गणेश जी की आराधना करें।
इसके बाद भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें।
उसके बाद हमुमान जी को प्रणाम करके बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें।
हनुमान जी को फूल अर्पित करें और उनके समक्ष धूप, दीप जलाएं।
कुश से बना आसन बिछाएं और उस पर बैठकर बजरंग बाण का पाठ आरंभ करें।
पाठ पूर्ण हो जाने के बाद भगवान राम का स्मरण और कीर्तन करें।
हनुमान जी को प्रसाद के रूप में चूरमा, लड्डू और अन्य मौसमी फल अर्पित कर सकते हैं।
बजरंग बाण के नियम
धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी की आराधना करने से जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
जितनी बार Bajrang Baan पाठ का संकल्प लें, उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ करें. अगर आप गिनती याद रख सकते हैं तो बिना माला के भी जाप कर सकते हैं।
बजरंग का बाण पाठ करते समय ध्यान रखें कि शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट होना चाहिए।
अगर आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो कम से कम 41 दिनों तक यह पाठ नियमपूर्वक करें।
पाठ के दिनों में दौरान विशेष रूप से लाल रंग के कपड़े धारण करें।
आपको जितने दिन तक बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना जरूरी है।
जितने दिन भी आपको Bajrang Baan का पाठ करना हो उतने दिनों तक किसी प्रकार का नशा या तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
इन स्थितियों में कभी भूलकर भी न करें बजरंग बाण का पाठ
कभी किसी का बुरा करने की कामना के साथ बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।
किसी भी अनैतिक कार्य की पूर्ति के लिए या फिर किसी से विवाद की स्थिति में विजय पाने के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।
कर्म करना जीवन में बहुत आवश्यक होता है इसलिए बिना प्रयास के ही किसी कार्य में सफलता पाने के उद्देश्य से बजरंग बाण का पाठ न करें।
धन, ऐश्वर्य या किसी भी भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।
साल 2020 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)14 दिसंबर को घटित होगा. सूर्य ग्रहण वह घटना है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आंशिक या पूर्ण रूप से आ जाता है. साल के इस अंतिम सूर्य ग्रहण से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आपको जरूर रखनी चाहिए. साल 2020 के जून महीने में पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) हुआ था. ये सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को पड़ा था. साल 2020 में कुल 6 ग्रहण हुए. इसमें 2 सूर्य ग्रहण और 4 चंद्र ग्रहण शामिल हैं. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं. जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं.
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर 2020 से शुरू होकर 15 दिसंबर 2020 तक रहेगा. यह सूर्य ग्रहण राशिचक्र की आठवीं राशि वृश्चिक में होगा इसलिए इस राशि के लोगों को संभलकर रहना होगा.
दिनांक- 14-15 दिसंबर
सूर्य ग्रहण प्रारंभ- 19:03:55 बजे से
सूर्य ग्रहण समाप्त- 00:23:03 बजे तक
यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा लेकिन यह भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए भारत में इसका सूतक भी लागू नहीं होगा. यह सूर्य ग्रहण, अफ्रीका महाद्वीप का दक्षिणी भाग, साउथ अमेरिका का अधिकांश भाग, प्रशांत महासागरीय क्षेत्र, अटलांटिक, हिन्द महासागर और अंटार्टिका में दृश्यमान होगा.
ज्योतिष में सूर्य ग्रहण
वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रहण को आत्म कारक माना जाता है. यह आत्मविश्वास, व्यक्तित्व, पिता, सरकारी नौकरी, नेतृत्व आदि का कारक भी है. राशिचक्र की प्रथम राशि मेष में यह उच्च का होता है जबकि सप्तम राशि तुला में यह नीच अवस्था में माना जाता है. कुंडली में इसकी शुभ स्थिति व्यक्ति को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं दिलाती है. वहीं यदि कुंडली में यह कमजोर अवस्था में है तो व्यक्ति को जीवन भर संघर्ष करना पड़ता है. चंद्रमा, मंगल और गुरु इसके मित्र ग्रह हैं. वहीं शुक्र और शनि इसके शत्रु हैं. बुध के साथ इसका संबंध तटस्थ है