Lucknow: कृषि कानून बिल (Farm Laws) के विरोध को लेकर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के किसान गुस्से में आ गए हैं. आज फिर एक किसान ने चार बीघा अपनी गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया है. इस किसान का कहना है कि कल कुलचाने गांव के किसान सोहित ने अपनी गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया था, उसी वक्त मैंने भी अपनी फसल नष्ट करने का एलान कर दिया था. किसान बहुत गुस्से में है और आगे अपनी खड़ी फसल में आग लगाने की बात भी कर रहा है. किसान ने 4 बीघा जमीन में लहलहाती फसल को ट्रैक्टर के ज़रिए नष्ट करके वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की है.
किसानों ने कृषि बिल (Farm Laws) का विरोध करने का नया तरीका ईजाद किया है, वे अपनी खड़ी फसल ट्रेक्टर चलाकर नष्ट करने लगे हैं. रविवार को भी जिले के चाँदपुर थाने के गाँव कुलचाना में एक किसान सोहित अहलावत ने अपनी 5 बीघा गेहूं की लहलहाती फसल को ट्रैक्टर के ज़रिए बर्बाद कर दिया था. सोहित ने बताया कि कृषि कानून बिल (Farm Laws) के विरोध में गेहूं की फसल को पूरी तरह से चौपट कर दिया है. इसी तरह आज बिजनौर जिले के नगीना तहसील के गांव तेलीपुरा के रहने वाले किसान टोनी ने अपनी खड़ी लहलहाती गेहूं की फसल के ऊपर ट्रेक्टर चलाकर नष्ट कर दिया है. टोनी कहते हैं, ‘जब तक मोदी सरकार (Modi Govt.) कृषि बिल (Farm Laws) को वापस नही लेती, तब तक इसी तरह से विरोध करते रहेंगे.’ किसान का ये भी कहना है कि अभी तो खड़ी फसल नष्ट कर रहे हैं, यदि जरूरत पड़ी तो एक साल की पूरी फसलों को आग के हवाले भी किया जाएगा.
इस बीच जिले के किसानों के द्वारा गेहूं फसल को जोतने के मामले को लेकर भाकियू युवा के प्रदेश अध्यक्ष दिगम्बर सिंह ने अपील की है कि कोई भी किसान खड़ी फसल को नष्ट न करे. दिगम्बर ने किसान कुलचाना के सोहित अहलावत, तेलीपुरा के किसान टोनी और मुजफ्फरनगर के भैसी गांव के किसान द्वारा गेहूं की फसल नष्ट करने वाले किसानों के प्रति दु:ख भी जताया है. दिगम्बर ने कहा, ‘राकेश टिकैत आदेश करो. टिकैत के आह्वान पर किसान अपनी खड़ी फसलो में आग भी लगा देंगे.’
Mumbai: लॉकडाउन के बाद ओटीटी प्लेटफार्म्स और ऑनलाइन इंटरटेंमेंट कंटेंट में इजाफा हुआ है. लेकिन, इसमें पॉर्न कंटेंट (Porn Content) की मांग काफी बढ़ी है. यही कारण है कि अलग-अलग ढंग से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पार्न परोसा जा रहा है. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऐसे की एक गिरोह का भांडाफोड़ किया है. उनकी कार्य़शैली और कमाई देख पुलिस के भी होश उड़े हुए हैं.
यह गिरोह सब्सक्रिप्शन के आधार पर लोगों को Porn परोस रहा था. सप्ताह में एक दिन एक एपिसोड तैयार होता था और ओटीटी प्लेटफार्म की तर्ज पर ‘ओरिजनल’ कंटेंट (अश्लीलता से भरा हुआ) वहां डाला जा रहा था. यह ऐप के जरिए चलाया जा रहा था. पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक्टर भी शामिल हैं.
गुप्त सूचना के आधार पर मारे गए छापे में Mumbai Police को कई पन्नों की स्क्रिप्ट, मोबाइल कैमरा, लाइट्स और अन्य तैयारियां मिली हैं. स्क्रिप्ट में अश्लील डॉयलाग्स के साथ पूरे सीन भी एक-एक कर के लिखे गए हैं. यहीं पर एक दिन में यह क्रू, एक सप्ताह तक चलने वाले एपिसोड की शूटिंग करता था. इसके लिए कई लोगों की टीम भी काम करती थी.
पुलिस ने प्राथमिक जांच में पाया है कि ऐसे कई अलग-अलग ऐप बेस्ड प्लेटफार्म चल रहे हैं. यह सब्सक्रिप्शन के आधार पर लोगों को पॉर्न कंटेंट परोस (Porn Content) रहे थे. साथ ही इनके फॉलोअर या सब्सक्राइबर लाखों में हैं. और इनकी कमाई करोड़ों में. हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है जिसमें यह आंकड़ा काफी बढ़ने की आशंका है.
सबसे आश्चर्य की बात है कि एक महिला के मोबाइल से ही यह शूटिंग की जा रही थी. जब पुलिस छापा मारने पहुंची तो शूटिंग चल रही थी. पुलिस ने एक महिला को भी यहां से मुक्त कराया है. उसका कहना है कि उसे वेब सीरीज में काम करने का झांसा दिया गया था जब वह यहां पहुंची तो पता चला कि उससे पॉर्नग्राफी में काम कराया जाएगा.
पुलिस का कहना था कि उन्हें 12 ऐसे ऐप्स का पता चला है जहां यह काम चल रहा था. इसके साथ ही जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उनके चैनल का सब्सक्रिप्शन 199 रुपए प्रति माह का है. इसके पास लाख से ज्यादा यूजर हैं जिनसे दो करोड़ तक की कमाई इन लोगों की हो रही थी. जबकि, क्रू का खर्च बहुत ही कम था.
इस बीच दूसरे पक्ष का कहना है कि यहां पॉर्न (Porn) नहीं बन रहा था. उनकी सफाई है कि यह एक लव स्टोरी है. जिसे शूट किया जा रहा था. लव स्टोरी और बोल्ड फिल्म के साथ पॉर्न (Porn) में अंतर होता है. पुलिस का कहना है कि बड़े प्लेटफॉर्म्स पर भी अश्लीलता है लेकिन वहां स्टोरी के बीच में उसे दर्शाया गया है. जबकि यहां कुछ और ही शूट किया जा रहा था.
Jaya Ekadashi 2021: जया एकादशी (Jaya Ekadashi) को अत्यंत पुण्यदायी और कल्याणकारी माना गया है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी (Ekadashi) का व्रत करने से व्यक्ति बुरी योनि यानी भूति पिशाच की योनि में जन्म नहीं लेता है. इतना ही नहीं इस व्रत के प्रताप से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और घर में सुख-संपत्ति आती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार दुख, दरिद्रता और कष्टों को दूर करने के लिए Jaya Ekadashi का व्रत करना सर्वोत्तम साधन है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार Jaya Ekadashi हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष को आती है. ग्रगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह हर साल जनवरी या फरवरी महीने में पड़ती है. इस बार Jaya Ekadashi 23 फरवरी 2021 को है.
Jaya Ekadashi की तिथि और शुभ मुहूर्त
जया एकादशी की तिथि: 23 फरवरी 2021
एकादशी तिथि प्रारंभ: 22 फरवरी 2021 को शाम 5 बजकर 16 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 23 फरवरी 2021 को शाम 6 बजकर 05 मिनट तक
पारण का समय: 24 फरवरी 2021 को सुबह 6 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 09 मिनट तक
हिन्दू धर्म में माघ शुक्ल में आने वाली Jaya Ekadashi का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इसका व्रत करने से मनुष्य ब्रह्म हत्यादि पापों से छूट कर मोक्ष को प्राप्त होता है. यही नहीं इसके प्रभाव से भूत, पिशाच आदि योनियों से भी मुक्त हो जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत करने और श्री हरि विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति बुरी योनि से छूट जाता है. कहते हैं कि जिस मनुष्य ने इस एकादशी का व्रत किया है उसने मानो सब यज्ञ, जप, दान आदि कर लिए. प्राचीन मान्यताओं के अुनसार जो मनुष्य जया एकादशी का व्रत करता है वह अवश्य ही हजार वर्ष तक स्वर्ग में वास करता है.
