न्युमोनिया (Pneumonia), एक प्रकार का गंभीर फेफड़ों का संक्रमण है जो बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। यह बीमारी आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस, या फंगस से होती है और फेफड़ों में सूजन और संक्रमण का कारण बनती है। बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे उनका शरीर इस संक्रमण से लड़ने में उतना सक्षम नहीं होता, और इस कारण से न्युमोनिया अधिक गंभीर हो सकता है।
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बुजुर्गों में Pneumonia के कारण:
- कमजोर इम्यून सिस्टम: उम्र बढ़ने के साथ शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता (immunity) कमजोर हो जाती है, जिससे बुजुर्गों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- लंबे समय तक बीमारियाँ: हृदय रोग, मधुमेह (diabetes), अस्थमा, या अन्य क्रॉनिक बीमारियों का होना भी न्युमोनिया (Pneumonia) के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- धूम्रपान और शराब का सेवन: यदि बुजुर्ग व्यक्ति धूम्रपान करते हैं या शराब का अत्यधिक सेवन करते हैं, तो उनके फेफड़े पहले से ही कमजोर होते हैं, और यह संक्रमण के लिए एक आदर्श स्थिति प्रदान करता है।
- हॉस्पिटल में संक्रमण (Hospital-acquired pneumonia): यदि बुजुर्ग व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं, तो वहाँ संक्रमण का जोखिम अधिक होता है।
- ऑक्सीजन की कमी: अगर बुजुर्ग व्यक्ति लंबे समय तक ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं या सांस की बीमारी से पीड़ित हैं, तो उनका शरीर आसानी से संक्रमित हो सकता है।
- फ्लू या सर्दी-जुकाम का बादल प्रभाव: अक्सर फ्लू या सर्दी-जुकाम के बाद बुजुर्गों में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।
Pneumonia के लक्षण:
- जोर से खांसी (Cough): यह खांसी सूखी भी हो सकती है, या इसमें बलगम या म्यूकस भी निकल सकता है।
- सांस लेने में कठिनाई (Shortness of breath): सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और श्वास में तेजी आ सकती है।
- सांस की झपकन (Rapid breathing): फेफड़ों में संक्रमण होने पर सांस लेने की गति बढ़ जाती है।
- छाती में दर्द (Chest pain): छाती में दर्द हो सकता है, जो खांसी के साथ तेज हो सकता है।
- उच्च बुखार (Fever): बुखार के साथ शीतलहर (chills) का अहसास भी हो सकता है।
- थकावट (Fatigue): अत्यधिक थकावट और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- ब्लू स्किन (Cyanosis): अगर ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो जाए, तो होंठ, नाखून, या त्वचा का रंग नीला हो सकता है।
- विकृत मानसिक स्थिति (Confusion or Delirium): बुजुर्गों में यह लक्षण अधिक देखे जाते हैं, खासकर यदि वे बहुत बीमार हों।
Pneumonia से बचाव के उपाय:
- टीकाकरण (Vaccination): बुजुर्गों के लिए निमोनिया से बचाव के टीके उपलब्ध होते हैं। जैसे कि Pneumococcal vaccine और flu vaccine (फ्लू का टीका)। ये टीके संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
- स्वस्थ आहार: एक संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार से शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता मजबूत रहती है। विटामिन C, D, और जिंक का सेवन फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
- स्वच्छता बनाए रखें: हाथों की सफाई, खांसी और छींक के दौरान मुँह को ढकना, और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना संक्रमण से बचने के उपाय हैं।
- धूम्रपान और शराब से बचें: इनसे फेफड़ों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- नियमित व्यायाम: हल्का-फुल्का व्यायाम फेफड़ों को मजबूत बनाए रखता है और श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
- हवा का संचार (Ventilation): घर के अंदर ताजे हवा का संचार बनाए रखें, खासकर ठंडे मौसम में जब खिड़कियां बंद रहती हैं।
- सर्दी-जुकाम का उचित इलाज: सर्दी-जुकाम होने पर उसे नजरअंदाज न करें। जल्दी इलाज से जटिलताओं से बचा जा सकता है।
Pneumonia का इलाज:
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- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics): बैक्टीरियल न्यूमोनिया के लिए एंटीबायोटिक्स सबसे सामान्य उपचार होते हैं। डॉक्टर संक्रमित बैक्टीरिया के प्रकार के अनुसार दवाइयाँ देते हैं।
- एंटीवायरल दवाइयाँ (Antiviral drugs): अगर न्यूमोनिया का कारण वायरस है, तो डॉक्टर एंटीवायरल दवाइयाँ लिख सकते हैं।
- ऑक्सीजन थेरेपी (Oxygen therapy): यदि बुजुर्ग व्यक्ति को ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही हो, तो ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती है।
- सांस की मशीन (Ventilator): गंभीर मामलों में, जब सांस लेने में गंभीर समस्या हो, तो मरीज को वेंटिलेटर पर रखा जा सकता है।
- दर्द निवारक (Pain relievers): छाती में दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर हलके दर्द निवारक दवाइयाँ दे सकते हैं।
बुजुर्गों में न्यूमोनिया (Pneumonia) एक गंभीर समस्या हो सकती है, इसलिए इस पर तत्काल ध्यान देना जरूरी है। यदि आप या आपके परिवार के बुजुर्ग व्यक्ति को इन लक्षणों में से कोई भी दिखे, तो डॉक्टर से संपर्क करें। बचाव के उपायों को अपनाना और समय पर इलाज कराना महत्वपूर्ण है, ताकि इस घातक संक्रमण से बचा जा सके।