Jaya Ekadashi की पूजा विधि
– एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और फिर भगवान विष्णु का ध्यान करें.
– अब व्रत का संकल्प लें.
– अब घर के मंदिर में एक चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें.
– अब एक लोटे में गंगाजल लें और उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलएं.
– इसके बाद इस लोटे से जल की कुछ बूंदें लेकर चारों ओर छिड़कें.
– फिर इसी लोटे से घट स्थापना करें.
– अब भगवान विष्णु को धूप-दीप दिखाकर उन्हें पुष्प अर्पित करें.
– अब घी के दीपक से विष्णु की आरती उतारें और विष्णु सहस्नाम का पाठ करें.
– इसके बाद श्री हरि विष्णु को तिल का भोग लगाएं और उसमें तुलसी दल का प्रयोग अवश्य करें.
– इस दिन तिल का दान करना अच्छा माना जाता है.
– शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा कर फलाहार ग्रहण करें.
– अगले दिन यानी कि द्वादशी को सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं व दान-दक्षिणा देकर विदा करें. इसके बाद स्वयं भी भोजन ग्रहण कर व्रत का पारण करें.
पद्म पुराण में वर्णित कथा के अुनसार देवराज इंद्र स्वर्ग में राज करते थे और अन्य सब देवगण सुखपूर्वक स्वर्ग में रहते थे. एक समय इंद्र अपनी इच्छानुसार नंदन वन में अप्सराओं के साथ विहार कर रहे थे और गंधर्व गान कर रहे थे. उन गंधर्वों में प्रसिद्ध पुष्पदंत तथा उसकी कन्या पुष्पवती और चित्रसेन तथा उसकी स्त्री मालिनी भी उपस्थित थे. साथ ही मालिनी का पुत्र पुष्पवान और उसका पुत्र माल्यवान भी उपस्थित थे.
पुष्पवती गंधर्व कन्या माल्यवान को देखकर उस पर मोहित हो गई और माल्यवान पर काम-बाण चलाने लगी. उसने अपने रूप लावण्य और हावभाव से माल्यवान को वश में कर लिया. वह पुष्पवती अत्यन्त सुंदर थी. अब वे इंद्र को प्रसन्न करने के लिए गान करने लगे परंतु परस्पर मोहित हो जाने के कारण उनका चित्त भ्रमित हो गया था.
इनके ठीक प्रकार न गाने तथा स्वर ताल ठीक नहीं होने से इंद्र इनके प्रेम को समझ गया और उन्होंने इसमें अपना अपमान समझ कर उनको शाप दे दिया. इंद्र ने कहा, “हे मूर्खों ! तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया है, इसलिए तुम्हारा धिक्कार है. अब तुम दोनों स्त्री-पुरुष के रूप में मृत्यु लोक में जाकर पिशाच रूप धारण करो और अपने कर्म का फल भोगो.”
इंद्र का ऐसा शाप सुनकर वे अत्यन्त दु:खी हुए और हिमालय पर्वत पर दु:खपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करने लगे. उन्हें गंध, रस तथा स्पर्श आदि का कुछ भी ज्ञान नहीं था. वहाँ उनको महान दु:ख मिल रहे थे. उन्हें एक क्षण के लिए भी निद्रा नहीं आती थी. उस जगह अत्यन्त शीत था, इससे उनके रोंगटे खड़े रहते और मारे शीत के दांत बजते रहते.
एक दिन पिशाच ने अपनी स्त्री से कहा, “पिछले जन्म में हमने ऐसे कौन-से पाप किए थे, जिससे हमको यह दु:खदायी पिशाच योनि प्राप्त हुई. इस पिशाच योनि से तो नर्क के दु:ख सहना ही उत्तम है. अत: हमें अब किसी प्रकार का पाप नहीं करना चाहिए.” इस प्रकार विचार करते हुए वे अपने दिन व्यतीत कर रहे थे.
दैव्ययोग से तभी माघ मास में शुक्ल पक्ष की जया नामक एकादशी आई. उस दिन उन्होंने कुछ भी भोजन नहीं किया और न कोई पाप कर्म ही किया. केवल फल-फूल खाकर ही दिन व्यतीत किया और सायंकाल के समय महान दु:ख से पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ गए. उस समय सूर्य भगवान अस्त हो रहे थे. उस रात को अत्यन्त ठंड थी, इस कारण वे दोनों शीत के मारे अति दुखित होकर मृतक के समान आपस में चिपटे हुए पड़े रहे. उस रात्रि को उनको निद्रा भी नहीं आई.
जया एकादशी के उपवास और रात्रि के जागरण से दूसरे दिन प्रभात होते ही उनकी पिशाच योनि छूट गई. अत्यन्त सुंदर गंधर्व और अप्सरा की देह धारण कर सुंदर वस्त्राभूषणों से अलंकृत होकर उन्होंने स्वर्गलोक को प्रस्थान किया. उस समय आकाश में देवता उनकी स्तुति करते हुए पुष्पवर्षा करने लगे. स्वर्गलोक में जाकर इन दोनों ने देवराज इंद्र को प्रणाम किया. इंद्र इनको पहले रूप में देखकर अत्यन्त आश्चर्यचकित हुआ और पूछने लगा, “तुमने अपनी पिशाच योनि से किस तरह छुटकारा पाया, सो सब बतालाओ.”
माल्यवान बोले, “हे देवेन्द्र ! भगवान विष्णु की कृपा और Jaya Ekadashi के व्रत के प्रभाव से ही हमारी पिशाच देह छूटी है.” तब इंद्र बोले, “हे माल्यवान! भगवान की कृपा और एकादशी का व्रत करने से न केवल तुम्हारी पिशाच योनि छूट गई, वरन् हम लोगों के भी वंदनीय हो गए क्योंकि विष्णु और शिव के भक्त हम लोगों के वंदनीय हैं, अत: आप धन्य है. अब आप पुष्पवती के साथ जाकर विहार करो.”
Mumbai: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (Corona virus) के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने आज (शुक्रवार) कहा, ‘बहुत दिनों से आपसे बात करने का प्रयत्न कर रहा था लेकिन आजकल आप घर पर कहां रहते हैं. कोरोना को राज्य में आए लगभग एक साल हो चुका है. अगले 10 दिन में पहला मामला राज्य में पाया गया था. उस समय हालात काफी गंभीर थे. आपसे लगातार जानकारी लेकर बात कर रहा था. मैं बार-बार आपको यही कह रहा हूं कि हम सभी एक परिवार का हिस्सा हैं. उस समय हालात इतने खराब थे कि धीरे-धीरे मामले बढ़ने लगे थे. शुरुआत में पता भी नहीं था कि करना क्या है लेकिन अब वैक्सीन देने का काम शुरू है. लगभग 9 लाख कोविड योद्धाओं को यह (Corona Vaccine) दिया जा रहा है. अगर अगले कुछ दिनों तक कोरोना (Corona) के मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो सख्ती बढ़ाई जाएगी. लॉकडाउन भी लगाया जाएगा.’
CM उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘पहले कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) को लेकर सवाल उठ रहे थे लेकिन 9 लाख लोगों को वैक्सीन देने के बाद कोई बड़े पैमाने में साइड इफेक्ट नहीं मिले, इसलिए जो बाकी कोविड योद्धा हैं, उन्हें हम वैक्सीनेशन लेने की अपील कर रहे हैं. अब लोग पूछ रहे हैं हमें कब मिलेगा, यह ऊपर वाले के ऊपर है. केंद्र सरकार तय करती है कि वैक्सीन किसे देना है. आने वाले दो महीनों में और भी कंपनी हमें वैक्सीन देने को तैयार हो जाएंगे, जिसके बाद जनता को भी वैक्सीन दिया जाएगा लेकिन जब तक वैक्सीन नहीं आती है तब तक नियमों का पालन करना जरूरी है. शिवाजी जयंती ओर शिवनेरी जाने का सौभाग्य मिला. बतौर मुख्यमंत्री जाने का मौका मिला एक भाग्य है. पिछले साल के तुलना में शिवनेरी पर भीड़ कम थी, लेकिन उत्साह उतना ही था.’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘शिवाजी महाराज ने शत्रु से लड़ने की जिद्द हमें दी है, वो प्रेरणा उन्होंने हमें दी है. उस समय ढाल और तलवार से हम लड़ते थे, अब हम कोरोना (Corona) के खिलाफ लड़ रहे हैं. इसे वॉर अगेंस्ट वायरस कहता हूं. अब तक तलवार यानी वैक्सीन आई नहीं है, लेकिन ढाल हमारे पास है. ढाल यानी मास्क, उसका इस्तेमाल कर हम इससे लड़ सकते हैं.
पहले न ही बेड मिल रहे थे, न ही वेंटिलेटर, एम्बुलेंस मिल रहे थे लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर और कोविड योद्धाओं ने डटकर इसका सामना किया. बहुत बुरा समय था वो, जब न ही ऑक्सीजन मिल रही थी, न बेड था, टेस्टिंग लैब भी नहीं थे.
पहले 2 टेस्टिंग लैब थे, अब 500 हैं. बेड को भी 4 लाख तक लेकर गए लेकिन अब और तब में फर्क है. हमने कई कदम उठाए हैं लेकिन अब एक बार फिर से मामले बढ़ रहे हैं. फिलहाल यहां कोरोना की दूसरी लहर आई है या नहीं, यह समझने में 8 से 15 दिन लगेंगे.’
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अब हम बाहर निकलने लगे हैं. होटल, शादी, मंदिर के लिए सब कुछ शुरू किया गया. लोकल शुरू किया गया लेकिन आप सभी से उम्मीद पहले भी थी और अभी भी है कि कोरोना से लड़ने के लिए आप सारे नियमों का पालन करें. धीरे-धीरे हमें लगने लगा कि कोरोना (Corona) चला गया. लोग कहते हैं कि तुम पागल हो क्या कि मास्क पहन रहे हो. जब कोरोना (Corona) कम होता है, हमें तब भी उसे रोकना चाहिए. यह कम ज्यादा होता रहता है. विदेश में भी कई जगहों पर लॉकडाउन को दोबारा लगाया है. ब्रिटेन में दिसंबर में लॉकडाउन का ऐलान किया गया, जिसे आगे कैसे लेकर जाया जाए, इस पर चर्चा जारी है. 100 साल पहले स्पेनिश फ्लू आया था, तब भी हालात ऐसे ही थे. तब भी मास्क पहनना, हाथ धोना ही इसका इलाज था लेकिन तब पहले लोग इतना एक देश से दूसरे देश नहीं जाते थे. अब हम दूसरे देश से आने वालों को 7 दिन इसोलेशन में रखते हैं, बाद में होम क्वारंटाइन करते हैं. अब एक बार फिर से हमें कुछ बंधन में रहना पड़ेगा.’
उन्होंने कहा, ‘राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. हमारे मंत्री नितिन राउत ने अपने बेटे के शादी के कार्यक्रम को बढ़ते मामलों को देखते हुए रद्द किया. यह बड़ी बात है और उम्मीद करता हूं इससे लोग प्रेरणा लेंगे. शादी बड़े पैमाने में होने लगी हैं. थिएटर शुरू हैं लेकिन वो नियमों का पालन कर रहे हैं. अब अगर कहीं भी नियमों का पालन लोग नहीं करेंगे तो उनपर कार्रवाई शुरू की गई है. अगर कोई व्यापारी भी ऐसा करता है तो भी कार्रवाई की जा रही है. पहले हमने मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी नामक एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी लेकिन अब लोगों के लिए सब कुछ शुरू किया और एक बार फिर मामले बढ़ने लगे. आज भी एक दिन में करीब 7 हजार मामले मिले हैं. लोगों को 15 दिन पहले लग रहा था कि कोरोना (Corona) चला गया और उन्होंने नियमों का पालन बंद किया. जिसके बाद वापस मामले बढ़ने लगे.’
CM ने आगे कहा, ‘कोरोना (Corona) को थामने के लिए कई लोगों ने मेहनत की. परिवार की परवाह नहीं करते हुए काम किया उन्होंने. कई लोग इसमें शहीद हुए हैं, हां उन्हें शहीद कहेंगे लेकिन अब उनकी मेहनत पर पानी नहीं फेरना चाहिए. केवल कोविड योद्धाओं का सत्कार करना काफी नहीं है, यह देखना है कि कोविड योद्धाओं को बढ़ाना न पड़े, आप कोविड योद्धा नहीं बन सकते तो कम से कम कोविड के मामलों को बढ़ाने वाले न बनें. आंकड़े बढ़ रहे हैं. बीच में केवल दो से ढाई हजार मामले आ रहे थे लेकिन अब मामले 7 हजार के करीब आ गए हैं. अमरावती में मामले बढ़ रहे हैं. आज लगभग 1000 मामले आए हैं. यह पहले पीक में जितने मामले आ रहे थे, उतने अभी आ रहे हैं. यह काफी गलत है. आज हमने अस्पताल और बेड बढ़ाए हैं लेकिन पहले जितने मामले पीक में आ रहे थे, उतने अभी शुरुआत में आ रहे हैं, तो सोचिए कि इसके पीक में कितने मामले आएंगे.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पहले 40 हजार तक एक्टिव मामले थे, वो अब 53 हजार चले गए. पहले दो से ढाई हजार मरीज मिल रहे थे, वो अब 7 हजार के करीब हैं. मुंबई में एक हफ्ते में मामले दोगुना हो गए हैं. दूसरा वेव दरवाजे पर है लेकिन वो अंदर आ चुका है क्या, यह 8 से 15 दिन में पता चलेगा लेकिन इसलिए अब बंधन बढ़ाना होगा. अमरावती, अकोला समेत दूसरी जगह के अधिकारियों को हमने कहा है कि आप एक दिन का समय दीजिए और बाद में आप अपने अनुसार बंदी लाइए, जहां लॉकडाउन की जरूरत है, उसे लागू किया जाए. विकास का काम शुरू है. मैंने कई परियोजनाओं की शुरुआत की है, कार्यक्रम किए हैं लेकिन अब धीरे-धीरे इसे कम किया जा रहा है. कल भी मैंने अपने एक कार्यक्रम में केवल जरूरी लोगों को बुलाने के अलावा किसी को नहीं आने कहा है. कल के कार्यक्रम के बाद अब मैंने राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को कुछ दिन के लिए बंद करने के आदेश दिए हैं. जरूर आप अपनी पार्टियों को आगे बढ़ाइए लेकिन कोरोना को मत बढ़ाइए. मैंने अधिकारियों को जूम कॉल से काम करने की शुरुआत करने कहा है.’
Mumbai: महाराष्ट्र में अमरावती (Amravati) जिले को राज्य में Corona के बढ़ते मामलों के बीच एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन (Lockdown) में रखा जाएगा। कैबिनेट मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि सोमवार शाम से तालाबंदी शुरू हो जाएगी। सरकार ने कहा कि सात दिन के सख्त बंद के दौरान केवल आवश्यक सेवाओं को काम करने दिया जाएगा।
अगर लोगों ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया तो लॉकडाउन (Lockdown) को बढ़ाया जाएगा, मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में COVID-19 (Corona) मामलों के लगातार बढ़ने के बाद सभी गैर-जरूरी गतिविधियों को रोकने का निर्णय लिया गया।
अमरावती में तालाबंदी की घोषणा 28 फरवरी तक पुणे के स्कूलों और कोचिंग सेंटरों में जिला प्रशासन द्वारा बंद करने के घंटों बाद हुई है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने निर्णय लेने से पहले जिले में COVID-19 (Corona) की स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
इससे पहले महाराष्ट्र के मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि वे रात के कर्फ्यू पर विचार कर रहे हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में एक बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
Mumbai: महाराष्ट्र में कोरोनावायरस (Corona virus in Maharashtra) संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं सरकारी अधिकारियों ने इसके लिए उन लोगों को जिम्मेदार बताया है, जो न तो मास्क (Mask) पहनते हैं और न ही सामाजिक दूरी से मेलजोल के नियमों का पालन करते हैं. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों एवं मुंबई के गैर झुग्गी इलाकों में COVID-19 के बढ़ते मामलों के बीच ताजा लॉकडाउन (Lockdown) लागू करने की चर्चा शुरू हो चुकी है. इससे कुछ ही दिन पहले सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, शैक्षिक संस्थान एवं धार्मिक स्थान खुले थे.
महाराष्ट्र में कोरोना (Corona) संक्रमण के मामले शनिवार को लगातार पांचवे दिन बढ़े हैं. प्रदेश में शनिवार को 6281 नए मामले सामने आए, जो पिछले 85 दिन में सबसे अधिक हैं. इसके बाद प्रदेश में संक्रमित मामलों की कुल संख्या बढ़कर 20,93,913 हो गई है. महाराष्ट्र में मरने वालों की कुल संख्या अब 51,753 पर पहुंच गई है. प्रदेश में कोविड-19 (Corona) संक्रमण के कारण मृत्यु दर 2.47 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय आंकड़े 1.42 फीसदी से कहीं अधिक है. पिछले साल अप्रैल में गठित कोरोनावायरस कार्यबल के प्रमुख डॉक्टर संजय ओक कहते हैं कि प्रदेश में बढ़ते आंकड़ों को महामारी का ‘‘दूसरा दौर” नहीं कहा जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग कोविड के तौर तरीकों का पालन नहीं करते हैं. उन्हें इससे बचने की जरूरत है.” महाराष्ट्र सरकार के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप व्यास ने इस बढ़ोतरी के लिए लोगों की लापरवाही एवं अनुशासनहीनता को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रोटोकॉल का पालन करने में कमी है. लोग कोविड के उचित तौर तरीकों का पालन नहीं करते हैं.” व्यास ने कहा, ‘‘अधिकारियों को यह कहना होगा कि कोरोनावायरस अभी आसपास ही है. लोगों को इसे लेकर लापहरवाह होने की जरूरत नहीं है.”
बताते चलें कि महाराष्ट्र में शुक्रवार को 6112 नए मामले सामने आए, जो पिछले 84 दिन में सबसे अधिक थे. इसके बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 20,87,632 हो गई थी. पिछली बार महाराष्ट्र में 6,112 से अधिक मामले पिछले साल 27 नवंबर को सामने आए थे और उस वक्त यह आंकड़ा 6,185 था. बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि दैनिक मामलों में दैनिक बढोतरी के बाद मुंबई में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3.17 लाख हो गई है.
New Delhi: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) की पत्नी को कोयला तस्करी (Coal Smuggling) से जुड़े एक मामले में CBI द्वारा समन जारी किया गया है. सीबीआई की एक टीम मामले में समन जारी करने के लिए रविवार को अभिषेक बनर्जी के कोलकाता स्थित आवास पहुंची. टीम ने बनर्जी की पत्नी रुजीरा बनर्जी (Ruzira Banerjee) को नोटिस दिया गया है. पिछले कुछ समय पहले CBI ने आरोपी अनूप मांझी से जुड़े मामले पर झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के कई लोकेशन पर छापेमारी की थी. इसी मामले में अभिषेक बनर्जी की पत्नी की भूमिका सामने आई थी लिहाजा पूछताछ के लिए CBI की टीम नोटिस देने पहुंची थी.
आज ही CBI रुजीरा बनर्जी और उनकी बहन से पूछताछ उनके घर पर ही करना चाहती है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर राज्य का सियासी तापमान भी बढ़ गया है. बता दें कि इसी साल अप्रैल महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं.
बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) में अभिषेक बनर्जी का प्रभाव पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. डायमंड हार्बर लोकसभा सीट के 2019 के संसदीय चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की. अब वे 2021 में तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक बन गए हैं.
Covishield Vaccine: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के CEO अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने उन देशों से धीरज रखने का आग्रह किया जो कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविडशील्ड (Covishield) का इंतजार कर रहे हैं. SII ही ‘कोविडशील्ड’ टीके का उत्पादन कर रहा है जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनका ने विकसित किया है.
अदार पूना वाला ने आज सुबह अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से लिखा कि प्रिय देशों और सरकारों, जैसा कि आप सभी कोविडशील्ड की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं, मैं आप सभी से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध करता हूं.
Dear countries & governments, as you await #COVISHIELD supplies, I humbly request you to please be patient, @SerumInstIndia has been directed to prioritise the huge needs of India and along with that balance the needs of the rest of the world. We are trying our best.
पूनावाला के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) को देश की बड़ी जरूरतों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का निर्देश दिया गया है साथ ही विश्व के अन्य देशों की आवश्यकताओं के साथ संतुलन बनाने
Mumbai: महाराष्ट्र , मुंबई (Mumbai) के खार में हैरान करने घटना सामने आई है. महाराष्ट्र के खार में एक सिरफिरे युवक ने एक महिला को इसलिए चलती ट्रेन के सामने धक्का दे दिया क्योंकि उसनें युवक से विवाह करने से इनकार कर दिया था. राहत की बात ये रही कि युवती की जान बाल-बाल बच गई, यह दिल दहला देने वाली वारदात स्टेशन पर लगी सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई. रेलवे पुलिस ने आरोपी सुमेध जाधव को गिरफ्तार कर लिया है.
घटना शुक्रवार शाम की है, खार रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म पर जैसे ही गाड़ी आई सुमेध जाधव ने पहले खुद ही लोकल गाड़ी के नीचे आने का नाटक किया, फिर लौटकर युवती को गाड़ी के नीचे धकेलने की कोशिश की. पास में ही खड़ी युवती की मां ने जब शोर मचाया तो लोगों का ध्यान युवक की तरफ गया. भीड़ का ध्यान अपनी तरफ पाने के बाद युवक वहां से भाग गया.
बांद्रा जी आर पी के सीनियर पी आई विलास चौगुले ने बताया कि युवती के सिर में चोट आयी है. सूचना मिलते ही मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक दोनों 2 साल पहले एक ही कंपनी में काम करते थे तब उनकी पहचान हुई थी. तभी से सुमेध, युवती से प्रेम करता था लेकिन उसके शराबी स्वभाव से परेशान युवती ने उससे संबंध खत्म कर दिया था. जिससे नाराज होकर युवक ने युवती की जान लेने की कोशिश की.
New Delhi: गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) चल रहा है लेकिन फिलहाल रेल के चक्का जाम के बाद आगे क्या? इस सवाल का जवाब खुद भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के पास भी नहीं है. इस बीच, गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ाने के लिए शुक्रवार को एक बैठक हुई. बैठक में किसानों की संख्या को स्थिर रखने के लिए एक नई रणनीति बनाई गई. एक के बाद एक पंचायत करने के बाद शुक्रवार को राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) गाजीपुर बार्डर पर पहुंचे. पहले युवा किसान नेता के जन्मदिन पर केक काटा फिर किसानों की बैठक करने चले गए. बढ़ती गर्मी को देखते हुए अब गाजीपुर बॉर्डर पर फ्लाईओवर के नीचे मीडिया और किसान नेताओं के बैठक के लिए नया तंबू तैयार हो रहा है. बैठक में बनाई गई रणनीति के तहत सहारनपुर और मेरठ मंडल के जिलाध्यक्ष दो सौ किसानों के साथ दस-दस दिन के लिए धरने पर बैठेंगे.
BKU के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा, ‘बैठक करके हमने कहा है कि दो सौ किसानों के साथ धरने पर आएं हालांकि किसानों को खेती भी करनी है.’ किसानों की संख्या कम होने पर उन्होंने कहा कि तादाद बराबर है. कल यहां रैली निकाली गई थी तो काफी संख्या में लोग थे. अब तो हम खुद किसान पंचायत कर रहे हैं तो यहां तादाद बढ़ाकर क्या करेंगे. गौरतलब है कि बढ़ती गर्मी और खेती के लिए किसानों के वापस लौटने की वजह से गाजीपुर बॉर्डर में संख्या घटी है.
हालांकि अब राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को समर्थन देने के लिए तेलंगाना में मलकागिरी के सांसद और बिहार RJD के नेता भी गाजीपुर बार्डर पहुंच रहे हैं. मार्च में तेलंगाना में भी टिकैत की पंचायत कराने का इरादा है. मलकागिरी तेलंगाना के सांसद, रेवंत रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना और बिहार जैसे राज्यों से भी राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को समर्थन तो मिल रहा है. हालांकि किसान आंदोलन (Farmers Protest) को देश भर से समर्थन मिल रहा है कि करीब दो से तीन हजार किसानों को गाजीपुर बॉर्डर धरना स्थल पर लगातार बनाए रखना और खाना-पानी की व्यवस्था करना एक चुनौती जरूर साबित होगी.
राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने आज (शुक्रवार) जयपुर के पास चाकसू में किसान महापंचायत (Farmers Mahapanchayat) में हिस्सा लिया. पायलट के साथ वो विधायक जो पिछले साल उनके साथ बागी हुए थे, भी नजर आए. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) महापंचायत में शामिल नहीं हुए. कांग्रेस का कहना है कि अपने स्तर पर सभी विधायकों को किसानों का मुद्दा उठाने की आजादी है, लेकिन ये महापंचायत कितना किसान हित में थी और कितना इससे पायलट खेमे का शक्ति प्रदर्शन, ये सबसे बड़ा सवाल है.
किसान महापंचायत से ज्यादा ये एक राजनीतिक मंच नजर आ रहा था, जहां एक साथ Sachin Pilot गुट के सभी विधायक नजर आए. पहले बागी हो चुके 19 में से 15 विधायक इस आयोजन में नजर आए और दो और अन्य विधायक भी आज इस मंच से जुड़ गए. Sachin Pilot का कहना है कि ये कोई अलग शक्ति प्रदर्शन नहीं बल्कि पार्टी के बैनर तहत ही कार्यक्रम था. ये पार्टी का सामूहिक कार्यक्रम है. ये कांग्रेस का कई महीनों पुराना कार्यक्रम है. प्रदेश अध्यक्ष को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था.
गौरतलब है कि किसान महापंचायत में काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल जरूर उठ रहे हैं. चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा, ‘प्रदेश अध्यक्ष शादी समारोह में गए हैं इसलिए वह नहीं आ सके.’ जाहिर है बगावत करने के 8 महीने बाद भी Sachin Pilot के समर्थकों को सरकार में जगह नहीं मिली है और अब प्रदेश में चार उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव से पहले सचिन पायलट खेमा अब दोबारा सक्रिय होता नजर आ रहा है.
New Delhi: सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में शव को लेकर एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां किसान आंदोलन (Farmers Protest) में डटे हुए बुजुर्ग राजेंद्र की देर रात संदिग्ध कारणों के चलते मौत हो गई थी. राजेंद्र के शव को सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए रखवाया गया था लेकिन हॉस्पिटल के शवगृह में मृतक की आंख-पैर को चूहों द्वारा कुतरने का मामला सामने आया है. मामले के चलते राजेंद्र के परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया. मौके पर पहुंचे सीएमओ और पीएमओ की ओर से कार्रवाई के आश्वासन देने के बाद स्थिति शांत हुई. शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है और 3 सदस्य कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए हैं.
कृषि कानूनों (Farm laws) को रद्द करने की मांग को लेकर कुंडली धरना स्थल पर एक और बुजुर्ग किसान की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई. परिजनों ने देर रात उनका शव अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में फ्रीजर के अंदर रखवा दिया, जहां पर शव को चूहों ने कुतर दिया. सुबह ग्रामीण व परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो इसका पता चला. इस पर नाराजगी जताते हुए ग्रामीणों व परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उन्होंने लापरवाही बरतने वाले कर्मी पर कार्रवाई की मांग की. मौके पर पहुंचे सीएमओ व पीएमओ ने जांच का आश्वासन दिया, इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के कारणों का पता लग सकेगा.
जानकारी के मुताबिक, गांव बैंयापुर के राजेंद्र सरोहा (70) चार दिन से कुंडली धरना स्थल पर मौजूद थे. वह पहले भी धरना स्थल पर आते-जाते थे, लेकिन चार दिन से गांव रसोई के पास डटे हुए थे. बुधवार देर रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. राजेंद्र को अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. परिजन उनके शव को पोस्टमार्टम करवाने के लिए पोस्टमार्टम हाउस (शव विच्छेदन गृह) में फ्रीजर के अंदर रखकर चले गए. गुरुवार सुबह जब परिजन अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे तो पता लगा कि राजेंद्र के शव के कुछ अंगों को चूहों ने कुतर दिया है. गौरतलब है कि कुंडली धरना स्थल पर अब तक 19 किसानों की मौत हो चुकी है.
पीएमओ डॉ. जयभगवान ने बताया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जिसमें डॉ.सुशील जैन, डॉ.संदीप लठवाल व डॉ.गिन्नी लांबा को शामिल किया गया है. समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाएगी. डॉ. लठवाल ने कहा पोस्टमार्टम हाउस में ड्यूटी देने वाले सभी कर्मियों के बयान दर्ज किए जाएंगे, जिसके आधार पर पता लग सकेगा कि किसकी लापरवाही थी.गौरतलब है कि सोनीपत का सिविल हॉस्पिटल पहले भी सफाई व्यवस्था की बदहाल हालत को लेकर चर्चा में रहा है.
New Delhi: बीजेपी (BJP) की कल देर शाम हुई बैठक पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि बीजेपी बैठक कर रही है और किसानों के बीच जाना चाहते हैं तो जाएं. गांव और किसान तो उनका इंतजार कर रहा है, जब जाएंगे तो उनको खुद समझ में आ जाएगा. उन्होंने कहा कि गांव के किसान गुमराह नहीं हैं. बीजेपी (BJP) को अगर ऐसा लगता है तो अपने नेताओं को भेज करके देख ले समझ में आ जाएगा.
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सारे राजनीतिक दल सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. फिर चाहे वह बीजेपी (BJP) हो या कोई और. हम किसी को आंदोलन में आने से तो नहीं रोक सकते. लेकिन यह सारे राजनीतिक दल मिलकर वोटों की खेती कर रहे हैं. अगर राजनीतिक दल हमारे मंचो तक आ रहे हैं तो सरकार उनको रोके. उनको दिल्ली में ही क्यों नहीं रोक देते? दिल्ली से क्यों निकलने दे रहे हैं?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में इमरजेंसी तो नहीं है कि कहीं कोई पंचायत कर ही नहीं सकता? अगर कोई संशय है तो सरकार उसको दूर करे. किसानों के सामने जो दिक्कत है, वही तो कन्फ्यूजन है. किसानों को उनकी फसल की कीमत नहीं मिल रही. गन्ने की कीमत नहीं मिल रही, ऐसे कई मुद्दे हैं.
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि पहले इसको पंजाब का आंदोलन कहा गया, फिर हरियाणा का, फिर अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कहा गया. इसी बीच में सिखों का आंदोलन भी कहा गया और जाटों का भी. लेकिन यह पूरे देश के किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) है इसी वजह से पूरे देश में आंदोलन चल रहा है. यह जाट आंदोलन नहीं है. अगर जाट महासभा आंदोलन करें तो उससे बात की जाए लेकिन ये आंदोलन किसानों का आंदोलन है. हमारी लड़ाई सरकार से है, बीजेपी से नहीं है.
Rakesh Tikait ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां सिर्फ चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं. इनकी मुद्दों की लड़ाई नहीं है. इनको ऐसा लग रहा है कि इनकी वोट खिसक रही है तो दूसरों को लग रहा है कि अगर वोट खिसक रहा है तो उसको पकड़ लो. यह सिर्फ पकड़म-पकड़ाई की लड़ाई है. सिर्फ राजनीति हो रही है. हर एक राजनीतिक दल का किसान मोर्चा है तो ऐसे में अगर कांग्रेस ने किसान पंचायत की तो मुमकिन है कि उनके किसान मोर्चा ने आयोजित किया हो. यह उनकी राजनीति है.
Chenai: पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में लगातार नौवें दिन तेजी के बाद देश में पेट्रोल की कीमत पहली बार 100 रुपये के पार चली गयी. इस बीच आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने कहा है कि मध्यम वर्ग को ऐसी कठिनाई नहीं होती यदि पूर्ववर्ती सरकारों ने ऊर्जा आयात की निर्भरता पर ध्यान दिया होता.
तेल (Petrol-Diesel) की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा कि 2019-20 में भारत ने अपनी घरेलू मांगों को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत तेल और 53 प्रतिशत गैस का आयात किया है.
पीएम मोदी (PM Modi) ने तमिलनाडु में एन्नौर-थिरुवल्लूर-बेंगलुरु-पुदुचेरी-नागापट्टिनम-मदुरै-तूतीकोरिन प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के रामनाथपुरम- थूथूकुडी खंड का उद्घाटन किया. इसके बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘क्या हमें आयात पर इतना निर्भर होना चाहिए? मैं किसी की आलोचना नहीं करना चाहता लेकिन यह जरूर कहना चाहता हूं कि यदि हमने इस विषय पर ध्यान दिया होता तो हमारे मध्यम वर्ग को बोझ नहीं उठाना पड़ता.’’ वहीं पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, ‘‘स्वच्छ और हरित ऊर्जा के स्रोतों की दिशा में काम करना और ऊर्जा-निर्भरता को कम करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है.’’
देश में पेट्रोल की कीमत आज पहली बार 100 रुपये के पार चली गयी. राजस्थान में पेट्रोल की कीमत ने शतक पूरा कर लिया जबकि मध्यप्रदेश में यह सैकड़ा लगाने के बेहद करीब पहुंच गयी. देश में ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय दरों पर निर्भर रहती हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार मध्यम वर्ग की कठिनाइयों के प्रति संवेदनशील है और भारत अब किसानों और उपभोक्ताओं की मदद करने के लिए इथेनॉल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने कहा कि गन्ने से निकाले जाना वाला इथेनॉल आयात को कम करने में मदद करेगा और किसानों को आय का एक विकल्प भी देगा.
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि सरकार ऊर्जा के अक्षय स्रोतों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और 2030 तक देश में 40 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 6.52 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया गया है. यह संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है. हमारी कंपनियों ने गुणवत्ता वाले तेल और गैस परिसंपत्तियों के अधिग्रहण में विदेशों में निवेश किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने पांच वर्षों में तेल और गैस इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में 7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है और 470 जिलों को कवर करते हुए शहर के गैस वितरण नेटवर्क के विस्तार पर जोर दिया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार वर्तमान ऊर्जा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की दिशा में काम कर रही है.
क्या है परियोजना
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़ते हुए प्रधानमंत्री ने मनाली स्थित चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की सल्फर रहित (डिसल्फाराइजनेशन) गैसोलीन इकाई भी राष्ट्र को समर्पित की और नागापट्टिनम में कावेरी बेसिन तेलशोधक केन्द्र की आधारशिला भी रखी.
रामनाथपुरम-थूथुकुडी खंड 143 किलोमीटर लंबा होगा. इस पर करीब 700 करोड़ रुपये की लागत आयी है. इस परियोजना से तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC) के गैस क्षेत्रों से गैस का उपयोग करने तथा प्राकृतिक गैस को उद्योगों व अन्य व्यापारिक उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.
सल्फर रहित गैसोलीन इकाई के निर्माण पर करीब 500 करोड़ रुपये की लागत आयी है. यह 8 पीपीएम वाली इकाई है और इसे पर्यावरण के अनुकूल गैसोलीन से कम सल्फर का उत्पादन करने वाला बनाया गया है. साथ ही यह उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में योगदान होगा.
नागापट्टिनम में स्थापित की जाने वाली कावेरी बेसिन रिफाइनरी की क्षमता 90 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी. इसे इंडियन ऑयल कॉपोरेशन लिमिटेड (IOCL) और चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CPCL) के संयुक्त उद्यम के माध्यम से 31,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किया जाएगा.
यह बीएस-VI विनिर्देशों को पूरा करने वाली मोटर स्पिरिट और डीजल और मूल्य वर्धित उत्पाद के रूप में पॉलीप्रोपाइलीन का उत्पादन करेगा.
Mumbai: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के कर्मी होने का दावा करने वाले दो लोगों ने ‘‘बिना किसी तलाशी वारंट” के महाराष्ट्र के बीड में 12 फरवरी को टूलकिट (Toolkit) मामले में संदिग्ध, पर्यावरण कार्यकर्ता शांतनु मुलुक (Shantanu Muluk) के आवास से कंप्यूटर की एक हार्ड डिस्क (Computer Hard Disk) और अन्य सामग्री जब्त कर लीं. शांतनु (Shantanu Muluk) के पिता शिवलाल मुलुक ने स्थानीय पुलिस को इस बारे में बताया है. बीड के पुलिस अधीक्षक राजा रामास्वामी ने बताया कि शिवलाल मुलुक ने मंगलवार को पुलिस को इस संबंध में एक अभ्यावेदन दिया है.
रामास्वामी ने बुधवार को बताया, ‘‘हमें कल अभ्यावेदन मिला है. हम जांच करेंगे और जरूरी कदम उठाएंगे.” बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को शांतनु मुलुक (Shantanu Muluk) को 10 दिनों के लिए अग्रिम जमानत दे दी थी. एक अधिकारी ने बताया कि शिवलाल मुलुक (54) ने ‘‘जिम्मेदार नागरिक” के तौर पर बीड पुलिस को यह अभ्यावेदन दिया और पुलिस अधीक्षक से उनके आवास की ‘‘तलाशी” के संबंध में उचित कदम उठाने का अनुरोध किया. आवेदन में कहा गया है कि दो लोग 12 फरवरी को सुबह साढ़े पांच बजे बीड के चाणक्यपुरी इलाके में मुलुक के घर पहुंचे और उन्होंने अपने पहचान पत्र दिखाकर खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया.
दोनों ने मुलुक के परिवार को बताया कि दिल्ली पुलिस Shantanu Muluk के बारे में जानना चाहती है और कहा कि शांतनु ने राजद्रोह किया तथा वह ‘‘खालिस्तान समर्थक लोगों” के संपर्क में थे. आवेदन में कहा गया है कि दोनों कर्मियों ने आवास के सभी कमरों की तलाशी ली और शांतनु के कमरे से कंप्यूटर की एक हार्ड डिस्क, पर्यावरण संबंधी पोस्टर, एक किताब और मोबाइल फोन का कवर ले गए. शिवलाल मुलुक के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने कोई तलाशी वारंट नहीं दिखाया, ना ही इन सामानों को ले जाने के पहले परिवार से अनुमति ली.
पुलिस अधिकारियों ने जब्त सामग्री का पंचनामा भी तैयार नहीं किया. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, Shantanu Muluk और मुंबई की वकील निकिता जैकब (Nikita Jacob) बेंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) के साथ ‘‘टूलकिट” (Toolkit) दस्तावेज तैयार करने में शामिल थे और वे ‘‘खालिस्तान समर्थक तत्वों” के संपर्क में थे.
Kolkata: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 22 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि (Disha Ravi) की टूल किट केस (Toolkit Case) में गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. ममता ने कहा कि कार्रवाई तो बीजेपी की आईटी सेल (BJP IT Cell) पर होनी चाहिए जो देश भर में झूठ फैलाने का काम करती है.
ममता बनर्जी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि सरकारी नीतियों का विरोध करने वाले किसी शख्स की गिरफ्तारी करना क्या उचित है. बीजेपी को चाहिए कि वह सबसे पहले अपनी आईटी सेल के खिलाफ शिकंजा कसे जो झूठ फैलाने के काम में जुटी है. ये दोहरा मानदंड क्यों अपनाया जा रहा है. बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी की आईटी सेल के सदस्य तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता होने का ढोंगकर लोगों को फोन कर रहे हैं और उनकी पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं. इस पर उन्होंने कोलकाता पुलिस से ध्यान देने को कहा है.
ममता ने हर दिन एलपीजी (LPG) और पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दाम में बढ़ोतरी का मुद्दा भी उठाया और कहा कि केंद्र को इसकी कोई परवाह नहीं है. उसकी दिलचस्पी चुनावों से पहले केवल झूठे वादे करने में है. दरअसल, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले हैं. बीजेपी बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के दस वर्षों के शासन को खत्म करने की कोशिश में लगी हुई है.
दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) की टूल किट (Toolkit) के मामले में बेंगलुरु की एक्टिविस्ट दिशा रवि (Disha Ravi) को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि देश विरोधी खालिस्तानी संगठन की शह पर यह टूल किट बनाई गई और भारत विरोधी कृत्यों को अंजाम दिया गया. पुलिस को इस मामले में निकिता जैकब और शांतुन की भी तलाश है, जिनकी भी टूल किट (Toolkit) में अहम भूमिका है. पुलिस का आरोप है कि इन युवाओं ने खालिस्तानी नेताओं के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये बैठक की और पूरी साजिश रची.
New Delhi: किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट (Toolkit) मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) की गिरफ्तारी को लेकर हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज (Anil vij) ने ‘सख्त’ ट्वीट किया है. राज्य की बीजेपी सरकार के गृह मंत्री विज ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘देश विरोध का बीज जिसके भी दिमाग में हो उसका समूल नाश कर देना चाहिए फिर चाहे वह #दिशा_रवि हो यां कोई और.’
इस ट्वीट के मामले में ट्विटर ने एक जर्मन यूजर की शिकायत पर अनिल विज को नोटिस जारी किया है. दिशा रवि (Disha Ravi) को सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) से संबंधित ”टूलकिट” (Toolkit) कथित रूप से साझा करने को लेकर बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि 21 वर्षीय दिशा ”टूलकिट गूगल डॉक” की संपादक हैं और दस्तावेज बनाने और उसका प्रसार करने वाली ”मुख्य साजिशकर्ता” हैं.
गौरतलब है कि पर्यावरण कार्यकर्ता और नोबेल अवार्ड विजेता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन करने के लिए एक ”टूल किट ” (Toolkit) साझा की थी. इस ”टूल किट ” में विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी दी गई थी जिनमें ट्विटर पर विरोध करना, भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करना शामिल हैं.
टूलकिट केस (Toolkit Case) में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कार्रवाई करते हुए शनिवार को बेंगलुरु से 22 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि (Disha Ravi) को गिरफ्तार किया गया था. इसी क्रम में लॉयर एक्टिविस्ट निकिता जैकब (Nikita Jacob) और शांतनु (Shantanu Muluk) के खिलाफ गैर-जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया गया है. उन्हें रविवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें पुलिस के पांच दिन की रिमांड में भेजा गया है
New Delhi: किसान आंदोलन (Farmers Protest) से संबंधित टूलकिट (Toolkit) मामले में खुलासा करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट बनाई और दूसरों के साथ शेयर किया. टूलकिट (Toolkit) केस में दिल्ली पुलिस साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने कहा, ‘जैसा कि हम जानते हैं कि 26 जनवरी को बड़े पैमाने हिसा हुई. 27 नवंबर से किसान आंदोलन (Farmers Protest) चल रहा था. 4 फरवरी को हमें टूलकिट (Toolkit) के बारे में जानकारी मिली जो कि खलिस्तानी सगठनों की मदद से बनाया था.’ पुलिस के अनुसार, दिशा ने यह डॉक्यूमेंट क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के साथ शेयर किए थे.
उन्होंने बताया कि 9 फरवरी को निकिता के खिलाफ सर्च वारंट जारी हुआ जबकि 11 फरवरी को निकिता के यहां सर्च हुआ. इस दौरान हमें काफी सारे संवेदनशील सबूत मिले. निकिता से लिखित में लिया गया कि वो 12 फरवरी को मौजूद रहेगी. 11 जनवरी को जो ज़ूम मीटिंग हुई जिसमें खालिस्तानी ग्रुप कनाडियन महिला पुनीत के जरिये दिशा, निकिता (Nikita Jacob), शांतनु (Shantanu Muluk) और दूसरे लोगों को जोड़ा गया. टूलकिट (Toolkit) में जैसा एक्शन प्लान था वैसा ही किया गया. मुंबई पुलिस और बेंगलुरु पुलिस को जानकारी देकर सही तरीके से पूरा प्रोसीजर फॉलो किया गया. एक वोट्स ग्रुप से ये लोग जुड़े थे जो 6 दिसंबर को बनाया गया. दिशा ने टूलकिट (Toolkit) ग्रेटा को टेलीग्राम से भेजा.
दिल्ली पुलिस के अनुसार, दिशा के मोबाइल से काफी सबूत मिले हैं लेकिन काफी डेटा डिलीट भी मिला. शांतनु और दिशा एक्सआर नाम के एनजीओ से जुड़े हैं. पीटर फेडरिक ने ये प्लान किया कि किसे हैशटैग करना है, किसे फॉलो करना है और कब क्या ट्वीट कराना है. 2005 से हम इन्हें जानते हैं. टूलकिट (Toolkit) एक ऐसा डॉक्यूमेंट था, जो कुछ लोगों के बीच शेयर होना था लेकिन ग्रेटा ने गलती से ये ट्वीट कर दिया. पुलिस के अनुसार, scrapfarmersact@gmail.com का एडमिन शांतनु था.
UP-Prayagraj: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) जिले की सराय इनायत थाना पुलिस (Police) ने एक ऐसे सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा किया है जिसकी मास्टरमांइड और कोई नहीं बल्कि मृतक की पत्नी ही निकली. जिसने अपने आशिकों के साथ मिलकर पति की हत्या (Murder) की वारदात को अंजाम दिया और पति की गुमशुदगी दर्ज कराकर पति के गायब होने का तीन महीने से नाटक करती रही. आरोपी पत्नी ने पति की हत्या (Murder) के 25 दिन बाद थाने में जाकर अपने पति के गायब होने की गुमशुदगी भी दर्ज करायी थी.
हत्यारोपी पत्नी लगातार पुलिस को गुमराह करती रही. जिसके चलते पुलिस मामले को सुलझा नहीं पा रही थी. हांलाकि पुलिस ने अब पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए हत्यारोपी पत्नी और तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है. हत्यारोपियों की निशानदेही पर शव को भी बरामद कर लिया है.
गौरतलब है कि सराय इनायत थाना क्षेत्र के कुआडीह गांव के रहने वाले असलम उर्फ पप्पू की पत्नी खुशबू ने 19 दिसंबर को अपने पति के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. खुशबू ने यह बताया कि उसके पति 15 नवंबर से घर से गायब हैं और उनका कहीं पता नहीं चल रहा है. पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करके खोजबीन शुरु की, लेकिन पुलिस को असलम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी. इस बीच उसकी पत्नी सोशल मीडिया और अखबारों में पुलिस के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रही थी कि पुलिस इस मामले में कुछ भी नहीं कर रही है.
दरअसल, चालीस वर्षीय असलम सऊदी अरब में लगभग तीन साल काम करने के बाद ठीक-ठाक पैसा कमाकर घर लौटा था. लेकिन उसके सऊदी अरब में रहते समय ही उसकी पत्नी खुशबू का अवैध संबंध उसी गांव के शमशाद से हो गया. इसके बाद उसके चाचा सलमान उर्फ साहिल के भी संपर्क में खुशबू आ गई. दोनों से अवैध संबंध होने के बाद तीनों ने योजना बनाकर असलम को रास्ते से हटाने और उसका पैसा हड़पने की नीयत से हत्या (Murder) करने की योजना बनाई. इसी बीच असलम यहां भी कुछ प्रॉपर्टी का धंधा करने लगा था और पैसे कमा रहा था. तीनों ने उसके पैसे की हड़पने की लालच में 15 नवंबर को ही एक अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति काशीराम कॉलोनी शिवकुटी के जान मोहम्मद सनी से संपर्क किया और उसको घर पर बुलाकर के असलम को रास्ते से हटाने का सौदा तय किया. उसने पैसे की जब डिमांड की तो यह बताया गया कि हम अपनी एक संपत्ति को बेच कर काम हो जाने के बाद पैसा दे देंगे. हांलाकि हत्या (Murder) के लिए सुपारी भी उसे दी गई. उसके बाद इन चारों ने मिलकर असलम की हत्या (Murder) करके और उसी के घर के सीवर टैंक में शव को डाल दिया.
मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने असलम का पता लगाने का निर्देश दिया. पुलिस को पता चला कि 15 नवंबर से असलम के गायब होने के बाद भी उसके बैंक खाते से लगातार पैसा निकाला जा रहा है. पुलिस को पहले इस बात का शक हुआ कि उसकी हत्या (Murder) ही नहीं हुई है. वह कहीं आस-पास ही मौजूद है. पुलिस ने शक के आधार पर बैंक के खाते पर नजर रखी. पुलिस को अपनी जांच पड़ताल में ये बात पता चली कि पहली बार असलम के खाते से तीस हजार रुपये निकाले गए,
पुलिस ने बैंक से पूछताछ में यह सतर्क किया था कि असलम के खाते से जब पैसा कोई निकाले तो पुलिस को सूचना दी जाये. बार-बार बैंक से रुपये निकाले जाने पर लापता असलम की पत्नी खुशबू से बात की गई तो उसने अपने आशिकों के साथ मिलकर पति का कत्ल करने और उसके शव को ठिकाने लगाने की बाद कबूल कर ली.
हाथ-पैर और सिर काटकर अलग-अलग कुएं में फेंका
Murder के एक महीने तीन दिन बाद 19 दिसंबर को पत्नी खुशबू ने थाने में असलम के गायब होने की सूचना दर्ज करा दी. लेकिन हत्यारोपियों को जब मामले के पर्दाफाश होने डर सताने लगा तो एक महीने बाद सेफ्टी टैंक से शव को निकाला. शव के हाथ पैर और सिर अलग-अलग काट कर के शिवकुटी में सनी ने एक कुएं में हाथ पैर और सिर को डाल दिया और रेलवे लाइन के बगल दूसरे कुएं में उसकी पूरी बॉडी को डाल दिया. जिससे कि पुलिस पूरी लाश को बरामद ही न कर सके. फिलहाल पुलिस की मुस्तैदी से सभी हत्यारोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं और इन चारों को हत्या (Murder) करने के जुर्म में जेल भेजा जा रहा है.
New Delhi: देशभर के टोल प्लाजा पर ऑटोमेटिक पेमेंट सिस्टम फास्टैग (FASTag) कल रात 12 बजे से अनिवार्य हो जाएगा. केंद्र सरकार ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी. जिन लोगों ने अब तक अपने वाहनों पर FASTag नहीं लगाया है या जिनके वाहनों पर ये टैग लगा तो है लेकिन काम नहीं कर रहा, ऐसे लोगों को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है. जुर्माने के रूप में ग्राहकों को अपने वाहन की कैटेगरी के हिसाब से लगने वाले शुक्ल की दोगुना रकम देनी पड़ सकती है.
इससे पहले रविवार को ही केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि फास्टैग (FASTag) के कार्यान्वयन की समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जायेगा. उन्होंने कहा कि वाहन मालिकों को तुरंत इस ई-भुगतान सुविधा को अपनाना चाहिये.
FASTag टोल प्लाजाओं पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है. इसे 2016 में पेश किया गया था. टैग अनिवार्य बनाने से यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि वाहनों को टोल प्लाजा के माध्यम से बिना रुके गुजरने की सुविधा दी जाये.
Nitin Gadkari ने नागपुर हवाईअड्डे पर फास्टैग (FASTag) को लेकर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार ने फास्टैग पंजीकरण की समयसीमा को दो-तीन बार बढ़ाया है और अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जायेगा. केंद्र सरकार ने वाहनों के लिये अनिवार्य फास्टैग की समयसीमा एक जनवरी 2021 से बढ़ाकर 15 फरवरी 2021 कर दी थी. अब हर किसी को तुरंत फास्टैग खरीदना चाहिये. उन्होंने कहा कि कुछ मार्गों पर फास्टैग का पंजीकरण 90 प्रतिशत हो गया है और केवल 10 प्रतिशत लोग ही बचे हैं. उन्होंने कहा कि टोल नाकों पर भी फास्टैग (FASTag) उपलब्ध है और लोगों को इसका इस्तेमाल सहज यातायात के लिये करना चाहिये.